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वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते मौसम में बदलाव,कहीं बारिश तो कहीं हो सकती बर्फबारी

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देहरादून, सूबे की ऊंची चोटियों पर अगले 24 घंटे में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। जिसके चलते निचले इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश के अधिकांश इलाकों में आंशिक रूप से लेकर आमतौर पर बादल छाए रहेंगे। उत्तराखंड के सभी जनपदों में हल्की बारिश हो सकती है। इन जिलों के 3500 मीटर ऊंचाई तथा उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में बारिश के साथ-साथ हल्की बर्फबारी हो सकती है।

उत्तराखंड में मौसम ने फिर से करवट बदली, मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले 5-6 दिसंबर को उत्तराखंड के कई इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी भी हो सकती है, बूंदाबांदी से दून के तापमान में गिरावट आएगी।

महाराष्ट्र और गुजरात तटों पर आए साइक्लोन की वजह से उत्तराखंड भी प्रभावित होगा। देहरादून के मौसम विभाग के निदेशक विक्रम बख्शी ने टीम न्यूजपोस्ट से बातचीत में बताया कि,’ मौसम में कुछ परिवर्तन देखने को मिल सकता है, वहीं पहाड़ी क्षेत्रों यानि की 3500 मीटर से ऊपर कुछ जगहों में बर्फबारी की गतिविधि भी होगी व कही कही हल्की वर्षा भी।उन्होने कहा कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते मौसम में बदलाव होगा व साइक्लोन की वजह से नमी के कारण बारिश व बर्फबारी हो सकती है।

अवैध निर्माण पर काटे गए चालानों का सच 24 साल बाद आया सामने

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देहरादून। अवैध निर्माण पर 18 जून 1993 को काटे गए चालान के बाद संबंधित निर्माण का क्या हश्र हुआ। उसका सच 24 साल बाद सामने आया। मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने एमडीडीए अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह अवैध निर्माण पर काटे गए चालान के परिणाम से अवगत कराएं। यह बिंदु सूचना मांगने वाले व्यक्ति के आवेदन में भी शामिल नहीं था और उन्होंने सुनवाई के दौरान इसकी जिज्ञासाभर व्यक्त की थी, जिसे आयोग ने जनहित में स्वीकार कर लिया।

नेशविला रोड निवासी सुरेशानंद शर्मा ने एक भवन निर्माण के संबंध में एमडीडीए से सूचना मांगी थी कि संबंधित निर्माण स्वीकृत मानचित्र के अनुरुप किया गया है या नहीं। पहले तो एमडीडीए अधिकारियों ने यह कहकर बात को टाल दिया कि संबंधित पत्रावली मिल नहीं पा रही है, लेकिन जब मामला सूचना आयोग पहुंचा तो गुम पत्रावली भी खोज निकाली गई। आयोग को बताया गया कि स्वीकृति नक्शे से इतर निर्माण होने पर उसका चालान काटा गया था और चालान काटने वाले कार्मिकों का नाम भी बता दिया गया। इस तरह मांगी गई सभी सूचनाएं उपलब्ध करा दी गईं। हालांकि मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह के समक्ष की गई इस सुनवाई में अपीलार्थी ने यह जिज्ञासा व्यक्त की थी कि काटे गए चालान की परिणीति क्या रही होगी। मुख्य सूचना आयुक्त ने पाया कि यह बिंदु आरटीआई के आवेदन में दर्ज नहीं था, लेकिन अवैध निर्माण के खिलाफ वाजिब कार्रवाई की मंशा को देखते हुए उन्होंने इस बात को स्वीकार कर लिया। उन्होंने एमडीडीए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अवैध निर्माण पर की गई कार्रवाई से भी अपीलार्थी को अवगत कराएं। ताकि यह पता चल सके कि अवैध निर्माण पर प्राधिकरण के स्तर पर क्या कार्रवाई की गई है।

चार सड़कों का रिकॉर्ड न मिलने पर सूचना आयुक्त ने बीडीओ को दिया जांच का निर्देश

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देहरादून। मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने हरिद्वार के लक्सर विकासखंड की सुल्तानपुर-आदमपुर ग्राम पंचायत में सड़क निर्माण में आई गड़बड़ी पर खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) लक्सर को जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

