तो अब सीसीटीवी की मदद से पकड़े जाऐंगे ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले

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    अगली बार जब आप सिग्नल तोड़ते हैं, तो आपको आश्चर्यचकित होने की जरुरत नहीं है अगर आपको अपने मोबाइल फोन पर ई-टिकट मिले तो। देहरादून जल्द ही ऐसे शहरों की सूची में शामिल होंगे जो ई-चालान बनाने के लिए सीसीटीवी कैमरे का इस्तेमाल करते हैं। इस योजना के तहत,  ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के कुछ मिनटों के अंदर ही एक ई-चालान मैसेज के माध्यम से नियम तोड़ने वाले को भेजा जाएगा।

    संजय गुंजल, पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) प्रावधान और रखरखाव, ने कहा, “यातायात नियम तोड़ने वालों पर लगाम लगाने के लिए, हम एक बुद्धिमान चालान प्रणाली को लागू करेंगे जिसके तहत स्वचालित चालान यातायात तोड़ने को भेजे जाएंगे। पहले चरण में, यह प्रणाली देहरादून में एक व्यस्त जंक्शन पर स्थापित की जाएगी। “

    सीसीटीवी आॅटोमेटेड चालान सिस्टम मे स्वचालित संख्या प्लेट मान्यता (एएनपीआर) और रेड लाइट उल्लंघन जांच (आरएलवीडी) प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है।

    गुंन्जयाल ने कहा कि आठ एपीएनआर कैमरे, प्रत्येक के लिए लगभग 8 लाख रुपये खर्च होंगे, जो सड़कों के दोनों किनारों पर लगाए जाऐंगे और उन्हें रीजनल परिवहन कार्यालय के सेंट्रलाइज्ड सर्वर के साथ जोड़ा जाएगा। सिस्टम वाहन मालिक के निवास और मोबाइल नंबर को खोजने के लिए आरटीओ डाटाबेस तक पहुंचने में सक्षम होगा।”निर्धारित सीमा से तेज गति वाले वाहनों की पहचान करने के लिए कैमरे को गति रडार से जोड़ा जाएगा सिस्टम अपराध के आधार पर ई-चालान प्रिंट करेगा, जो एसएमएस के माध्यम से उन्हें चेतावनी देने के बाद अपराधी के निवास पर भेज दिया जाएगा। “

    एसएमएस में एक लिंक होता है जो ट्रैसर पुलिस की वेबसाइट पर मोटर यात्री को ले जाता है जहां डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है।1 जनवरी से 31 जुलाई के बीच देहरादून पुलिस ने ट्रैफिक नियम तोड़ते हुए चालकों के लिए 151 चालान जारी किए। जबकि शहर की सड़कों पर तेजी से वाहन चलाने के लिए 1,347 चालान जारी किए।
    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून, निवेदिता कुकरेती ने बताया, “एएनआरपी कैमरे एक विशेष जंक्शन से गुजरने वाले वाहनों की आवाजाही भी रिकॉर्ड करेंगे ताकि वाहनों में भागने वाले अपराधियों का पता लगाना भी आसान हो जाएगा।”

    कुकरेती ने यह भी कहा कि नई प्रणाली स्थापित करने के लिए पुलिस दिलाराम चौक या कंवाली चौक चुन सकती है।इससे पहले, एक सीसीटीवी को असरोडी और जोगीवाला में स्वचालित चालान सक्षम करने के लिए स्थापित किया गया था, लेकिन यह पहल ज्यादा नहीं चल सकी क्योंकि एक कैमरा प्रणाली पूरी सड़क को कवर करने और अपराधियों को पकड़ने में सफल नहीं रही।