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आखिरी सासें गिन रहा है ऋषिकेश का “बीटल्स आश्रम”

योग और अध्यात्म को देश विदेश में नई पहचान दिलाने के लिये सरकार नये नये प्रयोग करने में लगी हैं। लेकिन सरकारी उदासीनता की एक जीती जागती मिसाल विश्व प्रसिद्ध महर्षि महेस योगी की चौरासी कुटिया बन गई है। ऋषिकेश योग की राजधानी के रूप में पुरे विश्व में अपनी खास पहचान रखता है। जहां एक तरफ ऋषिकेश में इंटरनेशनल योग फेस्टिवल अपने पूरे शबाब पर है वहीं विश्व भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही महर्षि महेश योगी की चौरासी कुटिया सरकारी उदासीनता की मिसाल बनकर रह गई है। ऋषिकेश के इस आश्रम को देश विदेश में योग का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। कहा जाता है कि यहीं से निकल कर योग पुरे विश्व में फैला था, लेकिन सरकार के उदासीन रवैये के चलते आज भी ये जगह सिर्फ दिखावे की बनकर रह गयी है। ये आश्रम उत्तराखंड की एक ऐसी धरोहर है जिसके दीवाने पुरे विश्व में फैले हुए हैं। विदेशियों की ज़ुबान पर ऋषिकेश के बीटल्स आश्रम का नाम एक आम बात है लगभग 30 साल के बाद ये विरासत आम आदमी के लिए खोल तो दी गयी लेकिन इसका फायदा किसी भी योग प्रेमी को नहीं मिल पा रहा है। 

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महर्षि महेश योगी ने भारतीय योग को विदेशियों से रूबरू करवाया। ऋषिकेश के गंगा तट पर 60 के दशक में एक प्राचीन और वैज्ञानिक पद्धति की मिसाल शंकराचार्य नगर बसाया। इसमें गोल गुम्बदाकार 84 कुटियाओं का निर्माण किया जो आज भी अपनी कारीगरी के लिये विश्व प्रसिद्ध हैं। यहाँ योग के लिए गुम्बदाकार गंगा के पत्थरों से बानी योग कुटिया है जो उस दशक में यूरोपियन स्टाइल में बनी। दो मंजिला बनी इन कुटियाओं में इंग्लिश टॉयलेट आदि की सुविधा है। ऐसी जगह पर उस दशक के मशहूर बैंड बीटल्स की शुरुवात हुई और बीटल्स ने यहाँ गंगा के तट पर 13 गाने लिखे और उनकी धुन बनायीं। यही कारण है इस जगह के दीवाने इसकी एक झलक पाने के लिए आज भी सात समंदर पार से ऋषिकेश में स्थित चौरासी कुटिया का रुख करते हैं। गौरतलब है कि करीब तीस दशकों बाद राजाजी टाईगर रिजर्व पार्क ने विश्व भर के योग प्रेमियों के लिये महर्षि महेश योगी के आश्रम को खोल दिए और यहाँ देशी-विदेशी पर्यटको को घूमने की इजा़त दे दी। लेकिन योग की इस धरती को योग से ही मरहूम कर दिया जिससे यहाँ के योग प्रेमियों और बुद्धिजीवियों में निराशा है। चौरासी कुटिया उस समय पुरे विश्व में हॉट प्लेस के रूप में दुनिया के सामने आयी जब 60 और 70 के दशक में मशहूर बैंड बीटल ने ऋषिकेश का रुख किया ,ये वो समय था जब पश्चिम को भारतीय योग और आध्यात्म के बारे में पता चला। विदेशी जानकार  बताते है कि यही जो समय था जब ईस्ट मीट वेस्ट की शुरुआत हुई। बीटल्स की देखा देखी बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों ने भारत का रुख करना शुरू किया। विदेशियों में आज भी इस आश्रम को देखने का बड़ा क्रेज है। रूस से आये मिट्रीय ने बताया की आज तक यहाँ का आध्यात्मिक वातावरण और गंगा का प्राकर्तिक सौन्दर्य नयी ऊर्जा का संचार करता है। 

इसे विडंबना ही कहेंगे कि जहां एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही योग पर अपना हक जमाने के लिये लगातार करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं वहीं सालों पहले योग को विदेश में प्रचलित करने के लिये देश विदेश में मशहूर इस आश्रम की आज ऐसी हालत है।

