Page 416

रेरा अध्यक्ष के लिए एक व सदस्य के लिए मिले 20 आवेदन

0

देहरादून, रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के अध्यक्ष व सदस्य पद के उम्मीदवारों को अपने-अपने क्षेत्र में हासिल योग्यता की न सिर्फ जानकारी देनी होगी, बल्कि इसके प्रमाण भी उपलब्ध कराने होंगे। शासन की स्क्रीनिंग कमेटी ने सभी आवेदकों को पत्र लिखकर अपनी योग्यता के प्रमाण देने को कहा है।वहीं रेरा के एक अध्यक्ष व तीन सदस्यों के पद के लिए 20 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें 8 रिटायर्ड आईएएस व 12 अन्य क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं। दो रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ऐसे भी हैं, जिन्होंने अध्यक्ष व सदस्य दोनों पदों के लिए आवेदन किया है।

रेरा के नियामक प्राधिकारी के सचिवालय के रूप में काम कर रहे उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (उडा) को अध्यक्ष पद के लिए सात और सदस्य के लिए 13 आवेदन प्राप्त हुए हैं। उडा ने इन्हें मुख्य सचिव की अध्यक्ष में गठित सचिव कार्मिक व अपर सचिव आवास की स्क्रीनिंग कमेटी को भेजा था। ताकि यह कमेटी योग्य उम्मीदवारों के नाम उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यूसी ध्यानी, प्रमुख सचिव न्याय व सचिव कार्मिक की चयन समिति को भेज सके। इसको लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की हाल में आयोजित बैठक में उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने से पहले उनकी योग्यता परखने का निर्णय लिया गया है।

अपर सचिव आवास सुनील श्रीपांथरी ने बताया कि, “सबसे पहले आवेदकों को इस बात का शपथ पत्र देना होगा कि जहां भी उन्होंने काम किया है, उस संस्थान में उन पर कोई जांच नहीं चल रही है और उन पर कोई मुकदमा भी गतिमान नहीं है। इसके साथ ही उन्हें अपने क्षेत्र के अनुसार लोक प्रशासन, हाउसिंग, अर्बन डेवलपमेंट, एकाउंटेंसी, इंडस्ट्री, अर्थ आदि क्षेत्र में अर्जित की गई उपलब्धि का 200 शब्दों में उल्लेख करना होगा।”

संबंधित क्षेत्र में अर्जित की गई उपलब्धि के प्रमाण भी जवाब के साथ संलग्न किए जाने जरूरी हैं। इन औपचारिकताओं को पूरा करने वाले आवेदकों के नाम ही चयन समिति को भेजे जाएंगे। इसके बाद चयन समिति हर पद के सापेक्ष तीन नामों का चयन पर सरकार को भेजेगी और अंतिम चयन सरकार के स्तर पर ही किया जाएगा।
रेरा में इन्होंने किया आवेदन:
अध्यक्ष पद
नाम, क्षेत्र/योग्यता, अनुभव
एन रविशंकर, रिटा. आइएएस, 35 वर्ष
सीएस नपलच्याल, रिटा. आइएएस, 37 वर्ष
विष्णु कुमार, रिटा. आइएएस, 33 वर्ष
अवनेंद्र नयाल, रिटा. आइएएस, 36 वर्ष
गौरव वर्मा, अर्किटेक्ट, 22 वर्ष
अजय कुमार, मकैनिकल इं., 37
सदस्य पद
सीएस नपलच्याल, रिटा. आइएएस, 37 वर्ष
विष्णु कुमार, रिटा. आइएएस, 33 वर्ष
रवि प्रकाश, रिटा. आइएएस, 35 वर्ष
एमसी जोशी, रिटा. आइएएस, 32 वर्ष
विनोद शर्मा, रिटा. आइएएस, 35 वर्ष
सीएमएस बिष्ट, रिटा. आइएएस 32 वर्ष
भूपेंद्र रावत, विधि, 19 वर्ष
सुरेश बेलवाल, इंजीनियरिंग, 22 वर्ष
अनूप कुमार, प्रबंधन, 21 वर्ष
बिजॉय वर्मा, इंजीनियरिंग, 34 वर्ष
अजय कुमार, मकैनिकल इं., 37 वर्ष
अनिल प्रताप, अर्किटेक्ट, 19 वर्ष
मनीष श्रीवास्तव, प्रबंधन, 12 वर्ष
संजय राय, मानव संसाधन, 15 वर्ष

