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चुनावी खर्चों, पार्टी और उम्मीदवारों पर रहेगी चुनाव आयोग की कड़ी नज़र

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मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया है कि विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2017 को शान्तिपूर्वक व निष्पक्ष रूप से कराये जाने के लिये भारत निर्वाचन आयोग ने तुनावों के दौरान राजनैतिक दलों/निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के द्वारा किये जाने वाले प्रचार-प्रसार के माध्यमों यथा वीडियो वैन, बाईक के प्रयोग, रोड शो, नाम निर्देशन के समय वाहन प्रयोग, मतदान के दिन वाहनों का प्रयोग, झण्डे का प्रयोग अस्थायी प्रचार कार्यालय, सिंगल विण्डो सिस्टम, रेलवे, बस स्टेशन, एयरपोर्ट आदि के स्पेस प्रयोग के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश दिये किये गए हैं।

  • श्रीमती रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारी एवं निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिये कि मुख्य निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये आयोग के निर्देशों की प्रति समस्त रिटर्निंग/सहायक रिटर्निंग आॅफिसरों, राजनैतिक दलों, निर्वाचन लड़ने वालें अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराने के साथ-साथ व्यापक प्रचार प्रसार भी सुनिश्चित किया जाए।
  • प्रत्येक माह के दूसरे और चैथे शनिवार के दिन रिटर्निंग आॅफिसर द्वारा किसी भी दशा में नामांकन पत्र प्राप्त नहीं किए जाएंगे।
  • वित्त मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना के तहत प्रत्येक माह के दूसरे और चैथे शनिवार को बैंकों के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। 
  • विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2017 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं सुव्यवस्थित ढंग से सम्पादित कराये जाने हेतु विभिन्न प्रकार की सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
  • कंट्रोल रूम में निर्वाचन व्यय लेखा प्रकोष्ठ, सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ, मीडिया प्रमाणीकरण एवं माॅनिटरिंग सेल तथा आदर्श आचार संहिता से सम्बन्धित सूचना प्रकोष्ठ स्थापित किये गए हैं।
  • निर्वाचन व्यय लेखा प्रकोष्ठ हेतु जे0सी0 जोशी, संयुक्त सचिव, वित्त आडिट एवं वित्त नियंत्रक को प्रभारी नियुक्त किया गया है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ हेतु ए.के. दधीचि, तकनीकि निदेशक, एन.आई.सी. को प्रभारी निुयक्त किया गया है।
  • इसी प्रकार डब्डब् ब्मसस हेतु नितिन उपाध्याय, उप निदेशक सूचना को प्रभारी निुयक्त किया गया है।
  • सूचना प्रकोष्ठ हेतु रजत मेहरा, आडिट आफिसर/सह प्रभारी, निर्वाचन व्यय लेखा प्रकोष्ठ द्वारा नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण का कार्य किया जाएगा।
  • कन्ट्रोल रूम से सम्बन्धी जानकारी हेतु दूरभाष नं0 0135-2713757 एवं फैक्स नं0-2713758 पर सम्पर्क किया जा सकेगा। गृह नियन्त्रण कक्ष के प्रभारी आर.आर. सिंह, संयुक्त सचिव, उत्तराखण्ड शासन का दूरभाष नं0 0135-2712033 है।
  • श्रीमती रतूड़ी ने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में पुलिस विभाग, आबकारी विभाग एवं आयकर विभाग के अधिकारियों की तैनाती करने के निर्देश जारी कर दिये गए हैं। उन्होंने बताया कि
  • पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में स्थापित कन्ट्रोल रूम में 01 पुलिस विभाग का वायरलेस सेट स्थापित कर उपनिरीक्षक स्तर के कार्मिक को प्रभारी के रूप में तैनात किया जाएगा।
  • आबकारी विभाग एवं आयकर विभाग द्वारा भी निर्वाचन कन्ट्रोल रूम में  विज्ञ अधिकारी तैनात किया जाएगा। प्रभारी के रूप में तैनात अधिकारियों द्वारा कन्ट्रोल रूम के सभी सम्बन्धितों से समन्वय बनाते हुए सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाएगा।

