Page 373

भारत की नेत्रहीन क्रिकेट टीम पर बनेगी फिल्म

0

एक तरफ कबीर खान 1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम पर फिल्म बना रहे हैं, तो निर्माता रॉनी स्क्रूवाला ने अब भारत की नेत्रहीन टीम पर फिल्म बनाने की घोषणा की है।

सन 2012 में टी 20 विश्वकप के फाइनल में भारत की नेत्रहीन टीम ने पाकिस्तान की टीम को हराकर चैंपियनशिप जीती थी। भारत की नेत्रहीन टीम ने पहली बार टी 20 में हिस्सा लिया था।

रॉनी स्क्रूवाला की फिल्म की योजना अभी कागजों पर है। उनका कहना है कि, “जल्दी ही इस फिल्म के लिए निर्देशक का नाम तय कर लिया जाएगा और फिर कहानी पर काम शुरु कर दिया जाएगा।” उन्होंने बताया कि अगले साल फिल्म सेट पर जाएगी और इसे 2019 में रिलीज किया जाएगा। उन्होंने संकेत दिया कि फिल्म में नए कलाकारों की टीम बनाई जाएगी।

उत्तराखंड महिला मंच ने सरकार का फूंका पुतला

0

राज्य सरकार द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के विरोध में उत्तराखंड महिला मंच ने सड़कों पर उतरकर सरकार का पुतला फूंका।

उत्तराखंड महिला मंच की अध्यक्ष निर्मला विष्ट ने राज्य सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, “जनता ने हमेशा गैरसैंण को स्थाई राजधानी माना है और उसके लिए संघर्ष व जन आंदोलन भी किए हैं।  जिस तरह सरकार जन भावनाओं को दर किनार कर गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घिनौनी राजनीति कर रही है, वह शर्मनाक है।”

उत्तराखंड महिला मंच जनता के साथ धोखा नहीं होने देगी। विरोध में महिला मंच ने सत्तापक्ष व विपक्ष की ग्रीष्मकालीन राजधानी की राजनीति के विरोध में घंटाघर पर एकत्र होकर पुतला फूंका।

‘दिल्ली यमुनोत्री मार्ग भी हो ऑल वेदर परियोजना में शामिल’

0

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के पुरोला में जन प्रतिनिधियों ने दिल्ली यमनोत्री मोटर मार्ग को आॅल वेदर परियोजना में शामिल करने की मांग उठाई है। सोमवार को पुरोला में राज्य सभा सांसद प्रतिनिधि दिनेश खत्री की अध्यक्षता बैठक आयोजित हुई।जिसमें जन प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार के इस मामले में शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई न करने पर दिल्ली यमनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में चक्काजाम करने की चेतावनी दी।

सोमवार को राज्य सभा सांसद प्रतिनिधि दिनेश खत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के चारधाम के लिए आॅल वेदर मोटर मार्ग बनाने का निर्णय लिया है, लेकिन इसमें चारधाम यात्रा के प्रथम पड़ाव यमनोत्री को धरासू मोटर मार्ग से जोड़ा गया है। जबकि कई यात्री दिल्ली यमनोत्री मोटर मार्ग से ही यमनोत्री धाम पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम के प्रथम पड़ाव यमनोत्री धाम यात्री दिल्ली यमनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से वाॅया मसूरी, विकासनगर होते हुए धाम पहुंचते हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने दिल्ली यमनोत्री मोटर मार्ग को आॅल वेदर प्लान में शामिल नहीं किया है।
सरकार हमेशा चारधाम यात्रा ऋषिकेश से शुरू होना दिखाती है। जबकि हकीकत यह है कि यात्री हरिद्वार, देहरादून से विकासनगर, मसूरी होते हुए चारधाम के प्रथम धाम यमनोत्री के दर्शन करने के बाद तीन धाम होकर ऋषिकेश से वापसी करते हैं। वक्ताओं का कहना है कि नौकरशाही की गलत जानकारी के कारण ही केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने दिल्ली यमनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को ऑल वेदर प्लान में नहीं जोड़ा गया है। बैठक में शीघ्र दिल्ली यमनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को ऑल वेदर प्लान में शामिल न करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। बैठक में जाज मोहन सिंह, प्रेम सिंह नेगी, धर्म सिंह, राजपाल, एलम सिंह, केशर प्रसाद, शिव सिंह, विक्रम लाल आदि शामिल रहे। 

