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मकान में कब्जे को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष

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काशीपुर-  लक्ष्मीपुर पट्टी में मकान कब्जाने को लेकर दो पक्षों में मारपीट हो गई। देखते ही देखते मौके पर धारदार हथियार चलने शुरू हो गए। जिसमें एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों से तीन लोगों को हिरासत में लेकर चालान कर दिया है।

काशीपुर के मोहल्ला लक्ष्मीपुरपट्टी निवासी शाहनवाज पुत्र शमशुद्दीन का मोहल्ले में ही एक और मकान है। रविवार को शाहनवाज परिवार के साथ स्योहारा, बिजनौर, उत्तरप्रदेश में शादी समारोह में हिस्सा लेने गया था। इस दौरान मोहल्ले के ही एक दबंग ने कुछ बदमाशों के साथ शाहनवाज के खाली मकान के ताले तोड़कर सामान बाहर फेंक दिए और मकान पर कब्जा कर लिया। बताया जा रहा है कि घटना के बाद किसी ने फोन पर शाहनवाज को पूरी जानकारी दी। जिसके बाद शाहनवाज ने अपने भाई शादाब को फोन कर मकान देखने को कहा। शादाब जब मकान देखने गया तो दूसरे पक्ष के दबंगों ने उससे मारपीट कर दी। इस बीच शादाब की पत्नी रानी भी मौके पर पहुंची तो दूसरे पक्ष के दबंगों ने धारदार हथियार से हमला कर महिला को घायल कर दिया। इस बीच शाहनवाज भी मौके पर पहुंच गया। मारपीट और मकान पर कब्जाने की सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंच गयी। पुलिस ने शाहनवाज और दूसरे पक्ष के अरशद और उसके भाई रिजवान पुत्र अकबर हुसैन को हिरासत में लेकर 151 यानि शांति भंग के आरोप में चालान कर दिया। दोनों पक्ष के लोगों ने कोतवाली पहुंचकर हंगामा काटा और एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया।

टेम्पो में आग लगी, किसी तरह से बचाी जान

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बाजपुर- काशीपुर से रुद्रपुर की ओर सवारियां लेकर जा रहे छोटे हाथी में अचानक आग लग गई। इस पर चालक सहित छह लोगों ने किसी तरह से कूदकर जान बचाई। देर रात रुद्रपुर निवासी जुगनू छोटा हाथी वाहन लेकर काशीपुर से घर जा रहा था। दोराहे से उसने पांच सवारियां बैठा ली। नेशनल हाईवे 74 पर लेवड़ा नदी के पुल पर अचानक वाहन में चिंगारी निकली और आग लग गई।

इस पर चालक सहित अन्य लोग वाहन से बाहर कूद गए। देखते ही देखते छोटा हाथी धूं-धूं कर जलने लगा। इससे हाईवे पर जाम लग गया। सूचना के बाद भी काफी देर तक मौके पर फायर ब्रिगेड और पुलिस नहीं पहुंची। किसी तरह से स्थानीय लोगों की मदद आग को बुझाने में सफलता मिली।

दून-हावड़ा साढ़े चार घंटे देर से पहुंची

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देहरादून,  पिछले एक सत्ताह से रेलवे ट्रैक पर निर्माण कार्य के कारण कई ट्रेनें विलंब से चल रही हैं। देहरादून से चलने वाली तीन ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। सोमवार को भी कई गाड़ियां घंटों देर से दून पहुंची, जिससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। वहीं रेलवे ने कहा है कि सोमवार से ट्रेनें अपने निर्धारित समय से चलेंगी।

हावड़ा से चलकर देहरादून आने वाली दून-हावड़ा एक्सप्रेस सोमवार को भी निर्धारित समय 7:35 से 4.30 घंटे विलंब से दून पहुंची। प्रतिदिन दून से आने जाने वाली लिंक एक्सप्रेस रोज की तरह सोमवार को भी छह घंटे व अमृतसर एक्सप्रेस तीन घंटे लेट चल रही है।

