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कपिल शर्मा से नाराज हुए नवजोत सिंह सिद्धू

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कामेडियन कपिल शर्मा की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सुनील ग्रोवर के साथ उनके विवाद के चलते उनके कामेडी शो पर काफी बुरा असर आया। अब सुनने में आ रहा है कि कपिल शर्मा के शो का अहम हिस्सा रहे नवजोत सिंह सिद्धू भी कपिल शर्मा से नाराज हो गए हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू इसलिए कपिल शर्मा से नाराज बताए जा रहे हैं कि शो में एक एपीसोड के लिए मेहमान कलाकार के तौर पर उनकी जगह अर्चना पूरन सिंह को उनकी कुर्सी पर बैठा दिया गया। ये बात नवजोत सिंह सिद्धू को नागवार गुजरी। बताया जाता है कि तबीयत ठीक न होने की वजह से इस एपिसोड की शूटिंग नहीं कर पाए थे।

कपिल शर्मा की टीम की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि शो में ये कुर्सी खाली नहीं रहती, इसलिए एक एपिसोड के लिए अर्चना पूरन सिंह को बुलाया गया। कामेडी सर्कस में अर्चना जज थीं और कपिल शर्मा शो का हिस्सा थे। कपिल शर्मा की टीम का ये भी कहना है कि अर्चना को शो में बुलाए जाने का फैसला सोनी चैनल के अधिकारियों के साथ बातचीत में हुआ।

उधर, सिद्धू का तर्क है कि जब कपिल शर्मा तबीयत ठीक न होने की वजह से शो की शूटिंग कैंसिल कर सकते हैं, तो उनका इंतजार क्यों नही किया गया। सिद्धू ने जब इस साल पंजाब की विधानसभा का चुनाव जीता था, तो राज्य सरकार में मंत्री बनने के बाद भी इस शो में काम जारी रखने की बात कही थी, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था।

कपिल शर्मा के संकट के दौरान सिद्धू ने हमेशा कपिल का साथ दिया। दूसरी ओर, कपिल शर्मा इसलिए खुश हैं कि तमाम चुनौतियों और विवादों के बाद भी सोनी चैनल ने उनके शो का करार एक साल के लिए बढ़ाने की घोषणा की है। 

विवादित फिल्म बंदूकबाज को मिली हरी झंडी

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विवादों में घिरी रही निर्देशक कुशान नंदी की फिल्म बाबू मोशाय बंदूकबाज की रिलीज का रास्ता साफ हो गया है। आगामी 25 अगस्त को रिलीज होने जा रही इस फिल्म को 8 कट्स के साथ एपीलेट ट्रिब्यूनल से हरी झंडी मिल गई है।

पहलाज निहलानी के चेयरमैनशिप में सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को 48 कट्स दिए थे, जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ था। साथ ही इस फिल्म की महिला निर्माता किरण श्राफ को लेकर बोर्ड के सदस्यों की अभद्र टिप्पणियों का विवाद भी काफी गूंजा था। कुशान नंदी और पहलाज निहलानी के बीच इस फिल्म को लेकर एक दूसरे के खिलाफ काफी आरोपबाजी भी हुई थी।

सेंसर बोर्ड द्वारा 48 कट्स के खिलाफ कुशान नंदी के समर्थन में फिल्म निर्देशकों की संस्था ने भी साथ दिया था और नंदी ने इसके खिलाफ एपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील की थी, जिसका फैसला अब सामने आया है। इस फिल्म में कई हाट सीनों और संवादों को लेकर सेंसर की कैंची चली थी।

फिल्म की प्रमुख भूमिकाओं में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ बंगाली अभिनेत्री बिदिता बाग हैं, जो पहली बार हिदी फिल्म में कदम रख रही हैं। बिदिता से पहले चित्रगांधा सिंह इस फिल्म की हीरोइन थीं, लेकिन हाट सीनों को लेकर हुए विवाद के बाद चित्रागंदा सिंह ने खुद को इस फिल्म से अलग कर लिया था।

