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देहरादून में नाला बन चुकी रिस्पना नदी के दिन अब जल्दी ही बहुरेंगे

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ऋषिकेश, कहते हैं कि हंसती खेलती, खिलखिलाती नदियां पहाड़ों से उतरकर मैदानों का रुख करती है तो कहीं ना कहीं आबादी का बोझ इसके साफ और निर्मल जल पर अपना असर दिखाना शुरू कर देता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं पहाड़ी नदी रिस्पना की जो मसूरी की हसीन वादियों के छोटे से गांव से निकलकर देहरादून तक आते-आते अपना अस्तित्व खो देती है।

30 किलोमीटर के इस सफर में रिस्पना नदी आखिर क्यों मृतप्राय हो गई है? यह सवाल बार-बार पहाड़ बन कर सामने खड़ा हो जाता है। पर्यावरणविद और वनस्पति वैज्ञानिक प्रोफेसर आर.डी गौड भी इस बात से चिंतित है आखिर क्यों नदिया हमारे जीवन शैली का बोझ उठाते हुए बार-बार गंदे नाले में तब्दील होती जा रही है? क्या सरकार सिर्फ अनियोजित विकास को बढ़ावा देकर पहाड़ पर जीवन रक्षक नदी, खाले, झरने और स्रोतों को यूं ही खत्म होने देगी? या इनका पुनरुद्धार करके भविष्य में होने वाले जल संकट से जूझती आबादी को पेयजल मुहैया कराने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी?

कुछ इसी चिंता को लेकर  सेना के जवानों रिस्पना नदी के जीवन को बचाने के लिए भागीरथ प्रयास का बीड़ा उठाया है। पहाड़ो से खिलखिलाती रिस्पना नदी को देहरादून शहर में नाला हो चुकी नदी को सैना की ‘इको-टास्क फोर्स’ अब नया जीवन देगी। इको टास्क फोर्स के सीअो कर्नल हरी राज सिंह राणा के नेतृत्व में सेना के जवान राज्य सरकार की सहमति से रिस्पना नदी की साफ सफ़ाई और उसका फिर से विस्तार करने में जुटे। कर्नल हरिराज सिंह राणा का कहना है कि, “हमने सीएम साहब से बात करके इस प्रोजेक्ट को हाथ में लिया है, रिस्पना नदी के रिवाइव होने के लिए कम से कम चार-पांच साल का समय लगेगा और जब एक बार यह फिर से बहने लगेगी तब हम इसको स्टेट गवर्नमेंट के सुपुर्द कर देंगे। हम लोग इसके मुहाने पर ही अपना हेडक्वार्टर बनाएंगे और लगातार काम करेंगे। सेना के इस प्रयास से एक बार फिर रिस्पना के दिन बहुरने की उम्मीद बनी है, जो राज्य में दूसरी नदियों के लिए भी एक मील का पत्थर बनेगी।”

धरती मां को बंजर बना रही रसायनिक खाद्य

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रुद्रपुर, रसायनिक खाद के लगातार प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा क्षमता लगातार घटती जा रही है, धरा की दशा खराब होते देख जहां विशेषज्ञ चिंतित है तो लगातार उनके द्वारा किसानों को चेतावनी भी दी जा रही है, बावजूद इसके किसान समय पर नहीं चेता तो पैदावार पर तो असर पडेगा ही साथ ही खेत बंजर नजर आयेंगे।

जी हां रासायनिक खाद के अंधाधुंध प्रयोग के चलते मिट्टी की सेहत को नाजुक होती जा रही है। जिससे धरा की दशा खराब होने लगी है। समय रहते किसान नहीं चेता तो उपज की पैदावार तो कम होगी ही लागत बढ़ने से नुकसान उठाना पड़ेगा। हालांकि कृषि विभाग लगातार किसानों को मृदा परीक्षण करवा उसके मुताबिक खाद व पोषक तत्वों का प्रयोग करने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहा है।

