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मीडिया के सामने आई इत्तेफाक की टीम

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इस शुक्रवार को रिलीज होने जा रही फिल्म ‘इत्तेफाक’ के लिए मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभालने वाली करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शन ने प्रमोशन के लिए अलग रणनीति अपनाने की घोषणा की थी। करण जौहर ने कहा था कि चूंकि ये मर्डर मिस्ट्री है, इसलिए इस फिल्म के सितारे मीडिया के साथ सीधे तौर पर कोई बातचीत नहीं करेंगे। प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ स्टार कास्ट का कोई संपर्क नहीं होगा।

itefaaq team

करण जौहर ने इस बार सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए फिल्म का प्रमोशन किया जाएगा, लेकिन रिलीज से कुछ दिन पहले करण जौहर को इस फैसले को बदलना पड़ा और सोमवार की शाम को न सिर्फ फिल्म की पूरी कास्ट मीडिया के सामने हाजिर हुई, बल्कि साथ में करण जौहर और फिल्म के दूसरे निर्माता के तौर पर शाहरुख खान को मीडिया के सामने आना पड़ा।

बांद्रा के एक पांच सितारा होटल में आयोजित एक समारोह में शाहरुख खान, करण जौहर और फिल्म की पूरी टीम ने मीडिया के साथ बातचीत की। बीआर चोपड़ा के पौत्र अभय चोपड़ा ने अपने दादा जी द्वारा बनाई गई फिल्म इत्तेफाक (राजेश खन्ना-नंदा) का रीमेक किया है। इस रीमेक में सिद्धार्थ मल्होत्रा, सोनाक्षी सिन्हा और अक्षय खन्ना की प्रमुख भूमिकाएं हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना दिवस के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की

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मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना दिवस के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य स्थापना दिवस के लिए एक विजन के अनुसार कार्यक्रम निर्धारित हो, समारोह में जनभागीदारी को सुनिश्चित किया जाए और प्रदेशवासियों को स्थापना दिवस के कार्यक्रमों से जोड़ा जाए।
बैठक में राज्य स्थापना समारोह की प्रारंभिक रूपरेखा पर चर्चा की गई। 5 नवंबर को मुख्यमंत्री आवास पर “रैबार कार्यक्रम” आयोजित किया जाएगा, जिसमें उत्तराखंड मूल के विशिष्ट, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित लोगों की भागीदारी होगी।
रैबार कार्यक्रम में पलायन, पर्यटन, पर्यावरण, इनोवेशन, इंडस्ट्री जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर परिचर्चा कर उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास के लिए रोड मैप बनाने का प्रयास किया जाएगा।
6 नवंबर को वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों द्वारा विभिन्न स्कूलों एवं शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों के साथ इंटरेक्शन किया जाएगा। इसके साथ ही इस दिन कृषि, उद्योग, औद्यानिकी आदि क्षेत्रों में स्वरोजगार और स्व उद्यम के माध्यम से सफलता की कहानियां लिखने वालों से संबंधित कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
7 नवंबर को सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा जनपदों में सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा ‘रन फॉर गुड गवर्नेंस’ का आयोजन किया जाएगा। 7 नवंबर को ही रिस्पना नदी और कोसी नदी के पुनर्जीविकरण हेतु कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इससे सम्बन्धित कार्यक्रम रिस्पना नदी के उद्गम पर भी आयोजित करने पर विचार किया जायेगा। 8 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मैराथन दौड़ तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन में रैतिक परेड का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के राज्यपाल पुलिस परेड़ की सलामी लेंगे। इसी दिन सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका का विमोचन समारोह भी आयोजित होगा। विमोचन समारोह में ही खेल विभाग द्वारा पुरस्कारों का वितरण भी किया जायेगा। 9 नवंबर को सहकारिता विभाग द्वारा पं.दीनदयाल किसान कल्याण योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को चेक भी वितरित किए जाएंगे। सायंकाल को संस्कृति विभाग द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। 10 नवंबर को पौड़ी में स्वास्थ्य विभाग के अधीन टेली रेडियोलाॅजी एवं अन्य स्वास्थ्य योजनाओं का लोकार्पण किया जाएगा।

