उत्तराखंड : ग्लेशियर पिघलने से जोशीमठ इलाके की धौली नदी उफान पर

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ग्लेशियर

गर्मी बढ़ने के साथ ही ग्लेशियरों के पिघलने का सिलसिला शुरू हो गया है। ग्लेशियर पिघलने के कारण उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ इलाके में नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। मंगलवार की सुबह अचानक धौली नदी का जलस्तर बढ़ने से एनटीपीसी के बैराज साइट तपोवन में अफरा तफरी मच गई। हालांकि साइरन बजने से सभी अलर्ट हो गए। इस बीच धौली नदी के उफान ने नदी पर बनाए गए एक कलवट को अपनी चपेट में ले लिया।

एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की निर्मात्री कंपनी ऋत्विक के प्रोजेक्ट मैनेजर राकेश कुमार डिमरी के अनुसार धौली नदी पर बैराज साइट में कार्य के दौरान आर-पार आने जाने के लिए एक अस्थाई कलवट बनाया गया था, जो जलस्तर बढ़ने से बह गया है।

उन्होंने बताया कि इस प्रकार के अस्थाई कलवट को गर्मी बढ़ने और ग्लेशियर पिघलने से जलस्तर बढ़ने से पूर्व ही हर वर्ष मार्च महीने में हटा दिया जाता है।

एनटीपीसी द्वारा जारी सूचना के अनुसार मंगलवार सुबह करीब साढ़े छह बजे ऋषि गंगा और धौली गंगा का जलस्तर बढ़ते ही परियोजना के अलार्म सिस्टम सक्रिय हो गए और बैराज साइट पर कार्य कर रहे कार्मिक व इंजीनियर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। फिलहाल बैराज साइट पर नदी के बहाव की दिशा परिवर्तन का कार्य जारी है।