Page 354

अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित की जोड़ी फिल्म ‘टोटल धमाल’ में आएगी नज़र

0

नब्बे के दशक की सुपरहिट जोड़ी अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित को 17 साल बाद एक बार फिर उनके प्रशंसक सिल्वर स्क्रीन पर देखेंगे। यह जोड़ी इंदर कुमार की कॉमेडी फिल्म ‘धमाल’ के सिक्वल ‘टोटल धमाल’ में नजर आने वाली है। इस फिल्म को अगले साल 2018 में दीपावली के मौके पर रिलीज होने की संभावना जताई जा रही है।

निर्देशक इंदर कुमार ने कहा कि अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित के साथ काम करना एक सपने जैसा है। मैंने इस फिल्म के लिए माधुरी से कुछ महीने पहले ही बातचीत की थी जिसके बाद उन्होंने स्क्रिप्ट पढ़ी और उन्हें पसंद आई। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में धक-धक जैसा रोमांस तो नहीं है। यह एक कॉमेडी फिल्म है जिसमें दर्शकों को टोटल धमाल देखने को मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि माधुरी दीक्षित और अनिल कपूर की जोड़ी ने 90 के दशक में बड़े पर्दे पर धमाल मचा दिया था। इस जोड़ी ने तेजाब, राम लखन, बेटा, पुकार, जमाई राजा, किशन कन्हैया, जिन्दगी एक जुआ जैसी हिट फिल्में दी हैं।

निशंक का गुजरात चुनाव में कमल खिलाने का दावा

ऋषिकेश, जैसे जैसे गुजरात चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे राजनैतिक पार्टियां यहाँ अपनी जीत का दावा करती थक नहीं रही है। गुजरात से लौटे हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने आगामी चुनाव में जीत दर्ज़ करने की हुंकार भरी है, उन्होंने बताया  की गुजरात चुनाव में एक बार फिर मोदी मैजिक देखने को मिलेगा।

आपको बता दे की गुजरात चुनाव में 16 सांगठनिक जिलों की लगभग 48 विधानसभा सीटों का कार्य हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को मिला है, उनका साफ़ तोर पर कहना है की गुजरात चुनाव में बीजेपी की ही जीत होगी, उन्होंने दावा किया है की बीजेपी तीन चौथाई से भी ज्यादा सीटों में कमल खिलाने में कामयाब रहेगी।

राज्य विज्ञानं महोत्सव की तैयारी

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् द्वारा ऋषिकेश के भारत मंदिर इंटर कॉलेज में चार दिवसीय राज्य विज्ञानं महोत्सव शुरू होने जा रहा है जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी है. कार्यक्रम में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और शिक्षा मंत्री पांडेय मौजूद रहेंगे।

आपको बता दे कार्यक्रम का मुख्य उद्देशय बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि को बढ़ाना है, चार दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव नमें प्रदेश भर के 600 बच्चे प्रतिभाग करेंगे और अपने मॉडल्स को दिखाएंगे। मीडिया से बात करते हुए अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण की निदेशिका सीमा जौनसारी ने बताया की ये कार्यक्रम चार दिनों तकल चलेगा जिसमे बच्चों को विज्ञानं से जुडी चीजों को बताया जायेगा और उनके द्वारा मॉडल्स को दिखाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने गौचर मेले का शुभारम्भ किया

