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शासन के निर्देश पर 16 करोड़ के घोटाले की जांच कर रही एसआईटी

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रुद्रपुर, 16 करोड़ रुपये के टीडीसी गेहूं बीज घोटाले की जांच के लिए एसआईटी की टीमें यूपी और बिहार को रवाना होंगी। यह टीमें वहां स्टाक का सत्यापन करेंगी। एसपी सिटी व एसआईटी के प्रभारी देवेंद्र पिंचा ने बताया कि टीडीसी गेहूं बीज घोटाले की जांच अंतिम चरण में है।

एसपी सिटी श्री पिंचा ने बताया कि टीडीसी गेहूं बीज घोटाले में एसआईटी ने सभी दस्तावेजों की जांच कर ली है। यहां के स्टाक का सत्यापन किया जा चुका है। चूंकि गेहूं का बीज यूपी व बिहार में बेचा गया है, इसलिए वहां भी स्टाक रजिस्टरों का सत्यापन किया जाएगा।

गौरतलब है कि टीडीसी गेहूं बीज घोटाले की शासन स्तर से जांच कराने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश दिया गया था। टीडीसी के अधिकारियों ने गेहूं बीज को न सिर्फ सस्ते दामों पर बेचा, बल्कि एक के साथ एक कट्टा फ्री देने की स्कीम चला कर टीडीसी को करोड़ों की क्षति पहुंचाई थी, जिससे टीडीसी का अस्तित्व ही खतरे में आ गया था। कर्मचारियों को वेतन देने के भी लाले पड़ गए थे।

शासन ने इस घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इस मामले में टीडीसी के पूर्व प्रबंध निदेशक समेत कई अफसरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। एसआईटी  मौजूद आरोपियों के बयान दर्ज कर चुकी है। गेहूं बीज घोटाले की जांच अंतिम चरण है। माना जा रहा है कि टीडीसी गेहूं बीज घोटाले में टीडीसी के कुछ अफसरों पर कार्रवाई होनी तय है।

दून में कविताओं और लेखों के बीच स्पीकआउट ने किया ओपन माइक सेशन

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रविवार को ‘स्पीकआउट’ ने देहरादून में अपना पहला माईक सेशन और बुक लॉंच कार्यक्रम आयोजित किया।इस कार्यक्रम में युवाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा को लोगों के सामने प्रस्तुत किया। यह कार्यक्रम देहरादून के क्राॅस बार, जाखन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम को स्पीकआउट के ओनर और पब्लिशर जिया कुरैशी ने लीड किया।

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कार्यक्रम में ओपन माइक सेशन के साथ-साथ स्पीकआउट की किताब पोट्यूपरी को लांच किया गया।कार्यक्रम के चीफ गेस्ट सोनिया पांडे,ओकेश छाबड़ा थे। थे। आपको बतादें कि स्पीकआउट एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसके जरिए लोगों द्वारा लिखी गई कविताएं, लेख, शार्ट स्टोरी, सोशल मीडिया के जरिए दूसरों तक पहुंचाई जाती है।

‘स्पीकआउट’ आज के दौर में एक ऐसा माध्यम है जो बिना रोक-टोक के लोगों की क्रिएटिविटी को फेसबुक और इंस्टाग्रम जैसे माध्यमों से प्रसारित करता है। ‘स्पीकआउट’ के बुक लांच पर जिया कुरैशी की न्यूजपोस्ट से बातचीत के दौरान बताया कि, शुरुआत में उन्होंने सोचा नहीं था कि स्पीकआउट इतना लोकप्रिय होगा लेकिन पिछले एक साल में स्पीकआउट ने लोगों के बीच अपनी जगह बना ली है और इसके चलते हमने किताब निकालने का सोचा।देहरादून से खास लगाव होने के कारण जिया ने अपनी पहली किताब का लाँच देहरादून में करने को सोचा और लोगों के प्यार और सहयोग से उन्होंने यह काम सफलतापूर्वक किया।

चीफ गेस्ट ओकेश छाबड़ा ने कहा कि, ‘स्पीकआउट जैसे काम कर रहा वो दिन दूर नहीं जब ‘स्पीकआउट’ सफलता की ऊचांइयों को छूएगा। रजत बंसल, उद्भव घिल्डियाल, सुमित सेठी, तान्या पराशर, अमूल्या भारद्वाज और बहुत से लोगों ने ओपन-माइक सेशन में अपने लेखों को पढ़ा।

