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सोनिया गांधी आगामी विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं करेंगी

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में प्रचार नहीं करेंगी। इसका कारण उनकी खराब सेहत बताई जा रही है। वैसे, इसकी एक वजह राहुल गांधी को पूरी तरह से मुख्यधारा में लाने की कोशिश भी बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने खराब सेहत की वजह से पांच चुनावी राज्यों गोवा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में चुनाव प्रचार से दूर रहने का फैसला किया है। हालांकि कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट में सोनिया गांधी का नाम भी रखा था।
हालांकि, पार्टी सूत्रों के मुताबिक यूपी में सपा से गठबंधन के बाद कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी को मुख्‍य भूमिका में लाने के मकसद से ऐसा किया जा रहा है। दूसरी ओर पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि वह कांग्रेस-सपा गठबंधन की उत्तर-प्रदेश चुनाव प्रचार की रणनीति सार्वजनिक नहीं करेंगे कि सोनिया गांधी प्रचार करेंगी अथवा नहीं।
हालांकि राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने यह दावा किया था कि उन्हें मुलायम सिंह और सोनिया गांधी का आशीर्वाद प्राप्‍त है। वहीं उसके तत्‍काल बाद मुलायम सिंह ने स्‍पष्‍ट कर दिया था कि वह इस गठबंधन के खिलाफ हैं। लिहाजा वह इसके लिए प्रचार नहीं करेंगे। अब यह भी माना जा रहा है कि मुलायम यहां से अपने समर्थक निर्दलीय प्रत्‍याशियों को समर्थन भी दे सकते हैं। इसके बाद सोनिया ने भी प्रचार न करने का फैसला लिया है।
उल्‍लेखनीय है कि यूपी में सपा और कांग्रेस के गठबंधन के चलते सपा 298 सीटों पर और कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
गौरतबल है कि सोनिया गांधी पिछले कुछ महीनों से पार्टी के बड़े कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रही हैं। पिछले महीने दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की जन वेदना रैली में भी सोनिया शामिल नहीं हुई थीं। फिलहाल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी में परदे के पीछे काम कर रहीं प्रियंका गांधी कांग्रेस के कामकाज को देख रही हैं।

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सपा गठबंधन पर बोले कुमार विश्वास “एक बाप से परेशान है तो दूसरे ने माँ को परेशान कर रखा है”

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“कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है” फेम राष्ट्रीय कवि और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विशवास बसन्तोसव में शिरकत करने ऋषिकेश पहुंचे, मिडिया से मुलाकात करते हुए कुमार विशवास ने कहा कि आम आदमी पार्टी का पूरा फोकस उत्तराखंड में हैं।इस बार के विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भले ही अपने प्रत्याशी नहीं उतारे लेकिन उत्तराखंड में ‘आप’ एक मजबूत विकल्प तैयार करने में जुटी है।अभी नजर पंजाब और गोवा पर है,पंजाब में पार्टी दिल्ली जैसा इतिहास दोहराएगी।उत्तर प्रदेश चुनाव पर बोलते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि अखिलेश यादव ने अच्छे काम किये है जिसका फायदा उनको इस चुनाव में जनता दूसरा मौका दे कर दे सकती है ,वही कांग्रेस और सपा के गढ़बंधन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि- ‘‘उत्तर प्रदेश में एक नेता परिवार और बाप से परेशान है कोई उसे ढंग से काम करने नहीं दे रहा है’’ और राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए कहा ‘’दूसरे से उसकी माँ परेशान है’’ एक को पिता आगे बढ़ने नहीं दे रहा है दूसरे को माँ बड़ा बनाना चाहती है, लेकिन वो आगे बढ़ने का नाम नहीं ले रहा है ,तो यूपी को साथ पसंद है ऐसे में कैसे साइकिल आगे बढ़ेगी।

कुमार विश्वास ने बताया कि ऋषिकेश से उनका गहरा लगाव है वो इसी विधान सभा के हरिपुर गाँव में रहते है,वहा उनका एक मकान है और यहाँ गंगा से उनको एक स्फूर्ति मिलती है।उन्होंने कहा कि राफ्टिंग कर मजा आ गया और बच्चन साहब की एक कविता पर वीडियो शूट किया है जो आने वाले 14  तारीख को वेलेंटाइन दे पर युवाओ को प्रेम और रोमांस का बोध करायेगा। कुमार विस्वास ने बसन्तोसव में अपनी कविताओ से समां बांध दिया देर रात तक श्रोता उनकी कविताओ पर झूमते रहे।

निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया

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कोटद्वार विधानसभा सीट में निर्दलीय चुनाव लड़ रहे कई प्रत्याशियों ने स्थानीय निर्वाचन अधिकारियों पर चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए वाहन की अनुमति देने में अनियमितता बरतने का आरोप लगया। प्रत्याशियों ने गुरुवार को तहसील पर प्रदर्शन भी किया। आरोप है अधिकारी राष्ट्रीय पार्टियों और निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ अलग-अलग मापदंड अपना रहा है।
प्रत्याशियों का कहना है कि उन्होंने लाउडस्पीकर वाले वाहन से चुनाव प्रचार करने की अनुमति मांगी थी, जिस पर उन्हें चुनाव प्रचार करने के लिए सुबह नौ बजे से सायं छह बजे का समय दिया गया है। जबकि, अन्य को यह अनुमति सुबह नौ बजे से रात्रि दस बजे तक के लिए दी जा रही है। आरोप है कि स्थानीय चुनाव अधिकारी बेवजह निर्दलीय प्रत्याशियों को परेशान कर रहे हैं।
इस मौके पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुख्य निर्वाचन आयोग को आदर्श आचार संहिता में सभी राजनीतिक पार्टियों को समान अधिकार देने बाबत ज्ञापन भी भेजा। इधर, सहायक रिटर्निंग अफसर ने तमाम आरोपों को निराधार बताया। कहा कि चुनाव के दौरान आयोग की नियमावली का अक्षरश: पालन किया जा रहा है।

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बागियों को घर बिठाने की तैयारी में दोनों दल

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भाजपा और कांग्रेस दोनों दल इस विधानसभा चुनाव को काफी महत्वपूर्ण ढंग से लड़ रहे हैं। बागियों को घर बिठाने की तैयारी दोनों दलों में बड़ी तेजी से चल रही है। इसका कारण दोनों दल इस चुनाव में हर तरह के हथकंडे अपनाने को तैयार हैं ताकि हारी हुई बाजी जीती जा सके। यही कारण है कि दोनों दल अपने बड़े प्रचारकों को उतारकर जनता को अपने तरफ मोड़ना चाहते हैं इस चुनाव में कई प्रमुख सीटें भाजपा और कांग्रेस की प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई हैं। इनमें मुख्यमंत्री हरीश रावत के दोनों सीटों के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की सीट सहसपुर भी शामिल है। इसी प्रकार उन सभी सीटों को अपने प्रतिष्ठा के साथ जोड़कर देख रहा है। जहां पिछले चुनाव में उनके प्रत्याशी जीतने से रह गए थे।

वर्तमान चुनाव में जिन सीटों पर कांग्रेस के पूर्व विधायक चुनाव मैदान में हैं वे सीटें ही भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। भारतीय जनता पार्टी इन सीटों पर हर हाल में जीत हासिल करना चाहती है यह क्षेत्रीय क्षत्रपों के साथ-साथ राष्ट्रीय नेताओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने आखिर कांग्रेस के विधायकों को लेने का निर्णय किया है अन्यथा स्थानीय इकाई के कुछ नेता ही इन लोगों को साथ जोड़ने के पक्षधर थे।
इन महत्वपूर्ण सीटों पर अब भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अपने प्रचार की नीति तय करनी शुरू कर दी है और इन्हीं सीटों पर बड़े नेताओं को भी बुलाया जा रहा है। सूत्रों की माने तो यह महत्वपूर्ण सीटें देहरादून की रायपुर विधानसभा है जहां से कांग्रेस से आए विधायक उमेश शर्मा काऊ चुनाव मैदान में हैं।
इसी प्रकार राजपुर आरक्षित सीट पर पूर्व मंत्री खजान दास चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि डोईवाला से पूर्व मंत्री त्रिवेन्द्र रावत, धर्मपुर से महापौर विनोद चमोली, यमकेश्वर सांसद भुवन चन्द्र खंडूड़ी की बेटी ऋतु खंडूड़ी, कोटद्वार से कांग्रेस से आए नेता पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, बाजपुर से कांग्रेस के पूर्व मंत्री यशपाल आर्य तथा नैनीताल से उनके बेटे संजीव आर्य चुनाव मैदान में हैं। जिन्हें जहां जीतना जरूरी है वहीं इन्हें जिताना भाजपा की भी मजबूरी है ताकि जिस भाव से यह लोग भाजपा में आए हैं वह भाव टूटने न पाए।
ठीक इसी प्रकार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट रानीखेत सीट भी है। जहां भाजपा के ही एक विद्रोही चुनाव लड़ रहे हैं। जिसके कारण स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है ऐसे में भाजपा के राष्ट्रीय तथा प्रदेश पदाधिकारी इन सीटों विशेष ध्यान रखे हुए हैं। ऐसी कई अन्य सीटों पर भाजपा के बड़े नेताओं की सक्रियता नजर आने भी लगी है। स्टार प्रचारकों की जनसभाओं और दौरों की जो संभावित सूची प्रदेश नेतृत्व ने हाईकमान के सामने रखी है उसमें भी यह साफ झलकता है कि भाजपा हरहालत में सरकार बनाने के लिए आतुर है।