उपरोक्त सभी अधिकारी अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस.ए. मुरूगेशन, बी. षणमुगम, और डाॅ. नीरज खैरवाल के निर्देश में कार्य करेंगे।

आल इंडिया पुलिस जूडो क्लस्टर चैंम्पियनशिप में उत्तराखंड का अच्छा प्रदर्शन

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कोलकाता में चल रहे आल इंडिया पुलिस जूडो क्लस्टर चैंम्पियनशिप में उत्तराखंड ने अपने झंडे गाड़ दिये है। इस चैंम्पियनशिप में उत्तराखंड पुलिस द्वारा 4 ब्रॉउन्ज तथा 1 सिल्वर मेडल जीते गए हैं।इस चैंम्पियनशिप में लगभग सभी राज्यों के टीमों ने हिस्सा लिया है। 4 मेडल्स में से 3 मेडल जूडो में तथा 1 मेडल ताइक्वान्डों में मिला।

मेडल जीतने वाले खिलाड़ी इस प्रकार हैं-

  • जूडो महिला 63 कि. ग्रा. भार में डिंपल जोशी तथा इसी में 70 कि.ग्रा. भार में सैली मनराल द्वारा एक एक ब्रॉउन्ज मैडल जीता गया।
  • जूडो महिला 78 कि. ग्रा. भार में शालू द्वारा 1 सिल्वर मैडल जीता गया।
  • ताइक्वांडो महिला 73 कि.ग्रा. भार में संजू चौधरी द्वारा 1 ब्रॉउन्ज मैडल जीता गया।

फिल्म अभिनेता ओम पुरी का निधन

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दक्षिण एशिया के महान अभिनेता और पद्मश्री ओमपुरी का शुक्रवार की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 66 साल के थे। ओमपुरी न सिर्फ बॉलीवुड सिनेमा, बल्कि पाकिस्तानी, ब्रिटिश और हॉलिवुड फिल्मों में भी अपनी बेमिसाल अदाकारी के लिए जाने जाते रहे। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री की उपाधि दी गई और उन्होंने ‘आरोहण’ और ‘अर्धसत्य’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल किया था।

हरीश रावत-केंद्र आमने सामने, दिल्ली में किया शक्ति प्रदर्शन

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चुनावों की घोषणां के साथ ही उत्तराखंड की राजनीतिक तस्वीर भी बदलती दिख रही है। कल तक राज्य के दौरों और ऩई योजनाओं के शिलान्यास में व्यस्त मुख्यमंत्री हरीश रावत गुरुवार को आंदोलन करते दिखे। दिल्ली के जंतर मंतर पर हरीश रावत ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और पार्टी नेताओं के साथ केंद्र सरकार द्वारा भागीरथी ईको सेंसिटिव जोन मामले पर सरकार के खिलाफ धरना दिया। कांग्रेस का कहना है कि इस मामले में केंद्र जिस तरह राज्य पर फैसले को थोप रहा है, उससे संघीय व्यवस्था को चोट पहुंच रही है। उधर, मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर दोहराया कि भागीरथी इको सेंसिटिव जोन का राजनीति से लेना-देना नहीं है। उन्होंने आवाज नहीं उठाई तो जनता को हमेशा शिकायत रहेगी। इससे पहले भी कांग्रेस सरकार कहती रही है कि:

  • राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को पूर्व में प्रेषित भागीरथी ईको सेंसिटिव जोन के जोनल मास्टर प्लान को यथावत रखकर उसी पर बल दिया जाय।
  • प्रकरण में भारत सरकार/राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ¼NGT½ द्वारा राज्य के हितों के विपरीत निर्णय दिये जाने की दशा में, निर्णयों का विरोध औचित्यपूर्ण आधार के साथ मा. उच्चतम न्यायालय में अपील योजित करके किया जाये।
  • अन्य हिमालयी प्रदेशों में जल विद्युत परियोजनाओं को स्थापित किये जाने हेतु दी गई  व्यवस्था के अनुरूप ही उत्तराखण्ड राज्य को भी अनुमति प्रदान की जाये अन्यथा की स्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति स्वरूप राज्य को विद्युत आपूर्ति की जाये। इस सम्बन्ध में भारत सरकार से अनुरोध कर लिया जाये।
  • राज्य द्वारा पर्यावरण कानूनों का पूर्ण पालन करते हुए ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए सराहनीय प्रयास किये गये हैं तथा इस हेतु राज्य सरकार को ग्रीन बोनस दिये जाने के सम्बन्ध में भारत सरकार से अनुरोध कर लिया जाये।
  • अन्य हिमालयी प्रदेशों के ईको सेंसिटिव जोन में भू-उपयोग परिवर्तन राज्य सरकार स्तर पर किये जाने की व्यवस्था दी गई है। स्टीप स्लोप के सम्बन्ध में देशभर में लागू इण्डिन रोड कांग्रेस स्टैण्डर्ड – आई.आर.सी. 73 को लागू किया गया है। उक्त के समान ही भू-उपयोग परिवर्तन एवं स्टीप स्लोप के मानकों को भागीरथी ईको सेंसिटिव क्षेत्र में भी लागू किया जाये।
  • Western Ghat Eco Sensitive Zone, महाराष्ट्र एवं अन्य हिमालयी प्रदेशों के लिये जारी किये गये ईको सैंसिटिव जोन की अधिसूचनाओं के अनुरूप ही विकास हेतु पर्यावरण मानकों में प्राप्त छूट के समान ही प्रदेश को प्रदान की जाये।

इस मौक़े पर कांग्रेस ने अपना राजनीतिक दम दिखाने में कोई कसर नही छोड़ी। प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, सासंद प्रदीप टम्टा, कांग्रेसी विधायक और समर्थक सभी भारी संख्या में मौजूद रहे। चुनावी रण का आगाज़ हो गया है और भागीरथी इको सेंसिटिव जोन को चुनाव के मौके पर सियासी मुद्दा बनाने की कोशिश में कांग्रेस जुट गई है। अपने जीवन की शायद अबतक की सबसे कांटे की लड़ाई सड़ रहे हरीश रावत के लिये अपने चुनावी तरकश में तीरों को धार देने का समय आ गया है।

राज्य चुनाव आयोग ने चुनावों के लिये कमर कसी

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केंद्रीय चुनाव आयोग के पांच राज्यों में चुनावों का ऐलान करते ही सभी राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। इसके चलते देहरादून में राज्य की मुख्य चुनाव अधिकारी राधी रतूड़ी ने बताया कि :

  • आचार संहिता सभी मंत्रियों और दर्जा प्राप्त राज्य मंत्रियों पर लागू होती है
  • सभी अधिकारियों को आचार संहिता को सख्ताई से लागू कराने के निर्देश दे दिये गये हैं।
  •  शुक्रवार 20 जनवरी को चुनावों की अधिसूचना जारी होगी
  • नामांकन भरने की आखिरी तारीख 27 जनवरी
  • नामांकन की जांच 30 जनवरी तक होगी
  • नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 1 फरवरी
  • मतदान की तारीख 15 फरवरी
  • मतगणना की तारीख 11 मार्च

प्रदेश के 10 हजार 854 पोलिंग बूथ पर मतदान होना है। इस बार चार विधानसभा क्षेत्रों में वीवी पैट मशीन का इस्तेमाल होगा। इससे मतदाता देख सकेंगे कि उन्होंने किस प्रत्याशी को अपना मत दिया है। वीवी पैट मशीन का इस्तेमाल दून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर के जिलों में की जायेगी।इस बार पार्टियां निर्वाचन आयोग से स्टार प्रचारकों, जनसभाओं और रैलियां के लिए ऑन लाइन परमिशन ले सकती है। वही मतदाता भी आयोग से ऑन लाइन अपनी शिकायतें को भी दर्ज करा सकते हैं।