एपीलेट ट्रिब्यूनल से मिली हरी झंडी के बाद फिल्म के निर्देशक कुशान नंदी ने राहत की सांस ली है और एपीलेट के प्रति आभार जताया है। ये भी कहा जा रहा है कि इस फिल्म के विवाद के चलते ही पहलाज निहलानी को कुर्सी गंवानी पड़ी।

पहलाज निहलानी ने कुशान नंदी पर आरोप लगाया था कि कुशान नंदी ने उनको अपनी राजनीतिक पंहुच की धमकी दी थी। इसी विवाद के चलते सेंसर बोर्ड के एक सदस्य ने पहलाज निहलानी को हटाने के लिए केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र भी लिखा था।

पहले ही दिन अस्वस्थ हुए नए सेंसर बोर्ड चेयरमैन

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केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में नियुक्त हुए सेंसर बोर्ड के नए चेयरमैन प्रसून जोशी अस्वस्थ होने की वजह से पहले दिन बोर्ड के दफ्तर नहीं पहुंच सके। वे सर्दी और बुखार से पीड़ित बताए जा रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि वे इस शुक्रवार से अपना काम शुरू करेंगे।

पहले खबर थी कि सोमवार को ऑफिस आकर प्रसून जोशी बोर्ड के सदस्यों की नवगठित टीम के साथ पहली मीटिंग करेंगे, लेकिन इसे बाद में रद्द कर दिया गया। पहलाज निहलानी को गत शुक्रवार को केंद्र सरकार ने एक बड़े फैसले में उनके पद से हटाकर मशहूर गीतकार और एड फिल्मों के गुरु कहे जाने वाले प्रसून जोशी को इस पद पर नियुक्त किया था।

साथ ही सेंसर बोर्ड के सदस्यों की एक नई टीम भी गठित की गई है, जिसमें विद्या बालन का नाम प्रमुख है। वे पहली बार सेंसर बोर्ड के साथ सीधे तौर पर जुड़ी हैं। विद्या बालन के अलावा इस कमेटी में निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, अभिनेत्री और अब भाजपा की नेता वाणी त्रिपाठी और कमल हासन की पूर्व पत्नी गौतमी सहित कई प्रमुख लोगों के नाम शामिल हैं।

पहलाज निहलानी ने पद से हटाए जाने के बाद फौरन अपना त्यागपत्र केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय को भेज दिया था। फिर भी नए चेयरमैन के पदभार न संभाल पाने की वजह से पहलाज ने ‘बरेली की बर्फी’ और ‘ए जेंटलमैन’ फिल्मों के लिए सेंसर सर्टिफिकेट जारी कर दिए। 

नथुवावाला में गजराज का आतंक, दीवार तोड़ी-फसलें रौंदी

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देहरादून के नथुवावाला में स्थानीय निवासी हाथियों के आतंक के चलते भयभीत हैं। 15 अगस्त मंगलवार की रात 12 बजे के बाद यहां गजराज ने ऐसा आतंक मचाया कि लोग रातभर सो नहीं सके। पूरी रात हाथियों ने फसलों को रौंदा और तीन घरों की चाहरदीवारी तोड़ दी। बुधवार की सुबह वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर मुआयना किया और लोगों को उचित हिदायत देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर चलते बने।

घंटाघर से मात्र आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित रायपुर थाना क्षेत्र के नथुवावाला गांव में 15 अगस्त की रात तीन हाथी घुस आए। गांव वालों के अनुसार इनमें दो मादाएं व एक शिशु भी शामिल था। हाथियों ने रात 12 बजे घुसते ही फसलों को रौंदना शुरू कर दिया। साथ ही तीन घरों की दीवारों को भी तोड़ डाला। स्थानीय निवासी शोभा राम बेलवाल ने बताया कि मंगलवार की रात 12 बजे उनके घर की दीवार तोड़कर तीन हाथी उनके खेत में घुसे और जमकर उत्पात मचाया। फसलों को रौंदने के साथ ही आंगन में रखा कुछ सामान भी तोड़ डाला।

