पर्यटकों मे निराशाः हाईकोर्ट के निर्देश के बाद उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म पर लगी रोक

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rafting season to end soon

(ऋषिकेश) राज्य निर्माण के 18 साल बाद भी उत्तराखंड में कई सरकारें आई और गई लेकिन अभी तक पर्यटक नीति पर कोई भी ठोस काम नहीं हो पाया जिसके चलते उत्तराखंड की एडवेंचर टूरिज्म इंडस्ट्री को समय-समय पर नुकसान उठाना पड़ता है गौरतलब है कि साहसिक पर्यटन के लिए ना तो सरकार ने कोई इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया और ना ही किसी तरह की सुविधाएं इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को दी गई ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग कुछ निजी संचालकों द्वारा शुरू की गई जिसकी पहचान आज पूरे देश विदेश में है लेकिन सरकार की गाइडलाइन ना होने के चलते और कोई ठोस नियमावली ना बनने से इस इंडस्ट्री पर कभी एनजीटी का कभी हाईकोर्ट का डंडा चलता रहता है जिसके चलते यहां के व्यवसाइयों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है ऐसा ही कुछ एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि 2 हफ्ते के भीतर नियम और कायदों को मजबूत करके एक ठोस नीति बनाई जाए तब तक उत्तराखंड में एडवेंचर स्पोर्ट्स पर रोक लगाई जाए।

उच्च न्यायालय नैनीताल ने अहम फैसला देते हुए प्रदेश भर की सभी नदियों में जारी वाटर स्पोर्ट्स व पैराग्लाइडिंग पर लगायी रोक।
उच्च न्यायालय ने ऋषिकेश निवासी हरिओम कश्यप की याचिका के आधार पर प्रदेश भर की सभी नदियों, झीलों में राफ्टिंग और अन्य वाटर स्पोर्ट्स और पेराग्लाइडिंग पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को एडवेंचर स्पोर्ट्स, वाटर स्पोर्ट्स और पैराग्लाइडिंग के लिए दो सप्ताह के भीतर नीति बनाने का समय दिया है। साथ ही निर्देश दिया कि जब तक नीति नही बन जाती तब तक प्रदेश भर की नदियों में होने वाले वाटर स्पोर्ट्स व पैराग्लाइडिंग पूर्ण रूप से बंद रखी जाए।

गौरतलब है कि गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए और समय-समय पर कई बेरीकेट्स लगाकर राफ्टिंग कारोबार को प्रभावित किया जाता है, इसका मुख्य कारण टूरिज्म पॉलिसी का ठोस ना होना है राफ्टिंग व्यवसाइयों का कहना है कि सरकार हमारे लिए जो भी गाइडलाइन बनानी है वह बनाए. सभी व्यवसाय उस नियमावली का पालन करेंगे लेकिन बार-बार हमारे इस बिजनेस को प्रभावित ना किया जा, अगर पर्यटक यहां से दूसरे राज्यों में चला गया तो यह इंडस्ट्री कई साल पीछे हो जाएगी जिसका खामियाजा यहां के व्यवसाइयों के साथ-साथ सरकार को भी उठाना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि, “प्रदेश में साहसिक पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगाये जाने से सम्बन्धित उच्च न्यायालय के फैसले का राज्य सरकार द्वारा अध्ययन किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में सभी पहलुओं पर विचार करने के पश्चात इस मामले में आगे कदम बढ़ाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहसिक पर्यटन से जुड़े सभी उद्यमियों एवं लोगों के व्यवसायिक एवं आजीविका के हितों को राज्य सरकार द्वारा सभी संभव सुरक्षा प्रदान की जायेगी।”