इस मौके पर आई जी दीपम सेठ ने भी बताया कि चुनावों को सही तरीके से कराने के लिये सुरक्षा को रोडमैप भी तैयार कर लिया गया है। इस रोडमैप के हिसाब से फोर्स की मांग और उसके अनुसार डिप्लोयमेंट किया जायेगा।

चुनावों के लिये चुनाव आयोग ने की हैं खास तैयारियां

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Election
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चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इस वर्ष पांच राज्यों गोवा,पंजाब,मणिपुर,उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसमें 690 विधानसभा सीटें हैं।

  • इस वर्ष आयेग के हिसाब से 5 राज्यों में 16 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे।
  • राज्य में वोटिंग के लिए बनाए गए हर पोलिंग स्टेशन पर वोटरों की सुविधा के लिए बनाया जायेगा एक असिस्टेंस बूथ जिससे वोटरों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
  • पांच राज्यों में कुल मिलाकर 1,85,000 पोलिंग स्टेशन बनाए जाऐंगे और पोलिंग के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल होगा।
  • पोलिंग बूथ के बाहर सभी जानकारियों पोस्टर पर लगा दी जाएंगी जिसपर वोटरों के नियमों का उल्लेख होगा।
  • पोलिंग बूथ पर वोटर्स की मदद के लिए गाइड होंगे और वोटरों को फोटो वाली वोटर स्लिप मिलेगी।
  • चुनाव उम्मीदवारों को चुनाव से पहले अपना बैंक खाता खुलवाना अनिवार्य होगा
  • इस बार वोटरों को ध्यान में रखकर बनाए जाऐंगे पोलिंग बूथ तथा ईवीएम के पास लगाई जाएंगी ऊंची दीवार ताकि कोई और न देख पाए कि आपने किसको दिया है अपना वोट।
  • राज्यों में कुछ जगहों पर महिलाओं के लिए अलग पोलिंग बूथ भी होंगे।
  • पांच राज्यों में से यूपी,उत्तराखंड और पंजाब के प्रत्याशी 28 लाख तक खर्च कर सकेंगे और बाकी दो राज्य गोवा,मणिपुर 20 लाख खर्च कर सकेंगे ।
  • अगर उम्मीदवार 20 हजार से ज्यादा का चंदा और कर्ज लेते है तो उन्हें बैंक चेक से लेनी होगी यह धनराशि।

चुनाव आयोग ने मीडिया को अहम हिस्सा बताते हुए अनुरोध किया कि मीडिया सारी जानकारी लोगों तक पहुचाएं। सोशल नेटवर्किंग साइट जैसे कि टिव्टर,फेसबुक आदि को चुनाव आयोग ने बढ़ावा दिया है तथा कहा कि पेड न्यूज पर भी इस बार आयोग की नजर रहेगी।आयोग ने कहा कि राजनितिज्ञों और पार्टीयों के नेतृत्व में चलने वाले न्यूज़ चैनल,अखबार आदि पर नजर रखने के लिए मीडिया मानेटरी कमेटी का गठन किया जाएगा जो पेड न्यूज पर पूरी नजर रखेंगे। सभी राज्यों में वोटों कि गिनती 11 मार्च को होगी।

15 फ़रवरी को पड़ेंगे उत्तराखंड में वोट, पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान

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चुनाव आयोग ने बुधवार को उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में चुनावों की तारीख का ऐलान कर दिया है। उत्तराखंड में वोटिंग 15 फ़रवरी को होगी और मतों की गणना का काम 11 मार्च को होगा।

इस ऐलान के साथ ही देश में आचार संहिता लागू हो गई है। इसके चलते अब देश में कहीं भी कोई ऐसे कदम नहीं उठाये जा सकते जिसे वोटरों को लुभाने का कदम माना जाये। यानि कि अब पांचों राज्य फुल चुनावी मोड में आ गये हैं। इसके साथ ही अन्य चार राज्यों में भी चुनावों की तारीखों का ऐलान भी किया गया है:

