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दून नगर निगम के 60 गांवों का नोटिफिकेशन रोका

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देहरादून, सीमा विस्तार के शहरी विकास विभाग के संशोधित प्रस्ताव को देखते हुए देहरादून नगर निगम में 60 गांवों को शामिल करने के नोटिफिकेशन रोक दिया गया है। माना जा रहा है कि सरकार पर निगम क्षेत्र में 11 और गांवों को शामिल करने का दबाव है।

निकाय क्षेत्रों के सीमा विस्तार के तहत शहरी विकास विभाग ने देहरादून नगर निगम में आसपास के 60 गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद शहरी विकास विभाग ने यह कहकर संशोधित प्रस्ताव भेजा कि 11 गांव सूची से छूट गए थे। इस तरह कुल 71 गांवों को निगम क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया। ग्रामीण क्षेत्रों को शहर का हिस्सा बनाने पर विरोध और राजनीतिक नफा-नुकसान की गुणा-भाग के बीच यह बात सामने आई कि शासन ने 60 गांवों को ही नगर निगम क्षेत्र में शामिल करने का निर्णय लिया है और इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। जबकि अब इस नोटिफिकेशन को शासन ने रोक दिया है।

शहरी विकास के अपर निदेशक उदय सिंह राणा के मुताबिक शासन अब नया नोटिफिकेशन जारी करेगा। इसमें 71 गांवों को भी शामिल किया जा सकता है या गांवों की संख्या में कमी भी हो सकती है। यह निर्णय पूरी तरह शासन पर टिका है।

जिस नगर निकाय क्षेत्र में 60 वार्ड हैं, वहां अधिकतम 100 वार्ड बनाने और जहां अभी वार्डों की संख्या 20 है, वहां अधिकतम 40 वार्ड बनाए जा सकते हैं। इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। दून की बात करें तो 60 वार्डों वाले नगर निगम में अधिकतम 100 वार्ड बनाए जा सकते हैं। अपर निदेशक शहरी विकास उदय सिंह राणा ने बताया कि हालांकि वार्डों की संख्या संबंधित क्षेत्र में जनगणना 2011 की जनसंख्या के फॉर्मूले पर निर्भर रहेगी। इस आधार पर देखें तो दून में वार्डों की संख्या 80 पार कर सकती है। 

दवा की दुकानों पर मारे छापे, मिली खामियां

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हरिद्वार, जिलाधिकारी दीपक रावत ने मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी अभियान चलाया। इस दौरान डीएम रानीपुर मोड़ स्थित आर्या मेडिकल स्टोर पहुंचे। यहां उन्हें कई अनियमितताएं देखने को मिलीं। दुकान का लाइसेंस भी जिस शख्स के नाम पर था, उस शख्स के स्थान पर वहां दूसरा व्यक्ति मेडिकल स्टोर चलाता नजर आया।

जिलाधिकारी दीपक रावत ने पुराना रानीपुर मोड़ स्थित आर्या मेडिकल स्टोर के नियम विरुद्ध संचालित होते पाए जाने पर उसको सील करा दिया। जिलाधिकारी दीपक रावत की जांच में आर्या मेडिकल स्टोर्स पर जो लाइसेंस दिखाया गया उसमें फार्मासिस्ट में जलालुखान का नाम दर्ज था। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि फार्मासिस्ट जलालु खान कौन है। इस पर दवा बेचने वाले व्यक्ति सकते में आ गए। कभी अपने को दुकान पर काम करने वाला तो कभी मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव बताने लगे।

जिलाधिकारी ने जब सख्ती करते हुए तत्काल जलालु खान को बुलाने को कहा तो कर्मचारियों ने कहा कि वह अभी नहीं आ सकते हैं। जिलाधिकारी ने जलालु खान को तत्काल पर फोन कर बुलाने को कहा तो वह बगले झांकने लगे, जिलाधिकारी ने कहा तुम बुलाओगे कहां से वह तो दुबई में हैं। इस पर जो नंबर मिला उस पर उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने मोबाइल से बात की। इसी बीच दुकान पर दो व्यक्ति आए उन्होंने पहचान दुकान संचालक शैलेष शर्मा और डॉ. आरडी शर्मा बताई।