 

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बागेश्वर में तेंदूएं को रेस्क्यू कर पहुचांया ज़ू

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उत्तराखण्ड के बागेश्वर में एक घर में तेंदुआ घुंसने से दिनभर दहशत बनी रही जबकि शाम को ट्रेंक्युलाईजर टीम आने के दस घण्टे बाद ही तेंदुए को बेहोश कर पिंजरे में कैद किया जा सका । अल्मोडा से आयी वन विभाग की टीम ने टेक्यूलाईज कर तेंदुए को मकान के कमरे से बाहर निकाला। सवेरे लगभग दस बजे तेंदुए के घर में घुसने के बाद से ही वन महकमा केवल एक ट्रेंक्यूलाइजर बंदूक की कमी के कारण दस घंटे बाद ही तेंदुए को बेहोश कर क्षेत्र को इस खतरे से निजात दिल सका।

बागेश्वर में ब्लॉक प्रमुख रेखा खेतवाल के घर के पीछे की गल्ली में सवेरे तेंदुआ घुस गया। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम अपने दल बल के साथ मौके पर पहुँच गई । वन विभाग ने कड़ी मशक्कत कर तेंदुए की घेराबंदी कर दी । तेदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा तत्काल पिंजरा लगाया गया जिसमें एक काले कुत्ते को शिकार बनाकर रखा गया । वन विभाग की इस चाल में तेदुआ नहीं फंसा। तेदुए को कमरे से बाहर निकालने के लिए मशाल का भी प्रयोग किया गया। लेकिन तेंदुएं को वन विभाग पिंजरे में बन्द नही कर सका । तेदुएं को पकडते समय तेदुएं ने वन विभाग का टार्च भी तोड़ दिया। कई घण्टे बीत जाने के बाद जब तेदुएं को वन विभाग के लोग बाहर नहीं निकाल सके तो अल्मोड़ा से वन विभाग की ट्रेंक्यूलाइजर टीम को बुलाया गया। करीब 10 घण्टे बाद अल्मोडा से वन विभाग की टीम टेक्यूलाईजर गन के साथ मौके पर पहुची जहां टेक्यूलाईजर गन से तेदुएं को बेहोस किया जा सका । तेंदुए को लोगों की भीड़ के बीच पिंजरे में डाला गया। प्रत्यक्षदर्शी आर्दश ने बताया कि सुबह के समय उसने छत से तेदुएं को आते हुए देखा। उसने चिल्लाकर सबको आगाह करना चाहा तो तेंदुए ने उसपर ही गुर्रा दिया। तेदुंए ने थोडी देर तक उसको देखा और ब्लाक प्रमुख के घर के पीछे की गैलरी में छुप गया। शोर मचाने के बाद लोग इक्टठा हुए और इसकी सूचना वन विभाग की दी। वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर दस घंटे बाद तेदुएं को पिंजरे में बंद किया और अल्मोड़ा ज़ू  को भेज दिया।

कांग्रेस के लिए ‘वन मैन आर्मी’ बने हरीश रावत

उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी में पिछले कुछ महीनों औऱ खासतौर पर चुनावों के दौरान हुए मंथन के बाद काफी हद तक राज्य में कांग्रेस के पास हरीश रावत के अलावा कोई खास नेता बचा नही है। और शायद यही कारण है कि राज्य में चुनावों के दौरान प्रचार की कमान भी हरीश रावत के हाथों में तो है ही साथ ही साथ रावत के आस पास ही केंद्रित है। फिर चाहे वो हरीश रावत का हाल ही में जारी संकल्प पत्र हो या फिर राज्य के हर कोने में रैली और जनसभाऐं करने के लिये उनकी मांग। इस सबके बीच कुछ दिनों पहले कांग्रेस ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें हरीश रावत को प्रसिद्ध फिल्म बाहुबली के नायक के रूप में दिखाया गया है औऱ उन्हें उत्तराखंड का नायक बताया गया है। सोशल मीडिया पर वाइरल हो रहे इस वीडियो पर मोदी समेत बीजेपी के कई नेताओं पर तंज भी कसे गये हैं। बीजेपी के मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन का कहना है कि कांग्रेस के पास चुनाव में जाने के लिये कोई मुद्दे नही हैं इसलिये वो इस तरह के नाटकों का सहारा ले रही है।भसीन ने कहा खुद को बाहुबली दिखाने वाले सीएम वहीं है जिन्होंने पैसों से विधायक खरीदें और अपनी सरकार बचाने के लिए भ्रष्टाचार का सहारा लिया।खुद को बाहुवली कहने वाले सीएम अब तक के सबसे बलहीन सीएम रहे हैं।देवेंद्र भसीन ने कहा कि इस तरह के माध्यम से प्रचार करके कांग्रेस अपना दूषित मानसिकता को दिखा रही।भसीन ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को इस तरह से दिखाने के लिए कांग्रेस को भाजपा से माफी मांगनी चाहिए।