उत्तर प्रदेश
पहला चरण: फ़रवरी 11, 73 सीटें
दूसरा चरण:फ़रवरी 15, 67 सीटें
तीसरा चरण:फ़रवरी 19, 69 सीटें
चौथा चरण:फ़रवरी 23, 53 सीटें
पांचवां चरण: फ़रवरी 27, 52 सीटें
छठा चरण: मार्च 4, 49 सीटें
सांतवां चरण: मार्च 8, 40 सीटें
उत्तराखंड: फ़रवरी 15
पंजाब:फ़रवरी 4
गोवा:फ़रवरी 4
मणिपुर:पहला चरण: मार्च 4, दूसरा चरण: मार्च 8
केंद्रीय गृह मंत्रालय पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में तैनाती के लिए करीब 85,000 सुरक्षा कर्मी मुहैया कराएगा। इसके अलावा करीब 100 कंपनियां विभिन्न राज्यों से ली जाएंगी जिन्हें चुनाव ड्यूटी में लगाया जाएगा। इन कंपनियों में राज्य सशस्त्र पुलिस बल और इंडिया रिजर्व बटालियन शामिल होंगी। अर्धसैनिक बल की एक कंपनी में करीब 100 कर्मी होते हैं।

रावत सरकार की आख़िरी कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार से टकराव

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मंगलवार को हरीश रावत सरकार की संभवत: आखिरी मंत्रीमंडल की बैठक हुई। बैठक में ईको सेंसिटिव जोन घोषित करने के प्रकरण में भारत सरकार द्वारा हिमालयी राज्यों के बीच दोहरे मापदण्ड अपनाये जाने पर खेद व्यक्त किया गया। विचारोपरान्त मंत्रिमण्डल द्वारा निम्न निर्णय लिये गये:

  • राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को पूर्व में प्रेषित भागीरथी ईको सेंसिटिव जोन के जोनल मास्टर प्लान को यथावत रखकर उसी पर बल दिया जाय।
  • प्रकरण में भारत सरकार/राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ¼NGT½ द्वारा राज्य के हितों के विपरीत निर्णय दिये जाने की दशा में, निर्णयों का विरोध औचित्यपूर्ण आधार के साथ मा. उच्चतम न्यायालय में अपील योजित करके किया जाये।
  • अन्य हिमालयी प्रदेशों में जल विद्युत परियोजनाओं को स्थापित किये जाने हेतु दी गई  व्यवस्था के अनुरूप ही उत्तराखण्ड राज्य को भी अनुमति प्रदान की जाये अन्यथा की स्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति स्वरूप राज्य को विद्युत आपूर्ति की जाये। इस सम्बन्ध में भारत सरकार से अनुरोध कर लिया जाये।
  • राज्य द्वारा पर्यावरण कानूनों का पूर्ण पालन करते हुए ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए सराहनीय प्रयास किये गये हैं तथा इस हेतु राज्य सरकार को ग्रीन बोनस दिये जाने के सम्बन्ध में भारत सरकार से अनुरोध कर लिया जाये।
  • अन्य हिमालयी प्रदेशों के ईको सेंसिटिव जोन में भू-उपयोग परिवर्तन राज्य सरकार स्तर पर किये जाने की व्यवस्था दी गई है। स्टीप स्लोप के सम्बन्ध में देशभर में लागू इण्डिन रोड कांग्रेस स्टैण्डर्ड – आई.आर.सी. 73 को लागू किया गया है। उक्त के समान ही भू-उपयोग परिवर्तन एवं स्टीप स्लोप के मानकों को भागीरथी ईको सेंसिटिव क्षेत्र में भी लागू किया जाये।
  • Western Ghat Eco Sensitive Zone, महाराष्ट्र एवं अन्य हिमालयी प्रदेशों के लिये जारी किये गये ईको सैंसिटिव जोन की अधिसूचनाओं के अनुरूप ही विकास हेतु पर्यावरण मानकों में प्राप्त छूट के समान ही प्रदेश को प्रदान की जाये। 
  • सी.पी.सी.बी. द्वारा 25 मेगावाॅट तक के जल विद्युल परियोजनाओं को व्हाइट कैटेगरी की श्रेणी में रखा गया है तथा ई.आई.ए. ¼Environment Impact Assesment½ नोटिफिकेशन 2006 के अन्तर्गत भी इन परियोजनाओं को पर्यावरण स्वीकृतियों से छूट प्राप्त है। अतः अन्य हिमालयी प्रदेशों की तरह ही उत्तराखण्ड में भी 25 मेगावाॅट तक की जल विद्युत परियोजनओं को स्थापित करने की अनुमति प्रदान की जाये। 