कृषि विभाग द्वारा जनपद में मृदा परिक्षण का कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। मृदा परीक्षण के बाद पोषक तत्वों की वास्तविक स्थिति सामने आने लगी है। जनपद में चालीस हजार से भी अधिक नमूने जांच के लिए रुद्रपुर स्थित मृदा परीक्षण लैब में पहुंचे तो उनकी जांच के बाद सहीं स्थिति सामने आने लगी है। जांच के दौरान भूमि में लौह पोषक तत्वों की काफी कमी पाई गई है। जो कि बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि मृदा परीक्षण के माध्यम से इसका खुलासा होने के बाद किसान लौह तत्व का प्रयोग कर इस कमी को पूरा कर सकते है। नमूनों की रिपोर्ट पर नजर डाले तो काशीपुर व सितारगंज ब्लॉक में नाइट्रोजन व फॉस्फोरस की स्थिति भी न्यून पाई गई है। जनपद में लिए गए मिट्टी के नमूने के आंकड़ों पर नजर दौडायें तो चैंकाने वाले तत्थ सामने आयेंगे।

मृदा परीक्षण से भूमि में पोषक तत्वों की कमी का आंकलन होने के बाद किसान उन पोषक तत्वों का संतुलित प्रयोग कर लागत भी कम कर सकता है। साथ ही खेत में अनावश्यक रासायनिक खाद के प्रयोग से प्रभावित हो रही उर्वरा शक्ति को संतुलित कर सकता है। जिसका असर उसको कम लागत में अधिक पैदावार के रूप में हासिल हो सकता है। इसके लिए मृदा परीक्षण की जरुरत लगातार बढ़ती जा रही है। जिससे भूमि की सहीं स्थिति सामने आ सके।

डॉ. अभय सक्सेना, जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि, “क्षेत्र में किसानों को मृदा परिक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिससे मृदा में किस पोषक तत्व की कमी है इसका पता लगाया जा सके। मृदा परिक्षण के बाद सही रिपोर्ट सामने आने के बाद उसके मुताबिक ही पोषक तत्वों का प्रयोग किया जाए। जिससे अनावश्यक खाद का प्रयोग कम होने से लागत में भी कमी आएगी, इसका लगातार प्रयास किया जा रहा है।”

करोड़ों बकाया बिल वसूलने में ऊर्जा निगम के छूटे पसीने

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विकासनगर, पछवादून व जौनसार-बावर में ऊर्जा निगम का बीस करोड़ से ज्यादा का बिजली बिल बकाया है। कई सरकारी संस्थानों व सैकड़ों उपभोक्ताओं पर लंबित करोड़ों का बकाया बिल वसूलने में ऊर्जा निगम टीम को इन दिनों पसीने छूट रहे हैं।

आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो ऊर्जा निगम के विकासनगर, चकराता व हरर्बटपुर तीनों सब-डिवीजन से जुड़े 197 सरकारी संस्थानों पर निगम का करीब चार करोड़ बिजली बिल बकाया है। इसके अलावा पांच से दस हजार के बीच बकाएदारों की संख्या चार हजार के पार है। वसूली अभियान में तेजी लाने को ऊर्जा निगम अधिकारियों ने आधा दर्जन टीमें बनाई है।

बीते दस दिन में ऊर्जा निगम टीम ने रिकार्ड चार करोड़ की राजस्व वसूली की। साथ ही तीन सौ से ज्यादा लंबित बकाएदारों के बिजली कनेक्शन भी काटे।  अधिशासी अभियंता एसके गुप्ता ने बकाया बिल नहीं चुकाने वाले कई सरकारी संस्थानों व अन्य बड़े बकाएदारों को अंतिम नोटिस जारी किए हैं। बरहाल करोड़ों का बकाया बिल वसूलना ऊर्जा निगम के लिए बड़ी चुनौती है।

ऊर्जा निगम की टीम इन दिनों पछवादून व जौनसर-बावर में लंबित बड़े बकाएदारों की सूची खंगालने में लगी है। समय पर बिजली बिल नहीं चुकाने से विकासनगर, हरर्बटपुर व चकराता तीनों सब-डिवीजन से जुड़े विभिन्न सरकारी संस्थानों व सैकड़ों अन्य बकाएदारों पर ऊर्जा निगम का करीब बीस करोड़ बिजली बिल बकाया है।