कुमांऊ राइफल्स का गौरवपूर्वण इतिहासः थल सेनाध्यक्ष

0

पिथौरागढ़- उत्तराखंड निवासी पूर्व थल सेनाध्यक्ष स्व. बीसी जोशी के बाद आज जरनल विपिन रावत के पिथौरागढ़ पहुंचने से पूर्व सैनिक गदगद हैं। कुमाऊं राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने राइफल्स के शतवर्षीय समारोह पर भी हर्ष जताया। इस समारोह में थल सेनाध्यक्ष के भाग लेने को समारोह में चार चांद लगना बताया है।

पिथौरागढ़ में आज से 23 साल पूर्व उत्तराखंड के ही थल सेनाध्यक्ष स्व. बीसी जोशी आए थे। उनका दो दिवसीय कार्यक्रम था। सोमवार को एक बार फिर थल सेनाध्यक्ष विपिन रावत पिथौरागढ़ आए। इस बार कुमाऊं राइफल्स के शत वर्षीय समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आए और अल्प समय के लिए प्रवास किया। रावत सुबह नौ बज कर 45 मिनट में पहुंचे और 11 बजकर 50 मिनट में हेलीकॉप्टर से चले गए। सेनाध्यक्ष के शतवर्षीय समारोह में भाग लेने से जहां सैनिकों में जोश भरा था वहीं पूर्व सैनिक भी उत्साहित नजर आए। पूर्व सैनिकों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया।

समारोह में पहुंचे पूर्व सैनिकों ने अपनी बटालियन के शतवर्षीय समारोह का स्वागत करते हुए इस कार्यक्रम में थल सेनाध्यक्ष के भाग लेने को बहुत भी महत्वपूर्ण बताया। अपनी इस बटालियन के सौ साल पूरे होने और इस अवधि में सेना के गौरवशाली इतिहास पर गर्व जताया। समारोह में बुजुर्ग सेवानिवृत्त सैनिकों और अधिकारियों का जोश देखने योग्य था। कार्यक्रम के समापन अवसर पर थल सेनाध्यक्ष के साथ वर्तमान सैनिकों सहित पूर्व सैनिकों का ग्रुप फोटो खींचा गया।

85 वर्षीय समारोह में पहुंचे कै. उम्मेद सिंह लुंठी ने कहा कि, “हमारी पल्टन के सौ साल पूरे हुए हैं, पिथौरागढ़ में शतवर्षीय उत्सव मनाया गया। इस उत्सव में थल सेनाध्यक्ष के मुख्य अतिथि होने से सभी का गौरव बढ़ा है। तृतीय कुमाऊं राइफल्स ने हमेशा देश की रक्षा के लिए आगे बढ़ कर कार्य किया है। इस राइफल्स में रहते हुए हमने भी पाक के साथ युद्ध में भाग लिया।”

गंगा नदी राफ्टिंग समिति द्वारा राफ्टिंग जोन शिवपुरी में मनाया गया पर्यटन पर्व

ऋषिकेश, वाइट रिवर राफ्टिंग के दीवाने विश्व भर में है, ऋषिकेश की पहचान पूरे विश्व में साहसिक पर्यटन के रूप में रिवर राफ्टिंग से ही होती है जिसके चलते गंगा नदी राफ्टिंग समिति द्वारा शिवपुरी में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन पर्व 2017 का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में राफ्टिंग व्यवसाई ने शिरकत की उत्तराखंड में पर्यटन ही एक ऐसा व्यवसाय है जिसके द्वारा उत्तराखंड वासियों की रोजी रोटी चलती है।

रोजगार के लिए यहां जरूरत है तो पर्यटन के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की इसके लिए राज्य सरकार साहसिक और धार्मिक पर्यटन के लिए कई योजनाएं बना रही है। इसी कड़ी में पर्यटन विकास समिति ने ऋषिकेश शिवपुरी में पर्यटन पर्व 2017 का आगाज किया जिसमें विभिन्न राफ्टिंग कंपनियों ने गंगा में राफ्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन कर इस पर्व को धूमधाम से मनाया।

WhatsApp Image 2017-10-24 at 15.47.57

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने राफ्टिंग व्यवसाइयों का उत्साह वर्धन किया और कहा कि, “ऋषिकेश की पहचान रिवर राफ्टिंग से ही है, गंगा में व्हाइट रिवर राफ्टिंग की शुरुआत 1984 मैं ऋषिकेश के शिवपुरी क्षेत्र से सेना से रिटायर अविनाश कोहली ने शुरू की थी, तब से आज तक रिवर राफ्टिंग ने ऋषिकेश को विश्व के नक्शे पर लाकर खड़ा कर दिया।”