Transitional clause के अन्तर्गत भागीरथी ईको सैंसिटिव जोन नोटिफिकेशन की तिथि से पूर्व भगीरथी एवं सहायक नदियों में अनुमन्य/ क्रियान्वित की जा रही जल विद्युत परियोजनाओं को स्थापित किये जाने की अनुमति प्रदान की जाये। 

डीएफओ निलंबन पर विरोध में वनकर्मियों ने सरकार को दिया अल्टिमेटम, फैसला वापस न होने पर करेंगे आंदोलन

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मंगलवार दोपहर जबसे ये ख़बर आई की लैंसडाउन के डीएफओ मयंक शेखर झा को शासन ने हाई प्रोफाइल गिरफ्तारियों के मामले के चलते निलंबित कर दिया है तभी से प्रदेश की राजनीति भी गर्मा गई। मामला बड़े उद्योगपतियों से जुड़ा था इसलिये राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया संभल कर दी। लेकिन डीएफओ के समर्थन में राज्य के वन कर्मचारी खुल कर सामने आये। विभिन्न वन कर्मचारी संगठनों ने एक हस्ताक्षर कैंपेन चलाकर सरकार को इस कदम को वापस लेने के लिये अल्टिमेटम दे दिया। इस मामले में वन विभाग के तमाम संगठनों ने मंगलवार को कोटव्दार में एक आपात बैठक की।इस बैठक में सर्वसम्मति से कहा गया कि:

  • मयंक शेखर एक ईमानदार वन अधिकारी हैं
  • उक्त मामले में बिना सही जांच के लिये गया ये फैसला एक तरफा है
  • इस फैसले को सरकार को तुरंत प्रभाव से वापस लेना चाहिये
  • ऐसे कदमों से अधिकारियों कर्मचारियों के मनोबल पर बुरा असर पड़ेगा और वो ईमानगदारी से अपनी ड्यूटी नहीं कर पायेंगे

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वन कर्मचारी संगठनों ने सरकार को इस बाबत एक ज्ञापन भी दिया है और अपनी मागों पर एक्शन के लिये सरकार को 4 जनवरी तक का समय दिया है। इसके बाद कर्मचारी संगठनों ने राज्यभर में अनशन और कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।

गौरतलब है कि उद्योगपति समीर थापर और उनके 15 साथियों को पुलिस ने बीती 31 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। इनमें एक शख्स फिल्म जगत की जानी-मानी हस्ती के करीबी रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। छापे में गेस्ट हाउस के कमरों से अत्याधुनिक हथियार, जिंदा कारतूस और शराब की बोतलें बरामद हुईं। गिरफ्तार लोगों के खिलाफ जंगल में हथियार ले जाने, आरक्षित वन क्षेत्र में बिना अनुमति टेंट लगाने के साथ ही शराब रखने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

 

पौड़ी के एसएसपी मोहसिन मुख्तार ने बताया कि कुछ लोगों के फौज की वर्दी में स्वचालित हथियारों के साथ जंगल में घुसने और वहां वन्य जीवों का शिकार करने की आशंका की सूचना मिली थी। इसके चलते लैंसडोन वन प्रभाग के कोल्हूचौड़ विश्राम गृह पर छापा मारा गया। यहां मोहिंदर सिंह के नाम से तीन कमरे बुक थे, लेकिन सभी लोग परिसर में टेंट लगाकर ठहरे हुए थे।