आपको बतादें कि ‘स्पीकआउट’ के इस अपने इवेंट में तीन पर्फामरों को सी-क्यूब से फ्री ग्रूमिंग की क्लासेस भी दी जाएंगी।

नेशनल रिकॉर्ड के साथ नितेन्द्र ने जीती हाफ मैराथन

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उत्तराखंड के नितेन्द्र सिंह रावत ने दिल्ली हाफ मैराथन में नेशनल रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इससे पहले हाफ मैराथन का रिकॉर्ड राजस्थान के दीपचंद के नाम था।
मूल रूप से बागेश्वर के रहने वाले नितेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को हाफ मैराथन में एक नया इतिहास रच दिया। नई दिल्ली में रविवार को एयरटेल वर्ल्ड हाफ मैराथन का आयोजन, जिसमें कई विदेशी धावकों ने भी प्रतिभाग किया। उत्तराखंड के नितेन्द्र ने मीट रिकॉर्ड के साथ-साथ नेशनल रिकॉर्ड बनाते हुए इंडियन मैन श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल किया। नितेन्द्र ने एक घंटा 38 मिनट 53 सेकेंड में दौड़ पूरी कर स्वर्ण पदक झटका। आर्मी के जवान नितेन्द्र से पहले यह रिकॉर्ड बनाने वालो दीपचंद ने वर्ष 2009 में एक घंटा चार मिनट में हाफ मैराथन पूरी की थी।
नितेन्द्र के कोच गैरसेंण निवासी सुरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि दिल्ली मैराथन विश्व की टॉप क्लास मैराथन में से एक है। केंद्रीय खेलमंत्री राज्यवर्द्धन राठौर भी इस मैराथन में उपस्थित थे और उन्होंने नितेन्द्र को बधाई दी है। भंडारी के अनुसार नितेन्द्र वर्ष 2013 में 5000 मीटर दौड़ के नेशनल चैंपियन रहे हैं। वर्ष 2015 से उन्होंने मैराथन शुरू की और इसी साल रियो ओलिंपिक की फुल मैराथन में देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने अपने शिष्य की इस उपलब्धि पर देशवासियों का आभार व्यक्त किया है। 

भगवान बदरी विशाल के दर्शनों के लिए उमड़े भक्त,बर्फवारी के बीच कपाट वेद मंत्रों के साथ हुए बंद

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(गोपेश्वर) भारी बर्फवारी के बीच रविवार को भगवान बदरीविशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होने से पूर्व भगवान की एक झलक देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्त उमड पड़े भारत ही नहीं दुनिया के अलग-अलग कोनों से देशी विदेशी भक्त भी बदरीनाथ पहुंचे थे।
भगवान बदरी विशाल की छह माह तक कपाट खुलने की अवधि से लेकर कपाट बंद होने तक मानव भगवान के दर्शन करते है। मान्यता है कि कपाट बंद होने पर देवता भगवान के दर्शन करेंगे और देवऋषि नारद मुख्य पुजारी रावल की भूमिका में रहेंगे। कपाट बंद होने के बाद सोमवार को भगवान के उत्सव विग्रह के रूप में उद्वव जी का विग्रह पांडुकेश्वर लाया जाया जाएगा। छह माह तक योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर में भगवान की पूजा होगी। साथ में कुबेर जी भी आयेंगे।
झुमे भक्त, कहा- जय बदरी विशाल
बदरीनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर यूं तो भगवान से विछुडने का विछोह सबमें दिखा। मगर कडाके की ठंड के बाद भी इस विछोह को भगवान की स्तुति गान के रूप में प्रकट किया। भगवान बदरी विशाल के भजनों और उनकी प्रशसा में गीत गाकर लोग झूम रहे थे।
गढ़वाल स्काउट ने बजायी मधूर स्वर लहरी
बदरीनाथ के कपाट बंद होने पर गढवाल स्काउट ने परंपरा के अनुसार बैंड बाजों की स्वर लहरियां विखेरी। जिसे सबने खूब सराहा। मुख्यमंत्री हरीश रावत भी इस छण से अपने आप को रोक न पाये। उन्होंने गढवाल स्काउट के रामढोल पर थाप लगायी।
ये रहे मौजूद
भगवान बदरीनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर पूर्व सीएम हरीश रावत, राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा, बीकेटीसी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, आरएसएस के विभाग प्रमुख अरविंद जी, जिला प्रचारक वृज मोहन, सांसद प्रतिनिधि रधुवीर बिष्ट, जिलाधिकारी आशीष जोशी, पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट, बीकेटीसी के सीओ बीडी सिंह, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड सहित अनेक लोग मौजूद थे।
अब धाम की सुरक्षा उत्तराखंड पुलिस के हवाले रहे
शीतकाल में कपाट बंद होने पर भगवान के धाम बदरीविशाल की सुरक्षा उत्तराखंड पुलिस के हाथों में होगी। 15 जवानों की तैनाती सुरक्षा व्यवस्था में रहेगी। अलग-अलग पारी पुलिस मंदिर की सुरक्षा दिनरात पूर्व उत्तर और दक्षिण के द्वारों की जायेगी। 

