रुड़की। रुड़की में गुरुवार को कुछ लोगों ने वणिज्य कर अधिकारी को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की। युवकों का आरोप था कि इस अधिकारी की वजह से उनके भाई ने आत्महत्या की है।
घटना के अनुसार, आजादनगर का एक युवक विक्रम कारगी वाणिज्यकर में ड्राइवर के पद पर तैनात था। बुधवार देर शाम उसने गंग नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली। गुरुवार को उसका शव पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल रुड़की लाया गया था। गुरुवार करीब 11.45 पर वाणिज्यकर विभाग में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात रोहित श्रीवास्तव अपने कार्यालय में बैठे थे तो कुछ युवक वहां पहुंचे उन्होंने आरोप लगाया कि इस अधिकारी ने विक्रम का मानसिक उत्पीड़न किया था, जिसके कारण उसे आत्महत्या को मजबूर होना पड़ा। इतना कहते ही युवकों ने रोहित के साथ मारपीट शुरू कर दी और उन्हें सिविल अस्पताल ले आए। अस्पताल लाकर विक्रम के परिजनों और संबंधियों ने रोहित श्रीवास्तव के साथ जमकर मारपीट की। उन्होंने बचकर भागने का प्रयास किया लेकिन फिर भी युवकों ने उनको दौड़ा-दौडा कर पीटा और उनकी गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। घटना की सूचना पर जब तक पुलिस अस्पताल पहुंची तब तक युवक फरार हो चुके थे। घटना के बाद मौके पर कोतवाल गंगनहर कमल कुमार लुंठी, कोतवाल सिविल लाइन साधना त्यागी मय फोर्स पहुंची और युवको के धरपकड़ की कार्रवाई शुरू की।
रुड़की में वणिज्यकर के डिप्टी कमिश्नर को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
आंदोलनकारियों को नहीं मिली कुर्सी तो जमीन पर बैठे
हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के आंदोलनकारियों को बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं मिली। कार्यक्रम में आमंत्रित आंदोलनकारी इस पर मंच के सामने ही जमीन पर बैठ गए। आंदोलनकारियों को मनाने जिलाधिकारी दीपक रावत की कोशिश भी नाकाम रही। खुद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी आंदोलनकारियों को मंच से ही मनाने का प्रयास किया लेकिन आंदोलनकारी जमीन से उठने को राजी नहीं हुए। आंदोलनकारियों की इस स्थिति ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को असहज किया। हालांकि, कई लोगों ने आंदोलनकारियों के सम्मान में कुर्सी खाली कीं। ये नजारा ऋषिकुल ऑडिटोरियम में देखने को मिला।
राज्य सरकार की ओर से ऋषिकुल ऑडिटोरियम में उत्तराखंड स्थापना दिवस का भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड आंदोलनकारियों के साथ-साथ नगर के गणमान्य नागरिकों व सभी विभागों को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम स्थल पर मंच के सामने की दो कतारों की कुर्सियां राज्य आंदोलनकारियों के लिए रिजर्व की गई थी लेकिन कार्यक्रम शुरू होने तक राज्य आंदोलनकारी वहां नहीं पहुंचे। इसके चलते दूसरे गणमान्य नागरिक उन कुर्सियों पर बैठ गए। इसी दौरान राज्य आंदोलनकारियों का नेतृत्व करने वाले जेपी पांडे उत्तराखंड की जय जय कार के नारे लगाते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। आंदोलनकारियों को बैठने के लिए वहां कुर्सी नहीं मिली तो आंदोलनकारी असहज हो गए। जेपी पांडे ने सभी लोगों को मंच के सामने नीचे बैठने को कहा। इसके बाद सभी आंदोलनकारी नीचे बैठ गए। आंदोलनकारियों को नीचे बैठते ही जिलाधिकारी दीपक रावत ने सभी आंदोलनकारियों को मनाने का प्रयास किया। उनको कुर्सी पर बैठने को कहा। कई गणमान्य लोगों ने आंदोलनकारियों के सम्मान में कुर्सी भी खाली कर दी पर जिद पर अड़े आंदोलनकारी जमीन से उठने को राजी नहीं हुए। इसके बाद खुद कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी आंदोलनकारियों को उठकर कुर्सी पर बैठने को कहा, लेकिन वह तब भी नहीं उठे। जिला सूचना अधिकारी अर्चना ने महिलाओं को कुर्सी पर बैठने के लिए मनाने का प्रयास किया। महिलाएं भी जिला सूचना अधिकारी अर्चना की बात पर भी जमीन से उठने को राजी नहीं हुई। हालांकि, इस बीच जेपी पांडे खुद कुर्सी पर बैठ गए, लेकिन तमाम महिलाएं जमीन पर ही बैठी रही।
