कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों पर लगाया हार का इल्जाम

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उत्तराखंड में कांग्रेस की करारी हार से हार के कारणों पर विचार चल रहा है। उत्तराखंड कांग्रेस हार की समीक्षा करने कांग्रेसी र्स्वगाश्रम में जुटे। बैठक में प्रदेशभर के जिलाध्यक्षों और शहर इकाईयों के अध्यक्षों ने भाग लिया।आपको बता दें कि जैसा अंदाजा लगाया जा रहा था प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब नेता हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस की शर्मनाक हार के लिए कई नेताओं पर निशाना साधा जा चुका है। विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार को लेकर कांग्रेस सतर्क नजर आ रही है। विभिन्न स्तरों पर हार की समीक्षा भी शुरू हो चुकी है। प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने स्वर्गाश्रम में प्रदेशभर के जिलाध्यक्षों की क्लास लगाई। किशोर ने जिलाध्यक्षों की परफारमेंस पर उनसे जवाब-तलब किया। खराब प्रदर्शन पर बदलने की चेतावनी दी।

इससे पहले कांग्रेस ने अपनी हार का ठीकड़ा ईवीएम मशीनों पर भी लगाया लेकिन यह इल्जाम असफल रहा।अब पार्टी के सीनियर नेता इस समीक्षा में जुटे हैं कि आखिर इतनी बड़ी हार का जिम्मेदार कौन है।स्वर्गाश्रम स्थित एक होटल में पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की अध्यक्षता में कांग्रेस के जिला और शहर इकाईयों के अध्यक्षों के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर समीक्षा बैठक हुई। बैठक में मुख्य एजेंडे के तहत जिलाध्यक्षों से बारी-बारी उनके क्षेत्रों में हार जीत के कारणों और उसमें उनकी भूमिका पूछी। जिलाध्यक्षों ने उपाध्याय को पार्टी संगठन की स्थितियों, भीतरघात जैसे हालातों से अवगत कराया। बंद कमरे में दोपहर 12 बजे से करीब तीन घंटे चली बैठक के दौरान जिलाध्यक्षों के अलावा प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, अनुशासन समिति के अध्यक्ष डा. केएस राणा ही मौजूद थे। स्वर्गाश्रम में कांग्रेस की 29 शहर और जिला इकाईयों के अध्यक्षों में से पांच बैठक में शामिल ही नहीं हुए। कांग्रेस के प्रदेश में कुल 23 जिला और छह शहर इकाईयां गठित हैं। जिनमें से 23 अध्यक्षों ने ही बैठक में शिरकत की। बैठक में चंपावत,बाजपुर, उत्तरकाशी, पुरोला व रानीखेत के अध्यक्ष नहीं पहुंचे। बता दें कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने बैठक में जिलाध्यक्षों की परफारमेंस पर उनसे जवाब-तलब किया। खराब प्रदर्शन पर बदलने की चेतावनी दी।