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मुरादाबाद सहित अन्य स्थानों पर रेलवे निर्माण व मैदानी इलाकों में कोहरे के प्रभाव के कारण देहरादून से अप और डाउन दोनों ओर जाने वाली तीन ट्रेनों को उत्तर रलवे द्वारा कैंसिल करना पड़ा।

स्टेशन अधीक्षक करतार सिंह ने बताया कि दूेहरादून से खुलने वाली सभी गाड़ियां समय से रवाना हो रही हैं। लंबी दूरी की कुछ गाड़ियों को छोड़ दें तो सभी गाड़ियां समय से पहुंच रही हैं। विलंब से दून पहुंचने वाली गाड़ियों को यहां से समय से रवाना किया जा रहा है। उन्होंने यह भी माना कि एक सप्ताह से रेल कार्यों को चलते यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी थी, लेकिन अब गाड़ियों का परिचालन समय से होने से यात्रियों को राहत मिलेगी।

स्वास्थ्य सचिव को व्यक्तिगत कोर्ट मे हाजिर होने के आदेश

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नैनीताल- हाई कोर्ट ने सचिव स्वास्थ्य को बागेश्वर में ब्लड बैंक और ट्रॉमा सेंटर नहीं खोलने पर सख्त नाराजगी जताते हुए कल 14 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ में नागरिक मंच बागेश्वर की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया कि बागेश्वर में ब्लड बैंक और ट्रॉमा सेंटर नहीं है। इसे खोलने के लिए उन्होंने सरकार को कई बार प्रार्थना पत्र भी दिए, परन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर उन्हें जनहित याचिका दायर करनी पड़ी।

खंडपीठ ने 10 नवंबर 2016 को सरकार से चार सप्ताह में ब्लड बैंक और ट्रामा सेंटर खोलने के आदेश दिए थे। इसकी जिम्मेदारी सचिव स्वास्थ्य को दी थी। कोर्ट के आदेश करने के बावजूद भी सरकार ने ब्लड बैंक और ट्रामा सेंटर नहीं खोला। आज याचिकाकर्ताओं ने जनहित याचिका में प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया कि अभी तक ब्लड बैंक और ट्रॉमा सेंटर नहीं खोला गया। मामले को सुनने के बाद खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर करते हए सचिव स्वास्थ्य को 14 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए।

सूबे में हल्की बारिश की संभावना

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देहरादून,  सूबे में सोमवार से अगले तीन दिन तक हल्की बारिश व कुछ स्थानों पर बर्फबारी की संभावना है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिन आसमान में मुख्यतः साफ रहने से लेकर आंशिक रूप से बादल छाये रहेंगे। उत्तराखण्ड में उत्तरकाशी, चमोली तथा पिथौरागढ़ जिले में कहीं-कहीं विशेषकर ऊंचाई वाले स्थानों में हल्की वर्षा या बर्फ पड़ने की सम्भावना है। अन्य जनपदों में मौसम शुष्क रहेगा।

मौसम विभाग के अनुसार, 14 व 15 नवम्बर को राज्य के ज्यादातर स्थानों में वर्षा और चोटियों पर बर्फबारी हो सकती है। माना जा रहा है इस बारिश से हवाओं में घुले प्रदूषण का स्तर घटेगा तथा खेती-किसानी के लिए इस मौके पर बारिश का होना फायदेमंद साबित होगा। 

जल्द ही सैन्य बलों की ट्रेनिंग के लिए दो प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करेगी राज्य सरकार