0
मुख्यमंत्री ने गौचर में आयोजित 7 दिवसीय राज्यस्तरीय 67वें औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेले का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने 45 करोड़ 96 लाख, 75 हजार रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। जिसमें एडीबी वित्त पोषित कर्णप्रयाग नगरीय पम्पिंग पेयजल योजना लागत रू. 967.53 लाख, गौचर नगरीय पम्पिंग पेयजल योजना लागत रू. 650.00 लाख, नैनी आईसी से डुंग्री मोटर मार्ग लागत रू. 242.73 लाख, मोलागाड-मटई मोटर मार्ग लागत रू. 657.27 लाख, थिरपाक-काण्डई मोटर मार्ग लागत रू. 515.38 लाख, मीन मार्केट गौचर से जीजीआईसी गौचर तक पहुॅच मार्ग लागत रू. 21.00 लाख रुपये की विकास योजनाओं का लोकार्पण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने तोली कल्याणी तल्ली मोटर मार्ग लागत रू. 391.81 लाख, पोखरी हरिशंकर मोटर मार्ग से थौली-थाला बैण्ड तक मोटर मार्ग लागत रू. 275.87 लाख, श्यान किसनपुर मोटर मार्ग एवं 80 मी0 स्पाॅन लौह सेतु लागत रू. 397.20 लाख, किमधार से स्यान-किशनपुर मोटर मार्ग लागत रू. 92.12 लाख एवं चटवापीपल से ग्राम सिरण-एण्ड मोटर मार्ग लागत रू. 385.84 लाख की विकास योजना का शिलान्यास भी किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राजकीय इण्टर काॅलेज कर्णप्रयाग का नाम प्रथम विश्व युद्व के प्रथम विक्टोरिया क्राॅस पुरस्कार से सम्मानित वीसी दरबान सिंह के नाम रखने एवं गैरसैंण-धारगेड मोटर मार्ग का नाम स्वतन्त्रा संग्राम सैनानी बच्चन सिंह के नाम रखने की घोषाण भी की। इसके साथ ही उन्होंने गंगा गाय योजना के तहत दो महिला लाभार्थियों को 40-40 हजार रुपये के प्रदान किये। इस अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत जनपद चमोली एवं रूद्रप्रयाग के 1054 लघु एवं सीमांत कृषकों को दो प्रतिशत ब्याज दर 01 लाख रूपये तक के कृषि ऋण के चेक भी वितरित किये।
मेला में जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शिक्षित नौजवानों को कृषि के प्रति प्रोत्साहित करते हुए नई तकनीकि के साथ कृषि क्षेत्र से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नई तकनीकि की सहायता से कृषि क्षेत्र में क्रान्ति लायी जा सकती है। डिग्री काॅलेज में पढने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए बीमा योजना भी शुरू की गयी है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षित बेरोजगार युवकों को रोजगार से जोड़ने के लिए सीमांत जनपद चमोली व पिथौरागढ में कौशल विकास केन्द्र खोलने का निर्णय लिया जा चुका है। सेना में भर्ती होने के इच्छुक नौजवान युवक एवं युवतियों के लिए गढवाल एवं कुमांऊ मण्डल में दो प्रशिक्षण केन्द्र भी खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश सैनिक बाहुल्य प्रदेश है। इसको देखते हुए सरकार ने देश के लिए बलिदान देने वाले सैनिक व अर्द्ध सैनिक बलों के परिवार के एक सदस्य को राजकीय सेवा में लिये जाने का भी निर्णय लिया है, जिसका शासनादेश जारी हो चुका है।
क्षेत्रीय विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने लम्बित डायट भवन एवं पाॅलीटेक्निक छात्रावास निर्माण के लिए धन आवंटन की मांग भी सीएम के समक्ष रखी। मेला समिति के उपाध्यक्ष एंव नगर पालिका अध्यक्ष  मुकेश ने मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए चार सूत्रीय मांग पत्र भी दिया। जिसमें उन्होंने गौचर में मल्टी स्टोरी वाहन पार्किंग, पूर्व में घोषित पशु चिकित्सा महाविद्यालय व उत्तराखण्ड बोली भाषा संस्थान स्थापित करने, गौचर में सर्किट हाउस/स्टेट लेवल का गेस्ट हाॅउस बनाने की मांग रखी। मेले के उद्घाटन के दौरान स्थानीय स्कूली बच्चों एवं सांस्कृतिक दलों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गयी।

शिक्षा मंत्री की देखें हिन्दी, गलतियों से भर दिया निमंत्रण 

0

रुद्रपुर, प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के बेटे की शादी के विवाह के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले भोज के निमंत्रण पत्र में मौजूद गलतियां सोशल साइट्स पर सुर्खियों में हैं। लोगों ने उस पर कमेंट्स भी करने शुरू कर दिए हैं। दरअसल निमंत्रण पत्र में एक नहीं अनेक गलतियां हैं। हालांकि सबसे बड़ी गलती उस शख्स की है, जिसने निमंत्रण पत्र के मजनून को फाइनल किया।