यूएनडीपी के तहत सुधरेगी हिम तेंदुओं की हालत

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विलुप्ति के कगार पर पहुंचे हिम तेंदुओं (स्नो लैपर्ड) का वजूद बचाए रखने को संयुक्त राष्ट्र ने हाथ बढ़ाए हैं। अब तक के सबसे बड़े महत्वाकांक्षी यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (यूएनडीपी) के तहत हिमालय क्षेत्र में स्नो लैपर्ड के आवास क्षेत्रों को उसके माकूल बनाया जाएगा। वहीं उसके संरक्षण के लिए ट्रैप कैमरे से लगातार मॉनीटरिंग व पैट्रोलिंग की जाएगी। खास बात यह होगी कि वन कर्मियों को बर्फ के लिहाज से उतनी ही बेहतर सुविधाएं व संसाधन भी मुहैया कराए जाएंगे। देश में हिम तेंदुओं का कुनबा बढ़ाने को अध्ययन व संरक्षण की शुरुआत उत्तराखंड से होगी।

बताते चले कि भारत में तकरीबन 75 हजार वर्ग किमी के हिमालयी दायरे में विचरण करने वाला हिम तेंदुआ संकट में है। प्रकृतिक संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ की लाल सूची में दर्ज स्नो लैपर्ड की गंगोत्री घाटी के सुंदरढूंगा ग्लेशियर में मौजूदगी पिछले दिनों कैमरे में कैद की जा चुकी है। कुमाऊं के सीमांत पिथौरागढ़ जिले में भी अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिम तेंदुए की मौजूदगी दर्ज की गई है।
इधर हिम तेंदुओं का अस्तित्व बचाने के लिए वन मंत्रालय की पहल पर संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन के लिए काम करने वाली इकाई ने न केवल हामी भरी है, बल्कि प्रोजेक्ट का रोडमैप आखिरी चरण में पहुंच गया है।
यूएनडीपी के तहत उत्तराखंड में समुद्री सतह से 3500 से 7000 मीटर की ऊंचाई पर हिमालयी क्षेत्र में हिम तेंदुओं के वास स्थलों को सुधारा जाएगा। वन चौकियों को और सुदृढ़ बना स्नो लैपर्ड कॉरिडोर पर कैमरा ट्रैप लगाए जाएंगे। बर्फीली बेल्ट में वन कमियों को पैट्रोलिंग व मॉनीटरिंग में बाधा न पहुंचे, उन्हें वर्दी व अन्य साजोसामान से लैस किया जाएगा। हिमालयी राज्य के बाद हिम तेंदुओं की मौजूदगी वाले जम्मू कश्मीर, हिमाचल व लद्दाख क्षेत्र में भी संयुक्त राष्ट्र के इस विकास प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाना है।

तो जानवरों को भी मिलेगा अपना आधार कार्ड

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केन्द्र सरकार मानव आधार कार्ड की तर्ज पर देशभर के 166 चिड़ियाघरों में मौजूद वन्यजीवों को भी विशिष्ट पहचान संख्या (यूआइडी) देने की तैयारी कर रही है। इस यूआईडी में जानवरों के नाम के साथ ही पूरी कुंडली केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) के पास होगी। इसके लिए सीजेडए ने कसरत तेज कर दी है। इसके तहत प्रथम चरण में बाघ, गैंडा जैसे संकटापन्न श्रेणी के जीवों को लिया गया है। उम्मीद है कि इस साल के आखिर तक वन्यजीवों को पहचान संख्या से लैस कर दिया जाएगा।
देहरादून में चिड़ियाघरों के निदेशकों की वार्षिक बैठक में भाग लेने दून पहुंचे सीजेडए के सदस्य सचिव डॉ. डीएन सिंह ने बताया कि वैश्विक स्तर पर जानवरों की मार्किंग और पहचान की कवायद चल रही है। इस कड़ी में सीजेडए ने भी देश में पहल की है। चिड़ियाघरों में रहने वाले प्रत्येक जानवर को विशेष पहचान संख्या देने के साथ ही इनका बायोमीट्रिक तैयार किया जाएगा।
एक-एक जानवर का डेटा सीजेडए के पास उपलब्ध रहेगा। इससे इनके मैनेजमेंट में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि जैनेटिक बायोडायवर्सिटी के मद्देनजर सभी जानवरों के बाकायदा नाम रखने के साथ ही उनकी पूरी कुंडली तैयार की जाएगी। यह कार्य पूरा होने पर जानवरों की मैटिंग एक से दूसरे चिड़ियाघर के जानवरों के साथ कराई जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि चिड़ियाघरों के जानवरों पर पहचान के लिए खास कदम उठाए जा रहे हैं। डॉ. सिंह के अनुसार सांप, बाघ, गुलदार, गैंडा जैसे जानवरों के शरीर में चिप लगाई जाएंगी, जबकि हिरन आदि के कानों पर टैग लगेगा। वहीं पक्षियों के पैरों पर रिंग लगाई जाएंगी।
उन्होंने बताया कि देशभर में मौजूद पालतू हाथियों पर चिप लगाने का कार्य तीन साल पहले पूरा हो चुका है। इसका डेटा सीजेडए के पास उपलब्ध है। जाहिर है, इससे यह पता चल जाता है कि कौन सा हाथी कब और कहां मूवमेंट कर रहा है। चिड़ियाघरों के जानवरों पर चिप, टैग व रिंग लगने से उनके मूवमेंट पर भी नजर रहेगी।
चिड़ियाघरों के निदेशकों की वार्षिक बैठक में भाग लेने दून आए इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) के भारत में प्रतिनिधि पीआर सिन्हा ने बताया कि विश्वभर में आईयूसीएन के 11 हजार से अधिक विशेषज्ञ अलग-अलग क्षेत्रों में शोध कर रहे हैं। इसके तहत जलवायु परिवर्तन से वन्यजीवों पर पड़ रहे असर का भी आंकलन किया जा रहा है। अब तक के नतीजों पर नजर दौड़ाएं तो गंभीर स्थिति सामने आई है। पर्यावास पर असर पड़ने से वन्यजीवों के व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि अभी इसका बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है।

