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रेडक्रास ने की बल्जूरी चोटी फतह

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पिथौरागढ़, रेडक्रॉस की पिथौरागढ़ टीम ने हिमालय की 5628 मीटर (17 हजार फीट) ऊंची बल्जूरी चोटी फतह कर रिकॉर्ड बनाया है। इस चोटी पर आज तक रेडक्रॉस का कोई दल नहीं पहुंच सका था। भारतीय पर्वतारोहण संस्थान और ओएनजीसी के संयुक्त तत्वावधान में रेडक्रॉस और आइस संस्था का 13 सदस्यीय दल पर्वतारोहण के लिए 11 अक्टूबर को पिथौरागढ़ से रवाना हुआ था। दल का लक्ष्य पिंडर घाटी से बल्जूरी शिखर तक सफाई अभियान चलाने के साथ इस शिखर को फतह करना भी था।

बल्जूरी शिखर पर रेडक्रॉस, आइएमएफ, ओएनजीसी का ध्वज फहराया गया। इस दौरान सदस्यों ने इस उच्च हिमालयी क्षेत्र से शराब और प्लास्टिक की खाली बोतलों के साथ बड़ी मात्रा में प्लास्टिक पाउच एकत्र किए। सदस्य 71 बैग कूड़ा लेकर नीचे उतरे, जिसे बागेश्वर नगर पालिका को सौंपा गया। दल के सदस्यों का रेडक्रॉस समिति के अध्यक्ष महेश मखौलिया, पर्यवेक्षक पूनम खत्री, आशुतोष जोशी, सुरेश पांडे ने स्वागत किया।

दोनों पक्षों के खिंची तलवारें, कई लोग घायल

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रुद्रपुर में बिते दिनों हुए विवाद की रंजीश इतनी गहरी हो गयी कि दो पक्षों में तलवारेे खींच गयी और सडक पर कोहराम मच गया जिससे अफरातफरी हो गयी, दोनों पक्षों में इसदर मारपीट हुई की आधा दर्जन लोग घायल हो गये और बीच बचाव में आये पुलिस कर्मी भा घायल हो गये।

मामला आवास विकास स्थित शिव शक्ति मंदिर के पास का है जहां ढिल्लन परिवार में दो दिन पूर्व शादी का कार्यक्रम था। इसी कार्यक्रम के दौरान वहां से निकल रहे शोभित से ढिल्लन परिवार के बीच कहासुनी हो गई थी। उस समय तो मामला शांत हो गया। पुलिस के मुताबिक बताया गया कि शोभित पुरानी कहासुनी का बदला लेने के लिए अपने अन्य साथियों इरफान, आफताब और सिराज के साथ ढिल्लन के घर के नीचे आ धमके और शोर शराबा करने लगे। तभी ढिल्लन के परिजन भी घर के ऊपर से उतर कर नीचे आ गए। दोनों पक्षों में जमकर गालीगलौज शुरू हो गई।

देखते ही देखते वहां तलवारें, राड, लाठी डंडे एवं अन्य धारदार हथियार निकल आए और एक दूसरे पर हमलावर हो गए। मौके पर पहुंचे दरोगा लक्ष्मण सिंह देउपा भी घायल हो गए। हालांकि इस खूनी संघर्ष को रोकने के लिए पुलिस ने भरसक प्रयास किया और दोनों पक्षों को बमुश्किल अलग अलग कराया। इस दौरान दुकानदारों  में भी अफरा तफरी का माहौल मच गया। कुछ दुकानदार तो अपनी दुकान बंद कर इधर उधर भागने लगे। इस घटना में एक पक्ष के इरफान, आफताब, सिराज, इमरान घायल  हुए जबकि दूसरे पक्ष के भी चार लोगों के घायल होना बताया है। पुलिस को दोनों पक्षों ने तहरीरें दे दी हैं।

डीजीपी की कार का कटा चालान, सादगी पसंद डीजीपी ने किया भुगतान

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देहरादून। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक की निजी कार का सिटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) ने रविवार दोपहर चालान काट दिया। डीजीपी अनिल रतूड़ी ने सादगी का परिचय देते हुए तुरंत इस चालान का भुगतान कर सिफारशी और रसूखदार लोगों के लिए मिसाल कायम की।

