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कार्यकर्ताओं और जनता का रखेंगे पूरा ध्यान- सीएम त्रिवेंद्र

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उत्तराखंड में सरकार बनने के बाद शनिवार को सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत और अजय भट्ट का बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री कार्यालय के मुख्य गेट पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं के साथ सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत का स्वागत किया।

मंच पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सीएम रावत ने सभी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ये प्रदेश भर के कार्यकर्ताओ की मेहनत और मोदी लहर का ही नतीजा है, कि बीजेपी को प्रचण्ड बहुमत मिला है। उन्होंने कहा कि इस जीत का हकदार कोई एक नहीं है बल्कि पूरा राज्य इस जीत का हकदार है।राज्य में बनीं बीजेपी सरकार कार्यकर्ताओं के भावनाओं का पूरी तरह ध्यान रखेगी। प्रदेश सरकार बिना किसी भेदभाव से राज्य में विकास को रफ्तार देगी। कार्यकर्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए उनकी सरकार हमेशा तत्पर है। जनता से बीजेपी कार्यकर्ताओं ने वादे किये है, उन्हें पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में तैनात अधिकारी भी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को नजर अंदाज न करें।

सीएम त्रिवेंद्र ने आगे कहा सरकार जनता पर खरा उतरने का प्रयास करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि संगठन भाजपा के लिए सर्वोपरी है। जिसकी अनदेखी नही की जा सकती है। भाजपा के हर कार्यकर्ता ने चुनाव में अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाई थी। जिसके बलबूते ही हम आज सत्ता की दहलीज पर है। ऐसे में सरकार को भी कार्यकर्ताओं के भरोसे को बनाएं रखना चुनौती होगी। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, सतपाल महाराज, डा. धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, विधायक खजान दास, शक्ति लाल शाह, पुष्कर सिंह धामी, गणेश जोशी , उमेश शर्मा काऊ, उमेश अग्रवाल, पुनीत मित्तल, विनय गोयल, विजय बंसल, ऊर्बा दत्त भटट आदि मौजूद रहे।

 

पिथौरागढ़ के बौना और तौमिक गांवों में होगा रेड चीफ सेब का उत्पादन

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पिथौरागढ़: विभिन्न प्रजातियों के सेब की पैदावार करने वाला जनपद पिथौरागढ़ का बौना और तौमिक गांवों को अपनी खोई पहचान फिर मिलेगी। कभी सेब उत्पादन के लिए देश और विदेश में पहचाने जाने वाले इन गांवों में फिर से सेब का उत्पादन होगा। इस बार परंपरागत सेब की जगह, ये गांव सेब की सबसे उत्तम प्रजाति रेड चीफ का उत्पादन करेंगे।

सात से साढ़े सात हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित बौना और तोमिक गांव कभी सेब उत्पादन के लिए जाने जाते थे। इन गांवों में पैदा होने वाला सेब देश के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों के माध्यम से विदेशों तक भी पहुंचता था। डेलीसस प्रजाति के इस सेब पर एक दशक पूर्व संकट आना शुरू हुआ और आज गांव में सेब का उत्पादन लगभग खत्म हो चुका है। इसका कारण तापमान में बढ़ोत्तरी होना बताया गया था। प

रंपरागत सेब के लिए कम से कम 300 घंटे चिलिंग प्वाइंट की जरूरत होती है। लेकिन ठंडे दिनों में इतना तापमान मिल नहीं पा रहा था। लंबे समय से इन गांवों में सेब उत्पादन फिर से शुरू करने की कवायद चल रही थी। उद्यान विभाग ने गांव की जलवायु में बदलाव का अध्ययन करने के बाद नए सिरे से सेब उत्पादन शुरू करने की मुहिम शुरू कर दी है। अध्ययन में सेब की रेड चीफ प्रजाति को उपयुक्त पाया गया है।