निगम के आंकडे इस बात की तस्दीक भी कर रहे हैं। लंबे समय से बिजली बिल नहीं चुकाने वाले सरकारी संस्थानों की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग पर ऊर्जा निगम का 25 लाख बकाया बिल है। इसके अलावा नलकूप खंड विभाग पर 22 लाख, शिक्षा विभाग पर 19 लाख, राजस्व विभाग पर आठ लाख, वन विभाग पर चार लाख, लोनिवि पर तीन लाख, परिवहन विभाग पर दो लाख, पुलिस विभाग पर डेढ़ लाख व कृषि विभाग पर करीब दो लाख बिजली बिल बकाया है।

सरकारी संस्थानों को छोड़कर पछवादून व जौनसार-बावर में पांच से दस हजार के बीच अन्य लंबित बकाएदारों की संख्या चार हजार के पार है। 197 सरकारी संस्थानों व चार हजार से ज्यादा अन्य बकाएदारों से करोड़ों का लंबित बकाया बिल वसूलने को ऊर्जा निगम अधिकारियों ने कसरत तेज कर दी है। वसूली अभियान में जुटी ऊर्जा निगम टीम को करोड़ों का बकाया बिल वसलूने में पसीने छूट रहे हैं।

निर्धारित लक्ष्य हासिल करने को ऊर्जा निगम देहरादून मुख्यालय के अधीक्षण अभियंता पीएस रावत ने पांच रोज पहले पछवादून क्षेत्र का दौरा कर वसूली अभियान की प्रगति रिपोर्ट जांची। अधीक्षण अभियंता रावत ने ईई विकासनगर व तीनों सब-डिवीजन के एसडीओ को वसूली अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

इसी कड़ी में अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड विकासनगर एसके गुप्ता ने एसडीओ विकासनगर गुरुदीप सिंह, एसडीओ हरर्बटपुर अश्वनी कुमार व एसडीओ चकराता अशोक कुमार प्रजापति और तीन अन्य कनिष्ठ अभियंताओं की अगुवाई में आधा दर्जन टीमें बनाई है। 