बागवानी किसानों की आमदनी का प्रमुख जरिया बन सकता है: उत्पल कुमार सिंह

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बागवानी किसानों की आमदनी का प्रमुख जरिया हो सकता है। अखरोट, नाशपाती, चाय, सगंध पादप, कुटकी, तेजपात, अतीस, माल्टा, मौन पालन आदि के पैदावार की प्रबल संभावना उत्तराखण्ड में है। इसी दृष्टि से मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने विभागीय समीक्षा की शुरूआत उद्यान विभाग से की। कहा कि, “रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी चारधाम जनपदों से जैविक प्रदेश बनाने की शुरूआत की जाय। बागवानी की पैदावार बढ़ाने के लिए उन्नतशील प्रजाति के बीजों, आधुनिक तकनीक और उपकरण की व्यवस्था की जाए, उद्यान विभाग इसके लिए ठोस कार्य योजना बनाए।”
बैठक में बताया गया कि, “अखरोट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दोनो मंडलों में एक-एक सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाया जा रहा है, मुक्तेश्वर, नैनीताल में स्थापित सेंट्रल इंस्टीट्यूट आॅफ टेम्परेट हार्टिकल्चर की भी मदद ली जाए। मंगरा, टिहरी गढ़वाल और चैबटिया में अखरोट की नर्सरी से 50-50 हजार पौध तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
राजकीय उद्यानो का लाभ की स्थिति में लाने की योजना बना ली गयी है, निर्देश दिये गये कि जलवायु, ऊंचाई और क्षेत्र के अनुसार प्लांट हार्डीनेस जोन बनाये जायं। पौधरोपण के लिए क्लस्टर एप्रोच अपनाया जाए। उद्यानीकरण में एग्रो क्लाइमेटिक और मृदा की स्थिति का ध्यान रखा जाए। सगंध पादप केन्द्र सेलाकुई का अपना लक्ष्य तय करने के लिए कहा गया। कैप के कार्यों की सराहना करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि कम से कम 5000 हेक्टेयर हर साल सगंध पौधों की पैदावार बढ़ायें।
सुगंध और औषधीय पौधों के पैदावार की पर्याप्त गुंजाइश उत्तराखण्ड में है, इसको बढ़ावा देने के लिए भरसार कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर विश्वविद्यालय, जड़ी-बूटी शोध संस्थान गोपेश्वर, सगंध पादप केन्द्र सेलाकुई और विभागीय शोध केन्द्र श्रीनगर का सहयोग लिया जाए।

युवाओं को एकजुट कर फिर खड़ी होगी उक्रांदः भट्ट

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हल्द्वानी- उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने कहा कि हमने राज्य आंदोलन सत्ता हासिल करने के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए किया था। 17 साल में कांग्रेस व भाजपा ने मिलकर राज्य को बदहाल स्थिति में ला खड़ा किया है। इसलिए अब उक्रांद साम, दाम, दंड, भेद जिस तरह से भी पहले राज्य को बचाएगा । भट्ट ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान केंद्रीय कमेटी की बैठक में विमर्श व सहमति के बाद प्रेसवार्ता ये बात कहीं।

केंद्रीय कमेटी की बैठक के निष्कर्ष पर श्री भट्ट ने कहा कि वह पलायन के मुद्दे पर गंभीर है। बावजूद इसके वर्तमान भाजपा सरकार के वायदों व हकीकत में धरती आसमान का अंतर है। पहाड़ में पंचेश्वर जैसे बड़े बांध बनाकर सैकड़ों गांवों को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 3000 से अधिक स्कूल बंद कराए जा रहे हैं। इस पर सीएम खुद भी बयान दे चुके हैं। सरकार को इस पर श्वेत पत्र लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एवं भाजपा युवाओं के मन में जहर घोलने का काम कर रही है।

श्री भट्ट ने कहा कि उक्रांद अब युवा शक्ति को साथ लेने के लिए फिर से राज्य आंदोलन जैसी पीड़ा लेकर उनके बीच जाएगा। जिससे युवा अपने सपनों के राज्य के महत्व को समझकर फैसला ले सकें। पूर्व अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि उक्रांद कई बार टूटता बिगड़ता रहा है। अब यह बीती बात हो गई है। हमें जनता के बीच भी विश्वास कायम करना है। नए सिरे से आगे बढऩे के लिए पार्टी तैयार है। पदाधिकारियों को अब जन जन तक पहुंचना ही होगा।