सुल्तानपुर-आदमपुर गांव के निवासी जफर भारती ने ग्राम प्रधान से सड़क निर्माण के विभिन्न 15 कार्यों की जानकारी मांगी थी। तय समय के भीतर पर्याप्त सूचना न मिलने पर इसकी शिकायत जफर भारती ने सूचना आयोग से की। शिकायत पर सुनवाई करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने पाया कि चार सीसी सड़क निर्माण के कोई भी रिकॉर्ड पंचायत के पास उपलब्ध ही नहीं हैं। यही वजह रही कि एमबी (मेजरमेंट बुक), सड़कों की लंबाई चौड़ाई व इनके बिल-वाउचर आदि के कोई दस्तावेज आरटीआई में उपलब्ध नहीं कराए जा सके। जबकि दो निर्माण ऐसे पाए गए, जिनके भुगतान में बिना टिन नंबर वाले बिलों का प्रयोग किया गया था।
इसके अलावा, आयोग के समक्ष यह बात भी निकलकर आई कि इन निर्माण कार्यों को लेकर सहायक खंड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी पंचायत व अपर सहायक अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग ने कोई जांच भी की है। जिस पर 23 मई 2016 को संयुक्त हस्ताक्षर भी किए गए हैं। इसके बाद भी चार सड़कों के रिकॉर्ड उपलब्ध न होना, अपने आप में बड़ा सवाल है। यह संदेह व्यक्त किया गया कि इन कार्यों में वित्तीय गड़बड़ी को अंजाम दिया गया है। इस आधार पर ही मुख्य सूचना आयुक्त ने बीडीओ को जांच के निर्देश जारी कर दिए। हालांकि कार्यालय में धारित सूचनाएं शिकायतकर्ता को प्रदान कर दिए जाने पर शिकायत का निस्तारण भी कर दिया गया। 

तीर्थ नगरी में जाम के कारण आमजन परेशान

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हरिद्वार। तीर्थनगरी रेलवे स्टेशन से लेकर ललतारौ पुल तक सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण के कारण रोजाना लगने वाले जाम से लोग परेशान हैं। हालात यह है कि इस जाम के चलते सड़क पार करना किसी खतरे से कम नहीं है। हालांकि यहां व्याप्त अतिक्रमण को हटाए जाने के आदेश हाईकोर्ट तक दे चुका है। इसके बावजूद भी अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद हैं।

तीर्थनगरी हरिद्वार के रेलवे स्टेशन से लेकर ललतारौ पुल तक नगर निगम के नाले पर व्याप्त अतिक्रमण को नगर निगम व प्रशासन की पूरी शह है, जिसके चलते ही यहां से अतिक्रमण आज तक पूर्ण रूप से नहीं हटाया गया। इससे यहां जाम लगना आम बात हो गई है। सामान्य दिनों में जाम से तो लोग जूझते हैं। जाम के कारण जिला चिकित्सयालय जाने वाले मरीज भी जाम में फंसकर मौत के मुंह में समा जाते हैं। रेलवे स्टेशन से लेकर ललतारौ पुल तक व्याप्त अतिक्रमण और ऊपर से यहां 24 घंटे लगने वाले जाम के कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है। आला अधिकारी इस ओर से जानबूझकर आंखे मूंदे बैठे हैं, जिसके चलते स्थानीय लोगों सहित यात्रियों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है। 

गंगा स्वच्छता को लेकर जर्मन से ऋषिकेश पहुंची 13 सदस्यों की टीम

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ऋषिकेश, भारत सरकार के गंगा स्वच्छता मिशन को सफल बनाने के अभियान व सिटी सैनिटेशन प्लान के अंतर्गत जर्मन से तेरह लोगो का दल हरिद्वार, ऋषिकेश लक्ष्मण झूला पहुंचा जिसने गंगा स्वच्छता अभियान के तहत ऋषिकेश में हरिद्वार रोड पर पड़ने वाले नगर के कूड़े के साथ सर्व हारा नगर व लक्कड घाट मे बिछाए जाने वाली सीवर लाइन के कार्य को लेकर स्थलीय निरीक्षण किया।

जर्मन से आए उप मुख्य हेड आफ दि इकोनॉमिक्स एण्ड ग्लोबल डॉ. जसपर वीक के नेतृत्व में ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर गंगा की स्वच्छता व निर्मलता को बनाए रखने के लिए जहां स्थानीय लोगों से सुझाव मांगे वहीं टीम सदस्यों ने ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर वर्षों से नगर पालिका परिषद द्वारा डाले जा रहे कूड़े को लेकर स्थलीय निरीक्षण भी किया। उसके बाद सर्वहारा नगर तथा श्यामपुर स्थित लक्कड़ घाट सीवर लाइन का भी स्थलीय मुआयना किया।

