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प्रदेश के बैंक शाखाओ पर लटके ताले,निजीकरण के विरोध में बैंककर्मी

सरकारी बैंको को निजी हाथो में सौपने और बैंको के विलय को लेकर बैंक कर्मचारी  हड़ताल  पर चले गए है। मंगलवार को उत्तराखंड में प्रदेश भर के 1800 बैंक शाखाओ के 15000 कर्मचारी  हड़ताल पर चले गये हैं। जिससे ग्राहको को बड़ी परेशानी का सामना करना पड रहा है। सुबह से ही ऋषिकेश के  ए टी ऍम भी खाली  हो गये है और शहर कि जनता कि परेशानी बड़ गयी है। बैंक कर्मचारियो ने सरकार के खिलाफ कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगते हुए  नारेबाज़ी की। हड़ताली कर्मचारीओ का कहना है कि ”केंद्र सरकार बैंक कर्मचारियो के हितो पर कुठाराघात कर रही है। सरकारी बेंको को निजी हाथो में सौपा जा रहा है। साथ ही सरकारी बेंको को विलय कर के एक बड़ा बैंक बनाने की केंद्र सरकार की योजना का पुरे देश में बैंककर्मी विरोध कर रहे है। सरकार के इस फैसले को जान विरोधी करार दिया है।

बद्रीनाथ हाईवे मायापूर और लामबगड़ में बंद

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चमोली जनपद में सोमवार की रात्रि को हुई भारी वर्षा के कारण बद्रीनाथ हाईवे मायापूर गडोरा के समीप पहाड़ी से मलबा आ जाने के कारण 20 मीटर तक बाधित हो गया है।
वहीं, लामबगड़ में भी भूस्खलन के कारण पिछले 48 घंटे से हाईवे बाधित चल रहा है।
चमोली में हो रही भारी वर्षा के कारण मायापूर गडोरा के पास पहाड़ी से भारी मलबा आ जाने के कारण बद्रीनाथ हाईवे बंद हो गया है। जिसे बीआरओ की मशीन व मजदूर खोलने में जुटे है लेकिन भारी बोल्डरों के कारण मार्ग खोलने में समय लग रहा है।
वहीं, लामबगड़ में भी मलबा आ जाने के कारण पिछले 48 घंटे से हाईवे बंद पड़ा है। जिसे खोलने के लिए एनएच मशक्कत करने में लगा है।

नीलकंठ महादेव पर जल चढ़ाने आए व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत

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लक्ष्मण झूला थानांतर्गत नीलकंठ महादेव पर जल चढ़ाने आए हरियाणा से एक व्यक्ति की ह्रदय गति रुक जाने के कारण अचानक मौत हो गई।

लक्ष्मण झूला पुलिस के अनुसार शिवकुमार पुत्र दयानंद ग्राम पिचोलिया थाना करनाल हरियाणा निवासी नीलकंठ जल चढ़ाने हेतु अपने अन्य साथियों के साथ आया था। वह पैदल रास्ते से नीलकंठ जा रहा था कि अचानक धांधला पानी के पास उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे राजकीय प्राथमिक चिकित्सालय लक्ष्मण झूला लाया गया जहां उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के उपरांत दाह संस्कार हेतु उसके परिजनों को सौंप दिया है।

ऐतिहासिक फैसला: 3-2 के बहुमत से सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिया

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पांच जजों की संवैधानिक पीठ में से तीन जजों ने ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिया। जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस आरएफ नरीमन ने असंवैधानिक करार दिया जबकि चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस अब्दुल नजीर ने इसे संसद में कानून बनाने के लिए छोड़ा । मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने तीन तलाक पर छह दिन तक मैराथन सुनवाई करके गत 18 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक बार में तीन तलाक पर रोक लगा दी है। संसद जब तक कानून नहीं लाती तब तक ट्रिपल तलाक पर रोक रहेगी। इससे पूर्व  11 से 18 मई तक रोजाना सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए आज का दिन मुकर्रर किया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि मुस्लिम समुदाय में शादी तोड़ने के लिए यह सबसे खराब तरीका है।चीफ जस्टिस ने पहले फैसला पढ़ना शुरू किया तो लगा कि वही सारे जजों का फैसला है लेकिन बाद में पांच जजों का फैसला सुनने के बाद ये तय हो गया कि तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से असंवैेधानिक करार दिया है ।

triple talak

इस मामले की शुरुआत तब हुई थी जब उत्तराखंड के काशीपुर की शायरा बानो ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर तीन तलाक और निकाह हलाला के चलन की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। कोर्ट के फैसले से पहले तीन तलाक की पीड़िता और याचिकाकर्ता शायरा बानो ने कहा कि मुझे लगता है कि फैसला मेरे पक्ष में आएगा। समय बदल गया है और एक कानून जरूर बनाया जाएगा।

मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर की पीठ ने एक बार में तीन तलाक की वैधानिकता पर बहस सुनी। इस पीठ की खासियत यह भी है कि इसमें पांच विभिन्न धर्मों के अनुयायी शामिल हैं। हालांकि यह बात मायने नहीं रखती क्योंकि न्यायाधीश का कोई धर्म नहीं होता। कोर्ट ने शुरुआत में ही साफ कर दिया था कि वह फिलहाल एक बार में तीन तलाक पर ही विचार करेगा। बहुविवाह और निकाह हलाला पर बाद में विचार किया जाएगा।

शराब विरोधी आंदोलन चलाने वाले दून में होंगे सम्मानित

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उत्तराखंड प्रदेश नशाबंदी परिषद् द्वारा शराब बंदी आंदोलन चलाने वाले आंदोलनकारियों एवं संगठनों को देहरादून में सितंबर माह में होने जा रहे एक सम्मेलन के दौरान सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में उत्तरकाशी जिले में शराब विरोधी आंदोलन चलाने वाले चारधाम विकास परिषद् के पूर्व उपाध्यक्ष सूरत राम नौटियाल को उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया जाएगा।
परिषद् के अध्यक्ष जगमोहन भारद्वाज ने बताया कि उत्तराखंड राज्य में शराब एक महामारी बन गई है। इसे रोकने के लिए समय समय पर कई लोगों एवं संगठनों ने आवाज उठाई, लेकिन प्रदेश सरकारों ने हमेशा से ही उनकी आवाज को मुकदमें दर्ज कर दबाने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि शराब विरोधी आंदोलनों की ताकत बढ़ाने के लिए सितंबर माह में दून में एक सम्मेलन किया जाएगा। जिसके बाद आंदोलनकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेगा। इस मौके पर आंदोलनकारियों को भी सम्मानित किया जाएगा।

इस साल सलमान के घर नहीं आएंगे गणपति

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पिछले 15 सालों से लगातार सलमान खान के बांद्रा स्थित बंगले में गणपति की स्थापना होती आ रही है, जिसमें सलमान और उनका पूरा परिवार बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता रहा है। 15 सालों में यह पहला ऐसा साल होगा, जब इस बार सलमान के घर गणपति की स्थापना नहीं होगी।

इस साल गणपति की स्थापना सलमान की छोटी बहन अर्पिता के घर पर होगी, जिनका घर बांद्रा में ही है। बताया जाता है कि सलमान का पूरा परिवार अर्पिता के घर जाकर गणपति के दर्शन करेगा और फिर गणपति को विसर्जित किया जाएगा। यह भी बताया जा रहा है कि इस बार भी सलमान गणपति में शामिल नहीं हो पाएंगे। इसकी वजह है कि वे आबूधाबी में यशराज की फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ के आखिरी शेड्यूल की शूटिंग कर रहे हैं।

पिछले साल भी सलमान गणपति में शामिल नहीं हो पाए थे। पिछले साल गणपति के दौरान सलमान खान लेह में कबीर खान की फिल्म ट्यूबलाइट की शूटिंग में बिजी थे। कई कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों द्वारा फतवा जारी होने और धमकियों के बाद भी सलमान खान का पूरा परिवार पिछले 15 साल से अपने घर पर डेढ़ दिन के लिए गणपति की स्थापना करता है। सलमान के करीबी दोस्त राज ठाकरे सहित तमाम हस्तियां सलमान के घर गणपति के दर्शन करने पंहुचती हैं। 

यहां कंकड़ में बसते हैं शंकर, मिला प्रमाण

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उत्तराखण्ड को देव भूमि यूं ही नहीं कहा जाता। कहते हैं यहां कंकर में शंकर बसते हैं…यही वजह है कि कि देव भूमि के आंचल में ना जाने कितने ही एसे पौराणिक स्थल है जो गुमनामी में है मगर जब ये रहस्य खुलता है तो एसे परिणाम सामने आते हैं जो सभी को दंग कर देते हैं।अल्मोडा जिले के चौखुटिया में खुदाई के दौरान मिले शिव मंदिर से जहां लोगों की आस्था को बल मिला है वहीं पुरातत्व विभाग भी अब इस खुदाई में मिले अवशेषों की गहता से छानबीन में जुट गया है।

अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया स्थित प्राचीन वक्रमुंडेश्वर महादेव मंदिर परिसर में नौ और शिव मंदिर मिले हैं। पुरातत्व विभाग का अनुमान है कि ये मंदिर करीब नौ हजार साल पुराने हो सकते हैं। यहां खुदाई के लिए बीते दिनों भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग देहरादून मंडल को केंद्र सरकार से इसकी अनुमति भी मिल गई है। पुरातत्व की तकनीकी टीम जल्द ही खुदाई का काम शुरू करेगी।

गौरतलब है कि छह माह पहले भी यहां खुदाई के दौरान दो मंदिर मिले थे। ये मंदिर भी आठ से नौ हजार साल पहले के बताए जा रहे हैं। क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई अधिकारी चंद्र सिंह चौहान ने बताया कि कस्बे के वक्रमुंडेश्वर महादेव मंदिर में बीते दिनों स्थलीय निरीक्षण के बाद शिव मंदिरों की श्रृंखला  की जानकारी मिली। तकनीकी टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया तो पता चला कि परिसर में करीब नौ और मंदिर हैं जो करीब नौ हजार साल पुराने होने का अनुमान है। जल्द ही तकनीकी व इतिहासकारों की टीम चौखुटिया पहुंचेंगी। जिसके बाद खुदाई का काम शुरू होगा। विभाग की तरफ से सारी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है।

डोडीताल के लिए महाराष्ट्र के श्रद्धालु रवाना

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डोडीताल के गणेश मंदिर में महाराष्ट्र के चार श्रद्धालु रवाना हुए। श्रद्धालु 25 अगस्त को गणेश महोत्सव के दिन मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कर पुण्य के प्रतिभागी बनेंगे। सोमवार को श्रद्धालुओं ने हनुमान मंदिर में विधिविधान से पूजा अर्चना की। उसके बाद जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, एसपी ददनपाल और नगरपालिका बाड़ाहाट अध्यक्ष जयेंद्री राणा ने संयुक्त रूप से श्रद्धालुओं को डोडीताल के लिए रवाना किया।
प. राधेश्याम खंडूरी ने बताया कि स्कंदपुराण के अनुसार डोडीताल में माता पार्वती ने भगवान की उत्पत्ति की थी। यहां पर गणेश भगवान ने भगवान शिव को माता पार्वती के कक्ष में प्रवेश नहीं करने दिया। जिससे भगवान शिव ने क्रोधित होकर अपने त्रिशूल से गणेश का शिव धड़ से अलग कर दिया। माता पार्वती के रौद्ररुप धारण करने पर भगवान शिव ने गणेश के धड़ में हाथी का सिर लगाया था। तभी से यह स्थान महत्वपूर्ण माना जाता है और इस स्थान पर गजवक्त्रेश्वर मंदिर का निर्माण हुआ।
महाराष्ट्र से आए श्रद्धालु रोहित तक्ष, विजय, जनार्द्धन डे वागमरे और रुद्राणी ने कहा कि महाराष्ट्र और मुंबई में गणपति का विशेष महत्व है। भाद्रपक्ष गणेश का जन्म महीना माना जाता है। मीडिया के माध्यम से डोडीताल के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसलिए भगवान गणेश की जन्मभूमि के दर्शन करने के लिए यहां चले आए। इस मौके पर कमल सिंह, गणेश पंवार, शिवराम, बलदेव राणा, गिरीश भट्ट आदि मौजूद रहे।

‘नशा, पैसा, ताकत, डर के नाम पर चल रही छात्र राजनीति’