मुआवजे घोटाले के मास्टर माइण्ड को लुक आउट नोटिस

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रुद्रपुर- एनएच मुआवजा घोटाले में भूमिगत पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह के विदेश भागने की संभावनाओं को देखते हुए एसआइटी ने लुक-आउट नोटिस जारी कर दिया है। साथ ही लुक आउट नोटिस दिल्ली स्थित इमीग्रेशन सेल को भी भेज दिया गया है। यह कार्रवाई एसआइटी ने पासपोर्ट नंबर मिलने के बाद की। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही सिंह को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

एनएच-74 मुआवजा घोटाले की जांच एसआइटी कर रही है। जांच की जद में आए पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह के खिलाफ एसआइटी को साक्ष्य मिले तो वह गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट से स्टे ले आए। शनिवार को स्टे खारिज होने के बाद वह गिरफ्तारी की डर से भूमिगत हो गए। इस पर एसआइटी और पुलिस की अलग-अलग टीम डीपी सिंह की तलाश में जुट गई। साथ ही उनकी तलाश में देहरादून, दिल्ली के साथ ही उप्र के कई ठिकानों पर दबिश दी गई। लेकिन वह नहीं मिले। ऐसे में उनके विदेश भागने की संभावनाओं को देखते हुए सोमवार को एसआइटी ने लुक आउट सर्कुलर जारी करने की तैयारी शुरू कर दी थी। मंगलवार को डीपी सिंह के पासपोर्ट नंबर मिलने के बाद एसआइटी ने उनके विदेश भागने की संभावनाओं को देखते हुए लुक आउट नोटिस जारी दिल्ली इमीग्रेशन सेल भेज दिया है। एसएसपी डा.सदानंद दाते ने बताया कि पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह की तलाश चल रही है। साथ ही लुक आउट नोटिस जारी कर दिया गया है।

कैसे ”मशकबाजा” एक बार फिर बना उत्तराखंडियों की पहली पसंद

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जब बात हो पहाड़ की संस्कृति की और यहां के लोक गीतों की तो मशकबाजा को कैसे भूल सकते हैं। मशकबाजा हमेशा से उत्तराखंड के लोक संगीत का एक अभिन्न हिस्सा रहा हैं, उत्तराखंड की पहाड़ियों में विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में बजाया जाने वाला एक मशकबाजा, पिछले कुछ सालों में धीमी गति से ही लेकिन स्थिर बढ़त बना रहा है। यह बजाने वाला उपकरण – सैनिकों के बैंड में उपयोग किए जाने वाले बैगपाइपर की तरह होता है। पहले तक पहाड़ी क्षेत्र में होने वाली शादियों में देखा जाता था लेकिन अब यह भी शहरों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और शादियों में अपनी उपस्थिति बना रही है।

मशकबाजा ने अपनी जड़ें काफी पहले से फैला रखी है; संगीतकार दावा करते हैं कि उनके पूर्वजों ने जब ब्रिटिश सेना में सेवा की, तो वे बैगपाइपर बजाना सीख गए थे और जब आजादी के बाद वे अपने घर लौटे तब मशकबाजा का निर्माण हुआ। ढोल-दमाउं (उत्सव के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रम) के साथ एक विशिष्ट ध्वनि के साथ, मशकबाजा तेजी से एक लोकप्रिय वाद्य यंत्र के रूप में लोगों का पसंदीदा उपकरण बनता जा रहा है।

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पौड़ी गढ़वाल जिले के एक दूरस्थ गांव के रहने वाले सुरेंद्र सिंह ने बताया कि ”उन्होंने अपने पिता से मशकबाजा बजाना सीखा था, जो एक समय में डोगरा रेजिमेंट का हिस्सा थे, “जब वह सेना में थे, तब मेरे पिताजी बैगपाइपर बजाना सीख गए थे। लेकिन जब वह सेवानिवृत्त हुए तो उन्होंने हमें यह बजाना सिखाया। यह यंत्र लगभग 200 साल पहले इस्तेमाल किया गया था, यह ज्यादातर पहाड़ियों तक ही सीमित था, विशेष रूप से गढ़वाल के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में। लगभग दो दशकों तक अपनी पहचान ढ़ूढ़ने के बाद, यह साधन फिर से लोकप्रिय हो रहा है।