खेल सम्मान देने पर उठीं चर्चाएं

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देहरादून।  औरों को बांटे अपने को डांटे यह कहावत खेल मंत्रालय पर पूरी तरह से चरितार्थ हो रही है। पुराने खेलमंत्री दिनेश अग्रवाल ने खेल में भी खेल कर दिया था,लेकिन वर्तमान अरविंद पाण्डेय से लोगों को खेल पुरस्कार में ईमानदारी की उम्मीदें लगी हैं।
पिछली बार जिन लोगों को खेल पुरस्कार दिया गया था। वे उत्तराखंड के जरूर थे,लेकिन प्रदेश से बाहर से लोगों को प्रशिक्षित कर रहे थे,लेकिन उत्तराखंड के लोगों की भरपूर उपेक्षा की गई थी। इन्हीं उपेक्षित नामों में एक नाम है कुश्ती प्रशिक्षिक पवन कुमार शर्मा। पवन शर्मा सालों से मातावाला बाग के अखाड़े से राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय कई प्रतिभाओं को निकाल चुके हैं। इनमें अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सत्यव्रत कादियान तथा शिल्पा सरोण का नाम प्रमुख है। सत्यव्रत कादियान जहां एशिया कुश्ती के पुरोधा माने जाते हैं और 2012 तथा 2016 में रियो ओलिंपिक में भाग लेकर देश का नाम रोशन किया। वहीं शिल्पा सरोण सीनियर नेशनल 2016 की रजत विजेता तथा एशियन चैंपियन गुवाहटी की स्वर्ण पदक विजेता हैं। कुश्ती कोच पवन शर्मा ने लगभग एक दर्जन राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों को निकाला है,लेकिन पुरानी सरकार के खेल पुरस्कार में खेल का शिकार हो गए। इस बार पवन शर्मा का नाम प्रबल दावेदारों में माना जा रहा है। देवभूमि खेलरत्न पुरस्कार के लिए जहां मनीष रावत और एकता विष्ट मुख्य दावेदारों में हैं तथा पुरस्कार के लिए आवेदन करने वालों में प्रमुख रूप से शामिल हैं। उत्तराखंड देवभूमि खेलरत्न द्रोणाचार्य और लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार के लिए लगभग सूची तैयार है। खेल निदेशालय द्वारा खेल रत्न पुरस्कार के लिए उत्तराखंड पुलिस के निरीक्षक ओलंपियन मनीष रावत,क्रिकेटर एकता बिष्ट का नाम लगभग तय कर लिया है। मनीष ने रियो ओलंपिक में 13 वां स्थान प्राप्त किया,जबकि एकता बिष्ट महिला विश्वक प टीम की सदस्या रही हैं। सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार के मुख्य दावेदार पवन कुमार शर्मा के साथ-साथ अनूप बिष्ट,एकता बिष्ट के कोच लियाकत अली तथा पवन शर्मा का नाम शामिल हैं,लेकिन लियाकत अली उत्तराखंड के मूल निवासी हैं भी इस पर अलग-अलग चर्चाएं हैं। वैसे भी वे एकता बिष्ट को केवल टिप्स देने वाले रहे हैं। उन्होंने प्रशिक्षित करने का काम नहीं किया है। उत्तराखंड खेल नीति के अनुसार खेलरत्न पुरस्कार के लिए आवेदनकर्ता का फार्म तभी मान्य होगा,जब मान्यता प्राप्त खेल संघ उसकी पुष्टि करेगा। साथ ही नीति में यह लिखा है कि खिलाड़ी पुरस्कार पाने की दौड़ में तभी शामिल होगा जब उसने पिछले आवेदन के पिछले तीन सालों में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया हो,लेकिन उत्तराखंड में किसी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता नहीं है ऐसे में एकता का फार्म किसी भी संघ से सत्यापित नहीं है। उत्तराखंड की महिला टीम न होने से उन्होंने राज्य का प्रतिनिधित्व नहीं किया है।

धमाल 3 में अनिल के साथ माधुरी की जोड़ी

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90 के दशक में सुपर हिट रही अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित की जोड़ी एक बार फिर परदे पर लौटने को तैयार हैं। जानकारी मिली है कि निर्माता-निर्देशक इंद्र कुमार ने धमाल की तीसरी कड़ी में संजय दत्त की जगह अनिल कपूर को कास्ट किया और अब अनिल कपूर के साथ माधुरी की जोड़ी को वापस लाने का फैसला हुआ है।

इंद्र कुमार ने फिल्म बेटा में इस जोड़ी के साथ काम किया था। माधुरी ने इंद्र कुमार के साथ फिल्म राजा में भी काम किया था, जो 22 साल पहले बनी थी। इंद्र कुमार और माधुरी की जोड़ी ने दिल, राजा और बेटा फिल्मों में काम किया। धमाल की तीसरी कड़ी की शूटिंग दिसंबर से शुरु होने जा रही है।

धमाल की पहली दो कड़ियों में संजय दत्त ने काम किया था, लेकिन तीसरी कड़ी के कटेंट को एडल्ट बताकर संजय ने इसमें काम किया था। अनिल कपूर इससे पहले सुभाष घई की त्रिमूर्ति में भी संजय दत्त की जगह काम कर चुके हैं। अनिल कपूर इस वक्त राकेश मेहरा की फिल्म फन्ने खां में काम कर रहे हैं, जिसमें वे 17 साल के बाद ऐश्वर्या राय के साथ काम कर रहे हैं।

ओलंपिक पदक विजेता अभिनव बिंद्रा की जिंदगी पर बनने वाली फिल्म में वे अपने बेटे हर्षवर्धन कपूर के साथ और शैली चोपड़ा की फिल्म एक लड़की को देखा तो.. में बेटी सोनम कपूर के साथ पहली बार काम करने जा रहे हैं।