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पैसे और ताकत के दम पर चुनाव जीतने की जद्दोजहद, शराब की बोतलें लेकर सड़कों पर हुड़दंग, आपस में मारपीट, व्यापारियों से उगाही और प्राचार्य के साथ हाथापाई पिछले कुछ सालों में छात्र राजनीति की यही तस्वीर रही है। दून के कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव की तस्वीर बिलकुल साफ है। ये चुनाव किसी भी एंगल से एमपी और एमएलए के चुनाव से कम नही रहा है। यहां भी सभी चुनावों पर गौर करें तो छात्र राजनीति न सिर्फ लक्ष्य विहीन, दिशाहीन और खराब दशा से गुजर रही है बल्कि नियमों से भी यहां किसी को सरोकार नहीं। 
कॉलेज के बाहर चुनाव में फंडिंग के लिए जबरन वसूली, सडक़ों पर हुड़दंग, पटाखे और सीटियों के शोर के बीच डरा सहमा शहर। इन दिनों देहरादून के कुछ ऐसे ही हालात हैं। हर ओर पोस्टरों, बैनरों और रैलियों का आलम है। अकेले डीएवी पर गौर करें तो यहां के चुनाव विधान सभा या लोक सभा से कम नपजर नहीं आते हैं। छात्र संघ चुनाव को लेकी यहां अभी नामांकन भी शुरू नहीं हुए हैं और प्रत्याशियों ने अपनी रैलियों से जोर आजमाइश शुरू कर दी है। सभी संगठन अपना शक्ति प्रदर्शन करने में लगे हैं। इसके लिए फिर चाहे लिंगदोह की धज्जियां उड़े तो क्या फर्क पड़ता है।

पोस्टरों में नियम बेमायने
कॉलेज के बाहर पोस्टरों और बैनरों दीवारें पटी पड़ी है। जबकि लिंगदोह की सिफारिशों की मानें तो चुनाव प्रचार सामग्री में पोस्टर, बैनर, फ्लेक्स और पंपलेट के लिए कोई स्थान ही नहीं। केवल हस्तनिर्मित पोस्टरों को ही वैध माना गया है, लेकिन इस नियम को यहां पालन करने वाला कोई नहीं। इतना ही नहीं चुनाव में नियमों की बात करें तो अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव के दौरान वाहनों का उपयोग वर्जित है, लेकिन यहां यह नियम भी बेमायने है। कॉलेजों में गाड़ियां और बाइकों के लाव लश्कर का जमकर प्रयोग किया जा रहा है।

आपराधिक इतिहास में भी पीछे नहीं
कॉलेज से बाहर निकलकर पुलिस डायरी पर नजर डालें तो कॉलेजों के छात्र नेताओं का आपराधिक इतिहास भी काफी अच्छा है। मारपीट, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट के दर्जनों मामले छात्रों पर दर्ज हैं। पिछले आठ सालों की बात करें डीएवी के एबीवीपी के तकरीबन दो दर्जन छात्रों पर तीन दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए हैं। वहीं, एनएसयूआई के 14 छात्रों के खिलाफ 20 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, ‘आर्यन ग्रुप’ के छह छात्र नेताओं पर 19 मामले दर्ज हुए। हालांकि बीते कुछ वक्त में इन मामलों में कुछ में समझौते और कुछ में पुलिस ने एफआर भी लगाई है, लेकिन इसके बाद भी आपराधिक इतिहास हर साल बढ़ता जाता है।

उगाही करते छात्र गिरफ्तार, जेल
चुनाव में उगाही करना, धमकाना और अवैध वसूली आमबात हो गई। कई मामलों में लोग छात्रों से किसी प्रकार की रंजिश न करने के डर से मामले को दबा देते हैं। लेकिन बहते रोज एक बार फिर अवैध रुप से चुनाव में फंडिंग करने के लिए उगाही करने का मामला सामने आया। राजपुर रोड स्थिति रेस्टोरेंट चालक आयुष टंडन ने थाना डालनवाला में चुनाव के नाम पर पैसों की मांग करने और मना करने पर जान से मारने की धमकी दिए जाने की तहरीर दी है।
उन्होंने बताया कि 19 अगस्त की रात डीबीएस पीजी कॉलेज के छात्र नेता व पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सौरभ गुलेरिया, देवेंद्र नेगी, विपुल गौड़, पंकज कुमार द्वारा कॉलेज में छात्र संघ चुनाव के नाम पर पैसों की मांग की। पैसे देने से मना करने पर युवकों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई। मामले में पुलिस ने लिखित तहरीर के आधार पर थाना डालनवाला में मु.अ.स. 202/17 धारा 384/506 बनाम देवेंद्र नेगी व अन्य पंजीकृत करते हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