डर के साए में दुबके रहे लोग
हाथियों के आतंक के चलते काफी देर तक तो घर के लोग डरे सहमें दुबके रहे फिर हिम्मत जुटाकर उन्होंने पड़ोसियों की मदद से हाथियों को भगाया। गांव वालों का शोर सुनकर हाथी आबादी से तो चले गए लेकिन गांव से सटे खेतों में रातभर फसलें खाते रहे। बुधवार सुबह सूचना देने पर वन विभाग की टीम गांव पहुंची। टीम ने हाथियों द्वारा बरबाद की गई फसलों का आंकलन कर मुआवजे की बात तो कही लेकिन हाथियों को गांव में आने से रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया, इससे गांववासियों में खासी नाराजगी है। वन विभाग के अधिकारियों से जब संपर्क किया गया तो वह रात में गश्त किए जाने की बात कहते रहे।

एक्सक्लूसीव: सीबीएसई के पैमाने पर ‘देवभूमि’ फेल

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सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने राज्य सरकार द्वारा आवंटित की गई जमीन को मानकों पर फेल करार दे दिया है। दिल्ली से जमीन का निरीक्षण करने आई विशेष कमेटी ने जमीन को अयोग्य बताते हुए किसी अन्य स्थान पर जमीन आवंटित किए जाने की जरूरत बताई है। अब नए सिरे से सरकार से दूसरी जगह पर जमीन आवंटित कराने के प्रयास किए जाएंगे।

सीबीएसई ने देहरादून में साल 2013 में क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना की। उस समय कार्यालय को उत्तरप्रदेश के 22 जिलों के साथ उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के स्कूलों का जिम्मा सौंपा गया। हालांकि बाद में यूपी के कुछ स्कूलों का रीजन बदलने से यहां 15 जिलों के स्कूलों को ही जोड़ा गया। स्थापना के समय से ही सीबीएसई अधिकारियों द्वारा राज्य सरकार से स्थाई भवन के लिए जमीन आवंटित करने की मांग की जा रही है।
खास बात यह कि सीबीएसई संबंधित जमीन की कीमत भी देने को तैयार है लेकिन इसके बाद भी मामला सालों तक लटका रहा। अब भारी मशक्कत के बाद साल की शुरुआत में जमीन चिन्हित कर आवंटन प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इसके तहत बोर्ड को क्षेत्रीय कार्यालय स्थापना के लिए सहस्त्रधारा रोड पर डेढ़ एकड़ भूमि प्रदान की गई।
भूमि आवंटन के बाद बोर्ड का रीजनल कार्यालय दून में बने रहने का रास्ता साफ हो गया था लेकिन अब दिल्ली मुख्यालय से जमीन का मुआयना करने आए विशेष दल ने जमीन को बेकार करार दिया है। बोर्ड अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक निरीक्षण दल ने सरकार द्वारा आवंटित जमीन को कार्यालय स्थापना क लिए मुफीद नहीं पाया है। जिसके चलते उन्होंने सरकार से किसी दूसरे स्थान पर जमीन आवंटित किए जाने की बात कही है।

