लक्ष्मण झूला दोपहिया वाहनों के लिए पूरी तरह बंद

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देहरादून। प्रदेश सरकार ने ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प जल्द ही तैयार कर लेने का दावा किया है। इसके लिए एक वैकल्पिक पुल बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। लक्ष्मण झूला के संबंध में भेंट करने आई विधायक यमकेश्वर ऋतु खण्डूड़ी को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह जानकारी दी।

उत्तराखंड शासन ने विश्वविख्यात लक्ष्मण झूला पुल को रविवार सुबह से दोपहिया वाहनों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया। अब सीमित संख्या में ही आम जनता लक्ष्मण झूला को पैदल पार कर सकेगी। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ का कहना है कि, “पुल जर्जर हो चुका है। सरकार कोई भी जोखिम मोल नहीं लेना चाहती। शासन का आदेश है कि पुल को पूरी तरह आवाजाही के लिए बंद कर दिया जाए। इस आदेश के अनुपालन में पुल को दोपहिया वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “छह माह पूर्व आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों से लक्ष्मण झूला की फिजीबिलिटी पर अध्ययन करने को कहा गया था। उनसे प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पुल की स्थिति ऐसी नहीं है कि इस पर अधिक आवाजाही खासतौर पर चार पहिया या दुपहिया वाहनों को अनुमति दी जा सके।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “कांवड़ मेले में भारी भीड़ को देखते हुए लक्ष्मण झूला पर आवाजाही को जारी रखना उचित नहीं रहेगा। जन सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है। इसलिए लक्ष्मण झूला पर दो पहिया वाहनों की आवाजाही को तुरंत रोकने का निर्णय किया गया है। साथ ही इसका विकल्प भी जल्द से जल्द तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “लक्ष्मण झूला उत्तराखंड की एक सांस्कृतिक धरोहर है। ऋषिकेश के प्रमुख आकर्षण केन्द्र के रूप में देश-विदेश में इसकी पहचान है। यहां तक कि अनेक फिल्मों में यहां का फिल्मांकन प्रमुखता से किया गया है। लक्ष्मण झूला का समुचित रखरखाव करते हुए किस तरह से हेरिटेज के तौर पर संरक्षित किया जा सकता है, इसके लिए भी विशेषज्ञों की राय से कार्य योजना बनाई जाएगी।”
उल्लेखनीय है कि अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इस संबंध में प्रमुख अभियंता लोनिवि की ओर से शासन को भेजी गई आख्या का हवाला देते हुए पु​ल से आवागमन पर रोक लगा दी। कहा, सेतु काफी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। सेतु एक ओर झुका हुआ प्रतीत हो रहा है। यातायात घनत्व और अधिक होने के कारण भविष्य में सेतु के क्षतिग्रस्त होने की सम्भावना है, जिसके फलस्वरूप जनहानि की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। डिजाइन टैक स्ट्रक्चरल कन्सलटेंट की निरीक्षण रिपोर्ट में भी इस झूला पुल की जर्जर स्थिति को देखते हुए इसे यातायात की दृष्टि से असुरक्षित करार दिया गया है। हलांकि स्थानीय लोगों के विरोध के बाद पैदल यात्रियों का आवागमन जारी है।
शासन स्तर पर विश्वविख्यात लक्ष्मण झूला पुल की मियाद समाप्त हो जाने के बाद पुल से आवागमन रोके जाने के आदेश का लक्ष्मण झूला व्यापार मंडल ने  विरोध शुरू कर दिया है। व्यापारियों ने शनिवार को लक्ष्मण झूला स्थित शिव मूर्ति पर प्रदर्शन कर अपना विरोध प्रकट किया।
नरेंद्र नगर की उपजिलाधिकारी युक्ता मिश्रा, यम केश्वर के उप जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा भी नागरिकों के विरोध के बीच लक्ष्मण झूला पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन नागरिक अपनी बात पर अड़े थे।