ऋषिकेश के स्कूल में छात्र की मौत से बच्चों की सुरक्षा पर उठे सवाल

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चिल्ड्रन होम एकेडमी भोपपुर में कक्षा 7 के छात्र की हत्या के मामले में रानीपोखरी पुलिस ने 5 आरोपी को गिरफ्तार किया। इन आरोपों में 2 छात्र, वार्डन, पीटीआई और मैंनेजर शामिल है। गौरतलब है कि 10 मार्च को बासु ने अकैडमी जाते समय रास्ते में एक दुकान से बिस्कुट का पैकेट चोरी कर लिया था, जिसकी शिकायत दुकानदार ने अकैडमी में की थी। इसके बाद एकेडमिक प्रबंधन ने वासु को डांटा और छात्रों को बिना अनुमति के बाहर जाने से रोक लगा दी थी। छात्रों ने पाबंदी लगने का जिम्मेदार ठहराते हुए वासु की पिटाई की और उसे अधमरा कर के अपने रूम में चले गए। अगले दिन वासु बेहोश मिला जिसको हिमालयन हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां उसकी मृत्यु हो गई।

वहीं इस मामले में मैनेजर ने कहा कि, “10 मार्च की शाम को बच्चे ने खाना खाया और उसे उल्टी होने लगी जिसके बाद हम उसे अस्पताल लेकर गए और एडमिट किया।” बच्चे के साथ मारपीट की बात पर मैनेजर ने कहा कि, “हमारे संज्ञान में ऐसी कोई बात नहीं आई है और बच्चे की जान जाने की वजह भी पोस्टमार्टम रिर्पोट के बाद पता चल जाएगा।”

वहीं बच्चे के पिता पप्पु यादव ने बताया कि, “मुझे 10 तारीख को स्कूल से फोन आया कि मेरे बच्चे की तबियत खराब है और मुझे स्कूल आना है।मैं मेरठ से रातों रात जब ऋषिकेश पहुंचा तो मुझे बताया गया कि मेरा बच्चे की मौत हो गई है।” पप्पु ने बताया कि, “मुझसे मेरे बच्चे की मरने की वजह बताया गया कि खाना गले में अटकने की वजह से उसकी जान गई।” उन्होंने कहा कि, “स्कूल प्रशासन ने बिना मुझे बताए बच्चे के शरीर को मिट्टी में दफना दिया,हालांकि बाल आयोग से शिकायत के बाद बच्चे की बॉडी का पोस्टमार्टम किया जा रहा है।”

बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि इस मामले में कुछ लोगों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मृतक छात्र वासु की हत्या करने वालों को बचाना, शव को दफनाने और साक्ष्य छिपाने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ऊषा नेगी ने कहा पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जोकि अपने आप में बड़े सवाल खड़ा करता है.।ऊषा ने कहा पुलिस को स्कूल के प्रबंधक के साथ-साथ हॉस्पिटल पर भी कार्रवाई करनी चाहिए थी।