महिला ने पति पर एक बेटी बेचने के बाद दूसरी बेटी बेचने का दबाव बनाने का आरोप लगाया

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उत्तराखण्ड के रामनगर में दो बेटियों की माँ ने महिला आयोग से शिकायत दर्ज की है कि उनके पति ने बड़ी बेटी को रुपयों के लालच में बेच दिया है । आरोप है की दहेज़ लोभी पति ने दो लाख रूपये लेने के बाद जेवर भी हड़प लिए हैं और अब छोटी बेटी को भी बेचना चाहता है ।

रामनगर के राज्य महिला आयोग कार्यालय में पौड़ी गढ़वाल के थरालीसैड निवासी मनीषा, पुत्री उदय राम ढौंढियाल ने शिकायत दर्ज की कि उनकी शादी गर्जिया मंदिर में, नवम्बर 2014 को धूमाकोट निवासी महिपाल सिंह राणा, पुत्र जगत सिंह राणा से हुई थी । अपने पत्र में मनीषा ने कहा है कि उनकी पहली बेटी का जन्म नवम्बर 2015 को हुआ था जिसके बाद उनके पति ने बड़ी बेटी को बेच दिया और अब दूसरी बेटी को भी बेचने का दबाव बना रहा है । मनीषा ने अपने पति महिपाल पर कई बातों में झूट बोलकर शादी रचाने का आरोप लगाया, साथ में उसने पति पर मारने पीटने और समय समय पर मायके से दहेज़ में रूपये मंगाने जैसे गम्भीर आरोप भी लगाए है । उसने आरोप लगाया है कि पति ने अबतक दो लाख रुपया भी उससे ले लिया है और साथ में उसके जेवरों पर भी कब्ज़ा जमा लिया है । उन्होंने पति पर आरोप लगाया है कि वो न केवल उसका उत्पीड़न करता है बल्कि उसे जान से मारने की भी लगातार धमकी देते रहता है ।

शिकायत पत्र में काशीपुर का पता देते हुए मनीषा ने महिला आयोग को बीती 25 फरवरी को ख़त लिखा था । उन्होंने अपने ख़त में सुरक्षा की मांग की है और साथ में अपने पति के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही करते हुए सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने को कहा है ।

विज्ञान दिवस पर दिव्यांग बच्चों ने जमकर किये सवाल

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मंगलवार को पूरे देश में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस धूमधाम से मनाया गया और इसी बीच नैनीताल के आर्यभट्ट प्रशिक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान(एरीज) में नैशनल एसोसिएशन ऑफ़ द ब्लांइड (नैब) के दिव्यांग स्कूली छात्र छात्राओं को खगोलीय विज्ञान की जानकारी दी गई । एरीज के विज्ञान समन्वयक आर.के.यादव ने बताया की विज्ञान दिवस के मौके पर इन दिव्यांगों को अंतरिक्ष के रहस्यों को बताने के मकसद से इस कार्यक्रम को रखा गया है । उन्होंने बताया कि इन दिव्यांग छात्र छात्राओं को वैज्ञानिक तकनीक से अंतरिक्ष से रू ब रू कराया गया वहीँ इन्हें आधुनिक युग में विज्ञान का महत्व भी समझाया गया।

