200 करोड़ खर्चकर भी नहीं बना पुल

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टिहरी झील के ऊपर बन रहा डोबरा-चांठी पुल पर करीब दो सौ करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। भाजपा नेता ने पुल निर्माण में लगी कंपनी के खिलाफ जांच की मांग करने की बात कही।

पूर्व ब्लॉक प्रमुख व भाजपा के वरिष्ठ नेता खेम सिंह चौहान ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि 11 साल बाद भी डोबरा-चांठी पुल नहीं बन पाया है। पुल पर अब तक करीब दो सौ करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, इसके बाद भी प्रतापनगर क्षेत्र की करीब ड़ेढ़ लाख आबादी के साथ उत्तरकाशी जिले की गाजणा पट्टी के लोगों को कालापानी की सजा झेलनी पड़ रही है। कहा कि पुल निर्माण में लगी कंपनी से हुए समझौते के मुताबिक डोबरा-चांठी पुल को अगस्त 2017 तक बनकर तैयार हो जाना चाहिए था, लेकिन पुल निर्माण में लगी गुप्ता एसोसिएट व अधिकारियों के उदासीनता के कारण समय पर पुल का निर्माण नहीं हो पाया।उन्होंने पुल निर्माण में लगी कंपनी व लेट-लतीफ करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की। साथ ही सरकार से बांध प्रभावित प्रतापनगर व उत्तरकाशी गाजणा पट्टी के लोगों को मुआवजे के तौर पर क्षेत्र में आईटीआई, मेडिकल कॉलेज व अन्य संस्थान खोलने की मांग की। उन्होंने टिहरी बांध प्रभावितों को भूमिधरी का अधिकार दिए जाने की भी मांग की।