गढ़वाल की मंडियों में नोटबंदी के चलते सड़ रहे हैं फल और सब्जियां

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नोटबंदी का असर गढ़वाल के सबसे बड़ी सब्जी मंडी पर पड़ रहा है,  रखे-रखे सड़ रही लाखों कुंटल सब्जियां। नोटबंदी ने रोकी फल-सब्जियों की आवाक।  केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद से ही नोटबंदी का असर लगभग हर तरफ देखा जा रहा है, अब नोटबंदी ने पहाड़ी इलाकों के किसानो की मुश्किलें बड़ा दी है, जिसका नतीजा अब ऋषिकेश सब्जी मंडी में साफ़ देखा जा रहा है जहाँ मंडी में नोटबंदी के बाद 75 फीसदी गिरावट आयी है जिससे फुटकर विक्रेता को बड़े परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

500-1000 के नोट बंद होने के बाद से ही हर जगह इसके अलग अलग असर देखने को मिल रहे हैं, एक और जहाँ इससे आम लोग परेशान है वहीँ दूसरी और मंडी पर भी इसका खासा असर देखने को मिल रहा है , खुले पैसें न होने के कारण मंडी में रखी लाखों कुंटल सब्जियां सड़ रही है जिससे बाजार में 75 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है।  

ऋषिकेश मंडी पुरे ग्रामीण इलातकों से आने वाली सब्जियों का मुख्य केंद्र है जहाँ पर से फल- सब्जियां बाकि इलाको में पहुंचाई जाती है। ऐसे में ऐसे में यहाँ रोजाना हजारों ग्राहकों की भीड़ देखने को मिलती थी लेकिन नोट बंदी के बाद से ही यहाँ के हाल बहुत ही बुरे है। लाखों कुंटल सब्जियां रोजाना सड़ रही है जिसे सब्जी बिक्रेता उन्हें फेंकने को मजबूर हो रहे है । यहाँ के फुटकर बिक्रेताओं  कहना है की हर कोई 500-1000 के नोट लेकर मंडी में आता है तो उन्हें इसके खुले देने में परेशानी होती है , जैसा सामान घर से आता है वैसे ही उसे वापस ले जाना पड़ रहा है 

नोट बंदी के फैसले से जहाँ व्यापार घट रहा है तो वहीँ अब इसका सीधा असर मंडियों पर भी साफ़ देखा जा रहाहै ग्राहकों की कमी  चलते मंडियों से सामान नही बिक पा रहा है जिससे फुटकर बिक्रेता मायूस है।