 गौरतलब है कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने पुत्र के विवाह के उपलक्ष्य में 28 नवंबर को भोज का आयोजन रखा है। उनके निमंत्रण पत्र बंटने शुरू हुए तो किसी जागरूक व्यक्ति ने निमंत्रण पत्र में मौजूद खामियों पर गोलघेरा करके इंगित किया और सोशल साइट्स पर कार्ड की खामियों को उजागर किया। निमंत्रण पत्र में सूर्यकोटि, एवं, आशीर्वाद, प्रतिभोज, सायं, रिसोर्ट, दर्शनाभिलाषी, उज्जवल, अंकित जैसे शब्द गलत छपे हैं। हालांकि गलती उस शख्स की है, जिसने मजनून को फाइनल किया।

यूं तो निमंत्रण पत्र में गलतियां होना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन निमंत्रण पत्र चूंकि के प्रदेश के शिक्षा मंत्री के बेटे के भोज का है, इसलिए यह कार्ड चर्चा में है। बहरहाल, निमंत्रण पत्र में मौजूद खामियां को लेकर लोग तरह तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं।

31 मार्च 2018 तक शहरों को भी ओडीएफ करने के निर्देश

0
मुख्य सचिव, उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की राज्य स्तरीय समिति की अध्यक्षता करते हुए 31 मार्च 2018 तक शहरों को भी ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) करने के निर्देश दिए। बताया गया कि 14 नगर निकायों को भारत सरकार द्वारा ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। अन्य 8 निकायों के दावे भारत सरकार को भेजे गए हैं। 25 निकायों के दामों का परीक्षण किया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि 742 वार्डों में से 534 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा इकट्ठा का कार्य शुरू हो गया है। शेष वार्डों में दिसम्बर 2017 तक कूड़ा इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार ने व्यक्तिगत शौचालय की धनराशि 4000 रूपये से 10,800 रूपये कर दिये हैं। इसके अलावा हंस फाउंडेशन द्वारा 5000 व्यक्तिगत और 300 सीट सार्वजनिक शौचालय बनाये जायेंगे। भेल हरिद्वार द्वारा सीएसआर से 276 सीट के 15 सार्वजनिक शौचालय बना दिए गए हैं।
बैठक में बताया गया कि 27,640 व्यक्तिगत घरेलू शौचालय बनाने के लक्ष्य के सापेक्ष 5,853 शौचालय बना दिए गए हैं, और 8610 शौचालयों का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा 2000 सीट के सार्वजनिक शौचालय के सापेक्ष 267 का निर्माण हो गया है, 35 का निर्माण कार्य चल रहा है।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में बताया गया कि राज्य ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लान बना लिया है। 13 नगरों में अपशिष्ट से कंपोस्ट बनाने का कार्य शुरु कर दिया गया है। देहरादून व हरिद्वार में कंपोस्ट बनाने का कार्य प्रगति पर है, हल्द्वानी एवं रुड़की क्लस्टर में कार्यवाही चल रही है

डायबिटीज पर रोक न लगी तो चीन से आगे निकल जाएगा भारत

0

ऋषिकेश। एम्स, ऋषिकेश में डायबिटीज एवं हृदय रोग पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का समापन सोमवार को किया गया। संगोष्ठी का मुख्य आकर्षण देश-विदेश से आए जूनियर डॉक्टरों की ट्रेनिंग रही। कार्यक्रम के अध्यक्ष व मेडिसिन विभाग के आचार्य डॉ. रविकांत ने इस अवसर पर बताया कि भारत में डायबिटीज की दर लगभग आठ प्रतिशत है। जिस दर से डायबिटीज बढ़ रही है, उससे लगता है कि कुछ ही साल में हम चीन से आगे निकल कर दुनिया में पहले स्थान पर होंगे। मौजूदा समय में डायबिटीज एवं हृदय रोगों की पर्याप्त सुविधा पहाड़ के मरीजों को समय पर नहीं मिल पाती। इन जटिल परिस्थितियों से निपटने के लिए उत्तराखंड जैसे राज्य को विशेष तैयारियों की आवश्यकता है।

एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने राज्य की स्वास्थ्य समस्याओं के निराकरण के लिए ई-हेल्थ को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया हा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड जैसे राज्य जहां भौगोलिक परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। अतः राज्य की पीएचसी एवं सीइचसी को एम्स जैसे संस्थान से टेलीकांफ्रेंसिंग द्वारा जोड़ा जा सकता है, जिससे मरीजों को पहाड़ पर भी समय रहते उच्च स्तर का स्वास्थ्य परामर्श और चिकित्सा मुहैया कराई जा सकती है। डॉ. मीनाक्षी धर ने बढ़ती उम्र में डायबिटीज एवं हृदय रोग विषय पर अपने अनुभव साझा किए। डीन प्रो. सुरेखा किशोर ने डायबिटीज एवं हृदय रोग का जो आंकड़ा प्रस्तुत किया, उससे पता चलता है कि डायबिटीस एवं हृदय रोग भारत में तेजी पांव पसार रहा है, इससे इंसान की जान को खतरा पैदा हो रहा है। अतः समय रहते हमें अपनी जीवन शैली में बदलाव करना आवश्यक है।

कॉन्फ्रेंस के सचिव एवं एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. बरुन कुमार के अनुसार, अधिकतम हृदयाघात मधुमेह के कारण होते हैं और समय पर उपचार न मिलने से इनमें मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है। विकासशील देशों में इन बीमारियों से लड़ने की उच्च सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। इसके लिए देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से आए स्नातकोत्तर (एमडीएमएस) छात्रों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में इलाज की विभिन्न तकनीकों को सिखाया गया।

संगोष्ठी में अमेरिका से आई डॉ. दिव्या दिक्सिष्ट, नेपाल से आये डॉ. रोबिन किसकी , एम्स दिल्ली के डॉ. ऐबी डे, पीजीआई चंडीगढ़ के पूर्व डायरेक्टर डॉ. योगेश चावला, कोलकाता के डॉ. ज्योतिर्मय पाल तथा अन्य देश भर से आए चिकित्सकओं ने भाग लिया।

केदारनाथ रोपवे को लेकर कसरत तेज, केंद्र को भेजी जाएगी रिपोर्ट

0

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजक्ट मिशन केदारनाथ को पूरा करने के लिए कसरत तेज हो गई है। एक ओर जहां केदारनाथ पुनर्निर्माण योजनाओं पर विभागीय कसरत पहले ही तेजी पकड़ चुकी है। वहीं, अब प्रमुख पड़ाव गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच रोपवे निर्माण के लिए सर्वे कार्य भी पूरा कर लिया गया है। रोपवे बनने से केदारनाथ और गौरीकुंड की दूरी घटकर नौ किलोमीटर रह जाएगी। इससे यात्रा न केवल सुगम हो जाएगी, बल्कि इससे यात्रा खर्च में भी कमी आएगी। पैदल यात्रा में आमतौर पर छह से सात घंटे लगते हैं, जबकि रोपवे से यह दूरी मात्र तीस मिनट में तय की जा सकेगी।
नौ किलोमीटर घट जाएगी दूरी
समुद्रतल से 11300 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम तक पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है। यात्रा के प्रमुख पड़ाव गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी 16 किलोमीटर है। पैदल मार्ग से कठिन चढ़ाई के बाद ही बाबा केदार के दर्शन हो पाते हैं। हालांकि केदारनाथ के लिए हेली सेवाओं की सुविधा है, लेकिन आम यात्री के लिए ये काफी महंगी साबित होती हैं। इसके तहत प्रति यात्री करीब आठ हजार रुपये किराया रखा गया है। वहीं, घोड़े से जाने पर किराया दो हजार और पालकी से पांच हजार रुपये पड़ता है। ऐसे में लंबे समय से केदारनाथ को रोपवे से जोडऩे की कवायद की जा रही थी, लेकिन यह परवान नहीं चढ़ पाई।
कंपनियों के रुचि न दिखाने से हुई देरी
पूर्व में सरकार रोपवे का निर्माण पीपीपी मोड में करना चाहती थी, मगर कंपनियों ने रुचि नहीं दिखाई। इस पर सरकार ने स्वयं ही यह जिम्मेदारी उठाने का निर्णय लिया। अब रोपवे निर्माण उत्तराखंड सरकार का उपक्रम ब्रिज रोपवे, टनल एंड अदर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कारपोरेशन (ब्रिडकुल) को सौंपा गया है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि ढाई अरब रुपये की इस परियोजना का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है। शासन से रिपोर्ट केंद्र को भेजी जाएगी जिसके बाद केंद्र सरकार की मंजूरी मिलते ही योजना पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

बेसिक पाठशाला में तैनात शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई पूरी कर रहे मोरी ब्लॉक के छात्र