जिलाधिकारी ने पूछा कि जलालु खान कहां है तो पहले तो उन्होंने झूठ बोलने की कोशिश की। सख्ती पर बताया कि जलालु के नाम से मेडिकल स्टोर का लाइसेंस है। दुकान पर बैठा व्यक्ति विनय झा ही दवा विक्रय में सहयोग करता है। जिलाधिकारी ने स्टाक रजिस्टर, कैश रजिस्टर मांगा, वह नहीं दिखा पाए, इस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम को दुकान सील करने के निर्देश दिए।

इसके बाद जिलाधिकारी शर्मा क्लिीनिक में घुस गए, वहां पर संचालक व डॉक्टर के बारे में पूछने पर आर्या मेडिकल स्टोर्स के संचालक शैलेष शर्मा और डॉ. आरडी शर्मा पहुंचे, पूछने पर बताया कि वह दंत चिकित्सक हैं। डीएम ने डिग्री मांगी तो दिखा नहीं पाए।  जिलाधिकारी ने सीएमओ डॉ. रवींद्र थपलियाल को फोन कर क्लिनिक की विस्तार से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा। जिलाधिकारी ने बताया कि औषधि निरीक्षक को हर महीने दस दवा की दुकानों की जांच कर रिपोर्ट देने और सीएमओ से दंत क्लिनिक की गहन जांच कर रिपोर्ट मांगी है।

सड़क की गुणवत्ता की खुली पोल

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पिथोरागढ, 42 करोड़ की लागत से सुधारी गई थल-पिथौरागढ़ मार्ग की गुणवत्ता की पोल अब खुलने लगी है। तीन रोज पूर्व हुई हल्की बरसात में ही कई स्थानों पर हॉटमिक्स बह गया और सड़क पर पड़े गड्ढों में पानी भर गया। इस सड़क की जांच रिपोर्ट पिछले चार माह से धूल फांक रही है।

55 किलोमीटर लंबी थल-पिथौरागढ़ सड़क में सुधारीकरण कार्य के लिए शासन ने 42 करोड़ की धनराशि स्वीकृति की थी। लोनिवि एडीबी को सड़क सुधारीकरण का दायित्व सौंपा गया था। सुधारीकरण कार्य में सड़क चौड़ीकरण, हॉटमिक्स और क्षतिग्रस्त दीवारों का पुनर्निर्माण शामिल था, लेकिन तीन वर्षो तक हुए कार्य में न तो सड़क का पूरा चौड़ीकरण किया गया और नहीं खतरनाक मोड़ों को सुरक्षित बनाया गया। सड़क पर बिछाए गए हॉटमिक्स को लेकर क्षेत्र की जनता ने पहले माह से ही सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। पंचायत प्रतिनिधियों सहित तमाम राजनैतिक दलों ने सड़क की गुणवत्ता को लेकर आंदोलन किए। ये आंदोलन किसी नतीजे तक पहुंचने से पहले ही खत्म भी हो गए।

जनता की नाराजगी को देखते हुए मंडलायुक्त ने इस सड़क की जांच के निर्देश दिए थे। तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी आशीष चौहान ने तकनीकी अधिकारियों को साथ लेकर सड़क की जांच भी कराई। सीडीओ ने साफ किया था कि निर्माण में कई अनियमितताएं हुई हैं, उन्होंने चार माह पूर्व जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी थी, तब से आज तक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। क्षेत्रवासियों ने एक बार फिर जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर सरकारी धन का दुरू पयोग करने वालों से वसूली किए जाने की मांग की है।

सीनियर सिटीजन सेल का गठन

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एसएसपी, देहरादून ने समस्त थाना प्रभारी / चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया कि वे सभी अपने थाना/चौकी क्षेत्र में किरायेदारों/नौकरों के सत्यापन की कार्यवाही के दौरान अपने क्षेत्र में रहने वाले सिनियर सिटीजन के घऱों को चिह्नित कर उनके नाम व फोन नम्बरों की सूची बना लें।

अौर यह भी चेक करे कि वे अपने परिवार के साथ निवास कर रहें है या अकेले ही रह रहे है। इसके अलावा थाना प्रभारी/चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि वे सप्ताह में एक बार उन्हे फोन कर उनकी समस्याओँ के बारे में पूछ कर उसका त्वरित निस्तारण करेंगें।

इसके अतिरिक्त यदि किसी भी व्यक्ति को सीनियर सिटीजन से सम्बन्धित कोई सहायता, सुझाव एवं काउंसलिंग की आवश्यकता है तो वे निम्न नम्बरों पर सम्पर्क कर सकते है।