मशकबाजा की लोकप्रियता में उछाल के कारणों के बारे में बोलते हुए, गढ़वाल सभा के सचिव अजय जोशी ने कहा, “एक समय पर मशकबाजा उत्तराखंड में सभी समारोंहों का एक अभिन्न अंग था। हालांकि, डीजे के आगमन के बाद, यह विलुप्त सा हो गया लेकिन पिछले पांच सालों में चीजें बदल गई हैं, लोग अपनी संस्कृति और उनकी जड़ों में वापस आ रहे हैं। आज, मशकबाजा बजाने वालों को न सिर्फ उत्तराखंड में बल्कि, देश के अन्य हिस्सों में भी ऑफर मिल रहा है, एक समुदाय के होने के नाते हम इसे जीवित रखने की कोशिश कर रहे हैं। “

मशकबाजा लकड़ी और चमड़े का बना होता है और इसकी कीमत लगभग 8000 रुपये है। विडंबना यह है कि यंत्र उत्तराखंड में नहीं बनाया जाता इसे उत्तर प्रदेश में मेरठ से खरीदा जाता हैं। एक मशकबाजा लंबे समय तक रहता है, बशर्ते इसे ठीक से इस्तेमाल किया जाए।

रणबीर सिंह, जो मशकबाजा बजाते हैं बताते हैं, “अगर मशकबाजा लोगों के बीच ऐसे ही लोकप्रिय होता रहा तो यह अच्छी तरह से पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों तक पहुंचता रहेगा। जो लोग इस उपकरण को बजाते हैं, वे पूरे हफ्ते के प्रदर्शन से लगभग 25,000 रुपये कमाते हैं। मेरे बेटे के पास नौकरी है और वह जानता भी है कि कैसे मशकबाज़ा बजाना है,लेकिन मैं उसे फुल टाईम प्रोफेशन की तरह लेने के लिए नहीं कह सकता।”

उत्तराखंड की नीलमणि एस.राजू बनी कर्नाटका की पहली महिला डीआईजी-आईजीपी

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कर्नाटक सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा की वरिष्ठ अधिकारी नीलमणि एस. राजू को पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्त किया। वह पुलिस विभाग की प्रमुख बनने वाली पहली महिला अधिकारी होंगी।

उत्तराखण्ड के रुड़की निवासी नीलमणि वर्ष 1983 बैच की आईपीएस अफसर हैं। उन्होंने रूपक कुमार दत्ता का स्थान लिया, जो मंगलवार को सेवानिवृत हुए। वह इस पद पर नियुक्ति से पहले राज्य खुफिया विभाग की प्रमुख थीं। इस पद के लिए नीलमणि के अलावा, सीआईडी के प्रमुख एच सी किशोर चंद्रा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रमुख एमएन रेड्डी के नाम की भी चर्चा थी, लेकिन सबसे वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते उन्हें यह पद मिला। नीलमणि के रिटायरमेंट में अभी 3 साल है लिहाजा अगले तीन साल तक उनकी  यह अहम जिम्मेदारी बरक़रार रह सकती है।

राज्य पुलिस महानिदेशक पद पर दस माह की अवधि तक रहे दत्ता को मंगलवार को कोरामंगल पुलिस मैदान में विदाई दी गई और इसके बाद उन्होंने पुलिस मुख्यालय में राजू को पुलिस बैटन सौंपा। उन्होंने करीब 37 साल तक कर्नाटक और दिल्ली में पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं दीं। बता दें कि गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति ने डीजीपी के लिए तीन आईपीएस के नाम मुख्यमंत्री एस. सिद्धारमैया को भेजे थे।

उत्तराखंड शासन में बड़े फेरबदल

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त्रिवेंद्र सरकार ने एक बार फिर कई आईएएस, आईपीएस व पीसीएस अफसरों के कार्यो में फेरबदल किये हैं। बुधवार को करीब 15 अफसरों के कार्यों में फेरबदल करने का आदेश जारी हुआ है। उत्पल कुमार सिंह के चीफ सेक्रेटरी की कुर्सी संभालने के बाद सचिवालय में होने वाले फेरबदल को आखिरकार अंजाम दे दिया गया।

एक नवंबर को हुए इस बदलाव में 11 आईएएस, 1 आईपीएस और 3 पीसीएस के कार्य क्षेत्र में बदलाव किये गए है।