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इसके अलावा छात्र छात्राओं को वृत्तचित्र की आवाज का आभास कराकर स्पेस, सूर्य, टेलिस्कोप और चंद्रमा की गतिविधियों की जानकारी भी दी गयी। दिव्यांग बच्चों ने भी अपने उत्सुकता भरे सवालों को वैज्ञानिकों के समक्ष रखा जिसे वैज्ञानिकों ने सरल भाषा में इन बच्चों को समझाया । एरीज के प्रभारी निदेशक वाहबुद्दीन ने दिव्यांग बच्चों के साथ अपना ज्ञान बाटा । विज्ञान दिवस मानाने हल्द्वानी से नैनीताल पहुंचे नैब स्कूल के इन दिव्यांग बच्चों में काफी उत्साह दिखी । दिव्यांग छात्रा पूजा मेहता ने बताया कि ये हमारे जीवन के लिए एक नया ऐहसास जैसा है और यहाँ हमने अंतरिक्ष विज्ञान और देश के शीर्ष वैज्ञानिकों के बारे में जाना । वहीँ दिव्यांग छात्रा संगीता बिष्ट ने भी कहा कि उन्हें यहाँ आकर बहुत ख़ुशी मिली मिली है। 

गोलमाल 4 से तब्बू आउट

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रोहित शेट्टी की फिल्म गोलमाल की चौथी किश्त की अभी शूटिंग शुरु भी नहीं हुई है कि तब्बू के इस फिल्म से अलग होने की खबर मिल रही है।

मिली जानकारी के अनुसार, अपने रोल से नाखुश रहने की वजह से तब्बू ने इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया है। खबरों के मुताबिक, इस फिल्म में तब्बू का किरदार एक ऐसी महिला ज्योतिषी का था, जो मजेदार भविष्यवाणियां करती है। सूत्रों का कहना था कि पहली बार अपना रोल सुनकर तब्बू खुश थीं और उन्होंने इस फिल्म में काम करने के लिए सहमति दे दी थी, लेकिन जब पूरा रोल तैयार हुआ, तो इसे लेकर तब्बू नाखुश हो गईं और उन्होंने इस फिल्म से अलग होने का फैसला कर लिया। रोहित शेट्टी अब इस रोल में तब्बू की जगह किसी और को कास्ट करने के लिए काम कर रहे हैं। तब्बू के विकल्पों पर विद्या बालन से लेकर दिया मिर्जा और कोंकणा सेन शर्मा के नाम सुनने में आए हैं। तब्बू इस फिल्म में होतीं, तो गोलमाल सीरिज में वे पहली बार काम करतीं। निर्देशक रोहित शेट्टी के साथ तब्बू ने कभी काम नहीं किया, जबकि गोलमाल के हीरो अजय देवगन के साथ तब्बू ने कैरिअर के शुरुआत में विजयपथ और हाल ही में फिल्म दृश्यम में काम किया था। गोलमाल 4 की शूटिंग मार्च के पहले सप्ताह से गोवा में शुरु होने जा रही है।
फिल्म के सूत्रों का कहना है कि पहले शेड्यूल पर तब्बू के अलग होने का असर नहीं होगा, क्योंकि इस शेड्यूल में उनके ज्यादा सीन नहीं थे और अगले शेड्यूल तक उनका विकल्प तैयार हो जाएगा। गोलमाल 4 की टीम के नए सदस्यों में अजय की हीरोइन के तौर पर काम करने वाली परिणिती चोपड़ा हैं और हाल ही में शादी के बंधन में बंधने वाले नील नितिन मुकेश हैं। पुरानी टीम से तुषार कपूर, श्रेयस तलपड़े, अरशद वारसी के अलावा संजय मिश्रा, मुकेश तिवारी, जानी लीवर और मुरली शर्मा इस बार भी नजर आएंगे।

विभिन्न मांगों को लेकर बैंक कर्मियों की हड़ताल

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बैंकों का नियमित काम बाहरी स्रोतों से कराए जाने और अन्य समस्याओं पर बैंक कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ गया है। अपनी मांगों को लेकर यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस से जुड़े बैंक कर्मचारी मंगलवार को यहां हड़ताल पर हैं।