अपनी मेहनत और लगन से अंकित ने बनाया बाइकिंग में नया रिकॉर्ड

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टीम ऐवोलूय्शन ने अपनी स्टंट बाइकिंग के जरिये काफी नाम कमा लिया है। इस ग्रुप ने कई रिकाॅर्ड अपने नाम किये हैं, और अब इन्होंने एक और रिकाॅर्ड पर जीत हासिल कर ली है। टीम के सबसे युवा सदस्य देहरादून के अंकित भास्कर बहुत पहले से ही आॅटो गियर स्कूटर पर सबसे ज्यादा गोल चक्कर मारने के रिकाॅर्ड पर अपनी नजरे लगाये हुये थे।

आपको बतादें कि रविवार को एफ-1 ट्रेक,ग्रेटर नोएडा पर अंकित ने नया रिकार्ड बना लिया है। इससे पहले यह सबसे ज्यादा सर्कल व्हीली का रिकाॅर्ड दो लोगों के नाम दर्ज था, इनमें एक स्पेन से है तो दूसरा जपान से, दोनों ने ही 101 चक्कर लगा कर ये रिकाॅर्ड हासिल किया था।

Whole Crew of Team Evolution

चार सदस्यों के टीम का सदस्य अंकित कहते हैं कि, “ये सर्कल व्हीली हर कोई अासानी से नहीं कर पाता। इसके लिये बैलैंस औऱ ब्रेक पोइंट बेहद जरूरी है। मैं काफी उत्साहित था औऱ इसे रिकार्ड को बनाने के लिए हप रोज अभ्यास कर रहें थे। शायद मेरी मेहनत और लगन से मैनें अपने सपने को पूरा कर लिया है।उसने व्हीलीस का पुराना रिकॉर्ड जो कि 101 व्हीली का था उसे तोड़ कर नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। गौरतलब है कि इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिये उन्होंने 326 व्हीलीस का रिकॉर्ड बनाया जो आनेवाले समय में किसी भी बाइकर के लिये तोड़ना चुनौतीपूर्ण रहेगा”

इस दल के पीछे की ताकत, लक्ष्य खंडूरी का कहना हैं कि, “हांलाकि स्टंट बाइकिंग को खेल नहीं बल्कि रोमांचक खेल माना जाता है पर अंकित एक बेहतरीन खिलाड़ी है। इस खेल की मार्केट पनपने में अभी समय लगेगा पर ये दिन पर दिन देशभर में प्रचलित होता जा रहा है।”

टीम न्यूजपोस्ट की तरफ से अंकित और उनके पूरे दल को रिकार्ड बनाने पर हार्दिक बधाइयां।

व्यापारी के हत्यारों का अबतक पता नहीं लगा पाई पुलिस

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सिड़कुल क्षेत्र में दुकान पर बैठे व्यापारी को गोली मारने वाले बाइक सवार बदमाशों का कुछ पता नहीं चल सका है। घायल व्यापारी भी घटना की वजह को कुछ नहीं बता पा रहा है। वह अपनी किसी से दुश्मनी या विवाद न होने की बात कह रहा है। निजी अस्पताल से घायल व्यापारी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। जहां पर पुलिस ने उसके बयान दर्ज किये है।