  • सिडकुल एमडी की कुर्सी पर बने हुए आर.राजेश कुमार को हटा उनके स्थान पर केंद्र से प्रतिनियुक्ति पूरी कर लौटी सौजन्या को बैठाया गया है।सौजन्या को सिडकुल के साथ-साथ अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी व आयुक्त कर का जिम्मा भी सौंपा गया है।
  • युगल किशोर पंत से आबकारी हटा कर यह जिम्मा वी. षणमुगम को सौंपा गया है।
  • रामास्वामी की मुख्य सचिव के पद से छुट्टी के बाद अपर मुख्य सचिव रणबीर सिंह को वन एवं पर्यावरण का जिम्मा व अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश को नागरिक उड्डयन विभाग दिया गया है ।
  • 6 महीने में ही प्रमुख सचिव आनंद वर्धन से सचिवालय प्रशासन की जिम्मेदारी वापस लेकर प्रभारी सचिव हरबंस चुघ को दे दिया जाना सचिवालय में चर्चा का विषय बना हुआ है।
  • आईपीएस विम्मी सचदेवा के विभाग में बदलाव करते हुए महिला सशक्तिकरण एव बाल विकास व आईसीडीएस विभाग वापस लेकर उन्हें अपर सचिव गृह और निदेशक खेल का जिम्मा दिया गया है ।
  • पीसीएस अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बढ़ोतरी करते हुए रामविलास यादव को अपर सचिव कृषि
  • मेहरबान सिंह बिष्ट को सचिव दुग्ध एवम महिला डेयरी व
  • कैप्टन आलोक शेखर तिवारी को अपर सचिव महिला सशक्तिकरण एवम बाल विकास व निदेशक आईसीडीएस का जिम्मा दिया गया है

बीते मंगलवार को वन मंत्री ने ऋषिकेश में मनाया अपना जन्मदिन

ऋषिकेश। मंगलवार को ऋषिकेश स्थित हंस कल्चर सेंटर में गरीब और जरूरतमंद लोगों को वन मंत्री हरक सिंह रावत के द्वारा 70 लाख के चेक बांटे गए। आपको बतादें की समय-समय पर हंस फाउंडेशन द्वारा जरूरतमंद लोगों को सहायता दी जाती है। इसी कड़ी में मंगलवार को ऋषिकेश में भी हंस फाउंडेशन द्वारा ये चेक बांटे गए। उसके बाद वन मंत्री हरक सिंह रावत ने वहां मौजूद आम लोगों के साथ केक काटकर अपना जन्मदिन भी मनाया।

मीडिया से बात करते हुए वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि ”भोले बाबा के आशीर्वाद से गरीब और जरूरतमंद लोगों की हमेशा मदद की जाती है,यह मेरा सौभाग्य है कि आज मेरे जन्मदिन के मौके पर मेरे द्वारा लोगों को चैक बांटे गए, मुझे बहुत खुशी है कि आज मैंने इन लोगों के साथ अपना जन्मदिन मनाया”।

रोबोट 2.0 को हिंदी में वितरित करेंगे करण जौहर

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सुपर स्टार रजनीकांत और अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म ‘रोबोट 2.0’ का आडियो रिलीज समारोह पिछले दिनों दुबई में आयोजित हुआ, जिसमें इस फिल्म की टीम के अलावा करण जौहर खास मेहमान के तौर पर शामिल हुए। इस फिल्म के समारोह में करण जौहर के शामिल होने के बाद से चर्चा तेज हो गई है कि तीन भाषाओं में बन रही इस फिल्म के हिंदी वर्शन की मार्केटिंग के अधिकार करण जौहर की कंपनी ने खरीदे हैं।

इस डील का ब्यौरा अभी नहीं मिला है, लेकिन करण जौहर की कंपनी के सूत्रों ने संकेत दिए है कि डील को सही वक्त पर सार्वजनिक किया जाएगा। बाहुबली की दोनों कड़ियों के साथ जुड़कर करण जौहर की कंपनी ने साउथ की फिल्मो के हिंदी वर्शन के अधिकार खरीदने का काम शुरु किया है।

सूत्र बता रहे हैं कि ‘बाहुबली की दोनों कड़ियों के बाद प्रबास की अगली फिल्म साहो को भी हिंदी भाषी राज्यों में करण जौहर की कंपनी ही वितरित करेगी। ‘साहो’ तेलुगू और हिंदी में साथ बन रही है, जिसमे प्रबास के साथ श्रद्धा कपूर की जोड़ी होगी और साथ में जैकी श्राफ, चंकी पांडे और नील नितिन मुकेश भी काम कर रहे हैं।