कांग्रेसः धामी के बहाने गुटबाजी की नई इबारत

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उत्तराखंड
कांग्रेस में गुटबाजी नई नहीं, लेकिन उसकी कहानियां जरूर नई होती हैं। ढाई साल बाद प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की नई टीम सामने आई तो हंगामा मच गया। हालांकि इस जंबो टीम में ऐसा कुछ खास नहीं फिर भी दो बार के विधायक और पूर्व सीएम हरीश रावत के बेहद करीबी धारचूला विधायक हरीश धामी के मामले में हंगामा बरपा हुआ है। कायदे से उन्हें पीसीसी में विशेष आमंत्रित सदस्य होना चाहिए था लेकिन बना दिए गए हैं 98 सचिवों में से एक सचिव। धामी भड़के हुए हैं और पद और पार्टी दोनों छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं।
-पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के बीच बढ़ी दूरी
-पार्टी के भीतर कार्यकर्ताओं और नेताओं की नए सिरे से गोलबंदी शुरू
2020 में विधानसभा चुनाव की चुनौती के बीच कांग्रेस की यह महाभारत कहां जाकर और कैसे खत्म होगी, कह नहीं सकते। मगर तलवारें अब समर्थक खुलकर भांज रहे हैं। प्रीतम सिंह हैरत जता रहे हैं कि लिस्ट में यह गड़बड़ कैसे हो गई। अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर शिकायत जताने की बात कह रहे हैं। हरीश रावत की धुर विरोधी नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा ह्दयेश का मिजाज और अंदाज पुराना है। वह धामी पर परोक्ष रूप से हमले करके कह रहीं हैं कि नखरें दिखाने की गुंजाइश पार्टी में किसी के लिए नहीं बची है।
इस बीच एक बार फिर से प्रदेश महासचिव बने नवीन जोशाी ने तो धामी को बर्खास्त करने की मांग करके विवाद की आग में घी डाल दिया है। इस मामले मेें बहुप्रतीक्षित टिप्पणी पूर्व सीएम हरीश रावत की है जो कि फिलहाल खामोश हैं। सोशल मीडिया पर छोटी सी छोटी बात पर राय जाहिर करने वाले राजनीति के धुरंधर हरीश रावत पार्टी में चल रहे शह और मात के खेल का अपने अंदाज में आनंद ले रहे हैं।
धामी की अपने नेता हरीश रावत के प्रति दीवानगी हद दर्जे की है। 2014 में जब विधायक न होते हुए रावत सीएम बने थे तो धामी ने एक झटके में उनके लिए अपनी धारचूला सीट खाली कर दी थी। हरीश रावत धारचूला के रास्ते तब विधानसभा पहुंचे थे। बदले में रावत ने धामी को वन विकास निगम जैसे भारी भरकम संस्थान के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी थी। धामी की उपेक्षा जाने-अनजाने कैसे हुई, यह साफ नहीं हो पा रहा, लेकिन इसने पार्टी के भीतर पहले से मौजूद गुटबाजी को और पंख लगा दिए हैं। पार्टी नेतृत्व इस बात पर पैनी निगाह रखे हुए हैं कि धामी का अगला कदम क्या होता है। वैसे, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने इस संबंध में सोनिया गांधी से बात करने का बयान देकर अपनी तरह से विवाद को थामने की कोशिश की है, लेकिन पूरा मामला इतनी जल्दी थम जाने की उम्मीद नहीं दिखती।