बताते चले कि बीती देर शाम को अजीत चौहान पुत्र ब्रहा्रानंद 50 निवासी गांव रोशनाबाद सिड़कुल अपने घर के नीचे परचून की दुकान में बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर घायल कर दिया था जिसको उपचार के लिए सिड़कुल स्थित मेट्रो अस्पताल ले जाया गया था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी लेते हुए बदमाशों को दबोचने के लिए चैंकिग अभियान चलाया था। मगर कोई सफलता पुलिस ने नहीं मिल सकी थी। घायल व्यापारी भी बदमाशों को पहचाने से इंकार कर रहा है। साथ ही वह किसी से दुश्मनी व विवाद न होने की बात कह रहा है। ऐसे में पुलिस के बदमाशों तक पहुंचने की सम्भावना कम होती जा रही है। नि

जी अस्पताल से घायल व्यापारी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां पर सिड़कुल पुलिस ने पहुंचकर कर घायल व्यापारी के बयान दर्ज किया है। घायल व्यापारी अब भी घटना वाले दिन वाला बयान दे रहा हैं कि वह बदमाशों ने नहीं पहचानता और ना ही उसकी किसी से दुश्मनी हैं और ना विवाद। पुलिस के लिए अब समस्या बदमाशों तक पहुंचने में आ रही है। सिड़कुल थाना एसओ कमल मोहन भण्डारी के अनुसार पुलिस अपने स्तर से बाइक सवार बदमाशों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। पुलिस अपने मुखबिरों व अन्य सूत्रों से बदमाशों की निशाख्त कराने का प्रयास में जुटी है।

घायल व्यापारी बदमाशों के सम्बंध में कोई ठोस जानकारी नहीं दे पा रहा है और ना ही किसी से दुश्मनी और विवाद की बात कह रहा है। घायल व्यापारी ने दो अज्ञात बदमाशों के खिलाफ शिकायत की है जिसके आधार पर पुलिस ने बाइक सवार अज्ञात दो बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। 

चीला में डूबे छात्र की तलाश जारी

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चीला पिंकनिक के दौरान नहर में डूबे छात्र कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस ने नहर का जल स्तर कम कराते हुए गोताखोर टीम के साथ छात्र की तलाश में जुटी है।

बताते चलें कि कनखल,डीएवी कक्षा 10, के दो छात्र शिवम कटियार और शुभ बटाला स्कूल मिस कर पिंकनिक मनाने के लिए स्कूटी से चीला गये थे। जहां पर स्नान करने के दौरान छात्र शिवम कटियार नहर में डूब गया। जिसको बचाने का प्रयास उसके दोस्त शुभ बटाला ने किया, मगर सफल नहीं हो सका। दोस्त के डूबने से शुभ बटाला बहुत घबरा गया और चुपचाप किसी को कुछ बताये घर पहुंच गया।

छात्र शिवम कटियार के घर न पहुंचने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी। परिजनों ने शिवम के दोस्तों से सम्पर्क कर उसके सम्बंध में जानकारी लेने का प्रयास किया। मगर दोस्तों ने शिवम के स्कूल में न आने की जानकारी दी, जिसपर परिजन ओर परेशान हो गये। जिन्होंने कनखल थाने पहुंचकर मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर छात्र की तलाश शुरू कर दी।

बताया जा रहा कि वहीं जब शिवम के साथ पिंकनिक मनाने गये दोस्त शुभ बटाला को मालूम हुआ कि परिजन शिवम की तलाश कर रहे हैं और दोस्तों से भी पूछा जा रहा है। इस बात से परेशान होकर शुभ बटाला ने रात को ही परिजनों को सच्चाई बता दी जिसके बाद से कनखल पुलिस गोताखोर टीम के साथ मिलकर छात्र शुभ बटोला की निशानदेही पर डूबे छात्र को तलाश करने में जुटी है। लेकिन अभी तक पुलिस को सपफलता हाथ नहीं लगी है।

पुलिस ने नहर का जल स्तर भी कम कराकर छात्र को तलाश किया गया, उसके बावजूद भी पुलिस के हाथ खाली है। कनखल एसओ अनुज सिंह के अनुसार डूबा छात्र शायद गहरे पानी में चला गया है, जिसको तलाशने में काफी परेशानी आ रही है। पुलिस ने नहर का जल स्तर कम कराते हुए गोताखोर टीम के साथ डूबे छात्र की तलाश में जुटी है।