जेपी दत्ता की पलटन से अलग हुए सुनील शेट्टी

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जेपी दत्ता की नई फिल्म पल्टन की टीम से सुनील शेट्टी ने भी खुद को अलग कर लिया है। वे इस फिल्म में मेहमान रोल कर रहे थे। सुनील शेट्टी के इस फिल्म से अलग होने की वजह बताई जाती है कि उन्होंने स्क्रिप्ट में कुछ बदलाव चाहते थे। चूंकि लद्दाख में फिल्म का पहला शेड्यूल शुरु हो चुका है, इसलिए बदलाव की मांग को खारिज कर दिया और सुनील शेट्टी ने खुद को फिल्म से अलग करने का फैसला कर लिया। अभी ये नहीं पता चला है कि सुनील शेट्टी की जगह किस कलाकार को लिया जा रहा है।

सुनील शेट्टी ने इस फिल्म से अलग होने को लेकर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। सुनील शेट्टी ने जेपी दत्ता के साथ पूर्व मे बार्डर से लेकर एलओसी तक सभी फिल्मों, बार्डर, रिफ्यूजी, उमराव जान और एलओसी में काम किया है। अभिषेक बच्चन के बाद सुनील शेट्टी दूसरे कलाकार हैं, जो फिल्म से अलग हुए।

अभिषेक, जिनको जेपी दत्ता ने ‘रिफ्यूजी’ में लांच किया था, ने लद्दाख का शेड्यूल शुरु होने से 24 घंटे पहले खुद को इस फिल्म से अलग कर लिया था। बाद में अभिषेक की जगह हर्षवर्धन राणे (सनम तेरी कसम फेम) को कास्ट किया गया। पाकिस्तान के साथ युद्ध पर तीन फिल्में बार्डर, रिफ्यूजी और एलओसी बना चुके दत्ता इस बार चीन के साथ भारत के सैन्य टकराव पर फिल्म बना रहे हैं। सोनू सूद, पुलकित सम्राट, लव सिन्हा और हर्षवर्धन राणे इसकी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। जैकी श्राफ फिल्म में मेहमान रोल कर रहे हैं। 

हेमा के साथ सीता और गीता का सिक्वल

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शोले से पहले 1972 में रमेश सिप्पी ने हेमा मालिनी को डबल रोल में लेकर ‘सीता और गीता’ का रीमेक किया था। चर्चा है कि रमेश सिप्पी अब अपनी इस सुपर हिट फिल्म की सिक्वल बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं और इस सिक्वल में हेमा मालिनी फिर से हिस्सा होंगी।

रमेश सिप्पी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए सिर्फ इतना स्वीकार किया है कि सिक्वल बनेगी और हेमा मालिनी इसका हिस्सा होंगी। उन्होंने फिल्म की बाकी डिटेल नहीं दी, रमेश सिप्पी ने हेमा मालिनी को लेकर इस फिल्म के सहित चार फिल्में बनाई हैं, जिनमें अंदाज, शोले के अलावा एक और फिल्म है, जिसका नाम है शिमला मिर्च। ये फिल्म रमेश सिप्पी ने पिछले साल बनाई है, लेकिन कुछ कारणों से इस फिल्म का काम अटक गया था।

इस फिल्म में हेमा मालिनी के साथ राजकुमार राव भी हैं। जानकारी के मुताबिक, ये फिल्म अगले साल अप्रैल तक रिलीज होगी और ‘सीता और गीता’ की सिक्वल पर काम इस साल के अंत तक शुरु होगा। कुछ वक्त पहले खबर थी कि फरहान अख्तर की कंपनी ने ‘सीता और गीता’ के रीमेकिंग अधिकार खरीदे हैं और इस रीमेक में कैटरीना कैफ को कास्ट किया जाएगा।

रमेश सिप्पी की टीम के मुताबिक, ‘सीता और गीता’ की सिक्वल एक यूथफुल फिल्म होगी, जिसमें एक बड़ी हीरोइन को टाइटल रोल में कास्ट किया जाएगा।