होनहारों के लिए जल्द शुरू होगी निशुल्क कोचिंग योजना

0

देहरादून। जल्द ही राज्य के मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग प्रदान करने की योजना तैयार की जाएगी। योजना के पीछे सरकार का मकसद है कि राज्य के ऐसे छात्र जो तंग हालातों के चलते अपनी योग्यता को बेहतर पायदान पर साबित करने में असमर्थ हैं, उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें। सेवायोजन विभाग योजना पर कार्य कर रहा है। जल्द ही योजना पटल पटल पर नजर आएगी।

10 लाख की राशि स्वीकृत:अब राज्य के मेधावी छात्र-छात्राओं को निजी संस्थानों की महंगी कोचिंग का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। इसके लिए सेवायोजन विभाग नई ‘प्रतिभाशाली छात्र निशुल्क कोचिंग योजना’ शुरू करने जा रहा है। योजना के लिए प्रथम चरण में 10 लाख की राशि भी स्वीकृत कर दी गई है।
दरअसल, प्रदेश सरकार की ओर से राज्य के निर्धन वर्ग के मेधावी छात्र-छात्राओं को सरकारी सेवाओं में प्रोत्साहित करने के लिए उत्तम श्रेणी की निशुल्क कोचिंग योजना बनाई गई है। इस योजना का सारा बजट राज्य सरकार देगी। योजना का नाम प्रतिभाशाली छात्र निशुल्क कोचिंग योजना रखा गया है। योजना के संबंध में सेवायोजन कार्यालय को जानकारी भी दी जा चुकी है। अब विभागीय अधिकारियों ने नई योजना को मूर्त रूप देने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

 सरकारी सेवाओं के लिए मिलेगी उत्तम श्रेणी की कोचिंग: सेवायोजन उप निदेशक चंद्रकांता ने बताया कि इस नई योजना के तहत गरीब वर्ग के बच्चों को बैंक और एसएससी जैसी सरकारी सेवाओं की उत्तम श्रेणी की निशुल्क कोचिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश में राज्य सरकार की इस तरह की पहली योजना है। इसमें प्रतिभाशाली बच्चों का चयन कर उन्हें सरकारी सेवाओं के लिए तैयार किया जाएगा।

 योजना का लाभ तो लेते हैं, भुनाते नहीं :वर्तमान में भी सेवायोजन कार्यालय देहरादून में केंद्र सरकार की ओर से एससी-एसटी वर्ग के लिए निशुल्क कोचिंग योजना चलाई जा रही है। इस योजना में पिछले पांच वर्षो में करीब 400 से अधिक युवा कोचिंग ले चुके हैं। लेकिन सरकारी सेवाओं में निकलने वाले की संख्या 10 भी नहीं पहुंची है।

एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा है जिले का सबसे बड़ा सीएचसी

0

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले की यमुना घाटी का सबसे बड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगांव पिछले दो वर्षों से एक चिकित्सक के भरोसे चल रहा है। इस अस्पताल से नौगांव ब्लॉक की 126 ग्राम पंचायते जुड़ी हुई हैं, लेकिन अस्पताल की च‌िक‌ित्साध‌िक्षक डॉ. निधि रावत और व्यवस्था पर तैनात एक सामान्य चिकित्साधिकारी ही लोगों को सेवाएं दे रहे हैं। लैब टेक्निश‌ियन न होने से एक्सरे रूम बंद पड़ा है। जबकि लैब टेक्निशियन न होने से कई अन्य महत्वपूर्ण जांचे भी नहीं हो पा रही हैं। जिसकी वजह से मरीजों को हर छोटे बड़े इलाज के लिए करीब 150 किमी दूर देहरादून या विकासनगर की दौड़ लगानी पड़ रही है।

चार वर्ष पूर्व सरकार द्वारा सीएचसी को दिल्ली की एक प्राईवेट कंपनी को 2018 तक पीपीपी मोड़ में दिया गया था। इससे पूर्व ही यहां तैनात फिजिशीयन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, महिला चिकित्सक, दंत रोग, लैब तथा एक्सरे टेक्न‌िश‌ियन, फार्मेसिस्ट आदि का स्थानांतरण कर दिया गया था, लेकिन अनबन के चलते अस्पताल का संचालन कर रही कंपनी दो वर्ष बाद ही काम छोड़कर चली गई। कंपनी और स्वास्थ्य विभाग के बीच का विवाद अभी तक न्यायालय में विचाराधीन है। जिस वजह से अस्पताल पूरी तरह से स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर नहीं हो पाया है। ऐसे में सरकार भी यहां पर स्थाई डॉक्टरों की व्यवस्था नहीं कर पा रही है, जिसका नुकसान क्षेत्र की गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है।
भाजपा जिला अध्यक्ष श्याम डोभाल ने कहा कि चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी के कारण लोग परेशान हैं। शीघ्र ही समस्या को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। चिकित्साध‌िक्षक डॉ. निधि रावत का कहना है कि कंपनी और विभाग का मामला न्यायालय में विचाराधीन है, जिस वजह से अभी पूरी तरह से अस्पताल विभाग को हैंड ओवर नहीं हो पाया है। विवाद निपटने के बाद ही स्थिति में सुधार आयेगा।

