ट्रांसफर के ल‌िए शिक्षकों ने पार की हदें, मंत्री ने भी पकड़ लिया सर

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पहाड़ों में शिक्षकों की बहाली और वहां शिक्षकों का रुके रहना शिक्षा विभाग के लिये एक बड़ा मसला बन गया है। विभाग लगातार नये तरीके निकाल रहा है स्कूलों में शिक्षकों को पहुंचाने की लेकिन वहीं शिक्षक भी विभाग के नहले पर दहले मार रहे हैं। शिक्षा विभाग के नियमों के तोड़ने के मामले सामने आये हैं। इनकी पुष्टि होने के बाद ही शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने अनुरोध के आधार पर तबादलों की प्रक्रिया पर रोक लगाई है।

तबादला पाने के लिए कई शिक्षिकाओं ने अपने पति से फर्जी तलाक लिया है, घर पर भले ही सब कुछ सामान्य हो, लेकिन कागजों में पति और पत्नी एक-दूसरे से तलाक ले चुके हैं। विधवा और तलाकशुदा शिक्षिकाओं की सहायता के लिए उन्हें अनुरोध के आधार पर तबादले का लाभ दिया जाता है। लेकिन कई शिक्षिकाओं ने इसका दुरुपयोग किया है, उन्होंने कागजों में अपने पति से तलाक ले लिया और खुद को तलाकशुदा दिखाते हुए अनुरोध के आधार पर तबादले का लाभ लिया है जबकि, आज भी वह अपने पति के साथ ही रह रही हैं। इस बार की तबादला प्रक्रिया में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि तबादलों के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र तक बनाए गए हैं।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि टीचरों ने स्टेट मेडिकल बोर्ड से फर्जी प्रमाण-पत्र भी बनवाए हैं। प्रमाण-पत्र में टीचरों को ‘सुनने में असमर्थ’, ‘चलने-फिरने में असमर्थ’, ‘बोलने में असमर्थ’ बताया गया है। लेकिन अंत में नोट देकर ‘पढ़ाने में समर्थ’ लिखा गया है।
गंभीर बीमार शिक्षकों के होंगे तबादले
 

वहीं शिक्षा मंत्री के सामने ब्रेन हैमरेज से पीड़ित चमोली निवासी शिक्षक लक्ष्मण सिंह रावत का मामला भी उठा। लक्ष्मण सिंह को कुछ समय पहले ब्रेन हैमरेज हो गया था, इसके बाद जौलीग्रांट में उनका उपचार हुआ। उन्हें लगातार जांच के लिए दून आना पड़ता है। उन्होंने अनुरोध के आधार पर तबादले के लिए आवेदन करना चाहा तो पोर्टल में बीमारियों की कैटेगरी में ब्रेन हैमरेज नहीं मिला। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लक्ष्मण जैसे वास्तविक बीमार शिक्षकों का तबादला किया जाएगा।

अब छुट्टी लेने के लिए टीचरों को दफ्तरों और बाबू के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने ‘उज्ज्वल सेवा’ मोबाइल एप तैयार किया है, इस एप में शिक्षकों को छुट्टी के लिए एप्लीकेशन अपलोड करना होगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि एक अगस्त से एप काम करने लगेगा, जिसका टीचर लाभ उठा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश का विकल्प भरने वाले कई टीचरों ने एनओसी हासिल करने के लिए अधिकारियों को रिश्वत दी। इसकी जानकारी मिलने के बाद ऐसे सभी मामलों की फाइल रोक दी गई है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि उन्होंने रिश्वत लेने वाले सभी अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया गया है।