मुख्य मार्ग के यातायात को सुचारू करने में जुटी पुलिस

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हरिद्वार,  चन्द्राचार्य चैक मार्ग की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने क लिए यातायात पुलिसकर्मी लगातार भरसक प्रयास कर रहे हैं | आये दिन चन्द्राचार्य चैक रानीपुर मार्ग, भगत सिंह चैक सिटी हाॅस्पिटल मार्ग पर जाम की स्थिति से निजात दिलाने के लिए यातायात पुलिसकर्मी नित्त नये यातायात प्लान लागू कर जाम से राहत दिलाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्य मार्ग पर आस पास के काॅलोनियों से निकलने वाले छोटे मार्गों पर यातायात पुलिसकर्मीयों द्वारा बैरिगेट्स रस्सी बांधकर जाम से राहत दिलाने के प्रयास तो किये जाते हैं लेकिन इस प्लान से वाहनों के जाम से राहत नहीं मिल पाती है। क्योंकि आस पास काॅलोनी के लोग नगर के छोटे मार्गो का इस्तेमाल छोटे वाहनों को लाने ले जाने के लिए करते हैं लेकिन यातायात पुलिसकर्मी मुख्यमार्ग पर बैरिगेट्स लगाकर गली के छोटे मार्गो को बंद कर यातायात को सुचारू करने के प्रयास तो करते हैं लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हो पाता है जिसके चलते रानीपुर मुख्य मार्ग पर वाहनों के काफिले लग जाते हैं और ज्यादा जाम लग जाता है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि मुख्य मार्ग के पास से निकलने वाले छोटे मार्गो को बंद नहीं करना चाहिये क्योंकि दुपहिया वाहन चालक इन मार्गो का इस्तेमाल अधिक करते हैं जिससे मुख्य मार्ग की दिक्कतें और ज्यादा बढ़ जाती हैं। शुक्रवार को भी यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा छोटे मार्गो पर पुलिस बैरिगेट्स लगाकर बंद तो किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई जिसके चलते शनिवार को छोटे काॅलोनियों के निकलने वाले मार्गो से पुलिस बैरिगेट्स को हटाया गया। उसके बाद ही मुख्य मार्ग के जाम से राहत मिल सकी।

चन्द्राचार्य चौक व्यापार मण्डल के अध्यक्ष मृदुल कौशिक का कहना है कि, “मुख्य मार्ग की यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए काॅलोनियों से निकलने वाले छोटे मार्गो को बंद ना किया जाये, क्योंकि काॅलोनीवासी इन संकरी सड़कों का ही इस्तेमाल वाहन लाने ले जाने के लिए करते हैं।” 

मिजिल्स-रूबैला टीकाकरण अभियान में लापरवाही बर्दाश्त नहीं : डीएम

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रूद्रपुर,  जिलाधिकारी डा. नीरज खैरवाल ने अधिकारियो को निर्देश देते हुए कहा कि जिले के शत-प्रतिशत बच्चो को टीकाकरण से लगाया जाए। इस कार्य मे कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

जिलाधिकारी डा. नीरज खैरवाल ने मिजिल्स-रूबैला वैक्सिन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए जिले में 30 अक्टूबर से अभियान चलाकर मिजिल्स-रूबैला के टीके 09 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को लगाए जा रहे हैं | जिन सरकारी विद्यालयों व आंगनबाडी केन्द्रो में शत-प्रतिशत टीकारकण नहीं होगा वहां आंगनबाडी कर्मियों का वेतन रोक दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में विद्यालयों में अभिभावकों की भी बैठक की जाए ताकि शत-प्रतिशत बच्चो का टीकाकरण किया जा सके। उन्होंने कहा कि मलिन बस्तियो व खनन क्षेत्रों में भी अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

जिलाधिकारी ने कहा यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है इसको सफल बनाने मे अधिकारियो के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी रूची ले। उन्होने कहा बाजार मे यह वैक्सीन 2 हजार रुपये में उपलब्ध होती है। भारत सरकार द्वारा यह वैक्सीन निःशुल्क लगाई जा रही है। वैक्सीन लगाने से बच्चो में डायरिया, निमोनिया व आंखो के रोगों से निजात मिलती है। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों व आंगनबाड़ी केन्द्रो मे जो बच्चे टीकाकरण से छूट गये है, वहां पुनः टीकाकरण अभियान चलाया जाए।