प्रभारी निरीक्षक सिनियर सिटीजन सैल- 97600585037

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर प्रणाली का सीएम ने किया शुभारम्भ

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किसान भवन में उर्वरकों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर(डीबीटी) प्रणाली का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किसानों को डीबीटी के माध्यम से उर्वरक एवं उर्वरक डीलरों को पीओएस मशीन का वितरण किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कृषकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, “उत्तराखण्ड उन पांच राज्यों में शामिल है जहां पर आज डीबीटी प्रणाली का शुभारम्भ किया जा रहा है, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने ‘डिजिटल इंडिया’ की दिशा में बढ़ाया गया एक और कदम है। उत्तराखंड की अधिकांश जनता अभी भी कृषि पर निर्भर है, राज्य सरकार का प्रयास है कि कृषकों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। इसके लिए सभी कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड को आधार से जोड़ा जाएगा।”  डीबीटी के माध्यम से खाद्य पर सब्सिडी सीधे कृषकों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी, इसके लिए सबका आधार कार्ड बनना अनिवार्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, “प्रत्येक किसान का मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनकर आधार से जुड़ जाएगा तो 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में सहायक सिद्ध होगा। राज्य सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त कृषकों को एक लाख रुपये तक का ऋण दो प्रतिशत ब्याज पर दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के 2022 तक नए भारत के सपने को साकार करने एवं देश और समाज को आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति का योगदान जरूरी है।”

सचिव कृषि डी. सेंथिल पांडियन ने जानकारी दी कि, “प्रदेश में चार लाख 80 हजार किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बन चुके हैं, जबकि 70 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्डों को आधार से लिंक किया जा चुका है। मार्च 2018 तक सभी को आधार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, प्रधानमंत्री के संकल्प से सिद्धि के तहत डीबीटी एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।”

सांसद खंडूरी ने 119 करोड़ से अधिक योजनाओं का किया शिलान्यास व लोकापर्ण

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चमोली जिले के मुख्यालय गोपेश्वर में उत्तराखंड के पूर्व सीएम एवं गढ़वाल सांसद मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी ने जनपद चमोली की पीएमजीएसवाई के तहत 119 करोड़ 5 लाख, 25 हजार की लागत से बनी एवं निर्मित होने वाली 19 मोटर मार्गों व पांच पुलों का लोकापर्ण एवं शिलान्यास किया।

जनपद की जिन योजनाओं को लोकापर्ण किया गया, उनमें कुनार बैंड से घेस मोटर मार्ग लागत 1165.05 लाख, परखाल-डुगरी मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 512.35 लाख, नारायणबगड-कर्णप्रयाग मोटर मार्ग के किमी 03 से किमोली स्टेज-2 लागत 873.18 लाख, कुनार बैंड से घेस मोटर मार्ग के किमी 24 व 25 में 18 मी. स्पान स्टील गार्डर सेतु लागत 204.79 लाख, डुंग्री-रतगांव मोटर मार्ग किमी. 4 में 36 मी. स्पान स्टील गार्डर सेतु लागत 111.97, लौहगंज-वांक मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 151 लाख, नंदकेशरी-ग्वालदम मोटर मार्ग के किमी. 1 से जौला मोटर मार्ग के किमी. 4 में 36 मी. एवं किमी. 7 में 36 मी. स्पान स्टील गार्डर सेतु लागत 440.80, धुनाराघाट-डांगा मोटर मार्ग स्टेज 1 एवं स्टेज 2 लागत 413.60 लाख, सिमली पेट्रोल पंप-सेनू मोटर मार्ग स्टेज-1 एवं 2 लागत 854.76, कनखुलतल्ला-ग्वाड़ मोटर मार्ग स्टेज-1 एवं 2 लागत 491.58, लासी-सरतोली मोटर मार्ग किमी. 4 में 30 मी. एवं किमी 5 में 18 मी. स्पान गार्डर सेतु लागत 162.22 लाख, निजमुला-इराणी-गौणा-पाणा मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 1282.73 लाख, चमोली से पलेटी-सरतोली मोटर मार्ग (अपग्रेडेशन) लागत 60 लाख, पलसारी-बमियाला मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 327.87 लाख, लासी-सरतोली मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 321 लाख शामिल है।
वही जिन योजनाओं का शिलान्यास किया उनमें मलाई-भटक्वाली मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 239.94 लाख, घेस-ब्लाण मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 623.23 लाख, गीबर-पैव मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 264.36 लाख, मलगुड-मज्याडी मल्ली मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 362.96 लाख, नारायणबगड-भगोती मोटर मार्ग किमी. 10 से झिझोणी मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 609.6 लाख, डुग्री-रतगांव मोटर मार्ग से उपरीचकरतगांव मोटर मार्ग स्टेज-2 लागत 335.55 लाख, नंन्दप्रयाग-भैरणी मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 502.20 लाख, रिठोली-सुन्दरगांव मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 293.15 लाख एवं गौचर-डमडमा मोटर मार्ग स्टेज-1 लागत 1301.36 लाख शामिल है।