हड़ताली कर्मियों ने बताया कि सरकार की जनविरोधी नीतियों, ट्रेड यूनियनों के अधिकार समाप्त करने नोटबंदी के दौरान बैंक कर्मियों को उचित मुआवजा न दिए जाने आदि के खिलाफ बैंक कर्मचारी मुखर हैं। विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर हड़ताल की जा रही है।
एसबीआई अधिकारी एसोसिएशन के उपमहासचिव हरिओम रेखी और यूनियंस के संयोजक जगमोहन मेहंदीरत्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ट्रेड यूनियन के अधिकारों को कम करने और बैंकों के निजीकरण पर तुली हुई है। ऋण वसूली के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बैंक कर्मचारियों ने बढ़ते एनपीए (नॉन परफॉरमिंग असेट) से निपटने के लिए रिकवरी प्रक्रिया तेज गति में अपनाने की मांग की है। लेकिन बैंक कर्मियों की मांगों को प्रति उदासीनता अपनाई जा रही है। इसके कारण ही देशभर के 10 लाख से अधिक कर्मचारी एक दिवसीय हड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसमें बैंकिंग से जुड़ी सात मुख्य यूनियनें शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि बैंक कर्मचारियों की हड़ताल को सीटू की राज्य कमेटी ने समर्थन दिया है। सीटू(सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियन) के सचिव लेखराज ने कहा कि केंद्र सरकार बैंक कर्मियों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से बैंक कर्मियों की मांगों को तत्काल पूरा करने की मांग की है।

चारधाम यात्रा के लिये प्रशासन ने कमर कसी

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मंगलवार को आयुक्त गढ़वाल मंडल, विनोद शर्मा ने देहरादून में चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की। मंडलायुक्त ने संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व, पुलिस, लोक निर्माण विभाग व पर्यटन के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर यात्रा मार्गों का भौतिक सर्वे कर पाई जाने वाली कमियों को अगले एक माह में दुरूस्त कर लिया जाए। यात्रा मार्ग पर पेयजल, शौचालयों की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। किसी प्रकार की विपरीत स्थिति होने पर प्रशासन के अधिकारी यात्रियों के सम्पर्क में रहें। केदारनाथ व बदरीनाथ के साथ ही यमुनोत्री व गंगोत्री पर भी विशेष ध्यान देना होगा।  

इस साल यात्रा को देखते हुए प्रशासन ने सभी विभागों को कहा है कि;

  • यात्रा मार्ग पर जाने वाली बसों व अन्य वाहनों की फिटनेस सुनिश्चित कर ली जाए।
  • ओवर लोडिंग व शराब पीकर गाड़ी न चलाई जा रही हो। ऐसा करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जाए।
  • चारधाम यात्रा के दौरान ढ़ाबों पर खाने-पीने की वस्तुओं की रेटलिस्ट अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए। जिला प्रशासन अपने-अपने क्षेत्राधिकार में इसकी रेंडम चेकिंग करे।
  • यात्रा बसों पर यात्रा बोर्ड लगे होने चाहिए। बसों व टैक्सियों पर फोन नम्बर प्रदर्शित किए जाएं ताकि चालक द्वारा ट्रेफिक नियमों का उल्लंघन किए जाने पर यात्री शिकायत कर सकें।
  • चारधाम यात्रा में विभिन्न स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था कर ली जाए। ट्रेफिक जाम व अन्य अव्यवस्थाओ से बचने के लिए क्षमता के अनुसार ही वाहनों को अनुमति दी जाए।
  • यात्रा मार्ग के विभिन्न स्थानों पर तैनात पुलिस टीमों में सामंजस्य रहे। गढ़वाल मंडल विकास निगम अपने विश्राम गृहों को समय पर सुसज्जित कर लें।
  • यात्रा मार्ग पर मोबाईल टाॅयलेट के लिए सुलभ संस्था कार्ययोजना तैयार करे।
  • डीजीबीआर, लोक निर्माण विभाग व नेशनल हाईवे के अधिकारियों को यात्रा मार्ग पर यात्रा प्रारम्भ होने से पहले सभी काम  पूरे किये जायें।
  • बसों का संचालन संयुक्त रोटेशन समिति के माध्यम से होगा। परिवहन विभाग यात्रा से पूर्व ग्रीन कार्ड की व्यवस्था सुनिश्चित करे और यात्रा मार्गों पर चेक पोस्टों की स्थापना कर ली जाए।
  • चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग यात्रा मार्गों पर संयुक्त व प्राथमिक चिकित्सालयों के साथ अस्थाई चिकित्सा केंद्रों में डाॅक्टर व अन्य अपेक्षित स्टाॅफ की तैनाती के साथ ही जीवनरक्षक दवाईयां, उपकरण, पोर्टेबल आक्सीजन सिलेंडर व मोबाईल एम्बुलेंस आदि की व्यवस्था करें।
  • जल संस्थान यात्रा मार्ग पर पेयजल की व्यवस्था करेंगे व इसके साईनेज बोर्ड भी लगाएंगे।
  • विद्युत विभाग चारों धाम व हेमकुण्ड साहिब में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।
  • खाद्य व आपूर्ति विभाग अपने गोदामों में खाद्यान्न व्यवस्था रखेंगे।
  • पर्यटन विभाग द्वारा यात्रियों के फोटोमैट्रिक पंजीकरण के लिए समुचित संख्या में काउंटर स्थापित किए जाएंगे।
  • चारधाम यात्रा बस टर्मिनल ऋषिकेश में यात्रा पूछताछ केंद्र व टोल फ्री नम्बर संचालित किए जाएंगे।
  • किसी आपात स्थिति के लिए पुलिस व एसडीआरएफ की टीमों को तैयार रखा जाए।