राज्य के स्कूलों को हो सकता है नुकसान
बोर्ड के मापदंडों पर सरकार की जमीन खरी नहीं उतरने के कारण अब एक बार फिर बोर्ड अधिकारियों को जमीन के लिए नए सिरे से प्रयास करने होंगे। वहीं, उत्तरप्रदेश राज्य के मेरठ की ओर से पहले ही बोर्ड को जमीन आवंटित करने का प्रस्ताव दिया जा चुका है। ऐसे में यदि उत्तराखंड में बोर्ड को जल्द भूमि का आवंटन नहीं हुआ तो बोर्ड का रीजनल कार्यलय उत्तरप्रदेश में भी स्थानांतरित किए जाने की संभावनाएं प्रबल हैं।
मामले में बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि सीबीएसई देहरादून रीजन उत्तरप्रदेश के 15 जिलों सहित उत्तराखंड के सभी स्कूलों का जिम्मा संभालता है। प्रदेश में क्षेत्रीय कार्यालय होने का सीधा फायदा प्रदेश के स्कूलों और पहाड़ के बच्चों को है। अगर बोर्ड उत्तर प्रदेश में स्थानांतरित हो जाता है तो राज्य के बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी होगी लेकिन इसके बाद भी सरकार न युवाओं के भविष्य की सोच रही है और न ही परेशानियों की।
सीबीएसई देहरादून के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह का कहना है कि उत्तराखंड सरकार ने जो जमीन सीबीएसई क्षेत्रीय कार्यालय के लिए आवंटित की है, उसे बोर्ड की निरीक्षण कमेटी द्वारा अयोग्य करार दिया गया है। इस कारण अब वहां स्थाई भवन बनाना संभव नहीं होगा। हमारी ओर से राज्य सरकार से दोबारा कोई बेहतर जमीन प्रदान किए जाने का अनुरोध किया जाएगा। इसे लेकर शिक्षा मंत्री को भी जल्द सकारात्मक कदम उठाए जाने का अनुरोध किया गया है। बोर्ड को जो भी जमीन प्रदान की जाएगी, उसके लिए बोर्ड उस जमीन का पैसा देगा।

सैनिक के बच्चे से करवाया ध्वजारोहण

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जश्न-ए-आजादी के पर्व पर हरिद्वार के एक स्कूल ने सैनिक के बेटे के हाथों झंडारोहण कराकर भारतीय सैनिकों का सम्मान किया है। नर्सरी कक्षा के जिस बालक ने मासूम हाथों से झंडारोहण किया उनके पिता जम्मू कश्मीर के बॉर्डर पर देशवासियों की सुरक्षा में तैनात है।

झंडारोहण के अवसर पर खुद स्कूल के प्रधानाचार्य स्कूल के तमाम बच्चे और शिक्षक गण मौजूद रहे। मासूम बच्चे के हाथों झंडारोहण कराकर सैनिकों के सम्मान में इस स्कूल ने एक नई अनूठी परंपरा की शुरुआत की है। इससे स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थी बेहद उत्साहित और खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं।
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल ने आजादी के जश्न को शानदार और यादगार तरीके से मनाया। स्कूल के प्रधानाचार्य पी.सी. पुरोहित ने देश के सैनिकों का सम्मान करने के लिए अपने स्कूल के ही एक छात्र का चयन झंडारोहण के लिए किया। नर्सरी कक्षा के छात्र चिराग जोशी के पिता राकेश चंद्रा जम्मू-कश्मीर की सीमा पर भारतवासियों की सुरक्षा में तैनात है। इस स्कूल ने चिराग के मासूम हाथों से झंडारोहण कराकर भारतीय सैनिकों के सम्मान में एक नई परंपरा की नींव रखी है।
चिराग के हाथों से झंडारोहण कराने से स्कूल के बच्चों में देशभक्ति का जज्बा और अपने देश के सैनिकों के प्रति सम्मान की भावना बढ़ी है। इस अनूठे कार्यक्रम के गवाह बने स्कूल के विद्यार्थी शिक्षक और तमाम लोगों ने स्कूल की इस नई पहल का स्वागत किया है।