विभाग ने दोनों गांवों में इस प्रजाति के 5600 पेड़ लगाने का काम पूरा कर लिया है। बौना गांव में ही दस हेक्टेयर क्षेत्रफल में सेब के पौध लगाए गए हैं। किसानों को नए सिरे से सेब उत्पादन का प्रशिक्षण भी विभाग ने दिया है। सेब की इस प्रजाति के पौध पांच वर्ष में फल देने लगेंगे। उम्मीद है इस मुहिम से बौना और तोमिक गांवों की खोई पहचान फिर से कायम होगी।

एक्सक्लूसिवः ऋषिकेश रेंज में वनकर्मियों की मौजूदगी में नष्ट हो रही है शराब

एक ओर जहाँ ऋषिकेश वन क्षेत्र अपनी खूबसूरती के लिए जहाँ जाता है ,वन्य जीवों के संरक्षण की बात की जाती वहीँ दूसरी और प्रशासन द्वारा कुछ कार्य ऐसे किये जाते है जिससे इन जंगली जीवो को नुकसान पहुंचे सकता है।जी हां यह घटना ऋषिकेश देहरादुन हाईवे पर स्थित ऋषिकेश वन क्षेत्र के कॉरिडोर की है जहाँ पर पुलिस द्वारा कई पेटी देशी शराब  को जंगल में नष्ट  किया गया। जहाँ पर शराब को नष्ट किया गया वह  जंगली जानवरों के आने जाने वाला मुख्य मार्ग है।बड़ी बात यह थी की जब पूरी शराब को पुलिस विभाग जंगलात क्षेत्र में नष्ट कर रहा था तब इस जंगल की जिम्मेदारी  जिन वनकर्मियों पर है वही  जंगलातविभाग के वनकर्मी  वहीँ मौजूद था।

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जब अधिकारियो से इस बारे में जानकारी मांगी गई तो अधिकारियों की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नही मिल पाया। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि किन  कारणों से इन देशी शराब की पेटियों को जंगल में नष्ट किया जा रहा था? आखिर ये शराब किस की है और इसे कहा से पकड़ा गया है? क्या विभाग को इसकी जानकारी है भी या नहीं ,जब इन सवालो को ऋषिकेश पुलिस से जानना चाहs तो हर पुलिस कर्मी टालमटोल करता रहा और किसी के पास इसका ठोस जबाब नहीं था।गौरतलब है कि ऋषिकेश का क्षेत्र शराब के उपयोग के लिए प्रतिबंधित है पर यह ड्राई एरिया है ऐसे में वन विभाग और पुलिस की इस तरह की गतिविधि सवाल पैदा करती है।

हल्द्वानी: संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

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हल्द्वानी– नैनीताल हाईकोर्ट में तैनात एलआइयू के दारोगा सतनाम कंबोज की बेटी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसका शव घर से कुछ दूर झाड़ियों से मिला।

सतनाम का परिवार काठगोदाम के पॉलीशीट में किराए पर रहता है। आज सुबह तुलसी के पत्ते लाने की बात कहकर सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली उनकी बेटी ज्योति (15 वर्ष) घर से निकली थी।

काफी देर तक उसके नहीं लौटने पर परिवार और आसपास के लोगो ने तलाश शुरू की। पुलिस भी ज्योति की तलाश में जुट गई। करीब 12 बजे ज्योति घर से करीब 300 मीटर दूर एक खाली प्लाट में उगी झाड़ियों में पड़ी मिली। मौके से एक नुवान की खाली बोतल भी मिली है।

ज्योति को लेकर परिवार वाले नैनीताल रोड स्थित बृज लाल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ज्योति शहर के नैनी वैली स्कूल में स्कूल में पढ़ती थी। उनकी मौत से परिवार में कोहराम मच गया है। ज्योति के घर में माता पिता के अलावा एक जुड़वा बहन आरती और छोटा भाई अमन है।

हाई कोर्ट का वन श्रमिकों को तोहफा

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नैनीताल, हाई कोर्ट ने वन श्रमिकों को न्यूनतम वेतन व पहली जनवरी 2006 से एरियर का भुगतान करने का अहम आदेश पारित किया है। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के उत्तर प्रदेश बनाम पुत्ती लाल से संबंधित मामले में दिए फैसले को आधार बनाया है। कोर्ट के फैसले से 60 से अधिक श्रमिक सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।