नगर निगम क्षेत्र के 65 पार्कों का होगा सौंदर्यीकरण

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हरिद्वार,  नगर निगम एवं एचआरडीए के प्रयासों से जल्द ही नगर निगम क्षेत्र के 65 पार्कों का सौंदर्यकरण होगा। शहर भर के पार्कों की कायापलट की जाएगी। बदहाल पड़े पार्कों की दशा बदलने की इस कदम से उम्मीद जगी है।

न्यू हरिद्वार कॉलोनी के पार्क का बुरा हाल है, पार्क में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पार्क की बेंच टूट चुकी हैं। स्ट्रीट लाइटें गायब हैं और जगह-जगह कूड़े के अंबार लगे हैं। पार्कों के सौंदर्यकरण की घोषणा से लोगों में आस जगी है कि अब वे पार्कों में जाकर वहां बैठ सकते हैं तथ घूम सकेंगे।

मेयर मनोज गर्ग ने बताया कि, “65 पार्कों के सौंदर्यकरण को लेकर प्रभावी रूप से कार्य किया जाएगा। पार्कों में लोगों की सुविधाओं के लिए बेंच के अलावा प्रकाश की व्यवस्था को लागू किया जाएगा। पार्क की बाउंड्री वाॅल बनाने के साथ मुख्य गेट भी लगाए जाएंगे। पार्कों में सुविधाओं का अभाव झेल रहे लोगों को अब अमृत योजना के तहत शहर के 65 पार्कों के सौंदर्यकरण की घोषणा होने से उम्मीद बंधी है।”

लोगों का कहना है कि, “एचआरडीए कालोनियों में पार्क तो बना देता है। लेकिन उसकी सुध विभाग के अधिकारी नहीं लेते जिस वजह से पार्कों की हालत खराब हो जाती है। काफी अर्से से न्यू हरिद्वार कॉलोनी के लोग पार्कों के सौदर्यकरण की मांग करते चले आ रहे हैं। अब सौंदर्यकरण की घोषणा से लोगों में आस जगी है कि पार्क का सौंदर्यीकरण होगा तो लोग पार्क में कुछ सकून महसूस कर सकेंगे।” 

जल्द होगी भूमि घोटाले की सीबीआई जांच भीः अजय भट्ट

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रुद्रपुर- भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि देर सबेर ही सही एनएच 74 में हुए मुआवजा घोटाले की सीबीआई जांच जरूर करेगी। कहा कि सरकार ने एसआईटी को भंग नहीं किया है और एसआईटी सीबीआई जैसी तेज गति से घोटाले की जांच कर रही है।