  • तलाशी में विश्राम गृह के एक कमरे से
  • शराब की 171 बोतलें और
  • दूसरे कमरे से जर्मन निर्मित 300 बोर रायफल,
  • 23 जिंदा कारतूस, टेलीस्कोप बरामद हुए
  • वहां मौजूद आरिफ खान नामक व्यक्ति के कब्जे से 375 बोर के 15 कारतूस बरामद मिले
  • मौके से कच्चा-पक्का मांस भी मिला, जिसे परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है

इस मामले में पुलिस ने समीर थापर , जयंत नंद , मनोज सहगल , सिद्धार्थ, आरिफ हुसैन, पंचकुला निवासी रोहित सिंह डागर, बिहार निवासी राजकमल, दिल्ली निवासी सुनील कुमार, राहुल राव, नरेंद्र आनंद, राजीव खन्ना, करनाल (हरियाणा) निवासी रणदीप मान व उनका भाई स्वर्णदीप, सुरजीत सिंह मान, होशियारपुर (पंजाब) निवासी मोहिंदर सिंह, अमृतसर (पंजाब) निवासी राजीव जैन और चंडीगढ़ निवासी रोमी भट्ट को गिरफ्त़ार किया है।

मामला हाईप्रोफाइल होने के चलते पुलिस घंटों पसोपेश में रही, मुकदमा की कार्यवाही पूरी करने में ही चार घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया। इसके लिए उन्हें वन काननू की किताबों के पन्ने भी उलटने पड़े। फिलहाल अदालत ने आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

आप भी देहरादून के बीचो बीच जेल में बैठ कर खाने का लुत्फ़ उठा सकते हैं

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उत्तराखंड भी अब किसी भी मामले में मेट्रो शहरों से कम नही है चाहे वो फैशन हो, यहां के युवाओं का स्टाईल ,या फिर यहां के रेस्तरां हो।  आज हम अपनी कहानी में देहरादून के कुछ ऐसे फूड आउटलेटों की बात करेंगे जो युवाओं के बीच तो लोकप्रिय है ही, इसके थीम्स इतने हट के हैं कि लगभग हर उम्र के लोग इन रेस्टोरेन्ट की तरफ आकर्षित होते हैं।

मैरीगोल्ड कैफे
मैरीगोल्ड कैफे

अगर आप फूड लवर हैं तो आप कैरवान गांव स्थित मैरीगोल्ड कैफे जरुर गए होंगे। य़हां हमने कैफे के मालिक और तीन पार्टनर में से एक कुमुद तैमनी से बातचीत की। रेस्टोरेंट के इंटिरीयर के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि वो अपने आउटलेट के इंटिरीयर को ऐसे डिजाईन करते हैं कि उनके कस्टमर उस एंबिऐंस में आराम से बैठकर खाने पीने के साथ आस पास के वातावरण का लुत्फ उठा सके। वो बताती हैं कि “हमने अपना रेस्टोरेंट किसी प्रोफेशनल की मदद से नहीं बल्कि खुद डिजाइन किया है और बहुत ही बारीकियों से तैयार किया है जिससे वहां आने वाला हर कस्टमर कैफे में एक एक पल को इंज्वाय कर सके।” कुमुद बताती हैं कि वो खाने के साथ साथ अपने कस्टमर के साथ बराबर जुड़ी रहती हैं जिसकी मदद से वह अपने कैफे की कमियों को जान सके और उसपर काम कर सके। उनका मानना है कि अपना कैफे खुद डिजाइन करने की वजह से उसमें पर्सनल टच है और लोगों को भी यह काफी पसंद आता है। इसी वजह से यह शहर के बाकी सभी आउटलेट से अलग है और शायद यही वजह है कि आने वाले लोग हमारे खाने के साथ साथ हमारे इंटिरीयर की भी तारीफ करते हैं।इस कैफे का फर्नीचर हरे रंग का है जो थीम का हिस्सा है और कैफे की खूबसूरती पर चार चांद लगाता है। तो अगर आप यहां नहीं गए तो जाइए और इनके अलग अलग तरह के सैंडविच,पास्ता और मोमो जरुर ट्राई करें।