वन श्रमिक भरत सिंह राणा व अन्य ने याचिका दायर कर कहा है कि वह अर्से से विभाग में सामयिक कर्मचारी के तौर पर कार्यरत हैं। सुनवाई के दौरान विभाग की ओर से कहा गया कि उक्त कर्मी किसी पद के सापेक्ष कार्यरत नहीं हैं, इसलिए इन्हें यह लाभ नहीं दिए जा सकते हैं।

वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकलपीठ ने वन विभाग की दलीलों को दरकिनार करते हुए श्रमिकों को न्यूनतम वेतन व पहली जनवरी 2006 से एरियर का भुगतान करने का आदेश पारित किया। इस फैसले को श्रमिकों की बड़ी जीत के तौर पर जबकि विभाग के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है।

ड्रग्स के व्यापार को रोकने के लिए गठित हुई एन्टी ड्रग्स टीम

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उत्तराखंड पुलिस के निर्देशन में चलाये जा रहे एक माह के विशेष अभियान के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ने जनपद के समस्त पुलिस अधीक्षकों, क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारीयों के साथ एक गोष्ठी आयोजित की गयी। गोष्ठी के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदया द्वारा जनपद में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति तथा नशीले पद्धार्थो की तस्करी पर रोकथाम लगने हेतु जनपद में पुलिस अधीक्षक अपराध /नगर /देहात के नेतृत्व में एन्टी ड्रग्स टीम गठित की गयी। जिसमें पुलिस अधीक्षक नगर के नेतृत्व में निरीक्षक श्री प्रदीप चौहान एंवम नगर क्षेत्र के समस्त प्रभारी निरीक्षक /थानाध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक अपराध के नेतृत्व में निरीक्षक श्री राकेश गुसाई एंव प्रभारी एस0ओ0जी0, पुलिस अधीक्षक देहात के नेतृत्व में निरीक्षक श्री अरुण सैनी एंव देहात क्षेत्र के समस्त प्रभारी निरीक्षक /थानाध्यक्ष नियुक्त रहेगे।शुरुआती चरण में उक्त टीमों द्वारा स्कूल /काँलेजो ,गली, मौहल्लो में नशीले पद्धार्थो की ब्रिक्री करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जायेगी। इसके पश्चात नशीले पद्धार्थो के व्यापक स्तर पर तस्करी करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लायी जायेगी ।
शहर में यातायात व्यवस्था के सुचारु संचालन हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदया द्वारा समस्त क्षेत्राधिकारीयों, प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्षो एंव समस्त चौकी प्रभारीयों को पीक आवर्स के दौरान अपने-अपने क्षेत्र के व्यस्तम चौराहों में स्वम उपस्थित रह कर यातायात के सुगम संचालन सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया। उनके द्वारा बताया गया की यातायात व्यवस्था के सचालन में किसी प्रकार की लापरवाही व कोताही न बरती जाये। यातायात व्यवस्था अनावश्यक बाधित होने पर सम्बन्धित स्वंय जिम्मेदार रहेंगे ।
इसके अतिरिक्त जनपद के सभी कोतवाली /थानों पर आने वाले पीडितो की शिकायतो को त्वरित निस्तारण हेतु उनकी शिकायतों पर तुरन्त संज्ञान लिया जाये, इसके लिये प्रत्येक कोतवाली थाने में एक आगन्तुक /शिकायत रजिस्ट्रर बनाया जाएगा, जिसमें आगन्तुक द्वारा दिये गये शिकायती प्रार्थना पत्र का सक्षिप्त विवरण दर्ज कर त्वरित कार्यवाही करते हुये की गयी कार्यवाही का विवरण अकिंत किया जायेगा तथा इसी परिपेक्ष में थाना /कोतवाली पर एक फीड बैक रजिस्ट्रर रखा जायेगा जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा प्रार्थना पत्र पर पुलिस द्वारा की गयी कार्यवाही के सम्बन्ध में अपने विचार /सुझाव अकिंत किये जायेगे । जिला देहरादून में मॉडल कोतवाली (थाना) बनाने हेतु प्रयोग के तौर पर इन रजिस्ट्ररो की शुरुआत कोतवाली डालनवाला तथा कोतवाली नगर देहरादून में की जा चुकी है।
इसके अतिरिक्त वाछिंत/ईनामी अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी ,लम्बित अभियोगों /थानों पर लम्बित पड़े मालों के शीघ्र निस्तारण के लिये समस्त उपस्थित अधिकारीयों को निर्देशित किया गया ।