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राज्य के युवाओं को सैन्य बलों की भर्ती परीक्षाओं हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये राज्य सरकार कुमाऊं और गढ़वाल में दो प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करेगी। यह निर्णय सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और सेना के बैगलोर सिलेक्शन सेंटर के कमाण्डेंट मे.ज. वी.पी.एस. भाकुनी की मुलाकात के दौरान लिया गया। मे.ज. भाकुनी ने मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण दिया जिसमें बताया गया कि वर्तमान में एनडीए और सीडीएस परीक्षाओं की सफलता दर आईएएस परीक्षा से भी कम है। सिविल सेवाओं के मुकाबले लगभग डेढ़ गुना अधिक अभ्यर्थी एनडीए और सीडीएस जैसी परीक्षाओं में आवेदन करते हैं। लेकिन सेना में भर्ती हेतु समग्र व्यक्तित्व परीक्षण(काॅम्प्रेहेन्सिव पर्सनेल्टी टेस्ट) के कड़े मानको के कारण उनकी सफलता दर कम होती है। सेना और अर्द्धसैनिक बलों में राज्य के युवाओं का अधिकारी पद पर चयन प्रतिशत बढ़ाने के लिये उनको पहले से तैयार किया जाना जरूरी है। इसके लिये युवाओं का स्तरीय मानको के अनुरूप पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यक्रम तथा साक्षात्कार प्रशिक्षण आयोजित किया जाना लाभप्रद होगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि वीरभूमि उत्तराखण्ड एक सैनिक बाहुल्य राज्य है और यहां के युवाओं में सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है। युवाओं को उनकी क्षमता के अनुरूप आवश्यक जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान कर एनडीए और सीडीएस परीक्षाओं में उनकी सफलता का प्रतिशत बढाया जा सकता है। इसके साथ ही इस प्रकार की व्यक्तित्व विकास की कार्यशालाएं सिर्फ सैन्य सेवाएं ही नही वरन अन्य सरकारी सेवाओं और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भी युवाओं के लिये लाभप्रद होगी।
बैठक में तय हुआ कि प्रथम चरण में कुमाऊं और गढ़वाल में प्रशिक्षण कार्याशालाएं(ट्रेनिंग वर्कशाॅप) ऐसे स्कूल-काॅलेज के भवनों में संचालित होगी जहां पर्याप्त अवस्थापना सुविधाएं हो। ये कार्यशालाएं 02 से 03 सप्ताह की होगी जहां युवाओं को एनडीए और सीडीएस की चयन प्रक्रिया के अनुरूप व्यक्तित्व विकास, साक्षात्कार एवं अन्य शारीरिक परीक्षणों के लिये प्रशिक्षण दिया जायेगा। सैनिक कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग से समन्वय कर प्रशिक्षण कार्यशालाओं हेतु स्थायी केन्द्र के रूप में स्कूल या काॅलेज के भवन चयनित करेंगे जहां नियमित पठन-पाठन के साथ-साथ कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा सके।
मे.ज.भाकुनी के अनुसार पर्याप्त संसाधन उपलब्ध होने पर प्रति वर्ष दस हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सकता है। द्वितीय चरण में 11वीं-12वीं के छात्र-छात्राओं के लिये राज्य सरकार द्वारा स्थायी मिलिट्री/सैनिक स्कूल खोलने पर भी विचार किया जा सकता है।

जलाशय पर मंडराया खतरा तो युपी और उत्तराखण्ड की बढ़ेगी मुश्किलें

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उधमसिंहनगर। ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी हरिपुरा जलाशय का वजूद आज विभागीय उदाससीनता के चलते  सिमटने की कगार पर है। जलाशय का आधे से ज्यादा भाग जहां जंगली घास से पट गया है, वहीं लगातार सिल्ट जमा होने से इसकी जलधारण क्षमता बहुत कम हो गई है। गुजरे मानसून सीजन की पर्याप्त बारिश के बावजूद तालाबनुमा बन चुके जलाशय से हजारों हेक्टेयर जमीन की सिंचाई कैसे और कब तक होगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

