उत्तराखंड कांग्रेस से हरीश रावत को किनारे करने वालों को हरदा का जवाब

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देहरादून, उत्तराखंड कांग्रेस में अंदरखाने चल रही उठापटक धीरे-धीरे करके सबके सामने आने लगी है। कांग्रेस में समय-समय पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरदा आज कल अपनों के ही निशाने पर बने हुए हैं, चाहे पीसीसी चीफ हो या नेता प्रतिपक्ष या किसी समय हमजोली रहे किशोर उपाध्याय।

हर कोई चाहता है उत्तराखंड से हरीश रावत की सक्रियता कम हो और यही सब साबित करते हैं। देहरादून की जन जागरूकता रैली और हल्द्वानी का 1 दिन का उपवास, हर कार्यक्रम में हरीश रावत को किनारे करने की कोशिश, सेकंड लाइन के नेताओं ने कहीं ना कहीं करी है जबकि हरीश रावत को करीब से जानने वाले बताते हैं उत्तराखंड कांग्रेस में सिर्फ एक ही चेहरा है, जिसके ऊपर कांग्रेसी कार्यकर्ता विश्वास करते हैं।

गंभीरता और हाशिए पर रहकर भी हरीश रावत की सोच कहीं ना कहीं वर्तमान के सभी नेताओं पर भारी पड़ती है। बीते कुछ दिनों से हरीश रावत ने एक बार फिर देहरादून राजधानी में अपनी सक्रियता को रूट लेवल पर दिखा कर कांग्रेसी नेताओं को आईना दिखाने का काम शुरू कर दिया है।इसी क्रम मेंमलिन बस्ती में जन जागरण करके भजन कीर्तन के द्वारा और टपकेश्वर मंदिर में कांग्रेस के रूट् लेवल कार्यकर्ताओं को एकजुट करना शुरू कर दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने टपकेश्वर मंदिर व लक्षमण सिद्ध मंदिर में पूजा अर्चना कर किर्तन मे भाग लिया और विधानसभा में हार के कारणों पर कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श किया साथ ही जनता से मिलकर आपने किये विकास कार्यों के बारे मैं बात कि इस अवसर पर बडी संख्या मे कांग्रेस कार्यकर्ता मौजुद थे।

रैली में शामिल होने के निमंत्रण को लेकर कांग्रेस में चल रही रार के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि, ‘कांग्रेस सरकार ने जो कार्य किए, भाजपा सरकार उनका श्रेय छीनने की कोशिश कर रही है। हमारी सरकार ने केदारनाथ में युद्धस्तर पर पुनर्निर्माण कार्य किए और यात्रा सुचारु कराई, लेकिन इसका श्रेय भाजपा लेने में लगी है। बतौर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को चौकन्ना रहना होगा और जनता को सच बताना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि, कई बार स्थिति ऐसी होती हैं कि अपना बाजा खुद ही बजाना पड़ता है’।”