रविवार दोपहर करीब सवा दो बजे दिलाराम चौक स्थित रेड लाइट पर एक प्राइवेट कार ने वाइट लाइन क्रॉस कर दी। इश पर मौके पर तैनात सीपीयू के सब इंस्पेक्टर अशोक डंगवाल और सिपाही अर्जुन सिंह कार को रोक रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। दरअसल, अपनी निजी कार से डीजीपी अनिल रतूड़ी राजपुर रोड स्थित दिलाराम से गुजर रहे थे। जैसे ही डीजीपी अनिल रतूड़ी कार से बाहर आए तो सिपाही और दरोगा के होश उड़ गए। उधर, सादगीपसंद पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने पद का रसूक न दिखाते हुए चालान का जुर्माना सिपाही के हाथ में थमाया और मुस्तैदी के साथ ड्यूटी करने पर पीठ भी थपथपाई। सिपाही ने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा-177 के तहत चालान काट 100 रुपये सरकारी खाते में जमा किए। 100 रुपये का चालान भुगतने के बाद डीजीपी अनिल रतूड़ी बेहद विनम्रता पूर्वक वहां से चले गए। इस पूरे मामले पर डीजीपी अनिल रतूड़ी से उनका पक्ष जानने के लिए सम्पर्क किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। बहरहाल रविवार दोपहर हुई इस घटना के बाद पुलिस महकमे में डीजीपी की सादगी को लेकर जमकर चर्चा हुई। बता दें कि अनिल रतूड़ी बेहद सरल स्वभाव और साधारण तरीके से रहने वाले अधिकारी हैं। इतना ही नहीं उनकी पत्नी प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी भी अपनी सादगी व कार्यकुशलता के लिए पहचानी जाती हैं। अपनी बेटी का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लाइन में खड़े रहने का मामला उनसे जुड़ा है। 

उत्तराखंड में तीन लाख गरीब परिवार लापता

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उत्तराखंड में तीन लाख गरीब परिवार तेल कंपनियों व गैस एजेंसियों को ढूंढे भी नहीं मिल रहे। ये वे परिवार हैं जिनके नाम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए हैं। इन लोगों के न मिलने के कारण तेल कंपनी सरकार की ओर से तय किए गए लक्ष्य को भी पूरा नहीं कर पा रही है।

दो साल पहले जब देशभर के साथ उत्तराखंड में भी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना लांच की गई तो केंद्र सरकार की ओर से तेल कंपनियों को इस योजना के दायरे में आने वाले उत्तराखंड के 4.31 लाख परिवारों की सूची भेजी गई। सरकार के मुताबिक, ये परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बीपीएल परिवार हैं। हालांकि जब योजना लांच हुई तो बीपीएल कार्ड धारक बड़ी संख्या में आवेदन करने पहुंचे थे, लेकिन उनके नाम उस सूची में नहीं थे जो केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई थी। अब स्थिति यह है कि केंद्र की ओर से भेजी गई 4.13 लाख परिवारों की सूची में अब तक तेल कंपनियां व गैस एजेंसियां मात्र 1.30 लाख परिवारों को ही तलाश पाई हैं और इन परिवारों को ही अब तक मुफ्त गैस कनेक्शन बांटा गया, जो लक्ष्य का 50 फीसद भी नहीं है।

उज्वला प्लस योजना हुई डंप
भले ही उत्तराखंड में उज्ज्वला योजना के तहत अधिक लोग लाभान्वित न हुए हों, लेकिन देशभर में इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने उज्ज्वला के बाद उज्ज्वला प्लस योजना शुरू की। इसके तहत ग्राम पंचायतों में जो सक्षम लोग हैं, उनसे अपील की जाती है कि वे उज्ज्वला से छूटे हुए गरीब परिवारों के लिए गैस के कनेक्शन का खर्च उठाए हैं, लेकिन उज्ज्वला का ही लक्ष्य पूरा न होने के कारण अब तक नई योजना उत्तराखंड में शुरू नहीं हो पाई है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक एसके सिन्हा का कहना है कि उज्ज्वला योजना के तहत अभी तक 1.30 लाख परिवारों को मुफ्त कनेक्शन मिले हैं, जबकि सूची में 4.31 लाख लोगों के नाम हैं। बाकी लोगों को भी ढूंढा जा रहा है, जिन्हें जल्द कनेक्शन दे दिए जाएंगे।