 

इसके बाद बात करते हैं शहर के ही एक और फेमस “द जेल कैफे” की। जी हां किसी खाने की जगह के लिये ये नाम कुछ अटपटा ज़रूर लगता है लेकिन कैफे के मालिक प्रियंक माहेश्वरी बताते हैं कि जेल की थीम लेने का मुख्य कारण था देहरादून में मेट्रो शहरों की तरह थीम पर आधारित रेस्टोरेंट की कमी। वो बताते हैं कि देहरादून में यह पहला इस तरीके का कैफे है और शायद आस पास के शहरों में भी ऐसा कोई रेस्टोरेंट नहीं है। आजकल लोग इस तरह के कांसेप्ट को तो पसंद करते ही है साथ में अच्छा खाना भी हमारी खास बात है। यहां तक की कुछ कस्टमर यहां सिर्फ इसलिए आते हैं क्योंकि उन्हें थीम अच्छी लगती है और वो वहां कि फोटो खींच के औरों को भी दिखाते हैं। हालांकि प्रियंक ने बताया कि कैफे का फर्नीचर बहुत ज्यादा आरामदायक नहीं है क्योंकि वो कैफे के थीम के साथ मेल नही खाता लेकिन फिर भी कोई यह नहीं कह सकता कि हमारा फर्नीचर ठीक नही है।अगर आप अब तक यहां नहीं गए तो एक बार जाएं और इनका इंटीरीयर खुद देखे।

स्ट्रिंगस एेंड बाॅउल
स्ट्रिंगस एेंड बाॅउल

अगला आउटलेट है ओल्ड मसूरी रोड स्थित स्ट्रींग एंड बाउल कैफे जिसके मालिक रोहित जोशी पहले एक फेमस बैंड स्वास्तिक के गिटारिस्ट थे। उनसे थीम के बारे में पूछने में उन्होंने बताया कि आजकल थीम लोगों के लिए महत्तवपूर्ण है क्योंकि थीम के जरिए लोग खुद को माहौल से कनेक्ट करते हैं। उनके हिसाब से थीम का होना जरुरी है लेकिन खाने की क्वालिटी भी बहुत जरुरी है क्योंकि लोग थीम देखने एक बार आते हैं लेकिन खाना ही एक कैफे में लोगों को बार बार ले जाता है। उनके मुताबिक हर किसी का माइंडसेट अलग होता इसलिए कस्टमर अपना समय एक थीम और अच्छे खाने के साथ बिताना चाहते हैं। रोहित बताते है कि खुद एक म्यूजिकल बैकग्राउंड से होने की वजह से उन्होंने अपने कैफे को म्यूजिकल थीम में तैयार किया है जिसमें हम लाईव म्यूजिक को प्रमोट कर रहे क्योंकि देहरादून में टैलेंट की कमी नहीं है। कैफे में आने वाले कस्टमर हमारे थीम से तो इंप्रेस होता ही हैं साथ में हमारे लाइव म्यूजिक का आनंद भी वो पूरी तरह से लेते हैं। रोहित के मुताबिक उनका कैफे देहरादून का एक ऐसा कैफे है जहां हर समय खाने के साथ लाइव म्यूजिक सुनने को मिलता है। वो बताते हैं कि उन्होंने अपने कैफे को राॅ फील देने के लिए एकदम अलग फर्नीचर चुना है।इस कैफे की खास बात है यहां का लाइव म्यूजिक और अगर आप यहां नही गए तो एक बार जरुर जाएं और यहां के स्पेनिश और कार्न सेंडविच,ड्रैगन आफ फायर,और तरह तरह के माकटेल इंज्वाय करें।

तोअगली बार आप शहर में हो और कहीं कुछ मस्ती के पल बिताने का मूड बनें तो अपने दोस्तों औऱ परिवार के साथ इन जगहों का रुख ज़रूर करें।