उत्तराखंड के जवानों की बहादुरी को मिला सम्मान

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सालों पुराने अपने सैन्य इतिहास के नये आयाम देने में उत्तराखंड के वीर जवानों ने कभी कोई मौका नहीं छोड़ा है। इस साल स्वतंत्रता दिवस पर भी प्रदेश के चमोली जिले के लांस नायक रघुवीर सिंह को मरणोपरांत शौर्य चक्र से अलंकृत किया गया है। रघुवीर सिंह 31वीं राष्ट्रीय राइफल में लांस नायक थे। इसके अलावा देहरादून जनपद के नायक दीपक आले को उनकी वीरता व पराक्रम के लिये शौर्य चक्र से नवाजा गया है, जबकि नायब सूबेदार रविन खण्डाल को सेना मेडल से अलंकृत किया गया।

चमोली जनपद के दशोली विकास खंड के मठ गांव के चार गढ़वाल के मेजर प्रीतम सिंह कुंवर सेना के वीरता पुरस्कार कीर्तिचक्र से सम्मानित किया जायेगा। यह सम्मान उनको जम्मू कश्मीर के उरी में आठ आतंकवादियों को ढेर करने पर दिया जा रहा है। उनके इस सम्मान पर उनके गांव में जश्न का माहौल है।

मेजर प्रीतम सिंह के भाई संतोष कुमार ने बताया कि सोमवार को भारत के राष्ट्रपति द्वारा देश के नाम अपने संदेश में इस बात की घोषणा की। घोषणा सुनते उनके गांव मठ सहित जनपद में खुशी का माहौल है। मेजर प्रीतम सिंह ने उरी में अपनी 17 सदस्यीय टीम के साथ आठ आंतकवादियों को ललकार कर उन्हें मुठभेड़ में मार गिराया था। बड़ी बात यह कि इस अॉपरेशन में सेना को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था।

उत्तराखंड के लाल रघुवीर सिंह को उनकी वीरता के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से अलंकृत किया गया। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनके परिवार को यह सम्मान दिया गया। गौरतलब है कि फरवरी 2017 में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुर्इ थी। इस दौरान लांस नायक रघुवीर सिंह ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए आतंकियों के पसीने छुड़ा दिए और लोगों की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। गैरसैंण(मेखोली) के रघुवीर सिंह अपने पीछे अपने बेटे और पत्नी को छोड़ गए थे।

वहीं, रायवाला निवासी नायक दीपक आले ने जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर (कुपवाड़ा) में बीती 9 अप्रैल को नियंत्रण रेखा पर आमने-सामने की लड़ाई में दो खुंखार आतंकियों को मार गिराया था। इसी ऑपरेशन में गजीयावाला निवासी नायब सुबेदार रविन खण्डाल ने एक आतंकी को बहुत ही नजदीकी मुठभेड़ में मार डाला था। केरन सेक्टर के बहुत ही खतरनाक और 15 फिट बर्फ से घिरे दुष्कर इलाके में अदम्य साहस व वीरता का परिचय देने वाले यह दिलेर 1/3 गोरखा राइफल्स में तैनात हैं।

डीएवी में चुनाव से पहले एबीवीपी प्रत्याशी सचिन नैथानी पर हुआ एफआईआर

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डीएवी के एबीवीपी प्रत्याशी सचिन नैथानी पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर दर्ज होने से एबीवीपी प्रत्याशी सचिन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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मिली जानकारी के अनुसार उपनिरीक्षक राजेंद्र सिंह पुजारा चौकी प्रभारी करनपुर द्वारा पुलिस चौकी करनपुर सरकारी बाउंड्री वाल पर छात्र संघ चुनाव डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून के पार्टी एबीवीपी के प्रत्याशी सचिन नैंथानी मोबाइल नंबर 8755535023 द्वारा अपने प्रचार हेतु अवैध रूप से पोस्टर लगाए गए हैं, जिससे सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। इस संबंध में सचिन नैंथानी प्रत्याशी एबीवीपी के विरुद्ध थाना डालनवाला पर मुकदमा अपराध संख्या 194/17 धारा 3 उत्तराखंड लोक संपत्ति निवारण अधिनियम 2003 पंजीकृत किया गया। जिसकी विवेचना उपनिरीक्षक महावीर सिंह द्वारा की जा रही है।
छात्र नेताओं से अपेक्षा की जाती है कि चुनाव प्रचार (लिंगदोह समिति) के द्वारा जारी नियम के अंतर्गत ही करें। साथ ही पेट्रोल पंप मालिकों/होटल संचालकों व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से अपील है कि कोई भी व्यक्ति छात्रसंघ चुनाव के संबंध में डरा धमका कर जबरन चंदा लेने की कोशिश करता है तो कृपया उसकी सूचना तत्काल थाने को उपलब्ध कराएं।