…तो दून में सांस लेना दूभर हो जाएगा

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देहरादून। दिल्ली में वायु प्रदूषण की रफ्तार को कम करने के लिए तमाम जतन शुरू कर दिए गए हैं और दून में फिलहाल दूर-दूर तक ऐसी कवायद नजर नहीं आ रही। वायु प्रदूषण इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो पांच साल में दून में सांस लेना भी दूभर हो जाएगा। प्रदूषण की मौजूदा रफ्तार बताती है कि वर्ष 2022 तक दून की हवा में रेस्पायरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर (आरएसपीएम)-10 की दर 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक हो जाएगी। शायद तब दून दिल्ली को भी पीछे छोड़ देगा।

वहीं, दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने आदेश दिया है कि जिन क्षेत्रों में आरएसपीएम-10 की दर 500 व पीएम-2.5 की दर 300 से अधिक है, वहां वाहनों के संचालन में ऑड-ईवन का फार्मूला अपनाया जाए। दून में पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पीएम-10 पर वायु प्रदूषण को मापता है और इसके मुताबिक आरएसपीएम 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को भयावह स्थिति में मानें तो पांच साल बाद ही दून में ऐसे हालात पैदा हो जाएंगे।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तीन साल के आंकड़ों पर गौर करने पर पता चलता है कि घंटाघर, रायपुर व आइएसबीटी क्षेत्र में प्रदूषण की रफ्तार 14.02 से 25.56 फीसद की दर से बढ़ रही है। वायु प्रदूषण के सबसे विकट हालात आइएसबीटी क्षेत्र में पैदा हो रहे हैं। सात नवंबर को ही यहां आरएसपीएम-10 400.4 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर जा पहुंचा था। वायु प्रदूषण की औसत दर की बात करें तो इस साल जनवरी से अगस्त तक (आठ माह) ही आरएसपीएम की औसत दर 276 को पार कर गई है। जबकि वर्ष 2015 में 12 माह में भी यह आंकड़ा 237.75 पर सिमटा था।

दून में इस तरह जहरीली हो रही हवा:

  • क्षेत्र 2017, 2015
  • आइएसबीटी, 276.50, 237.75
  • रायपुर, 208.68, 155.35
  • घंटाघर, 193.54, 159.54

नोट: वर्ष 2017 के आंकड़े अगस्त माह तक का औसत है, जबकि वर्ष 2015 में पूरा 12 माह के आंकड़ों का औसत है।
पांच साल बाद यह होगी तस्वीर (वर्ष 2015 से 2017 की बढ़त के अनुसार)
आइएसबीटी (14.02 की दर मौजूदा दर से ही प्रदूषण बढ़ा तो पांच साल बाद इस क्षेत्र में आरएसपीएम 531 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को पार कर जाएगा।)
रायपुर (25.56 फीसद की वर्तमान दर के अनुसार पांच साल बाद 518.60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होगा वायु प्रदूषण)
घंटाघर (17.57 की दर से ही प्रदूषण बढऩे पर पांच-छह साल में आरएसपीएम का स्तर 511.1 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पर पहुंच जाएगा।)

जितने वाहन, उतना अधिक प्रदूषण
वायु प्रदूषण बढऩे का प्रमुख कारण है वाहनों का धुआं। वर्तमान में दून में 7.5 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं और हर साल 54 हजार से अधिक वाहन पंजीकृत हो रहे हैं। जबकि इसके अनुरूप वाहनों के प्रदूषण पर लगाम लगाने के प्रभावी उपाय नहीं किए जा रहे। इसके अलावा निर्माण कार्यों से निकले वाले धूल कणों से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। दून में इस लिहाज से भी प्रदूषण बढ़ रहा है।

ऐसे समझें पीएम-10 या पीएम-2.5
पीएम यानी पार्टिकुलेट मैटर या प्रदूषण के कण। इनके आकर को पीएम-10 या पीएम-2.5 आदि में मापा जाता है और यह संख्या कणों के आकार को दर्शाती है। जिसका पैमाना माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। दून में दिल्ली से 2.5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर जैसे छोटे कणों को मापने की व्यवस्था हीं है। 