टीम केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। इस अवसर पर डॉक्टर जस पर ने बताया कि भारत सरकार गंगा जी की स्वच्छता को लेकर काफी गम्भीर है इसी कार्य को सफल बनाने के लिए भारत व जर्मन की संयुक्त 13 सदस्यों की टीम ने मौके पर जाकर मुआयना किया। इस मौके पर उपस्थित टीम सदस्य साक्षी ने बताया कि इस टीम ने ऋषिकेश पहुंचने से पहले हरिद्वार में औद्योगिक क्षेत्र का भी मुआवना किया है।

दीप शर्मा ने बताया कि टीम को मलिन बस्तियों का मुआवना करवा दिया है। टीम ने त्रिवेणी घाट पर नमामि गंगे तथा राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन गंगा मिशन द्वारा आयोजित जन जागरूकता को लेकर नुक्कड़ नाटक व विज्ञान फॉर क्लीन गंगा पोस्टर प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर रमन लांबा,अनीता तिवारी, तथा गंगा सेवा समिति के सदस्य भी मौजूद थे।

संदिग्ध परिस्थितियों में युवक की मौत

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हरिद्वार, कनखल थाना क्षेत्र में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों की आशंका पर जगजीतपुर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। युवक अपनी रिश्तेदारी में यहां आया हुआ था।

पुलिस के अनुसार, गांव भगवानपुर थाना बढ़ापुर बिजनौर निवासी रिंकू कश्यप (23) पुत्र धर्मपाल कश्यप करीब एक पखवाड़ा पूर्व कनखल जगजीतपुर गांव में अपनी मौसी के यहां आया था। देर शाम रिंकू की तबीयत खराब हो गई, तत्काल उसे चिकित्सक के पास ले जाया गया। तबीयत रास्ते में अधिक खराब होने के कारण रिंकू को हरिद्वार न ले जाकर कनखल के ही रामकृष्ण मिशन अस्पताल में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

रात में ही युवक के परिजन हरिद्वार पहुंच गए।,युवक के पिता धर्मपाल कश्यप ने मौत को लेकर आशंका जाहिर की। इस पर पुलिस ने सुबह जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया। जगजीतपुर चौकी प्रभारी डीपी काला ने बताया कि, “पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा।”

ऋण मेले में सीएम ने किसानों को बांटे एक-एक लाख का चेक

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हरिद्वार, रुड़की स्थित नेहरू स्टेडियम में पं. दीनदयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना के अंतर्गत आयोजित ऋण मेले में प्रदेश के मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत एवं जनपद के विधायकों द्वारा हरिद्वार जनपद के 5176 किसानों को दो प्रतिशत ब्याज दर पर एक-एक लाख रुपये के ऋण का वितरण चेक के माध्यम से किया गया।

मुख्यमंत्री ने ऋण वितरण मेले का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि मेरे द्वारा इसी मैदान में पूर्व में यह वायदा किया गया था कि प्रदेश सरकार ऐसी योजना लाएगी जिससे छोटे किसान लाभान्वित होंगे व कृषि से संबंधित कोई भी कार्य कर सकेंगे और आज हम ऋण वितरण कर इस वायदे को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के अच्छे परिणाम मिलने पर भविष्य में इस योजना के अंतर्गत किसानों के लिए ऋण सीमा बढ़ाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान प्रदेश के विकास में बड़ा योगदान कर सकते हैं। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वह छोटे-छोटे कृषि कार्य अपनाकर प्रदेश के विकास व देश की जीडीपी वृद्धि में अपना योगदान दें। उन्होंने किसानों को बांस की खेती करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि वे दूसरे राज्यों से अच्छी नस्ल के दुधारू पशुओं का क्रय कर प्रदेश में पशुपालन व्यवसाय को बढ़ाएं। यह राज्य के लिए बड़ा योगदान होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। जिसके लिए फसल बीमा योजना, खाद, बीज एवं पशुचारा आदि कम कीमत में उपलब्ध कराना जैसी योजनाएं चलाकर सरकार किसानों को फायदा पहुंचा रही है। उन्होंने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों को कृषि से सम्बन्धित छोटे-छोटे कार्यों के लिए प्रेरित करें।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि अभी तक प्रदेश में सरकार 43 हजार किसानों को दो प्रतिशत ब्याज दर पर एक-एक लाख रुपये का ऋण उपलब्ध करा चुकी है। प्रदेश सरकार ने 26 जनवरी 2018 तक हरिद्वार जनपद के 30 हजार किसानों को ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। यह ऋण तीन वर्ष के लिए दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा 30 किसानों को ऋण चेक का वितरण किया गया। इस अवसर पर कृषि, उद्यान, मत्स्य, पशुपालन आदि विभागों द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी देने बावत स्टाॅल भी लगाये गए थे। 