एमएसबीवाई योजना बंद, करीब 12 लाख परिवारों को झटका
देहरादून। प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएसबीवाई) के लाभार्थी करीब बारह लाख परिवारों को बड़ा झटका लगा है। बीमा कंपनी को एक्सटेंशन न मिल पाने के कारण योजना बंद पड़ गई है। जिस कारण मरीजों को इलाज से महरूम होना पड़ रहा है। वह अस्पताल पहुंचकर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
अप्रैल 2015 में शुरू हुई मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लाभार्थियों को बायोमेट्रिक स्मार्ट कार्ड जारी किए गए थे। जिसके तहत कार्डधारक परिवार को 50 हजार रुपये का हेल्थ कवर और सवा लाख रुपये गंभीर बीमारियों का बीमा कवर मिलता है। इस कार्ड का इस्तेमाल एमएसबीवाई के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए किया जा सकता है। योजना में सरकारी कर्मचारी, पेंशनर और आयकर दाता शामिल नहीं हैं। शुरुआती चरण में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस से करार किया गया था। गत वर्ष बीमा कवर बढऩे के साथ ही नई कंपनी बजाज एलियांज ने इसका जिम्मा संभाला। जिसे कुछ वक्त पूर्व दो माह का एक्सटेंशन भी दिया गया था। वीरवार को अस्पतालों को कंपनी की ओर से एक ईमेल भेजा गया। जिसमें कहा गया कि इसके बाद कोई भी एमएसबीवाई कार्ड स्वीकार्य नहीं होगा।
एक्सटेंशन न मिलने से बिना इलाज लौट रहे मरीज
योजना के तहत अस्पताल मरीजों के कार्ड की पड़ताल कर वेबसाइट के जरिए संबंधित बीमा कंपनी से योजना के तहत नकदी रहित इलाज की अप्रूवल ली जाती है। कंपनी को एक्सटेंशन न मिलने से अब मरीज बिना इलाज वापस लौट रहे हैं। अपर सचिव स्वास्थ्य पंकज पांडे का कहना है कि कंपनी के एक्सटेंशन से जुड़ी फाइल पर कार्रवाई चल रही है। जल्द इस पर निर्णय ले लिया जाएगा। इसके अलावा नया टेंडर करने की भी तैयारी है।
योजना बंद होने से मरीजों की बढ़ी मुसीबत
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना बंद होने से मरीजों पर आफत टूट पड़ी है। कई मरीज ऐसे हैं जिनका ऑपरेशन होना है और वह वीरवार ही अस्पताल में भर्ती हुए हैं। एमएसबीवाई से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी होती इससे पहले ही योजना पर अडंगा लग गया। इनमें अधिकांश मरीज ऐसे हैं जो इलाज का खर्च वहन कर पाने में बिल्कुल भी सक्षम नहीं हैं। वह अब यह नहीं समझ पा रहे कि आखिर किया क्या जाए। इसे लेकर मरीजों के परिजनों व अस्पताल कर्मियों के बीच कई बार नोकझोंक भी हुई।
अनदेखी के चलते आई समस्या
जिस मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना पर सरकार अपनी पीठ थपथपाते नहीं थकती, वह अधिकारियों की अकर्मण्यता व सुस्ती की भेंट चढ़ गई है। यह जानकारी विभाग को भी थी कि कंपनी का अनुबंध खत्म हो रहा है। लेकिन फाइल शासन में पड़ी धूल फांक रही है। बताया गया कि एमएसबीवाई के लिए नए सिरे से टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। हद देखिए कि न टेंडर हुआ और न कंपनी को एक्सटेंशन ही दिया गया। यह स्थिति तब है जब स्वास्थ्य विभाग खुद सूबे के मुखिया यानि मुख्य मंत्री देख रहे हैं।
