पंजाब के साथ पावर बैंकिंग पर करार

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उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने पंजाब के साथ पावर बैंकिंग को मंजूरी दे दी है। जून से सितंबर तक उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) पंजाब को 700.8 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली देगा और फिर पंजाब 10 फीसद ज्यादा 778 एमयू बिजली दिसंबर से मार्च तक वापस करेगा।

यूईआरसी सचिव नीरज सती ने बताया कि पंजाब से बिजली लेने के लिए प्रतिदिन शेड्यूल बनेगा। हफ्ते में रिपोर्ट बनेगी कि शेड्यूल से कितनी कम बिजली मिली। कम आई बिजली का बिल केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) के अनशेड्यूल इंटरचेंज (यूआई) चार्ज के अनुसार पंजाब को बिल भेजा जाएगा। अगर किसी दिन कोई बिजली नहीं मिलती है तो बाजार से खरीदी बिजली के दाम के साथ दो रुपये प्रतियूनिट पेनाल्टी के साथ बिल बनेगा। उन्होंने बताया कि पंजाब से वापस मिलने वाली कुल बिजली में अगर 0.5 फीसद की कमी होती है तो चार रुपये और इससे ज्यादा कमी हुई तो पांच रुपये प्रतियूनिट की दर से पंजाब से पैसा लिया जाएगा।
दरअसल, सर्दियों में नदियों का जलस्तर कम होने से बिजली उत्पादन गिरता है, जिससे बाजार से महंगी बिजली खरीदनी पड़ती है। बैंकिंग की इस व्यवस्था से उत्तराखंड को सर्दियों में अतिरिक्त बिजली मिलेगी।

अब तक अतिरिक्त बिजली लौटाता था निगम
बिजली की कमी को पूरा करने के लिए उत्तराखंड पावर कार्पाेरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) बैंकिंग करता रहा है। पिछले चार साल से सर्दियों में हरियाणा से बिजली ली जाती रही और फिर गर्मी में पांच फीसद अधिक लौटाई गई। लेकिन, पिछले एक साल में तीन गैस आधारित परियोजनाओं से लंबी अवधि का करार होने के बाद यूईआरसी ने निर्देश दिए थे कि बैंकिंग में पहले बिजली दी जाए, जिससे ज्यादा बिजली मिले।