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रावत ने कांग्रेस की नय्या पार लगाने का जिम्मा इसलिए भी लिया है क्योंकि पार्टी के प्रत्याशी अपनी सीटों पर बुरी तरह से उलझे हुए है। जिस तरह से सहसपुर के टिकट को लेकर आर्येंद्र शर्मा जैसे उम्मीदवार ने पार्टी से हट कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया इससे पार्टी की नींव कमजोर पड़ती नज़र आ रही है। दूसरी तरफ मनमोहन सिंह मल्ल ने भी यह घोषणा कर दी है कि वे कांग्रेस पार्टी के निशान पर ही चुनाव लड़ेंगे। अब हालात यह है कि रावत को दो सीटों से चुनाव लड़ना पड़ रहा है जो की किसी चुनौती से कम नहीं हैं। रावत को आशा है कि इस तरह से वो गढ़वाल और कुमाऊं दोनों इलाकों में और सीटों पर भी पार्टी के पक्ष में हवा बनाने में कामयाब रहेंगे।

बहरहाल बीजपे इसे कांग्रेस में नेताओं की कमी कह रही है औऱ कांग्रेस हरीश रावत को राज्य का एकमात्र ज़मीनी नेता स्थापित करने में लगी है। इन दोनों में से कौन सही है और कौन गलत इसका फैसला तो 11 मार्च को नतीजे घोषित होने पर हो जायेगा।

 

 

केन्द्रीय बजट से स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आएगा : नड्डा

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केन्द्र का बजट समावेशी बजट है। यह बजट मोदी सरकार के लक्ष्य सबका साथ सबका विकास की ओर उठाया गया अहम कदम है। यह कृषि और किसानोन्मुखी बजट भी है। यह कहना है उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी जेपी नड्डा का। वे आज यहां भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने केन्द्रीय बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह बजट लैंडमार्क बजट है। यह आजाद भारत में पहली बार हुआ कि रेल बजट और आम बजट एक साथ आया। यह बजट सूत्र वाक्य सबका साथ सबका विकास पर चल रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बजट गरीबोन्मुख, महिला उत्थानोन्मुख, युवा उन्मुख, कृषि और किसानोन्मुख है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें तो पिछले साल की तुलना में इस बार स्वास्थ्य की धनराशि में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले साल के 37061.55 हजार करोड़ की तुलना में इस बार 47352.51 हजार करोड़ से अधिक का प्रावधान स्वास्थ्य के लिए किया गया है जिससे देश की स्वास्थ्य सुविधाओं में आधारभूत परिवर्तन होगा। इससे हम शहरी और ग्रामीण भारत में इससे बहुत कुछ कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस साल हम पैरालिसिस और फाइलेरिया के उन्मूलन की दिशा में बड़ा काम करेंगे। स्वास्थ्य शिक्षा में 5 हजार पीजी सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे हमारे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आएगा। नड्डा ने कहा कि उत्तराखंड सरकार झूठा आरोप लगाती है कि उसको केन्द्र पैसा नहीं दे रही जबकि पिछले साल 1942 करोड़ रुपया उत्तराखंड को एनएचएम में दिया गया था। लेकिन उसमें से 139 करोड़ रुपया की पहली किस्त राज्य के खजाने में 91 दिनों तक बेकार पड़ी रही। सरकार ने इसे रिलीज नहीं किया। जबकि स्वास्थ्य का मामला बेहद संवेदनशील होता है। उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर 2016 की क्लोजिंग के बाद भी अभी तक सरकार के खजाने में केंद्र का 179 करोड़ रुपया पड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि हरीश रावत सरकार के पास विकास का विजन ही नहीं है। इसलिए इस बार ऐसी लापरवाह सरकार को बदलना जरूरी है।
एक प्रश्न के जवाब में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सुपर स्पेसिलिटी ब्लॉक के लिए किसी भी कॉलेज को केंद्र सरकार 200 करोड़ रुपये दे सकती है। हम स्वास्थ्य शिक्षा को मजबूती देने के लिए हम ऐसा करेंगे।

