स्कूटर सवार से भी किया ठगी का प्रयास

0
570

हरिद्वार में 42 लाख की ठगी के मामले में अहम जानकारियां पुलिस के हाथ लगी हैं। बैंक के अंदर से नकदी से भरा बैग उड़ाने से पहले आरोपियों ने बैंक के बाहर स्कूटर सवार एक खाताधारक को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि उसने इनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।

18 जुलाई को आइसीआइसीआइ बैंक के अंदर से टप्पेबाजों ने एटीएम में कैश डाल रहे सर्विस प्राइवेट इंडिया लिमिटेड के कर्मचारी सुनील को झांसा देकर बैग उड़ा लिया था। बैग में 42 लाख की नकदी थी, पुलिस जांच में सुनील के घटना के वक्त गर्लफ्रेंड से चैटिंग करने की बात सामने आई थी। घटना की पूरी गतिविधियां सीसीटीवी कैमरे में रेकार्ड हुई।

पुलिस ने जांच में पाया कि बैंक के बाहर भी टप्पेबाजों के चार-पांच साथी मौजूद हैं। इनमें से कुछ ने बैंक में कैश जमा कराने पहुंचे स्कूटर सवार खाताधारक को निशाना बनाने की कोशिश की थी। सीसीटीवी में दिख रहा है कि खाताधारक बैंक के बाहर स्कूटर खड़ा कर रहा है, जबकि गिरोह का सदस्य हाथ से इशारा कर स्कूटर सवार को कुछ दिखाने व बताने की कोशिश कर रहा है। स्कूटर सवार ने टप्पेबाज की ओर देखा, लेकिन अधिक ध्यान नहीं देते हुए बैंक में प्रवेश कर गया। इसके बाद टप्पेबाज बातों में मशगूल हो गए। एसएसपी कृष्ण कुमार के मुताबिक जल्द वारदात का खुलासा होगा।

सीसीटीवी कैमरों की गुणवत्ता सही नहीं होने के कारण पुलिस को रेकार्डिग में आरोपियों के चेहरे नहीं दिखाई दे रहे हैं। एसएसआई जगमोहन रमोला ने बताया कि, ‘बैंक ने सीसीटीवी कैमरे तो लगाए हैं, लेकिन इनकी गुणवत्ता सही नहीं है। कैमरों में अपराधियों की शुरुआती गतिविधि से लेकर बैग ले जाने तक की मौजूदगी कैद हुई, लेकिन चेहरे स्पष्ट नहीं दिखाई दे रहे हैं।’

जांच में यह बात सामने आई कि घटना के दौरान बैंक का गनर पानी पीने के लिए किचन में चला गया था। एसएसआई जगमोहन रमोला के मुताबिक गनर नहीं होने के कारण टप्पेबाजों के हौंसले बढ गए। टप्पेबाजों की संख्या आठ के करीब थी। अलग-अलग सीसीटीवी कैमरों में यह नजर आ रहे हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो गिरोह के सदस्य जानबूझकर एक जैसे रंग की कमीज व कपड़े पहनते हैं, ताकि अगर कुछ भी गलत हुआ तो वह पकड़े में न आ सकें। सीसीटीवी कैमरे में दिख रहा है कि बैंक के अंदर से बैग उठाने के बाद एक युवक ने दूसरे साथी युवक को बैग थमा दिया। कुछ कदम चलने पर दूसरे ने बैग को तीसरे को दिया। इसके बाद बैग को सफेद रंग की पाॅलीथिन में डालकर छिपा दिया गया।