साठ के दशक में पहाड़ से आने वाली नदियां तराई में व्यापक तबाही मचाया करती थीं। इससे तराई क्षेत्र में कई दफा बाढ़ जैसे हालात भी बने। बाढ़ की रोकथाम के साथ-साथ मत्स्य पालन व सिंचाई की बहुद्देश्यीय योजना के तहत सत्तर के दशक में तीन नदियों को घेरकर 7.9 किमी क्षेत्र में हरिपुरा जलाशय का निर्माण किया गया। जिसका शुभारंभ तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी ने किया था। यह जलाशय उत्तराखंड की 7038 हेक्टेयर जबकि उप्र रामपुर की 13758 हेक्टेयर भूमि को सिंचित करता है। पिछले 10-15 वर्षों से लगातार सिल्ट जमा होने व जंगली घास उग आने से डैम की जलधारण क्षमता लगातार घटती जा रही है। जिसके चलते दोनों राज्यों की हजारों हेक्टेयर भूमि की सिंचाई पर संशय गहरा गया है। पूर्ण जलस्तर 795 फीट के सापेक्ष मौजूदा जलस्तर 788.8फीट है लेकिन, यह महज आंकड़ा भर से ज्यादा नहीं। इधर क्षेत्र में गेहूं की बुआई जोरो पर है। ऐसे में जलाशय के पानी से अगले दो माह में हजारों हेक्टेयर भूभाग सिंचित हो पाएगा इस बारे में कुछ कहना मुश्किल है। यदि विभागीय अफसरानों की अनदेखी यूं ही रही तो सिंचाई के लिए हाहाकार मचना तय है।

वहीं अवर अभियंता सिंचाई विभाग प्रेम सिंह गंगोला ने बताया कि निश्चित रूप से डैम में जमा गाद बड़ी समस्या है। डिसिल्टिंग के लिए पिछले डेढ़ साल से कई निजी कंपनियों से बात चल रही है। लेकिन महंगे ट्रांसपोर्ट से कई कंपनियों ने हाथ पीछे खींच लिए। उम्मीद है कि रामपुर-काठगोदाम हाईवे निर्माण के लिए जलाशय में जमा सिल्ट को खाली करा लिया जाएगा।

इंश्योरेंस कंपनी व मोटर डीलर की मिलीभगत का भंडाफोड़

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इंश्योरेंस कंपनियां किस तरह मोटर डीलर से मिलकर फर्जी सर्वे के जरिये करोड़ों कर घपला कर सरकार की आंखों में धूल झोंक रही है, इसका एक खुलासा एक आरटीआई के तहत मिली सूचनाओं से हुआ।

सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार एक सर्वेयर को केवल गाड़ियों के एक्सीडेंट के सर्वे करने के लिए 26 अगस्त 2015 से 11 सितम्बर 2017 तक अकेले नेशनल इंश्योरेंस कंपनी ने 60 केस दिए। जिस सर्वेयर को कंपनी की ओर से सर्वे का जिम्मा दिया गया, वह जनवरी, 2014 से बीमार है। अतुल सिंघल नाम का यह सर्वेयर इस स्थिति में भी नहीं कि एक कदम चल सकें। सवाल यह उठता है कि एक ऐसे व्यक्ति को सर्वे का काम कैसे दिया गया, जिसके हाथ पैर काम नहीं करते, जबकि अकेले देहरादून में एक दर्जन से अधिक सर्वेयर लगभग खाली बैठे हैं।

वहीं दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों के सर्वे करने के लिए सर्वेयर को घटनास्थल पर जाना पड़ता है। साथ ही सर्वे के कागजात लेकर उन्हें नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के कार्यालयों पर भी जाना पड़ता है। देहरादून में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के दो कार्यालय हैं। इनमें एक जिला कार्यालय है और एक रीजनल कार्यालय है। दोनों कार्यालय राजपुर रोड पर अलग-अलग दूरी पर दूसरी मंजिल पर हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि एक बेड रेस्ट वाला पेशेंट किस तरह दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों का सर्वे कर रहा है। जाहिर है कि सर्वेयर ने सर्वे के काम ठेके पर दे रखे हैं। दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों के इंश्योरेंस और क्लेम भुगतानों को लेकर सूचना के अधिकार में मांगी गई जानकारी इसका खुलासा हुआ है।