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हाईप्रोफाईल सोसायटी में एनआरआई के घर चोरी
काशीापुर। एनआरआई के घर को चोरों ने इस कदर खंगाला कि लाखों की ज्वेलरी के साथ ही हजारों की नगदी भी ले उठे, चोरी की ये वारदात कहीं और नहीं बल्कि शहर की एक नामी कालोनी देवस्थली में हुई, जहां कडी सुरक्षा और सीसीटीवी की नजरों से बचते हुए चोरों ने बंद घर के ताले तोड कर पुरी वारदाता को अंजाम दिया है, कुण्डेश्वरी थाना क्षेत्र के हाईप्रोफाईल देवस्थली सोसायटी में रहने वाले एक एनआरआई परिवार को अचानक घर से बाहर जाना पडा लौटने पर पता लगा कि चोरों ने उनके घर में हाथ साफ कर लिया है जिसकी जानकारी पुलिस को दी गयी तो पुलिस ने छानबीन शुरु कर दी, वहीं शहर के नामी लोगों की इस हाईप्रोफाईल सोसायटी में बदनामी के डर से मामले को दबाने की कोशिशे भी शुरु हो गयी, यही नहीं पुरी सुरक्षा घेरे और सीसीटीवी की नजरें होने के बाद चोरी की वारदात ऐखिर कैसे हो गयी इसको लेकर पुलिस भी हैरान है वहीं सोसायटी में ही किसी कि मिलीभगत से इन्कर नहीं किया जा सकता, हाईप्रोईल इस चोरी के मामले में पुलिस भी धिमी गति से काम करते हुए देखी जा रही है।
बंद हुई ओमांग कुमार की फिल्म
‘भूमि’ के बाद निर्देशक ओमांग कुमार की संजय दत्त के साथ शुरु होने वाली फिल्म को अब ताला लगा दिया गया है। भूमि के रिलीज होने से पहले ही ओमांग कुमार ने संजय दत्त को लेकर गुजरात के जामनगर घराने के महाराज की जिंदगी पर फिल्म बनाने का फैसला किया था और इसमें संजय का पहला लुक भी रिलीज कर दिया गया था।
‘भूमि’ रिलीज हुई और बाक्स आफिस पर इसे बड़ी असफलता का सामना करना पड़ा। ‘भूमि’ के फ्लाप होते ही संजय ने खुद को इस फिल्म से अलग कर लिया। इस पर ओमांग कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि कहानी में बदलाव किया जा रहा है और अब संजय की जगह किसी युवा कलाकार को महाराजा के रोल में कास्ट किया जाएगा, अब ऐसा भी नहीं होगा।
‘भूमि’ में ओमांग के साथ पार्टनर रही टी-सीरिज ने भी संजय के अलग होने के बाद फिल्म से हाथ खींच लिए और इस फिल्म को अब हमेशा के लिए ताला लगा दिया है। दूसरी ओर, जामनगर राजघराने के वारिसों ने भी बिना अनुमति ये फिल्म बनाने का विरोध किया था और कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी।
‘हाउसफुल 4’ में होगी ‘हाउसफुल 3’ की टीम
साजिद नडियाडवाला की कंपनी में हाल ही में ‘हाउसफुल’ सीरिज की चौथी फिल्म बनाने की घोषणा हुई, जिसका निर्देशन साजिद खान करेंगे, जिन्होंने ‘हाउसफुल’ की पहली और दूसरी कड़ी का निर्देशन किया था। ये भी बताया गया है कि ‘हाउसफुल 4’ की कहानी पुनर्जन्म पर आधारित होगी।
अब इस फिल्म को लेकर एक और रोचक बात का पता चला है। कहा जा रहा है कि हाउसफुल की चौथी कड़ी में अब तक सभी हाउसफुल सीरिज में काम करने वाले कलाकारों को एक साथ लाया जाएगा। इस बात के संकेत खुद साजिद नडियाडवाला ने दिए हैं। अगर ऐसा हुआ, तो हाउसफुल 4 में अक्षय कुमार, जान अब्राहम, रितेश देशमुख, अभिषेक बच्चन, अर्जुन रामपाल श्रेयस तलपडे, चंकी पांडे, मिठुन चक्रवर्ती, ऋषि कपूर, रणधीर कपूर, जानी लीवर और बोमन ईरानी एक साथ नजर आएंगे।
‘हाउसफुल’ की पहली कड़ी में काम करने वाली जिया खान अब हमारे बीच नहीं हैं। ‘हाउसफुल 4’ की कास्टिंग को लेकर कयास जारी हैं। एक तरफ चर्चा है कि इस सीरिज के साथ पहली बार संजय दत्त जुड़ने जा रहे हैं, वहीं अक्षय कुमार और रितेश के काम करने पर भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं। साजिद नडियाडवाला का कहना है कि सही वक्त आने पर फिल्म की कास्टिंग की घोषणा की जाएगी। इस फिल्म को 2019 में दीवाली के मौके पर रिलीज करने की घोषणा की जा चुकी है।