गंगा में 8 वर्ल्ड क्लास रैपिड होने के चलते देशी विदेशी पर्यटक ऋषिकेश का रुख करने लगे। तब से लेकर आज तक रिवर राफ्टिंग इन ऋषिकेश के युवाओं को रोजगार के लिए एक नई राह खोल दी और यहां के पलायन पर रोक लग गई है,पर्यटन पर्व 2017 में राफ्टिंग व्यवसाइयों ने अपने व्यवसाय के लिए सरकार के सामने इंफ्रास्ट्रक्चर की समस्या रखी है।

उत्तराखंड में धार्मिक और साहसिक पर्यटन ही आमदनी का एकमात्र जरिया है ना यहां कोई उद्योग है नाही खेती या अजीविका के अन्य साधन, ऐसे में जरूरत है तो पर्यटन व्यवसाय को प्रोत्साहित करने की। जिसमें सरकार की भूमिका इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए सबसे जरूरी है।

पुलिस के चुंगल से फरार हुआ कैदी

0

नानकमत्ता, खटीमा स्थित एसीजेएम कोर्ट के आदेश पर उप कारागार हल्द्वानी में दाखिल करने लाया जा रहा स्मैक तस्कर चोगरलिया-गौलापार के बीच में जंगल में हथकड़ी समेत फरार हो गया। उल्टी आने की बात कहकर तस्कर ने पुलिस की कार रुकवाई थी। चोरगलिया व नामकमत्ता थाना पुलिस के साथ ही ऊधमसिंह नगर जिले के कई थानों की पुलिस देर रात तक तस्कर को पकड़ने के लिए जंगल में कांबिंग करती रही।

नानकमत्ता थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि सोमवार की सुबह क्षेत्र के शीतलपुर बिलसंडा निवासी अलमजीत सिंह को 4.80 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया था। आरोपी के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा पंजीकृत किया गया। उसे खटीमा स्थित एसीजेएम के न्यायालय में पेश कर हल्द्वानी स्थित उपकारागार ले जाया जा रहा था। तस्कर को नानकमत्ता थाने का सिपाही कमल गोस्वामी और होमगार्ड सुनील कार से हल्द्वानी ले जा रहे थे।

कार सिपाही कमल चला रहा था। करीब पौने पांच बजे चोरगलिया-गौलापार जंगल में अलमजीत ने उल्टी आने की शिकायत की। इस पर सिपाही ने कार सड़क किनारे रोक ली। उल्टी के बहाने कार से उतरते ही अलमजीत ने हथकड़ी समेत सड़क से उत्तर की ओर जंगल में दौड़ लगा दी। दोनों जवान पकड़ने के लिए पीछे भागे, लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ा। सिपाही ने तुरंत इसकी सूचना नानकमत्ता थानाध्यक्ष अशोक कुमार और चोरगलिया थानाध्यक्ष संजय जोशी को दी।

आला अफसरों तक मामला पहुंचा तो नैनीताल और ऊधम सिंह जिला पुलिस को अलर्ट कर चोरगलिया से लेकर शक्तिफार्म के बीच के जंगल में दोनों ओर से कांबिंग शुरू कर दी गई। देर रात तक दोनों जिलों की पुलिस अलमजीत को जंगल में तलाश रही थीं। चोरगलिया थानाध्यक्ष संजय जोशी ने बताया कि नानकमत्ता पुलिस की ओर से तहरीर मिलने पर चोरगलिया थाने में अलमजीत के विरुद्ध पुलिस अभिरक्षा के भागने का मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा।

अनुकृति गुसाईं का ग्रैंड फिनाले जीत के लिए ऋषिकेश में किया गया हवन

ऋषिकेश, गढ़वाल महासभा एवं उड़ान फाउंडेशन के सँयुक्त तत्वाधान में आज उत्तराखण्ड की बेटी अनुकृति गुसाईं (मिस ग्रेंड इंडिया) के वियतनाम में कल 25 अक्टूबर को ग्रेंड इंटरनेशनल प्रतियोगिता के फिनाले में जीत के लिए हवन यज्ञ कर आहुति डाली।