योग शिक्षकों ने सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप

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श्रीनगर। योग प्रशिक्षितों ने बैठक में स्कूलों में योग शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू न होने पर सरकार के प्रति कड़ा आक्रोश व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

रविवार को वैली विजन संस्थान में योग प्रशिक्षित संगठन के बैनर तले योग प्रशिक्षित बेरोजगारों की एक बैठक आहुत की गई। इस दौरान योग प्रशिक्षितों ने कहा कि कई योग प्रशिक्षित निर्धारित आयु सीमा भी पार कर चुके हैं। ऐसे में सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। बैठक में संगठन के जिला अध्यक्ष कुलदीप कुमार ने कहा सरकार योग प्रशिक्षितों को कोरे आश्वासन देकर उनके भविष्य के साथ कुठाराघात कर रही है, जिससे योग प्रशिक्षितों में गहरा आक्रोश है। उन्होंने कहा सरकार तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करे नहीं तो आगामी निकाय व त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों सहित लोक सभा चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। बैठक में निशा बलूनी, सुरेश सिंह नेगी, रोशनी कुकशाल, मंनिदर सिंह नेगी, कविता भारती, रविंद्र सिंह आदि शामिल रहे। 

फिल्म फेस्टिवल में शॉर्ट फिल्म ‘श्वेतरक्त’ का चयन

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देहरादून। दून के ग्रामीण क्षेत्रों में फिल्माई गई पहली शॉर्ट फिल्म श्वेतरक्त का इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए चयन हुआ। रोम फिल्म फेस्टिवल, बर्सिलोना प्लानेट फिल्म फेस्टिवल, बर्लिन फ्लैश फिल्म फेस्टिवल व कैनेडियन फिल्म फेस्टिवल के लिए चयनित किया गया है। इस फिल्म में ए एंड एम प्रोडक्शन्स के प्रसिद्ध स्थानीय कलाकार व प्रोड्यूसर (निर्माता) कुनाल शमशेर मल्ला ने दिहाड़ी मजदूरी करने वाले पिता की मुख्य भूमिका निभाई है। इसके अलावा फिल्म श्वेतरक्त के निर्देशक एसआर मुकेश तथा इसकी लेखिका व को. प्रोड्यूसर (सह-निर्माता) अनुराधा पुंडीर मल्ला हैं।

फिल्म के मुख्य कलाकार कुनाल ने इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए अधिकारिक रूप से चयनित होने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस फिल्म के सभी कलाकारों के लिए यह गर्व का क्षण है। उन्होंने (श्वेतरक्त) के सभी क्रू एंड कास्ट सदस्यों को बधाई दी व आभार व्यक्त करते हुए कहा किए सभी कलाकारों व सदस्यों ने इस फिल्म में कड़ी मेहनत की है। इस फिल्म के प्रमुख कलाकारों व टीम के सदस्यों में कुनाल शमशेर मल्ल, डॉ विधु सक्सेना, जसमीत कौर, विमला ढ़ौंढिय़ाल, चंदा मंमगाई और सुशील यादव, मोन्टू रावत, सूरज नेगी, सोनिया क्षेत्री, अमर, राज रौतेला व संजय खरेवाल के नाम शामिल हैं। मलीहा मल्ला ने इस फिल्म में एक मनमोहक गीत (ओरी अम्मा) गाया है। बता दें कि श्वेतरक्त एक शॉर्ट फिल्म है, जो दिहाड़ी मजदूरी करने वाले पिता व उसकी 13वर्षीय पुत्री पर बनाई गई है। गुड्डी नाम की छोटी लड़की पर इस फिल्म की कहानी गांव में दूध का अभाव, लडक़ी की बदहाली, लड़कियों के प्रति घृणा व कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित है। 