एक खास मुलाकात में श्री भट्ट ने कहा कि आमतौर पर सीबीआई जांच की संस्तुति के बाद मुख्यमंत्री एसआईटी को भंग कर देते हैं, मगर सरकार ने एसआईटी को भंग नहीं किया, जिसका परिणाम है कि एसडीएम के पेशकार जो ढाई सौ फाइलें जलाने ले जा रहे थे वह पकड़ी गई। एसआईटी तेज काम कर रही है। एक सवाल के जवाब में श्री भट्ट ने कहा कि भाजपा किसानों के हित में कार्य कर रही है। भाजपा जब सत्ता में आई तो न सिर्फ खजाना खाली मिला, बल्कि कर्ज की स्थिति मिली। भाजपा धीरे धीरे खजाने को भरने का कार्य कर रही है। सरकार को किसानों की चिंता है। किसानों के हित में सरकार योजनाएं बना रही है। दो फीसदी ब्याज दर पर किसानों को कर्ज दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का जो लक्ष्य रखा है, उस पर उत्तराखंड सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड सरकार हल्की गति से कार्य नहीं कर रही है। यूपी में 80 सांसद हैं और उत्तराखंड में सिर्फ पांच हैं। फिर भी सरकार चार यूनिवर्सिटी ले आई। राज्य की 75 प्रतिशत सड़कें नेशनल हाइवे हो चुकी हैं। 12 हजार करोड़ की लागत से आल वेदर रोड बनाई जा रही है। तीन हजार करोड़ रुपये हम उत्तर प्रदेश से पेंशन के लिए मांग कर ले आए हैं। प्रदेश सरकार राज्य का विकास सही गति से कर रही है। हिमाचल व गुजरात चुनाव के संबंध में पूछे गए सवाल के उत्तर में उन्होंने कहा कि जनता जानती है कि नरेंद्र मोदी किसके लिए कार्य कर रहे हैं। उनके परिवार में तो किसी का विकास नहीं हो रहा है। लोग जितना मोदी को बदनाम करेंगे, भ्रम की स्थिति उत्पन्न करेंगे, मोदी उतने ही मजबूत होकर उभरेंगे।

केसरी में अक्षय के साथ कैटरीना

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खबर मिल रही है कि करण जौहर की कंपनी धर्मा प्रोडक्शंस के साथ पार्टनरशिप में शुरु होने जा रही अक्षय कुमार की फिल्म ‘केसरी’ में अक्षय के साथ फिर से कैटरीना कैफ की जोड़ी काम कर सकती है। इस फिल्म में पहले सलमान खान भी पार्टनर थे, लेकिन बाद में वे इस प्रोजेक्ट से अलग हो गए। ये फिल्म विश्व प्रसिद्ध सरागढ़ी के युद्ध पर बन रही है, जिसमें 10 सिख सैनिकों की एक छोटी सी टुकड़ी ने हमलावर अफगानी फौज के बेड़े को रोकने का काम कर दिखाया था।

सलमान इस फिल्म से इसलिए अलग हुए क्योंकि इसी कहानी पर अजय देवगन भी फिल्म बनाने जा रहे हैं और अजय के साथ सलमान की दोस्ती जगजाहिर है। इस फिल्म का निर्देशन अनुराग सिंह करने जा रहे हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि अक्षय ने इस फिल्म को लेकर कैटरीना कैफ से बात की है, जिन्होने हाल ही में सलमान के साथ टाइगर जिंदा है की शूटिंग पूरी की है और अब उनको यशराज में ही बन रही फिल्म ‘ठग आफ हिंदोस्तां’ के अलावा शाहरुख खान के साथ आनंद एल राय की फिल्म की शूटिंग शुरु करनी है।

अक्षय की ‘केसरी’ की फिल्म अगले साल अप्रैल में शुरु होगी। अतीत में कैटरीना कैफ के साथ अक्षय कुमार की जोड़ी नमस्ते लंदन, सिंह इज किंग, वेलकम और दे दनादन फिल्मों में हिट रही है।

फिरंगी की दुआ मांगने शिर्डी पंहुचे कपिल शर्मा

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कपिल शर्मा ने अपनी फिल्म ‘फिरंगी’ का प्रमोशन तेज कर दिया है। इसी सिलसिले में वे शिर्डी पंहुचे, जहां साईं के दरबार में कपिल शर्मा और उनकी टीम ने फिल्म की कामयाबी के लिए दुआएं मांगी। हाल ही में फिल्म का ट्रेलर लांच किया गया, जिसे सोशल मीडिया पर औसत रेस्पांस मिल रहा है।

इस फिल्म का निर्देशक कपिल के दोस्त राजीव धींगड़ा ने किया है। फिल्म में कपिल के साथ मोनिका गिल और इश्तिा दत्ता हीरोइन हैं। इश्तिा दत्ता को इससे पहले निशिकांत कामथ की सस्पेंस थ्रिलर दृश्यम में अजय देवगन की बड़ी बेटी के रोल में नजर आई थीं। फिरंगी को पहले 10 नवंबर को रिलीज किया जाना था। अब इसे 24 नवंबर को रिलीज किया जाएगा।

कपिल शर्मा की बड़े परदे पर ये दूसरी फिल्म है। इससे पहले वे अब्बास-मस्तान की जोड़ी की फिल्म ‘किस किससे प्यार करुं’ में हीरो बनकर आए थे।