लेकिन अनुकृति की अच्छी परफॉर्मेसन से इस बार भारत की उम्मीद जागी है। प्रतियोगिता के फाइनल के लिए अनुकृति द्वारा जो डाक्यूमेंट्री स्टॉप फार वॉर थीम पर बनाई गई है उसके साथ ही इस वीडियो में उत्तराखण्ड पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ऋषिकेश योग एवम गरीब बच्चो को शिक्षा दे रहा उड़ान स्कूल की झलक भी देखने को मिलेगी।

महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजे नेगी ने बताया कि 80 देशो के बीच वियतनाम में 8 अक्टूबर से चल रही मिस ग्रेंड इंटरनेशनल प्रतियोगिता में अनुकृति भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है। कल यानि 25 अक्टूबर को प्रतियोगिट्स का फाइनल होना है। प्रतियोगिता में अब तक अनुकृति की परफॉर्मेसन अच्छी रही है इंटरनेशनल कॉस्ट्यूम में अनुकृति टॉप 8 में जगह बना चुकी है। पिछले एक दशक सेअब तक इस प्रतियोगिता में भारत कभी भी नही जीत पाया है। स्टोरी मेल पर है पर्यटन पर्व 2017

वर्ष 2014 में भी अनुकृति मिस एशिया पैसेफिक वर्ल्ड की टॉप 5 फाईनिलिस्ट रह चुकी है। मूलरूप से उत्तराखण्ड के पौड़ी जनपद के लैंसडाउन क्षेत्र में रहने वाली अनुकृति सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग है। अनुकृति की जीत के लिए हवन यज्ञ में आहुति डाल जीत की कामना करने वालो में गढ़वाल महासभा के उपाध्यक् आचार्य जनार्धन केर वान, पंडित अंकित नैथानी उत्तम सिंह असवाल, रमेश लिंगवाल, रवि कुकरेती, राजा ढिंगरा, अजय भटनागर निधि शर्मा ऋचा रावत पूजा नेगी मंजू देवी आशुतोष कुड़ियाल शामिल थे।और ऋषिकेश में निशुल्क शिक्षण संस्थान उड़ान प्रोजेक्ट से जुड़कर गरीब बच्चो की पढ़ाई में अपना सहयोग दे रही है।

उत्पल कुमार सिंह होंगे उत्तराखंड के नये मुख्य सचिव

0

उत्तराखंड को उत्पल कुमार सिंह के रूप में नये मुख्य सचिव मिलने जा रहा है। उत्तराखंड कैडर के सिंह राज्य के वरिष्ठ आईएएस अफसर हैं और इस समय दिल्ली में खाद्य मंत्रालय में तैनात हैं। सिंह को केंद्र से रिलीव करने के लिये सरकार ने चिट्ठी लिखी थी जिसके चलते मंगलवार को सिंह को केंद्र सरकार ने रिलीव कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक कुछ दिनों में ही सिंह मुख्य सचिव का पद संभाल लेंगे। सिंह अपनी साफगोई और ईमानदारी के लिये जाने जाते हैं। और शायद ये गुण राज्य में मोदी निशन को कारगर तरीके से लागू करने में काम आये।

झारखंड में पैदा हुए सिंह दिल्ली युनिवर्सिटी से इतिहास में पोस्ट ग्रेजुयेट हैं। 1986 बैच के आईएस अधिकारी सिंह के पास अभी सेवा के तीन साल और बचे हैं।सिंह प्रमुख सचिव कार्मिक, लोक निर्माण, ऊर्जा, कृषि, अद्यान, पर्यटन, गृह, समेत कई विभाग संभाल चुके हैं।  इससे पहले सिंह नैनीताल और शाहजहांपुर के जिलाधिकारी रह चुके हैं। इसके बाद राज्य बनने का बाद सिंह ने उत्तराखंड कैडर चुन लिया था। 

उत्पल कुमार सिंह ने अलग अलग पदों पर नारायण दत्त तिवारी, भुवन चंद्र खंडूरी और रमेश पोखरियाल निशंक के सीएम कार्यकाल के दौरान काम किया है। इसके अलावा उन्होने ने हार्वर्ड युनिवर्सिटी से भी कोर्स किया है।