0

उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक के नुराणु गांव में दर्जनों बच्चे पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो गए हैं, जबकि कई अन्य शिक्षा की तलाश में गांव छोड़कर दूसरे स्थानों में चले गए हैं। इसका कारण गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी का होना है। हालात ये है कि विद्यालय में बीते चार सालों से एक भी शिक्षक नहीं है। इस वजह से जिस विद्यालय में कभी 26 छात्र थे, वहां आज केवल 12 छात्र ही बचे हैं जो किसी तरह गांव की बेसिक पाठशाला में तैनात शिक्षकों के भरोसे अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विभाग से कई बार गुहार भी लगाई, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मोरी ब्लॉक में नैटवाड़ क्षेत्र से करीब 13 किमी की पैदल दूरी पर स्थित नुराणु गांव में सालों से बिजली, सड़क सहित कई बुनियादी सुविधाओं की कमी है। हालांकि गांव में दो विद्यालय होने से ग्रामीण अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति आश्वस्त थे, लेकिन उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात एक मात्र शिक्षक का 2013 में स्थानांतरण हो गया, जिसके बाद ‌विभाग द्वारा कोई नियुक्ति नहीं की गई। इस लापरवाही के कारण विद्यालय के छात्रों को मजबूरन अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी है जबकि कुछ आर्थिक रूप से मजबूत परिवार अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए नैटवाड़ चले गए। वहीं, विद्यालय में बचे 12 छात्रों की पढ़ाई बेसिक पाठशाला के शिक्षकों के भरोसे कराई जा रही है।
गांव के प्रधान रैणू लाल, बालचंद नेगी आदि ने बताया कि विभाग की अंदेखी के कारण बच्चों को शिक्षा से दूर होना पड़ रहा है जो बच्चे विद्यालय में रह गए हैं, उनका भविष्य भी अंधकार मय है। जबकि नई पीढ़ी के लिए तो कोई उम्मीद ही नहीं बची है। बीते चार सालों में कई अधिकारियों को इस बारे में बताया गया, ल‌ेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई तो ग्रामीणों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। वहीं आरसी आर्य, मुख्य शिक्षा अधिकारी का कहना है कि नवम्बर माह की 15-16 तारीख तक शिक्षकों के प्रमोशन होने हैं, जिसके बाद नुराणु उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक नियुक्त कर दिए जाएंगे। 

राज्य की प्रथम मानव विकास रिपोर्ट की जा रही तैयार

0

नियोजन विभाग उत्तराखंड तथा मानव संसाधन विकास विभाग भारत सरकार की ओर से एक कार्याशाला का आयोजन विकास भवन रोशनबाद में किया गया। कार्याशाला का उद्घाटन जिलाधिकारी दीपक रावत, मुख्य विकास अधिकारी स्वाति भदौरिया और मानव विकास संसाधन केंद्र नई दिल्ली के आईसी अवस्थी ने किया।
राज्य की प्रथम मानव विकास रिपोर्ट मानव संसाधन विकास केंद्र नई दिल्ली के सहयोग से तैयार की जा रही है। उक्त संस्था द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के समस्त जनपदों के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों का सर्वेक्षण कार्य किया गया है। कार्यशाला में जनपद की विशेषताओं, चुनौतियों, समाधान व सफलता की कहानियों पर चर्चा की गयी। विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा इन सब विषयों पर अपनी प्रेजेंटेशन प्रस्तुत की। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी गांव, समाज या व्यक्ति के विकास को मात्र आर्थिक विकास के नजरिये से नहीं देखा जा सकता। विकास को व्यक्तित्व, सोच और मानसिकता के आधार पर मूल्यांकि किये जाने की जरूरत है। समाज कोे हर प्रकार से विकसित करने या किसी व्यक्ति का विकास करने के लिए सबसे पहली जरूरत शिक्षा है। यदि किसी साधनहीन या गरीब व्यक्ति को शिक्षित और सभ्य बनाया जाए तो वह अपने विकास के पहलुओं पर विचार कर सकता है। वह सरकारी सुविधाओं और विकास परक कार्यक्रमों को समझकर अपना आर्थिक स्तर बढ़ा सकता है। शिक्षा ही विकास का मूल तत्व है। कार्याशाला में जिलाविकास अधिकारी पुष्पेंद्र चौहान, जिला कार्यक्रम अधिकारी शैजी प्रजापति सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।