फर्जी चेक से बाल विकास परियोजना के खाते से 20 लाख 50 हजार रुपये निकाल

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जसपुर,फर्जी चेक बनाकर बाल विकास परियोजना के खाते से 20 लाख 50 हजार रुपये निकालने का मामला प्रकाश में आया है, जिसमें कोतवाली पुलिस की एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई। सीडीपीओ की तहरीर पर पुलिस मामले की दोबारा जांच में जुटी है।

इससे पहले भी सीडीपीओ ने 23 जनवरी को 23 लाख रुपये फर्जी चेक बनाने की नामजद तहरीर सौंपी थी। जिसे कोतवाली पुलिस ने जांच के लिए जिला नैनीताल के थाना रामनगर को भेजा था।

बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा जसपुर में ग्रामीण बाल विकास परियोजना का खाता है। गुरुवार को परियोजना कार्यालय की बाबू क्षति पवार बैंक की पास बुक में इंट्री कराने गई थी, इस दौरान पता चला कि कार्यालय के खाते से कान्हा इंटरप्राइजेज के नाम चेक संख्या 000296 से 20 लाख 50 हजार रुपये निकाले गए हैं।

बाबू ने इस की जानकारी सीडीपीओ लक्ष्मी टम्टा को दी। सूचना से सीडीपीओ के होश उड़ गए। शीघ्र ही बैंक पहुंचकर शाखा प्रबंधक से खाते की जानकारी ली। प्रबंधक ने लक्ष्मी टम्टा को बताया कि कान्हा इंटरप्राइजेज उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद स्थित कोठीवाल नगर बुधबाजार की है और मुरादाबाद की बैंक शाखा में ही एक फरवरी 2017 को यह चेक लगाया गया है। इस पर सीडीपीओं ने शाखा प्रबंधक को इस नंबर का चेक अपनी चेक बुक में होना बताया और कहा कि उनके कार्यालय से कान्हा इंटरपाइजेज को चेक जारी ही नहीं किया गया है। इससे बैंक कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। सीडीपीओ ने तुरंत इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी। कोतवाल नरेश चंद्र ने बताया कि घटना की तहरीर मिली है। मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद बैंक की शाखा से जुड़ा है।

पुलिस हिरासत में मौत पर हाईकोर्ट सख्त

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नैनीताल हाई कोर्ट ने काशीपुर में पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में सुनवाई करते हुए सरकार को 28 मार्च तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश सरकार को दिए हैं।

हाई कोर्ट ने इन दी मैटर ऑफ कस्टोडियल डेथ में स्वत: संज्ञान लिया था। जिसमें 23 फरवरी को काशीपुर के बैलजुड़ी गांव के जियाउद्दीन को लड़की भगाने के एक मामले में हिरासत में लिया गया था। पुलिस ने कटोराताल चौकी में उसे लॉकअप में बंद कर दिया। जहां उसकी मौत हो गई थी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ व न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद अगली तिथि 28 मार्च नियत कर दी है।

 