क्यों होगा इन चार अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

0

उत्तराखंड़ के चार बडे अधिकारियों पर मातृ सदन सीपीसीबी के आदेश के उल्लघन के मामले में मुकदमा कराने जा रहा है। एक्ट के तहत मातृसदन उत्तराखंड के पूर्व खनन सचिव शैलेष बगोली, औद्योगिक सचिव आनंदवर्धन, हरिद्वार के पूर्व उपजिलाधिकारी हरबंस चुघ और वर्तमान जिलाधिकारी दीपक रावत पर मुकदमा करने जा रहा है। मातृ सदन के मुताबिक सीपीसीबी के आदेश गंगा में खनन और पांच किलोमीटर क्रसिंग पर प्रतिबंध का उल्लघन किया गया हैं। यही नहीं मातृ सदन हाईकोर्ट में अवमानना को लेकर भी मुकदमा करने जा रहा है। मातृ सदन ने आगामी 30 अक्टूबर से खनन खोले जाने के विरोध में तपस्या की घोषणा की है।

शनिवार को मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने बताया कि छह दिसंबर 2016 को सीपीसीबी ने गंगा में खनन को प्रतिबंधित किया और क्रेसरों को गंगा से पांच किलामीटर दूर करने का आदेश दिया था। लेकिन शासन, प्रशासन ने अभी तक इस संबंध में किसी तरह का ठोस कदम नहीं उठाया। इसको लेकर मातृ सदन ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा करने की तैयारी कर ली है। स्वामी शिवानंद ने बताया कि इसके लिए प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। आगामी कार्यदिवस में जिला कोर्ट में इस मुकदमे को फाइल कर दिया जाएगा। शिवानंद ने बताया कि ईपी एक्ट के तहत इस मामले में दोषी पाए जाने पर पांच से सात साल की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता हैं।
मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने गंगा में खनन खुलने और स्टोन क्रेसरों के चालू किए जाने के पूर्व अंदेशे के चलते तपस्या का ऐलान कर दिया है। स्वामी शिवानंद ने बताया कि यदि खनन खुला तो वे 30 अक्टूबर से तपस्या करेंगे। उन्होंने बताया कि गंगा में खनन खोलने की तैयारी सरकार कर रही है। यही नहीं इसके विरोध में उन्होने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है। उन्होंने इसके पीछे हुए कथित लेनदेन की जांच कराने की मांग की है।

फेसबुक फ्रेंड पर लगाया रेप का आरोप

0

रुड़की, फेसबुक पर दोस्ती हुई और तीन युवतियां दोस्त से मिलने कर्नाटक से कलियर पहुंच गई। फेसबुक फ्रेंड भी लड़कियों के बुलाने गंगोह से कलियर पहुंच गए। लेकिन मुलाकात के बाद युवकों पर युवतियों ने रेप का आरोप लगाया और हंगामा कर दिया। पुलिस ने फिलहाल दो युवकों पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कर्नाटक की एक युवती की गंगोह सहारनपुर निवासी सचिन से फेसबुक पर दोस्ती हो गयी। बात आगे बढ़ी तो दोनों ने मिलने का प्रोग्राम बनाया और स्थान तय किया गया कलियर। रविवार शाम युवती दो सहेलियों के साथ कलियर पहुंची औऱ गेस्ट हाउस में कमरा लिया। उसके बाद उन्होंने सचिन को फोन करके कलियर बुलाया। सचिन अपने साथी मोनू को साथ लेकर किराये की टैक्सी से कलियर पहुंच गया। सब लोग आपस में मिले और थोड़ी देर में दो युवती सचिन और उसके दोस्त के साथ घूमने चली गयी। तीसरी सहेली वहीं रुक गयी। कुछ देर बाद जब चारों लौट कर आये तो दोनों युवतियो ने अपनी सहेली को बताया कि दोनों युवकों ने उनके साथ रेप किया है। इस पर युवतियों ने हंगामा शुरू कर दिया। मामला बढ़ता देख युवक फरार हो गए, लेकिन युवतियों ने टैक्सी ड्राइवर को पकड़ लिया और थाने ले आयी। वहीं ड्राइवर के बुलाने पर सचिन भी थाने पहुंच गया। पुलिस ने युवतियों की तहरीर पर सचिन और मोनू के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कर लिया है। युवतियों का मेडिकल करवाया गया है। थाना प्रभारी देवराज शर्मा का कहना है कि रेप का मुकदमा दर्ज कर एक युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दूसरे की तलाश जारी है।