आरटीआई कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के राजपुर रोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से सूचना मांगी। एक तो कार्यालय ने 30 दिन के अंदर सूचना उपलब्ध नहीं कराई, दूसरा सूचना उपलब्ध कराने के एवज में दो कार्मिकों का दो दिन का वेतन भी मांग लिया। कंपनी ने लिखा कि सूचनाएं संकलन करने के लिए एक अधिकारी तथा एक सहायक की नियुक्ति की जानी है। लिहाजा दो कार्मिकों का दो दिन का वेतन उपलब्ध कराकर संबंधित सूचनाएं दी जा सकती है जाहिर है कि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी की भी इस पूरे गड़बड़झाले में सीधी सीधी भागीदारी है और मिलीभगत है। नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक एम एल मंगला कहते हैं कि यदि बीमार व्यक्ति को सर्वे का काम दिया गया है तो उसकी जांच कराई जाएगी।

‘बाम्बे टॉकीज’ के सीक्वल का निर्देशन करेंगे करन जौहर

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फिल्म निर्देशक करन जौहर 2013 में आई फिल्म ‘बाम्बे टॉकीज’ के सीक्वल का निर्देशन करेंगे। इस बार फिल्म में मुख्य भूमिका में विकी कौशल होंगे। यह करन और विकी की पहली कॉमेडी फिल्म होगी।

विकी कौशल की अगले साल प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘राजी’ में उनके कुछ दृश्य देखकर करन प्रभावित हुए। इसके बाद उनसे संपर्क साधा और उनको स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया। सब तरह से संतुष्ट होने के बाद विकी कौशल को मुख्य भूमिका के लिए चुना गया। फिल्म ‘राजी’ भी करन जौहर के प्रोडक्शन में बन रही है। ‘बाम्बे टॉकीज’ के सीक्वल का प्रोडक्शन अशी दुआ करेंगी।

उल्लेखनीय है कि नीरज घायवान की फिल्म मसान और अनुराग कश्यप के निर्देशन में बनी फिल्म रमन राघव 2.0 में विकी कौशल के अभिनय की काफी प्रशंसा हुई थी। संजय दत्त की जीवनी पर बन रही राजकुमार हीरानी की फिल्म में भी विकी काम कर रहे हैं। मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘राजी’ में वे मुख्य भूमिका में नजर आने वाले हैं।

विभागों के डिजिटलाइजेशन को लेकर ई-डिस्ट्रिक्ट सेवा शुरू

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देहरादून। डिजिटल इंडिया की ओर से कदम बढ़ाते हुए क्षेत्रीय सेवायोजन के सभी विभाग को ई-डिस्ट्रिक्ट सेवा से जोड़े जाने के बाद अब सभी कार्य डिजिटलाइजेशन के रूप में किए जा रहे हैं। यह सेवा छात्रों के लिए तो सुविधाजनक है। साथ ही विभाग को भी दस्तावेजों के ताम-झाम से निजात मिली है।

गौरतलब है कि सरकारी विभागों का डिजिटलाइजेशन करने के लिए ई-डिस्ट्रिक्ट सेवा शुरू की गई है। वर्तमान में परिवहन, एमडीडीए, राजस्व विभाग समेत कईं विभाग ई-डिस्ट्रिक्ट सेवा से जोड़े जा चुके हैं लेकिन ऐसे कम ही विभाग पूरी तरह से सफल हो सके हैं। क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय देहरादून को भी अगस्त माह में ई-डिस्ट्रिक्ट सेवा से जोड़ा गया। शुरू के महीने में विभागीय अधिकारियों को परेशानियों को सामना करना पड़ा। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया योजना परवान चड़ती गई। आलम यह है कि कार्यालय में बेरोजगारों का पंजीयन, काउंसलिंग, रोजगार मेले में पंजीयन, जॉब्स अपडेट समेत अन्य कार्य भी आनलाइन उपलब्ध हैं। इसमें नेशनल कॉरियर सर्विस पोर्टल की भी अहम भूमिका है। विभाग द्वारा प्रमाण-पत्र भी सॉफ्ट कापी के रूप में ई-मेल के माध्यम से प्रदान किए जा रहे हैं। यह छात्रों के साथ ही विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए राहत की बात है।