बदलेगा केदारनाथ विकास प्राधिकरण का नक्शा

0

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ विकास प्राधिकरण का नक्शा जल्द ही बदलने वाला है। इसके लिए शासन स्तरा पर कसरत शुरू कर दी गई है। इसके तहत किन क्षेत्रों को नक्शे शामिल करना है और कौन से क्षेत्र हटाए जाने हैं, इसे लेकर मंथन जारी है। जल्द ही इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। वर्तमान में वासुकीताल, चौराबाड़ी समेत केदारपुरी के दूरस्थ क्षेत्रों को भी केडीए में लिया गया है। लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण केदारनाथ पैदल मार्ग इसमें शामिल नहीं है।

केदारनाथ आपदा के तीन माह बाद सितंबर 2013 में तत्कालीन सरकार ने केडीए के गठन का शासनादेश जारी किया था। इसमें वासुकीताल व चौराबाड़ी से जुड़े क्षेत्र के साथ ही भैरव मंदिर, गरुड़चट्टी, रामबाड़ा, गौरीकुंड व त्रियुगीनारायण समेत 500 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को शामिल किया गया। लेकिन, इसे धरातल पर उतारने की तैयारी अब चार साल बाद चल रही है। हालांकि, केडीए को लेकर कई भ्रांतियां भी हैं। मसलन, केदारनाथ पैदल मार्ग को इसमें शाामिल नहीं किया गया है, जबकि वासुकीताल व चौराबाड़ी क्षेत्र को इसमें शामिल किया जाना तर्कसंगत नहीं माना जा रहा। इतना ही नहीं, केडीए के अंतर्गत केदारपुरी से छह किमी दूर हिमालयी क्षेत्र के विकास की बात भी गले नहीं उतर रही।
केदारपुरी में खोला जा रहा कार्यालय
20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन पांच परियोजनाओं की केदारपुरी में नींव रखी थी, उन्हें धरातल पर उतारने के लिए केदारपुरी में केडीए का दफ्तर खोला जा रहा है। साथ ही इन दिनों जीपीएस से केडीए में शामिल क्षेत्र का सर्वे भी चल रहा है। जल्द ही नक्शे को अंतिम रूप देकर इसकी रिपोर्ट डीएम रुद्रप्रयाग के माध्यम से शासन को भेज दी जाएगी। इधर, केडीए में अभ्यर्थियों की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है। जिलाधिकारी केडीए में मुख्य कार्याधिकारी होंगे, जबकि प्रमुख सचिव पर्यटन को प्राधिकरण के अध्यक्ष का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अलावा कार्यालय संचालन के लिए एक दर्जन अन्य पदों पर भी भर्ती होनी है।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि तमाम विसंगतियों को देखते हुए केडीए के क्षेत्रफल में परिवर्तन किया जाना है। इसके तहत केदारनाथ पैदल मार्ग को प्राधिकरण में शामिल किया जाना है। साथ ही वासुकीताल व चौराबाड़ी क्षेत्र को केडीए में रखा जाए या नहीं, इस पर भी विचार चल रहा है। इसके लिए इन दिनों सर्वे कराया जा रहा है।