लूट के तीन आरोपी गिरफ्तार

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पारस अग्रवाल ने थाना ऋषिकेश पर टेलीफोन से सूचना दी कि अज्ञात मोटर साईकिल सवार तीन बदमाश तमन्चे के बल पर मेरी स्कूटी व उसमे रखे तीन लाख रूपये नगद लूट कर भाग गये हैं। इस सूचना घटनास्थल पर जाकर जानकारी एकत्रित की गयी तथा घटना कारित करने वालों के गिरफ्तारी हेतु सरहदीय थानो/चौकियों पर सघन चैकिंग करने के सम्बन्ध में बताया गया।

ऋषिकेश क्षेत्र में इस प्रकार की लूट की जघन्य घटना होने से नाराज व्यापारियों ने घटना के शीघ्र खुलासे को लेकर चेतावनी दी गयी। पुलिस टीम ने घटनास्थल के आसपास घरो व प्रतिष्ठानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को बारीकी से चैक किया गया तथा पूर्व में इस प्रकार की घटना करने वाले अपराधियों की जानकारी एकत्रित की गयी। साथ ही पुलिस टीम द्वारा व्यापारी पारस अग्रवाल की दुकान व आसपास की दुकान में कार्य करने वाले व्यक्तियों का भी सत्यापन किया गया।

इस दौरान पुलिस टीम द्वारा काफी जानकारी एकत्रित की गयी तथा जानकारी मिली कि पास की ही दुकान के एक नौकर द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर लूट की योजना बनायी गयी है।  पुलिस टीम अज्ञांत अभियुक्तों की तलाश में हरिद्वार बाईपास रोड़ पर थी कि पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि व्यापारी पारस अग्रवाल से लूट करने वाले दो अपराधी पोस्टमार्टम हाउस हरिद्वार बाईपास के पास बैठे हैं तथा दो स्थानीय अपराधी इनसे मिलने आने वाले हैं, इन चारो व्यक्तियों में लूट की रकम के बटंवारे को लेकर विवाद हुआ है सम्भवतयः यह लोग इसके निपटारे को लेकर मिलने वाले है ।

पुलिस टीम द्वारा मुखबिर के बताये जगह पर जाकर छिपकर देखा तो एक व्यक्ति पोस्टमार्टम हाउस के गेट के सामने एक व्यक्ति मोटर साईकिल, दो व्यक्ति होण्डा स्कूटी पर तथा एक व्यक्ति अन्य होण्डा स्कूटी पर बैठकर आपस में रूपयों को गिनकर उनकी अदलाबदली कर बहसबाजी कर रहे थे। पुलिस टीम को यकीन हो गया कि यह लूट की रकम को लेकर आपस में बहसबाजी कर रहे हैं इस पर पुलिस टीम द्वारा चारो व्यक्तियों को पकड़ने के लिये दौड़े, जिस पर चारो व्यक्तियों ने अपने अपने वाहनों से भागने का प्रयास किया परन्तु पुलिस टीम द्वारा तीन व्यतियों को मौक पर ही पकड़ लिया, एक व्यक्ति मौके का फायदा उठाकर भाग गया।

पूछताछ करने पर पकड़े गये अंकुर गुप्ता ने बताया कि, “मैं यहां पिछले 10 वर्षो से रह रहा हॅू तथा पहले कपड़ो का व फिर दिहाड़ी पर गाड़ी चलाने का काम करता था। आमदनी ठीक न होने के कारण मैं परेशान रहने लगा। आज से कुछ दिन पहले मुझे मेरा पुराना दोस्त दुर्गा मिला, हम दोनो ने मिलकर शराब पी तथा कोई बड़ी अपराधिक वारदात कर मालामाल होने की सोची। तब दुर्गा ने बताया कि जहां मैं काम करता हॅू उस दुकान के बगल में पारस अग्रवाल नाम का दुकानदार है जिसका प्रतिदिन का 10-12 लाख रूपये का काम हैं तथा वह हर दिन अपनी स्कूटी से अपने घर गंगानगर जाता है।”