छात्र नेताओं की सत्ता में पकड़
एबीवीपी हो या फिर एनएसयूआई या फिर कोई अन्य संगठन ऐसे ही छात्रों को चुनाव में उतारती है, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज नहीं होते हैं। लेकिन इनके पीछे पुराने धुरंधर और और बड़े मास्टरमाइंड छात्र नेता लगातार काम करते हैं। चुनाव के लिए यह मास्टरमाइंड अपनी पकड़ सत्ता के गलियारों तक रखते हैं। इसका उदाहरण बीते दिनों एमकेपी पीजी कॉलेज में छात्र संघ चुनाव के दौरान हुए हंगामे में बड़े दलों के नेताओं का दखल देखा जाना है।

क्या कहती हैं लिंगदोह की सिफारिशें
– चुनाव प्रचार में अधिकतम एक प्रत्याशी पांच हजार तक खर्चा कर सकता है।
– व्यय व दूसरे नियमों का उल्लंघन करने पर चुनाव निरस्त।
– प्रिंटेड पोस्टर, पंपलेट या अन्य प्रचार सामग्री की अनुमति नहीं।
– प्रचार के लिए वाहन, लाउड स्पीकर व जानवरों का प्रयोग प्रतिबंधित।
– प्रत्याशी बनने के लिए अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए अधिकतम आयु सीमा 22 साल।
– पोस्ट ग्रेएजुएट के लिए 28 साल अधिकतम आयु सीमा निर्धारित है।
– प्रत्याशी के लिए कक्षाओं में कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य।
– आपराधिक रिकॉर्ड, मुकदमा, सजा या अनुशासनात्मक कार्रवाई वाला छात्र प्रत्याशी योग्य नहीं।
– प्रत्याशी विश्वविद्यालय या कॉलेज का नियमित छात्र हो, पत्राचार कोर्स का छात्र अयोग्य।
– चुनाव प्रक्रिया, नामांकन व चुनाव परिणाम अधिकतम दस दिनों तक पूरे कर लिए जाएं।

बयान
निवेदिता कुमार कुकरेती, वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक, देहरादून ने बताया कि चुनाव में नियमों का पालन हो इसके लिए संयुक्त रुप से बैठक कर छात्रों को दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। बावजूद इसके अगर कोई नियमों से खिलवाड़ होता पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डा. डीके त्यागी, मुख्य चुनाव अधिकारी, डीएवी पीजी ने बताया कि कई बार रैली बाहर से आती है तो वर्जित सामग्री के साथ कुछ तत्व परिसर में प्रवेश कर जाते हैं। इस पर नियंत्रण के लिए कमेटियां गठित कर दी गई हैं। नियमों के तहत चुनाव आयोजित होगा।

छात्र-छात्राओं ने बनाए 20 खगोलीय दूरबीन

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केन्द्रीय विद्यालय संगठन के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ते हुए छात्र-छात्राओं ने पांच दिवसीय खगोलीय दूरबीन निर्माण कार्यशाला में भाग लिया। 17 अगस्त से 21 तक चले केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-दो में आयोजित कार्यशाला में छात्र-छात्राओं ने 20 टेलीस्कोप तैयार किए। जिसमें 10 देहरादून संभाग के बच्चों ने एवं 10 दिल्ली संभाग से आए छात्र छात्राओं ने तैयार किए।

कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों ने फोकल लेंथ जांचना, उसके अनुसार ट्यूब काटना एट्यूब के भीतरी एवं बाहरी हिस्सों को पेंट करना, दूरबीन के भिन्न भागों को जोड़ना जैसे फाइंडर स्कोप , प्राथमिक, सेकेंडरी मिरर सेल, फोकसर आदि सीखा। प्रतिभागियों ने सही टेलीस्कोप परीक्षण हेतु टावर, इमारतें , चलती हुई कार और तारें आदि को देखा। छात्र-छात्रओं ने अपने द्वारा स्वनिर्मित टेलीस्कोप से यह सब देखना बहुत ही रोमांचकारी रहा। कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान को प्रतिभागियों ने व्यक्त किया।

इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना और देश भक्ति के गीत प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सहायक आयुक्त केंद्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली से आए ताजुद्दीन शेक ने दीप प्रज्वलन किया। उन्होंने विज्ञान एंव तकनीकी के क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा किए गए इस प्रयास की सराहना की।

केंद्रीय विद्यालय संगठन देहरादून संभाग के उपायुक्त सोमित श्रीवास्तव, ने प्रतिभागियो और मेजबान विद्यालय को बधाई दी। इस मौके पर सहायक आयुक्त विनोद कुमार, अरविन्द सी रानाडे, प्रधा