सीएम ने रन फॉर गुड गवर्नेंस को झण्डी दिखाकर किया रवाना

0

देहरादून। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में राज्य स्थापना सप्ताह के अवसर पर आयोजित रन फॉर गुड गवर्नेंस को झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस मौकेे पर उन्होंने कहा, ‘आज हम सचिवालय के लोग यहां अच्छे प्रशासन के लिए दौड़ रहे हैं। सचिवालय की परिक्रमा कर हमें प्रदेश के विकास की गति व गुड गवर्नेंस पर विशेष संदेश देना होगा। सकारात्मक सोच के साथ राज्य में विकास की गति तेजी से दौड़े, यह संकल्प लेकर हमें दौड़ना है।’
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य अपने स्थापना के 17 वर्ष पूरे करने जा रहा है। हमने रैबार कार्यक्रम से इसकी शुरुआत की है। देश के महत्वपूर्ण स्थानों पर उत्तराखण्ड के लोगों को इसमें सम्मिलित करने का प्रयास किया जा रहा है। लोग अपने घर आएं, यही महसूस कराना रैबार कार्यक्रम का लक्ष्य था।
उन्होंने कहा कि दो नदियों अल्मोड़ा में कोसी और देहरादून में रिस्पना (ऋतुपर्णा) नदी के पुनर्जीवीकरण का कार्यक्रम शुरू किया गया है। यदि हम अभी भी नहीं बदले तो इन नदियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। हमें इसके लिए दीर्घकालिक योजना पर कार्य करना है। यह कार्य जन सहयोग से होना है। हमने तय किया है कि इस कार्य को सरकारी और सहकारी भाव से किया जाना है, जिसके लिए परमार्थ निकेतन ने एक करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की है। रिस्पना के लिए ऐसी रणनीति बनानी है, जिसमें जितने भी पौधे लगें, उन्हें एक दिन में ही लगाया जाए।
उन्होंने आह्वान किया कि इसमें सभी लोग सम्मिलित हों, तभी यह अभियान सफल होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आईएएस अधिकारी विद्यालयों में गए। उन्होंने वहां की स्थिति और विद्यार्थियों की स्थिति समझा होगा। नीति निर्धारक जब सच्चाई को जानेंगे, स्थिति को समझेंगे तो उसके अनुसार नीतियां बना पाएंगे। वहीं कार्यक्रम में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारीगण एवं सचिवालय के सभी अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

राज्य स्थापना दिवस की तैयारियों को लेकर सीडीओ ने दिए दिशा-निर्देश

0

रुद्रपुर। राज्य स्थापना की 17वीं वर्षगाठ पर नौ नवम्बर को आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने के लिए एपीजे. अब्दुल कलाम सभागार में मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में एक बैठक की गई। इस अवसर पर न्याय पंचायत स्तर पर खेल महाकुम्भ के तहत 09 से 11 नवम्बर तक खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को मंगलवार से ही तैयारियों को अंतिम रूप देने का दिशा-निर्देश दिया है।
मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय ने जिला शिक्षा अधिकारी पीएन सिंह व जिला युवा कल्याण अधिकारी मोहन सिंह नगन्याल को निर्देश देते हुए कहा कि जिले की सभी 27 न्याय पंचायतों में नौ नवम्बर से प्रारम्भ होने वाले खेल महाकुम्भ की तैयारियां मंगलवार से ही शुरू कर दी जाएं। बैठक में तय किया गया कि 08 एवं 09 नवम्बर की शाम सात बजे से रात्रि 11 बजे तक कलेक्ट्रेट भवन सहित अन्य शासकीय इमारतों को दूधिया बल्वों से प्रकाशमान किया जाएगा।
मुख्य कार्यक्रम विकास भवन सभागार में आयोजित किए जाएंगे। विकास भवन प्रांगण में विकास से जुड़े विभागों द्वारा अपनी योजनाओं से सम्बन्धित प्रदर्शनी के स्टाल लगाए जाएंगे, ताकि इस अवसर पर आने वाले लोगों को योजनाओं की जानकारी उपलब्ध हो सके। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी विद्यालयों में क्वीज व वाद-विवाद प्रतियोगिता भी आयोजित की जाए। क्रीड़ा विभाग द्वारा प्रातः 08 बजे से क्रॉस कंट्री रेस के आयोेजन के साथ ही 07 से 09 नवम्बर तक प्रादेशिक हांकी प्रतियोगिता व एथलेटिक्स प्रतियोगिता कराने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाशित ‘विकास’ पुस्तिका का विमोचन मुख्य अतिथि द्वारा किया जाएगा। साथ ही राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
पान्डेय ने बताया कि विकास भवन में गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। साथ ही रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कराए जाएंगे। कार्यक्रम में राज्य आन्दोलनकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम जिला मुख्यालय के साथ-साथ तहसील व ब्लॉक स्तर पर भी आयोजित किए जाएंगे। जनपद स्तर पर गोल्ड मेडल प्राप्त खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाएगा। स्वास्थ विभाग द्वारा स्वास्थ जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रताप सिंह शाह, परियोजना निदेशक डीआरडीए हिमांशु जोशी, जिला विकास अधिकारी अजय सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी पीएन. सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी अभय सक्सेना, जिला पंचायत राज अधिकारी विद्या सिंह सोमनाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