कांग्रेस से नाराज विजयलक्ष्मी ने सीएम रावत पर लगाया आरोप

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टिकट बंटवारे को लेकर बागियों की नाराज़गी कम करने में नाकामयाब रहा कांग्रेस खेमा।ऋषिकेश चुनावी मैदान में डटी हुई हैं पूर्व राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गुसाईं। गुसाईं ने सीएम हरीश रावत व कांग्रेस पर लगाया आरोप।

जैसे जैसे चुनावी तारीख नजदीक आ रही है वैसे वैसे कांग्रेस के लिए प्रदेश में मुश्किले थमने का नाम नही ले रही। टिकट बंटवारे को लेकर शुरु हुई नाराजगी के चलते अब आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी बनता जा रहा है। इसी कड़ी में पूर्व राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गुसाईं ने भी रावत सरकार पर जमकर आरोप लगाया। ऋषिकेष विधानसभा से निर्दलीय प्रत्यशी के रूप में विजय लक्ष्मी गुसाईं चुनावी रणभूमि में कूद चुकी है,ऋषिकेश प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता कर हरीश व कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के विकास में हमेशा कांग्रेस ने धीमी गति दिखाई है, उन्होंने बताया कि प्रदेश में हमेशा उनकी उपेक्षा की गई है। इसी बीच प्रेस वार्ता के दौरान विजय लक्ष्मी गुसाईं भावुक हो उठी। उन्होंने कहा कांग्रेस ने महिलाओं का अपमान किया है।

मनुजेंद्र शाह ने बेटी शिवजा को बनाया अपना उत्तराधिकारी

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टिहरी राजघराने के मुखिया महाराजा मनुजेंद्र शाह ने बेटी शिवजा को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। बसंत पंचमी पर्व पर नरेंद्रनगर राजमहल में बुधवार को उन्होंने इसकी विधिवत घोषणा की। उन्होंने कहा कि राजघराने की सभी परंपराएं उनके बाद उनकी पुत्री शिवजा कुमारी के हाथों ही संपन्न होंगी। राजमहल में भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट की तिथि निर्धारित किए जाने के अवसर पर शिवजा कुमारी भी उनके साथ मौजूद रहीं।
शिवजा कुमारी ने कहा कि राज परंपराओं के निर्वहन के लिए उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे वह पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगी। वह राजघराने की समस्त परंपराओं व मान्यताओं का विधिवत रूप से निर्वहन करेंगी।

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कांग्रेस ने पार्टी से 24 बागियों को किया निष्कासित

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बीते बुधवार को डैमेज कंट्रोल का आखिरी दिन था और साथ ही रुठे हुए बागियों के पार्टी में वापस आने का भी अंतिम दिन।पार्टी की लाख कोशिशों के बाद भी बहुत से बागी वापस नहीं आए और इसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में भरना होगा। इस अफरा तफरी में कांग्रेस ने  पार्टी से कुछ बागियों को निष्काशित कर दिया है।कांग्रेस द्वारा निष्कासित बागियों में पहला नाम सहसपुर निर्दलीय प्रत्याशी आर्येंद्र शर्मा का है।इसके साथ ही रजनी रावत भी निष्कासित लिस्ट में शामिल है।साफतौर पर कहा जाए तो इस लिस्ट में लगभग हर उस प्रत्याशी का नाम है जिसने कांग्रेस के खिलाफ आने वाले चुनाव में हल्ला बोल करने का ऐलान किया है।

कांग्रेस के निष्कासित 24 बागी इस प्रकार हैः

  • आर्येन्द्र शर्मा
  • लक्ष्मण सिंह नेगी
  • नवीन बिष्ट
  • हाजी नूर हसन
  • मैडम रजनी रावत
  • रामसिह कैड़ा
  • गोपाल चमोली
  • मुरारीलाल खण्डवाल
  • विजयपाल सिंह रावत
  • जितेन्द्र तिवाडी
  • श्रीमती बृज रानी
  • रवीश भटीजा
  • के.एल. आर्या
  • हरेन्द्र सिंह बोरा
  • देवकीनन्दन शाह
  • श्रीमती रेणु बिष्ट
  • कुबेर सिंह कठायत
  • प्रदीप थपलियाल
  • शूरवीर सिह सजवाण
  • प्रकाश चन्द रमोला
  • विपुल जैन
  • अर्जुन सोनकर
  • टी.सी. भारती
  • कुमारी सारिका प्रधान