धूमिल हो रही है हिमालय की चकाचौंध

0

नैनीताल से विराट हिमालय के दर्शन में भी वायु प्रदूषण व नमी की बाधा आड़े आ रही है। अक्टूबर बीतने को है और धुंध के आवरण से नैनीताल समेत ऊंचाई वाले इलाकों से हिमालय की आभा आंखों से ओझल है। नैनीताल की मनोहारी सुंदरता के साथ हिमालय दर्शन यहां के पर्यटन का  मुख्य आकर्षण रहा है। यहां चार स्थान हैं, जहां से हिमालय नजर आता है। मानसून थमने के बाद अमूमन सितंबर के अंत से हिमालय साफ चांदी की तरह चमकता नजर आने लगता है और अक्टूबर शुरू होते ही इसकी चमक में चार चांद लग जाते हैं। इसे निहारने के लिए इस दौरान देसी- विदेशी सैलानी यहां पहुंचते हैं। परंतु इस बार हिमालय की चमक धुंधला गई है।

दशहरे से हिमालय दिखना शुरू तो हुआ, लेकिन उसकी चमक में अभी तक निखार नहीं आ पाया है। सुबह सूर्य की किरणें हिमालय की चोटियों पर पड़ते ही, जो लालिमा नजर आती थी, वह नदारद है। स्थानीय लोग इसके पीछे काफी हद तक वायु प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराते हैं। 

यहां से नजर आने वाली  चोटियों में सबसे उंची चोटी नंदा देवी की है। यह समुद्रतल से 6611 मीटर उंचाई पर स्थित है। चौखंबा, पंचाचूली, त्रिशूल, छोटी नंदा देवी व नंदा घुटी प्रमुख हैं। जिन्हें स्नोव्यू, नयनापीक, टीफिनटॉप व हिमालय दर्शन से देखा जा सकता है। 

आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वायुमंडीय वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र सिंह का कहना है कि मानसून के अंतिम चरण में हुई बारिश के कारण हिमालय के वातावरण में नमी बरकरार है। इस कारण हिमालय स्पष्ट नजर नहीं आ रहा है। यह नमी ज्यादा दिन तक नहीं रहेगी। ड्राई होते ही चमक भी नजर आनी शुरू हो जाएगी।

अब बोर्ड पेटर्न पर होंगी माध्यमिक की परीक्षाएं

0

अब माध्यमिक विद्यालयों की गृह परीक्षाएं भी उत्तराखंड बोर्ड के पैटर्न पर होंगी। इसके लिए बोर्ड ने कवायद शुरू कर दी है। इसका मकसद अन्य शिक्षकों को भी बोर्ड के मूल्यांकन के लिए मानसिक रूप से तैयार करना है। साथ ही परीक्षार्थी भी बोर्ड परीक्षा के लिए पहले से तैयार हो सकेंगे।

कक्षा नौ, दस, 11 और 12वीं में छह माह में होने वाली गृह परीक्षाओं का प्रश्नपत्र प्रत्येक जिले की जिला स्तरीय समिति द्वारा तैयार किए जाते हैं, लेकिन प्रश्नपत्र का निर्माण हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा कराने वाली उत्तराखंड बोर्ड के पैटर्न के हिसाब से नहीं होता है। गृह परीक्षा के प्रश्नपत्र में यूनिट वार अंकों का विभाजन बोर्ड के प्रश्नपत्र से भिन्न होता है। ऐसे में परीक्षार्थी गृह परीक्षा के हिसाब से ही बोर्ड की भी तैयारियां करता है, लेकिन अब उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने बोर्ड के पैटर्न को भी गृह परीक्षाओं में लागू करने की रूपरेखा तय कर ली है। परिषदीय अधिकारियों का मानना है कि गृह परीक्षाओं में भी उत्तराखंड बोर्ड के प्रश्नपत्रों का पैटर्न लागू होने से परीक्षार्थियों एवं शिक्षकों को परेशानी नहीं होगी। परीक्षार्थी जहां बोर्ड परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के अंक विभाजन को पहले से ही समझकर उसी हिसाब से तैयारी करेगा। साथ ही शिक्षकों को भी गृह परीक्षा में ही बोर्ड का प्रश्नपत्रों का पैटर्न पता चल जाएगा। 

सचिव (उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर) वीपी सिमल्टी का कहना है कि बोर्ड के प्रश्नपत्र के पैटर्न को भी गृह परीक्षा में लागू कराया जाएगा। इससे बेहतर मूल्यांकन में बढ़ोत्तरी होगी। वहीं शिक्षक भी बोर्ड के मूल्याकंन के लिए मानसिक रूप से तैयार हो सकेंगे।