उन्होंने कहा कि जो आशा कार्यकर्ती टीकाकरण के कार्यो मे सहयोग नहीं दे रही है, उनके खिलाफ कार्यवाही करते हुए उन्हे नोटिस भेजा जाए। उन्होंने कहा कि प्राइवेट विद्यालयो मे जो बच्चे टीकाकरण से वंचित रह गये है, सम्बन्धित क्षेत्र के खण्ड शिक्षा अधिकारी विद्यालय मे जाकर उनकी सूची उपलब्ध करायेंगे।ताकि उनका टीकाकरण फिर से किया जा सके। उन्होने कहा जिन क्षेत्रो मे टीकाकरण कम हुआ है वहां अधिक ध्यान देते हुए टीकाकरण करे।

विश्व स्वास्थ संगठन के डा. मनु खन्ना ने बताया जनपद मे 5,26,040 बच्चो के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 3,12,050 बच्चो का टीकाकरण किया जा चुका है। 

पहाड़ों में मनाई जा रही “बुग्वाल” यानी पहाड़ी दिवाली

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चित्र: सूरज सिंह रावत
जहां एक तरफ सभी क्रिसमस की तैयारियों में जुटे है, तब उत्तराखंड के जौनसार और जौनपुर में, एक दिवाली मनाई जा रही है। जी हां, ये जानकार शायद आपको यकीन नही होगा लेकिन दिवाली के ठीक एक महीने बाद मनाई जाने वाली यह दिवाली को यहां के लोग बुग्वाल या बग्वाली कह कर बुलाते हैं ।
जौनपुर के कोल्टी गांव जिसमें तकरीबन 60 परिवार हैं लोग इस दिवाली को मनाते हैं। इस पर्व को यहां की भाषा में बुग्वाल/बग्वाली कहतें हैं। यहां मनाये जाने वाला ये तीन दिन का उत्सव महिलाओं के दिल के बहुत करीब है, क्योंकि उनके लिए यह एक सलाना उत्सव होता है जिसमें वो पुरी ठाठ-बाट से हिस्सा लेती हैं। सुमीता देवी जो कि बिरगांव से है कहती हैं कि “इस त्योहार का हमारे दिल में खास स्थान है, हम सब अपने गांव-घर वापस आते हैं ताकि अपने परिवार के साथ थोड़ा समय बिता सके, हम गाने बजाने के साथ ऩृत्य भी करते हैं। हम बेसब्री से बुग्वाल का इंतज़ार करते हैं।” जबकि सारी महिलाएं तरह-तरह के पकवान बनाने में व्यस्त रहती हैं और फिर व्यंजनों को पूरे गांव में बांटती हैं।
खुले आसमान के नीचे आदमियों का जत्था कतार बना कर घर के बाहर खड़ा होकर ढोल बजाता है और साथ में गाता भी है।समय के साथ साथ सालों पुरानी इस परंपरा का प्रचलन भी बदल रहा है। पहाड़ों से हो रहा पलायन इसका एक बड़ा कारण है। गांव के बड़े-बूढों के लिए इस त्योहार के मायने बदल गए हैं, भरत सिंह कहते हैं कि, “यहां का युवा वर्ग पहाड़ों को छोड़कर आस-पास के शहरों में लुभावनी नौकरी के लिए बस गए हैं, जिसमें से बहुत तो त्योहारें में भी वापस नहीं आते” वो बताते हैं कि जब हम बच्चे थे यहां बहुत कुछ होता था जैसे कि पंडाल लगते थे, रोशनी होती थी लेकिन धीरे-धीरे हमारी परंपरा अपनी पहचान खो रही है।”
बुग्वाल/बग्वाली  के पीछे मान्यता ये है कि ये त्योहार योद्धा माधो सिंह भंडारी की वीरता के उत्सव के रूप में मनाया जाता है, भंडारी वो योध्दा हैं जिन्होने गढ़वाल और तिब्बत की सीमाओं को सील किया था। इस सीमा को आज की मैक मोहन लाइन के रूप में भी जाना जाता है। लेकिन समय बदल रहा और बड़े-बूढ़ों को यह डर है कि कहीं उनका गांव भी इस परंपरा को भूल ना जाए।