17 सालों में कितना बदला  उत्तराखंड 

ऋषिकेश, उत्तराखंड राज्य निर्माण के 17 सालो का सफ़र  पूरा हो चूका है और ये राज्य अब सतरहवे साल में प्रवेश कर रहा है, इसे में सवाल ये उठता है की इन 17 सालो के सफ़र में उत्तराखंड राज्य अपनी अवधारणा पर कितना खरा उतरा?  क्या आज भी पहाड़ का युवा पलायन का दंश झेलने से बच पाया है? राजधानी की सड़के रोज नए आन्दोलन से क्यों जाम रहती है?

migration

उत्तराखंड का जन्म एक बड़े राज्य जनांदोलन के बाद हुआ, यहाँ की आम जनता उत्तर प्रदेश में रहते हुए विकास और रोज़गार से संतुष्ट नहीं हो पा रही थी, रोज़गार और पहाड़ का विकास यहाँ की सबसे बड़ी जरुरत थी, एक  लम्बे जनसंघर्ष के बाद आखिरकार 9 नवम्बर 2000 को राज्य का निर्माण हुआ।

अब तक के 17 सालो के सफ़र में भी उत्तराखंड क्या जन भावनाओ पर खरा उतरा? ये सवाल आज भी लोगों के मन को कचोटता है। राजधानी से मात्र 35 किमी दूर गांव बखरोटी के पूर्व प्रधान बुद्धि प्रशाद जोशी का कहना है कि, “17 सालों  में उत्तराखंड का विकास उस तरह नहीं हुआ जिसकी उम्मीद उत्तराखंड वासियों ने की थी।” वही उत्तराखंड के आम आदमी भी ये मानता है की आज भी पहाड़, विकास, रोज़गार की बाट जोहते हुए पलायन की मार झेल रहा है। भाजपा और कांग्रेस और सभी छेत्रिय दल आज भी पहाड़ के पानी और पहाड़ की जवानी को नहीं रोक पाए है।

राजधानी की बात करें तो वो भी आज 17 सालों के सफ़र में राजनीती का शिकार हो गयी है, कर्मचारी से लेकर आम जनता सड़को पर हक़ की मांग कर रही है। उत्तराखंड के 17 सालों के सफ़र जहा मैदान विकास की नयी इबारत लिख रहे है, वही अनियोजित विकास और दूरदर्शिता की कमी ने उत्तराखंड के पहाड़ पर अभी तक विकास की कोई भी ठोस उम्मीद नहीं जगाई है, फिर भी लोगों को उम्मीद है की आने वाले सालों में उत्तराखंड एक बेहतर राज्य के रूप में उभरेगा।

 

वुडस्टॉक स्कूल मसूरी में होगा 18वां विन मंबी टूर्नामेंट

0

मसूरी के वुडस्टॉक स्कूल में कल से शुरु होकर चार दिन चलने वाले विन मंबी ऑल इंडिया बास्केटबॉल टूर्नामेंट में पूरे देश से लगभग 16 टीमें भाग ले रही हैं। चार दिन तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में 5 राज्य पंजाब,उत्तराखंड,कर्नाटक,दिल्ली और हरियाणा  16 टीमें इस टूर्नामेंट को जीतने के लिए खेलेंगी।

वुडस्टॉक के अजय मार्क बताते हैं कि, “स्पोर्ट में होने वाला यह कम्पटिशन वुडस्टॉक स्कूल के स्पोर्ट कैंलेडर का सबसे बड़ा आर्कषण है। नार्थ इंडिया में  इस तरह का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है, इस टूर्नामेंट में हमें कुछ अद्भूत और जबरदस्त खेल का प्रदर्शन देखने के लिए उत्सुक रहते है ।”

पिछले साल इस मुकाबले के विजेता दिल्ली मार्डन स्कूल (लड़कों) और मोतीलाल नेहरु स्कूल ऑफ स्पोर्ट (लड़की) की टीमें एक बार फिर अपने टाइटल को बचाने के लिए दूसरी टीमों के साथ जबरदस्त मैच खेलेंगी।

यह कम्पटीशन वुडस्टाक स्कूल के जैज़ बैंड के परर्फारमेंस के साथ शुरु होगा और 8 तारीख की शाम को सभी टीमें निर्धारित जगहें लेंगी, साथ ही गढ़वाल राइफल मिलिट्री बैंड का बैगपाइपर परर्फामेंस भी होगा। इसके अलावा टूर्नामेंट के अंत में तिब्बतन होम फांउडेशन स्कूल के बच्चों द्वारा याक डांस परर्फामेंस भी होगा।

टूर्नामेंट के क्लोजिंग सेरेमनी में उत्तराखंड के डीजीपी अनिल रतूड़ी, मुख्य अतिथि, के रूप में शिरकत करेंगे।