मीना कुमारी की बायोपिक से अलग हुईं विद्या
इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘तुम्हारी सुलू’ के प्रचार में बिजी विद्या बालन ने उस खबर का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि हिंदुस्तानी सिनेमा की सबसे महान अभिनेत्रियों में से एक मीना कुमारी पर बनने वाली बायोपिक में उनकी भूमिका विद्या बालन निभाएंगी।
इस फिल्म की योजना तिग्मांशु धूलिया बना रहे हैं, जो इन दिनों संजय दत्त के साथ ‘साहब, बीवी और गैंगस्टर’ की तीसरी कड़ी बना रहे हैं। विद्या बालन ने मीना कुमारी वाली फिल्म पर सिर्फ इतना कहा कि वे इसमें काम नहीं कर रही हैं। लेकिन सूत्रों के हवाले से पता चला है कि वे इस फिल्म को लेकर उत्साहित थीं, लेकिन कुछ सीनों को लेकर उनकी तिग्मांशु के साथ उनकी बात नहीं जमी और विद्या बालन ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
तिग्मांशु के साथ जुड़े सूत्रों का कहना है कि विद्या के मना करने के बाद इस फिल्म में मीना कुमारी का रोल करने के लिए उनकी अगली पसंद कंगना है, लेकिन कंगना एलान कर चुकी हैं कि वे अब किसी और निर्देशक की फिल्म में काम नहीं करेंगी और खुद ही अपने लिए फिल्मों का निर्देशन भी करेंगी।
स्कूल बंक करने का मामला फिर पहुंचा आयोग
देहरादून। राजधानी में स्कूल बंक कर सिनेमा हॉल में फिल्में देखने वाले बच्चों की शिकायत एक बार फिर मानवाधिकार आयोग पहुंच गयी है। देवभूमि जनसेवा समिति ने साल भर बाद कार्रवाई न होने पर आयोग को तीन सुझाव भी दिए हैं। समिति की शिकायत पर प्रशासन ने तीन बजे तक स्कूली ड्रेस में बच्चों की सिनेमा हॉल में एंट्री पर रोक लगाई है।
पुलिस को भी गश्त करने के दिए दिए निर्देश
दून में पढ़ रहे स्कूली बच्चों के स्कूल ड्रेस में सिनेमा देखने और बंक करने की शिकायत पर एक बार फिर मानवाधिकार को कार्रवाई के लिए देवभूमि जनसेवा समिति ने आयोग को सुझाव देते हुए कार्रवाई करने की मांग की है। दरअसल साल भर पहले मानवाधिकार आयोग ने जिला प्रशासन, मनोरंजन विभाग को निर्देशित किया था। जिसमें मनोरंजन विभाग ने सिनेमा हॉल के मालिकों को नोटिस भेजकर तीन बजे से पहले 18 वर्ष से कम के बच्चों को थिएटर में एंट्री न देने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही सिनेमा हॉल को शिकायत मिलने पर लाइसेंस रद्द करने की तक चेतावनी दी थी। साथ ही पुलिस विभाग ने सभी थाने चौेकी प्रभारियों को गश्त के जरिए बच्चों पर नजर रखने को भी कहा था। बावजूद इसके साल भर बाद स्थिति न सुधरने पर देवभूमि जनसेवा समिति ने मानवाधिकार आयोग को मामले पर कार्रवाई करने के लिए तीन सुझाव भी दिए हैं। जिनमें सिनेमा हॉल के बाहर बोर्ड लगाने, पुलिस की गश्त बढ़ाने, स्कूलों को नोटिस जारी कर दो बार हाजिरी लगाने की मांग की गई है।
मामले में देवभूमि जनसेवा समिति के अध्यक्ष राजेंद्र नेगी ने बताया कि स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार संघर्ष किया जा रहा है। पिछले साल भी आयोग ने प्रशासन को निर्देशित कर कार्रवाई करने को कहा था। लेकिन कुछ खास असर नहीं पड़ा है। ऐसे में मजबूर होकर संस्था को एक बार फिर आयोग का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। उधर दूसरी ओर पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने बताया कि जो बच्चे सिनेमा हॉल में स्कूल ड्रेस पहनकर फिल्में देखने जाते हैं उनके टिकट पर रोक लगनी चाहिए। साथ ही अभिभावकों को भी अधिक जागरुक होने की जरूरत है। स्कूल से लगातार गैर हाजिर रहने पर बच्चे पर स्कूली स्तर पर कार्रवाई करने को भी आयोग द्वारा आदेश दिए जाने चाहिए।