योजना के मुताबिक  विजयप्रताप उर्फ काकू, रघु उर्फ रमन व विपिन बिना नम्बर की मो.सा. से इन्द्रानगर स्थित घर आ गये। मैने तीनों को पारस अग्रवाल की शक्ल, दुकान व आने जाने का रास्ता दिखाया तथा तीनो को उसके घर के पास मोड़ पर खड़ा करवा दिया तथा दुकान के बाहर आकर खड़ा हो गया। पारस के दुकान बन्द कर घर के लिये निकलने पर फोन से विपिन को बता दिया। पारस के समीप मोड़ पर खड़े तीनो व्यक्ति पारस की शक्ल सही से न देख पाने के कारण घटना करने से चूक गये। पुनः तैयारी कर तीनो को फोन से पारस के चलने की सूचना दी व तीनो ने लूट की घटना को अंजाम दे दिया।

तीनो लड़के लाला की स्कूटी व अपनी मो.सा. लेकर घर आ गये। लाला बैग चैक करने पर उसमें 3 लाख 68 हजार रूपये मिले, जिसे हमने बाँट दिया व 92,000/- रुपये प्रत्येक के हिस्से में आये व अंकुर गुप्ता के हिस्से में लूटी गयी स्कूटी भी आयी व लूटे गये पैसो से एक अन्य स्कूटी भी खरीदी तथा विपिन ने लूटे गये पैसो से होण्डा स्पेलेण्डर खरीदी एवं लूट के कुछ पैसे खर्च कर दिये।

पकड़े गये अभियुक्तो ने बताया कि लूट की घटना व अपना अपना हिस्सा लेने के बाद हम लोग चले गये थे। हमारे एक साथी रघु ने अपने किसी पुराने मुकदमें में हरिद्वार जेल में सरेण्डर कर दिया है। फरार अभियुक्त विजयप्रताप उर्फ काकू की शीघ्र गिरफ्तारी व बरामदगी हेतु तलाश जारी है।

देसी कट्टा व खुखरी के साथ तीन गिरफ्तार

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देहरादून। थाना डालनवाला पुलिस ने शनिवार को चेकिंग के दौरान सेवक आश्रम रोड करनपुर के पास संदिग्ध अवस्था में घूम रहे दो व्यक्तियों को पकड़कर उनकी तलाशी ली तो एक खुखरी और एक चाकू बरामद हुआ। दोनों ने पूछताछ में अपना नाम मोहम्मद अरशद पुत्र आमिर अहमद निवासी मंजुल नगर, मेरठ उत्तर प्रदेश तथा अतीक खान पुत्र मोहम्मद खान निवासी ओखला नई दिल्ली बताया।

पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध थाना डालनवाला में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत करवा दिया है। वहीं एक अन्य घटनाक्रम के तहत थाना रायपुर पुलिस ने एमडीडीए पुल के पास से एक व्यक्ति सचिन उर्फ हर्ष पुत्र भूषण अरोड़ा निवासी करनपुर, देहरादून को एक देसी कट्टे के साथ गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपियों को अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया गया।

गोवंशीय पशुओं का किया जाएगा पंजीकरण

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पिथौरागढ़। डीएम सी रविशंकर की अध्यक्षता में पशु क्रूरता निवारण समिति की शनिवार को त्रैमासिक बैठक गोवंशीय पशुओं के पंजीकरण और रख रखाव को लेकर हुई, जिसमें नगर पालिका और पशुपालन विभाग के सहयोग से शहरी क्षेत्र के गोवंशीय पशुओं का पंजीकरण करने निर्णय लिया गया।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विद्यासागर कापड़ी ने कहा कि जिले के वास्तविक गोरक्षकों की पहचान कर गो सेवा आयोग के माध्यम से पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। शहरी क्षेत्र के अंतर्गत पशुपालन और नगरपालिका गोवंशीय पशुओं का पंजीकरण करेंगे। पालतू श्वानों का पंजीकरण कर नसबंदी भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में रह रहे गोपालक अगर अपने पशु का पंजीकरण नहीं कराते हैं, तो उन्हें उपचार, कृत्रिम गर्भाधान से वंचित किया जाएगा।
बैठक में उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. पीके जोशी, डॉ. केके जोशी, डॉ. मनोज जोशी सहित अन्य लोग मौजूद रहे। 