पार्टी के विजन डाक्यूमेंट की झलक दिखी राज्यपाल के अभिभाषण में

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उत्तराखंड विधानसभा की पहले बैठक में राज्यपाल के अभिभाषण में बीजेपी का विजन डॉक्यूमेंट ही रहा खास।गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए बीजेपी विधायकों ने मेज थपथपा कर किया स्वागत।
  • खण्डूरी सरकार में बनी ट्रांसफर नीति को किया जायेगा लागू।
  • आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मुफ्त बिजली, साफ पेयजल, जल संसाधन की उचित रुपरेखा होगी तैयार।
  • 2019 तक सभी गावँ सड़क सुरक्षा से जोड़े जाएंगे, साथ ही अंडरग्राउंड सबवे बनाए जाएंगे।
  • पर्यटन तीर्थ स्थलों के लिए केंद्र से योजना स्वीकृत करायी जायेगी
  • अटल आदर्श गावँ को विकसित किया जाएंगा।
  • पीएम के स्किल डेवलेपमेन्ट योजना में प्रदेश के गरिबों को शामिल किया जायेगा
  • विकास के लिए नई युवा नीति
  • एडवेंचर गेम्स का सालाना कैलेंडर
  • राज्य में खाली पदों को जल्द भरा जायेगा
  • राज्य में विनिवेश का वातवरण तैयार किया जायेगा
  • पुलिस बल का आधुनिकीकरण
  • नए कोर्टों की स्थापना की जायेगी
  • सीएम हाउस में स्पेशल हेल्पलाइन स्थापित किया जाएगा

इसके साथ ही अभिभाषण के कुछ महत्तवपूर्ण बिन्दु इस प्रकार हैः

शिक्षा

  • गरीब मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए आर्थिक संसाधन होंगे उपलब्ध
  • विद्धालयों में भवन,शौचालय,प्रयोगशाला,पुस्तकालय,पेयजल आदि सुवाधाओं के लिए जरुरी कदम
  • हर जनपद में छात्राओं के लिए हास्टल वाले विधालय होंगे शुरु

स्वास्थ्य

  • 108 की सुविधा होगी और एक्टिव व आसान
  • सरकारी अस्पताल होंगे आधुनिक और सुविधाओं से लैस
  • टेली-मेडिसीन की व्यवस्था
  • राज्य में चल रहें मेडिकल कालेजों को मिलेंगी सारी सुविधाएं, साथ ही नए मेडिकल कालेज खोलने के लिए किए जाऐंगे प्रयास
  • आयुर्वेद,होम्योपैथी,यूनानी,नैचुरोपैथी जैसे भारतीय स्वास्थ्य पदों को मिलेगा बढ़ावा
  • शिशु व महिला स्वास्थ्य के लिए जरुरी कदम
  • पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाली दुर्घटना को देखते हुए ट्रामा सेंटर होंगे शुरु
  • हर गांव में निशुल्क दवाओं के लिए खोले जाऐंगे दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय

पर्यटन

  • इको टूरिज्म,कार्बेट सर्किट,कुमाऊं हैरिटेज,जनजातीय संस्कृति पर आधारित पर्यटन को बढ़ावा
  • मेडिकल टूरिज्म का विकास
  • तीर्थ स्थलों के विकास के साथ तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा

कृषि

  • कृषि क्षेत्र में आधुनिक और वैज्ञानिक तकनीकों से लैस होंगे गांव
  • बंजर भूमि के विकास हेतु विशेष कार्य
  • कृषि मंडी का विस्तार व आधुनिकरण
  • जैविक खेती,जड़ी बूटी व फूलों सहित सुगंध फूलों की खेती के लिए विशेष इंतजाम
  • जंगली जानवर से बचाव के लिए योजनाएं
  • मछली पालन,मधुमक्खी पालन,गौवंश पालन आदि पर काम करके ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साधन
  • वर्षा जल संग्रहण
  • वनाग्नि को रोकने के लिए स्थानीय भागीदारी होगी सुनिश्चित
  • गन्ना किसान को फसल बेचने के 15 दिन के अंदर भुगतान सुनिश्चित

विधुत

  • आर्थिक रुप से कमजोर परिवार को कम दरों पर मिलेगी बिजली
  • पेयजल समस्या से निपटने के लिए गंभीर कदम
  • जल संरक्षण के लिए उचित प्रबन्धन
  • वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोंतो को बढ़ावा
  • राज्य में नई रेल लाइनों के निर्माण के लिए प्रयास