29वें इंटरनेशनल योगा फेस्टिवल के रंग मे रंगी योग नगरी

अंतराष्ट्रीय योग नगरी के रूप में पुरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका ऋषिकेश एक बार फिर योग के प्रसार प्रचार के लिए तैयार हो गया है। योग का महाकुंभ कहे जाने वाले अंतराष्ट्रीय योग फेस्टिवल की मेज़बानी के लिये ऋषिकेश पूरी तरह तैयार है। 1 से 7 मार्च तक चलने वाले इस महोत्सव में योग के कई रंग मौजूद रहेंगे, जिसकी तैयारी पूरी हो चूकि है। गंगा के तट पर विश्व के जाने माने योग गुरु अपनी-अपनी योगकलाओं का आदान-प्रदान करेंगे। अंतराष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशिका साध्वी भगवती सरस्वती ने  बताया की इस बार के योग फेस्टिवल में 100 देशों से 1200 से अधिक देशी-विदेशी साधक हिस्सा लेगें। 2 मार्च को प्रधानसंत्री नरेंद्र मोदी योग फेस्टिवल में आये लोगों से विडियो कॉन्फ्रेंस से संभोधित करेंगे। इस के साथ साथ गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा भी गंगा तट पर योग महोत्सव का आयोजन करेंगे। गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंधक अतुल कुमार गुप्ता ने बताया की इस बार के अंतरास्ट्रीय योग महोत्सव को सफल बनाने के लिए सारी तैयारियां कर ली गई है  लिए विभिन्न देशों से योगाचार्यों को बुलाया जायेगा। हर साल की तरह इस साल भी ऋषिकेश के गंगा तट पर देश-विदेश से आये योग प्रेमी योग के इस महा कुम्भ में सम्मलित होते हैं।

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वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते मौसम में बदलाव

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पारे की उछाल के बीच उत्तराखंड में मौसम फिर करवट बदलने जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक गढ़वाल क्षेत्र में कहीं-कहीं हल्की वर्षा और बर्फ गिरने की संभावना है। एक व दो मार्च को यह सिलसिला कुछ तेज हो सकता है। जाहिर है, इससे पारे पर अंकुश लगने के साथ ही मौसम खुशुनमा बना रहेगा।
ज्ञात है कि सूबे में इन दिनों पारा उछाल भर रहा है। राज्यभर में अधिकतम तापमान सामान्य से दो से पांच डिग्री सेल्सियस तक अधिक चल रहा है। सोमवार को ही लें तो देहरादून में अधिकतम पारा पांच डिग्री की उछाल के साथ 28.1 डिग्री रहा। ऐसी ही स्थिति मुक्तेश्वर की भी रही। उधर, मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड की ओर रुख कर रहा है। इसके कारण ही पारे में उछाल आया है। उन्होंने बताया कि आज राज्य में पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखेगा। उन्होंने बताया कि आज सूबे में आंशिक तौर पर बादल रहेंगे। रात्रि में गढ़वाल मंडल में कहीं-कहीं हल्की वर्षा और चोटियों पर बर्फ गिर सकती है।
उन्होंने बताया कि एक व दो मार्च को राज्य में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। तीन मार्च को दोपहर या शाम से मौसम खुलने के साथ ही तापमान भी सामान्य के करीब आने लगेंगे।