डीपी के लिए पुलिस की दबिश जारी

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रुद्रपुर, एनएच मुआवजा घोटाले में फरार चल रहे पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह की तलाश में पुलिस डीपी सिंह के कई ठिकानों पर दबिश दे रही है, डीपी सिंह की धरपकड़ के लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली और देहरादून में कई स्थानों पर दबिश दी गयी, लेकिन डीपी का कहीं पता नहीं चला, पुलिस की चार टीमें लगातार डीपी सिंह की तलाश में जुटी है, एसआइटी और पुलिस टीम को दबिश के दौरान कई दस्तावेज भी एसआइटी को बरामद किए।जो काफी महत्वपूर्ण बताये जा रहे हैं।

इधर गिरफ्तारी से बचने के लिए डीपी सिंह हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की शरण में भी गए, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कार्रवाई के दौरान पुलिस को कई दस्तावेज भी मिले हैं। माना जा रहा है कि डीपी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में आ सकता है। वहीं डी पी सिंह के खिलाफ एसआईटी ने एनबीडब्लू और 83 के नोटिस भी जारी कर दिये हैं, और डीपी की तलाश में अलग अलग स्थानों पर दबिश भी दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने क्षय रोगियों के उपचार के लिए ‘डेली रिजीम का किया उद्घाटन

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मुख्यमंत्री ने जनता मिलन हाॅल में क्षय रोगियों के उपचार के लिए नई उपचार पद्यति ’डेली रिजीम’ का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कार्यक्रम में उपस्थित कुछ क्षय रोगियों को नई उपचार पद्धति की दवाइयां देकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
’लॉंच ऑफ डेली रेजीम फॉर टीबी ट्रीटमेंट’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 2025 तक भारत को ट्यूबरक्लोसिस से मुक्त करना है। उत्तराखण्ड की जागरुकता के स्तर को देखते हुए राज्य में यह लक्ष्य 2024 तक पाया जा सकता है। क्षय रोग अब किसी डर का विषय नहीं है और चिकित्सा शास्त्रीयों ने इस पर विजय प्राप्त कर ली है। परंतु इस रोग के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है और इसका चिकित्सकीय परामर्श के साथ नियमित उपचार बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “उत्तराखंड राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए सरकार गंभीर है और इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। अभी हाल ही में पौड़ी मुख्यालय में प्रदेश के कुल 12 अस्पतालों में टेली रेडियोलॉजी की सेवा शुरू कर दी गई है और शेष 23 अस्पतालों में जल्द शुरू कर दी जाएगी।विदेशों में भी टेली रेडियोलॉजी और टेली मेडिसिन का प्रयोग दूरस्थ क्षेत्रों में उपचार पहुंचाने के लिए किया जाता है।”
उन्होंने कहा कि तकनीकी के प्रयोग से हमें हिचकना नहीं चाहिए चिकित्सा क्षेत्र में शोध कार्य निरंतर चलते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में युवा पीढ़ी पहले की तुलना में अधिक अपडेट है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं सहित सभी युवाओं से कहा कि वे सीधे फेसबुक, ट्विटर और ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री को अपने सुझाव दे सकते हैं।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.अर्चना ने बताया कि, “पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत डेली रेजीम उपचार पद्धती प्रारंभ की जा रही है। इस पद्धति के शुरू होने पर प्रदेश से ट्यूबरक्लोसिस का समूल नाश संभव हो सकेगा। इस पद्धति के लिए सभी जनपदों में प्रशिक्षण प्रदान कर दिया गया है और औषधियां पहुंचा दी गई हैं। टीवी नेट डायग्नोस्टिक तकनीक जो पहले प्राइवेट अस्पतालों में मरीज को 2 से रू.3000 खर्च करने पर मिलती थी अब प्रदेश के 9 जनपदों में सरकारी अस्पताल में उपलब्ध करा दी गई है। शेष 4 जनपद पौड़ी टिहरी उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में 3 महीने में उपलब्ध करा दी जाएगी।”