सीएम ने ‘रैबार’ कार्यक्रम को लेकर अधिकारियों संग की चर्चा

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देहरादून। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में 05 नवम्बर को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में होने वाले ‘रैबार’ कार्यक्रम के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की। रैबार कार्यक्रम में उत्तराखण्ड मूल के विशिष्ट, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित लोग प्रतिभाग करेंगे। इस अवसर पर पर्यटन और पर्यावरण, पलायन, बेरोजगारी, इन्वेस्टमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री एवं नया उत्तराखण्ड जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी।
रैबार कार्यक्रम में राज्य स्थापना के समय उत्तराखण्ड की स्थिति, वर्तमान उत्तराखण्ड एवं भविष्य में उत्तराखण्ड के सर्वांगीण विकास के लिए योजनाओं पर भी चर्चा की जायेगी। इस अवसर पर उत्तराखण्ड की 17 साल की यात्रा के दौरान उपलब्धियों, प्रमुख समस्याओं एवं राज्य को तेजी से विकास के पथ पर लाया जा सके विषयों पर भी प्रतिष्ठित लोगों से सुझाव लिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत 05 नवम्बर को प्रातः 10 बजे मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में कार्यक्रम का शुभारम्भ करेंगे। रैबार कार्यक्रम रात्रि 08 बजे तक चार सत्रों में होगा। उद्घाटन सत्र में ‘उत्तराखण्ड की पुकार: रूके पलायन मिले रोजगार’ विषय पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ.धन सिंह रावत, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी, प्रधानमंत्री के सचिव भाष्कर खुल्बे, कोस्ट गार्ड के डायरेक्टर जनरल राजेन्द्र सिंह, वित्त सचिव अमित नेगी, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल रवीन्द्र मैठाणी, निम के कर्नल श्री अजय कोठियाल एवं उत्तराखण्ड पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एस.एस.नेगी मुख्य वक्ता होंगे।
प्रथम विशेष सत्र में ‘उत्तराखण्ड के दो अनमोल रत्न-पर्यटन और पर्यावरण’ विषय पर मुख्य वक्ता वन एवं श्रम मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, आईएफएस आलोक अमिताभ डिमरी, पर्यावरणविद डाॅ.अनिल जोशी, पर्वतारोही बछेन्द्रीपाल, यूकोस्ट के डायरेक्टर जनरल डाॅ.राजेन्द्र डोभाल एवं सुश्री अनुकृति गुसांई होंगी।
दूसरे विशेष सत्र में ‘इन्वेस्टमेंट, इंडस्ट्री, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं इन्फाॅर्मेशन के साथ नया उत्तराखण्ड’ विषय पर वित्त मंत्री प्रकाश पंत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, आचार्य बालकृष्ण, प्रसून जोशी, प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी, ओएनजीसी के डी.डी.मिश्रा, इंडिया फाउण्डेशन के डायरेक्टर शोर्य डोभाल, मनोज भार्गव, हंस फाउण्डेशन की डायरेक्टर सुश्री श्वेता रावत एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार डाॅ.नवीन बलूनी मुख्य वक्ता होंगे।
अन्तिम सत्र ‘ऐसे बनेगा नया उत्तराखण्ड’ विषय पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत, भाष्कर खुल्बे, आलोक जोशी, अनिल धस्माना मुख्य वक्ता होंगे। इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

ग्राफिक एरा के प्रदीप राणा ने साइकलिंग का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया

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देहरादून। ग्राफिक एरा के छात्र प्रदीप राणा ने साइकलिंग का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। रिकॉर्ड बनाकर देहरादून पहुंचे प्रदीप का ग्राफिक एरा में ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया।
18,300 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर प्रदीप राणा बुधवार को विश्वविद्यालय पहुंचे। मीडिया से बातचीत के दौरान प्रदीप ने यह साइकिल यात्रा पूरी कर गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। इस कामयाबी के लिए प्रदीप को प्रोत्साहित करते हुए ग्राफिक एरा के अध्यक्ष प्रो. कमल घनशाला ने एक लाख रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा की। ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के बीएससी आईटी के छात्र प्रदीप ने इस जटिल रिकॉर्ड की शुरुआत 23 मई को ग्राफिक एरा परिसर से की। पांच महीने लगातार साइकलिंग कर प्रदीप ने साइकिल से देश में तमिलनाडू से लेकर नॉर्थ ईस्ट और उत्तर भारत के कई राज्यों का सफर तय किया।
बारिश और गर्मी भी प्रदीप के हौंसले को डिगा नहीं सके।
लगातार 162 दिन साइकिल से पहाड़ और मैदानों का सफर तय करने के बाद प्रदीप बुधवार दोपहर करीब 12 बजे ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी पहुंचे। अपने अनुभव साझा करते हुए प्रदीप ने बताया कि रास्ते में कई अलग-अलग बोली, समुदाय के लोग मिले और कई कठनाइयों का सामना हुआ। लेकिन, पूरे विश्वविद्यालय के सहयोग और ग्राफिक एरा के दोस्तों की हौंसला अफजाई से मैं यह सफर पूरा कर पाया हूं। उन्होंने बताया कि अब वह एक नया रिकॉर्ड भारत की सीमाओं के बाहर विश्व में साइकलिंग कर बनाना चाहते हैं।
डॉ. घनशाला ने प्रदीप के इस कीर्तिमान को पूरे देश और प्रदेश के लिए गर्व की बात बताते हुए कहा कि मैं यह चाहता हूं कि ग्राफिक एरा के बाकी छात्र भी इससे प्रेरणा ले और ऐसे कई कीर्तिमान स्थापित कर देश का नाम रोशन करें। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय जसोला ने प्रदीप की पीठ थपथपाते हुए कहा कि दृढ़ संकल्प वाले युवा ही देश की असली पूंजी है। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने ढोल नगाड़ों पर प्रदीप के साथ नाचकर इस उपलब्धि का जश्न मनाया।

सरमूल को धार्मिक पर्यटक के रूप करेंगे विकसित: कोश्यारी

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बागेश्वर। पूर्व सीएम व सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि उन्होंने कहा कि सरमूल को वे धार्मिक और सहासिक पर्यटन के रूप में विकसित करेंगे।

सांसद कोश्यारी ने कपकोट से सरमूल तक यात्रा का बुधवार को शुभारंभ के मौके पर यह बातें कही। इस मौके पर उन्होंने सरमूल पहुंचकर पूजा अर्चना की। कहा कि सरयू का उदगम स्थल सरमूल में 2022 तक गाड़ी पहुंचा जाएगी। उन्होंने कहा कि सौ प्राकृतिक धाराओं से सरयू निकलती है। जिसका पुराणों में भी महत्व है।
कपकोट से भद्रतुंगा 28 किमी गाड़ी और वहां से दस किमी पैदल यात्रा के बाद कोश्यारी सरमूल पहुंचे। उनके साथ 100 से अधिक पैदल यात्री शामिल हुए। पैदल रास्ते, पहाड़, नदियां, नाले नापते हुए वे सौ धाराओं के समीप पहुंचे। उनके लिए सरयू नदी 18 लकड़ी के कच्चे पुल भी बनाए गए थे।
सांसद ने कहा कि इस क्षेत्र को धार्मिक और सहासिक पर्यटन के रूप में जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगली दीपावली में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को यहां लाने का प्रयास होगा। सरयू का नाम सरमूल से अयोध्या तक सरयू रखने पर भी काम होगा।
इस मौके पर विधायक बलवंत भौर्याल, सुरेश गड़िया, चंपा देवी, मनोहर राम, दयाल ऐठानी, गीता ऐठानी, दयाल कुमल्टा, भगवत कोरंगा, सुंदर देव, मनोज ओली, मानवती देवी आदि मौजूद थे। कलश यात्रासांसद कोश्यारी के साथ महिलाएं भी बड़ी संख्या में सरमूल पहुंची। उन्होंने कलश यात्रा निकाली। सरमूल का जल लेकर वह अपने घरों में पहुंची। देवी-देवताओं को चढ़ाया।