यूईआरसी सेवाओं में लापरवाही पर ऊर्जा निगम को फटकार

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देहरादून। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) उपभोक्ता सेवाओं में हीलाहवाली पर ऊर्जा निगम को फटकार लगाने के साथ ही करोड़ों रुपये जुर्माना भी लग चुका है। लेकिन व्यवस्थाएं ज्यों की त्यों बनी हुई हैं और उपभोक्ताओं की चक्कर घिन्नी बनना बरकरार है। उपभोक्ताओं को समय पर बिजली कनेक्शन तक नहीं मिलता और बिल संग्रह केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव है।

यूईआरसी भी अभी तक विनियमों के अनुसार, जुर्माना आरोपित करने तक ही सीमित है। इसलिए निगम प्रबंधन पर कोई असर नहीं है। इतना ही नहीं, निगम व्यवस्था में सुधार के झूठे आंकड़े पेशकर जुर्माना माफ करने की याचिका भी यूईआरसी के समक्ष प्रस्तुत कर चुका है। लेकिन यूईआरसी ने इस झूठ को पकड़ते हुए माफी की याचिका खारिज कर दी थी। लेकिन सवाल जुर्माना आरोपित करने या उसे वसूल करने से ज्यादा व्यवस्थाओं में सुधार का है। दो साल पहले यूईआरसी ने कहा था कि कनेक्शन में देरी का जुर्माना जिम्मेदार कार्मिक के वेतन से वसूला जाए। यह व्यवस्था करीब छह महीने पहले लागू की गई, लेकिन अभी तक किसी भी कार्मिक के वेतन से जुर्माना नहीं लिया गया। नतीजतन वर्तमान वर्ष में भी आठ हजार से ज्यादा कनेक्शन पेंडिंग हैं।

14 करोड़ का लग चुका जुर्माना
यूईआरसी के रेगूलेशन में कनेक्शन जारी करने के लिए एक निश्चित अवधि निर्धारित है और इसके भीतर कनेक्शन जारी नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान है। पिछले आठ सालों में 14 करोड़ रुपये जुर्माना लग चुका है। लेकिन अभी तक 10 फीसद से भी कम जुर्माना जमा कराया है। पिछले दो साल में साढ़े 18 हजार से भी ज्यादा कनेक्शन जारी करने में देरी हुई।

रोजाना लग रहा ढाई हजार का जुर्माना
बिल संग्रह केंद्रों की कमी और केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं के अभाव की वजह से ऊर्जा निगम पर वर्ष 2005 से रोजाना ढाई हजार रुपये का जुर्माना लग रहा है। यह रकम एक करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। निगम ने छह महीने पहले बिल संग्रह केंद्र पर शेड, पेयजल, पंखे-कूलर, टॉयलेट, बैठने आदि का समुचित प्रबंध करने की योजना बनाई थी। इस पर करीब 11 करोड़ रुपये होने हैं। यूईआरसी निवेश की स्वीकृति भी दे चुका है, लेकिन स्थिति जस की तस है।
वहीं, यूईआरसी के सचिव नीरज सती ने बताया कि कुछ महीने पहले ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक ने उपभोक्ताओं को समय पर सेवाओं का लाभ प्रदान करने के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाने की बात कही थी। लेकिन, यूईआरसी ने पाया कि धरातल पर सबकुछ पहले की तरह चल रहा है। जुर्माने को जमा कराने के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है। अगर फिर भी निगम ने रकम जमा नहीं कराई तो नियमानुसार कुर्की की कार्यवाही शुरू करेंगे। हालांकि, यूईआरसी का उद्देश्य उपभोक्ताओं को मिलने वाली सेवाओं और सुविधाओं में सुधार करना है।
जब यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यूईआरसी ने जुर्माना माफ करने से इन्कार किया है। अब कनेक्शन में देरी के लिए जिम्मेदार कर्मियों से वसूली की जाएगी। इस बाबत सभी को अवगत करा दिया गया है। और ऐसा नहीं है कि व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो रहा। हमारा पूरा प्रयास है कि उपभोक्ताओं सेवाओं और सुविधाओं का लाभ समय पर मिले। थोड़ी समस्या कर्मियों की कमी के चलते है। प्रयास किया जा रहा है कि फील्ड कर्मियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति हो जाए।