जनसंख्या

  • प्रतिभाशाली छात्रों के लिए कोचिंग की व्यवस्था
  • प्रतियोगी परीक्षों के लिए जा रहे अभ्यर्थीयों के लिए दिल्ली तक निशुल्क यात्रा
  •  नेशनल लेवल के स्टेडियम और मिनी स्टेडियम की स्थापना
  • आने वाले 5 सालों में रोजगार और स्वरोजगार के क्षेत्र में नए अवसर पैदा किए जाऐंगे
  • पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को मजबूती से लागू करने के प्रयास

महिला

  • महिला कल्याण के लिए सुरक्षा व विकास को प्राथमिकता
  • घरेलू हिंसा व उत्पीड़न रोकने के लिए गंभीर कदम उठाए जाऐंगे
  • महिलाओं के विरुद्ध अपराधों को रोकने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना
  • शहरी झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालय का निर्माण
  • काम-काजी महिलाओं के लिए हास्टल

गैरसैंण बन सकता है उत्तराखंड का ”समर कैपिटल”

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उत्तराखंड में सरकार किसी भी पार्टी की हो एक मुद्दा हमेशा बना रहता है।गैरसैंण को राजधानी बनाने का मुद्दा।बीजेपी की नई सरकार के सामने भी यह मसला परोसा जा चुका है और आने वाले समय में गैरसैण को समर कैपिटल घोषित किया जा सकता है। यदि सरकार यह निर्णय लेती है तो देहरादून विंटर कैपिटल हो जाएगा। साथ ही पर्वतीय राज्य के होने के वजह से गैरसैंण में नियोजित विकास के राह भी खुलेंगे। बहरहाल, प्रदेश सरकार के दो वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन यानी समर राजधानी बनाने का दावा किया है।
पूर्व कांग्रेस सरकार ने गैरसैंण में विधानमंडल भवन और विधायक व ऑफिसर्स हॉस्टल का निर्माण किया था। विधानसभा चुनाव होने से पहले वहां नए भवन में बजट सत्र भी चलाया गया था। यही वजह मानी जा रही है कि तत्कालीन सरकार गैरसैण पर कोई निर्णय ले लेगी। बीजेपी और उसकी सरकार के मंत्रीयों ने  गैरसैंण पर अपनी स्पष्ट सोच को जाहिर करने शुरू कर दिया है।बीजेपी के कई मंत्री गैरसैण को समर राजधानी बनाने का दावा कर रहे हैं।
इस सम्बंध में पूर्व में विधानसभा में संकल्प ले चुके कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक कहते हैं कि हमारी सरकार ने इरादा बना लिया है, गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया जाएगा।वहीं कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज भी गैरसैण को राजधानी बनाए जाने के पक्ष में हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने भी कहा कि सरकार जल्दी ही कोई बड़ा निर्णय लेने जा रही है। इससे पहले गैरसैंण को गेस्टहाउस बनाने के सम्बंध में पिछली सरकार में जारी शासनादेश को निरस्त किया जाएगा। सरकार गैरसैंण में नियोजित तरीके से संसाधन जुटाएगी और एक प्लान टाउनशिप के तौर पर इसको विकसित करेगी।
बीजेपी पूर्व सरकार पर आरोप लगा रही है कि गैरसैंण को राजधानी बनाने के बजाय कांग्रेस वहां अतिथिगृह बनवा रही थी जो की उत्तराखंड के लोगो के साथ एक धोखा था।
वहीं कांग्रेस के सुरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि इस समस्या को हमेशा के लिए सुलझाना चाहिए। जो रोड मैप कांग्रेस सरकार ने बनाया था बीजेपी को उससे आगे चलने का प्रयास करना चाहिए लेकिन बीजेपी तो पीछे ही चल रही।इसके अलावा उन्होंने कहा कि  बीजेपी ने जो कांग्रेस पर अतिथिगृह बनाने का आरोप लगाया है वह पूरी तरह से झूठा है।ऐसे आरोपों से बीजेपी लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है। हरीश रावत सरकार ने तो गैरसैण में तीन सत्र भी सम्पन्न कराए है। ऐसे में हम वहां अतिथि गृह क्यों बनाऐंगें। अंत में सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार लोगो के साथ अन्याय कर रही है, गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी क्यों बना रही है इसको स्थाई राजधानी बनानी चाहिए।