मलबा आने से गोपेश्वर-पोखरी मोटर मार्ग 12 घंटे से बंद

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जिला मुख्यालय गोपेश्वर से पोखरी को जाने वाला मोटर मार्ग मंगलवार की रात्रि को हुई भारी वर्षा के कारण टंगसा के समीप मलबा आने से बंद हो गया है। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों को तीन किमी पैदल चलकर मुख्य सड़क तक आना पड़ रहा है। जबकि यह स्थान जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूर है, बावजूद इसके लोनिवि 12 घंटे से अधिक समय से बंद सड़क को खोलने के लिए कोई कसरत ही शुरू नहीं की है।

चमोली गोपेश्वर मोटर मार्ग से पोखरी को जाने वाला लिंक मोटर मार्ग मंगलवार रात्रि में भारी वर्षा के कारण बंद हो गया था। मार्ग बंद होने के कारण स्कूली बच्चे, स्थानीय लोग तीन किमी पैदल चल कर मुख्य मार्ग पर आ रहे है। 12 घंटे से अधिक समय व्यतीत होने के बाद भी अभी तक सड़क खोलने के लिए लोनिवि से कोई भी कार्य शुरू नहीं किया गया है। इससे लोगों में रोष व्याप्त है। 

शहीद नरेंद्र सिंह बिष्ट की अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब

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आतंकियों से मुठभेड़ में घायल हुए हवलदार नरेंद्र सिंह बिष्ट की अंतिम विदाई के लिए गुरुवार सुबह जनसैलाब उमड़ पड़ा। सात अगस्त को आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान घायल हुए हवलदार नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बुधवार सुबह दम तोड़ दिया। कश्मीर के उरी सेक्टर में तैनात नरेंद्र सिंह मुठभेड़ के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके सिर में गोली लगी थी और जम्मू स्थित सैन्य अस्पताल में उनका इलाज चल हा था। प्रशासन के मुताबिक शहीद का पार्थिक शरीर शाम तक उनके सेलाकुई स्थित आवास पर पहुंचेगा।

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मूलरूप से चमोली जिले के नारायणबगड़ विकासखंड के नाखोली गांव निवासी नरेंद्र सिंह बिष्ट का परिवार लंबे समय से देहरादून के सेलाकुई में रहता है। हवलदार नरेंद्र सिंह बिष्ट चौथी गढ़वाल रायफल में थे और वर्तमान तक कश्मीर के उरी सेक्टर में तैनात थे। सात अगस्त को आतंकियों से लोहा लेते हुए वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान उनके सिर पर गोली लगी थी।

घायलावस्था में उन्हें जम्मू के मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। बुधवार सुबह सैन्य अधिकारियों ने उनके परिजनों को उनके शहीद होने की जानकारी दी। जिला प्रशासन के मुताबिक शहीद नरेंद्र सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर हवाई जहाज से जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया जा रहा है।

एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से उनके पार्थिव शरीर को सेलाकुई स्थित आवास पर लाया जाएगा। इसके बाद सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। नरेंद्र बिष्ट की शहादत की सूचना के बाद से उनके परिवार में कोहराम मचा हुआ है। उनके पैतृक गांव से भी परिजन व अन्य रिश्तेदार देहरादून के लिए रवाना हो गए हैं।