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गढ़वाली फिल्म बौड़िगी गंगा 5 जनवरी से होगी प्रदर्शित

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ऋषिकेश। ड्रिम्स अनलिमिटेड फिल्म प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले निर्मित गढ़वाली फिल्म बौड़िगी गंगा अगामी पांच जनवरी से ऋषिकेश में प्रदर्शित की जाएगी। गढ़ संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल महासभा ने फिल्म के प्रमोशन में हर संभव सहयोग की घोषणा की है। कैलाश गेट मुनिकीरेती क्षेत्र स्थित एक होटल में रविवार को आयोजित बैठक में उत्तराखंडी संस्कृति के लोगों को फिल्म देखने के लिए अधिक से अधिक आर्कषित करने के लिए मंथन किया गया।

बैठक में फिल्म के निर्माता/निर्देशक अनिरुद्ध गुप्ता ने कहा कि फ़िल्म को ऋषिकेश रामा पैलेस में 5 जनवरी से प्रदर्शन हेतु सेंसर बोर्ड समेत सभी कार्यवाही पूरी की जा चुकी है। फ़िल्म के गीतकार और पटकथा लेखक अरुण बड़ोनी के अनुसार फ़िल्म के गीत मन को छूने वाले हैं।

महासभा के महामंत्री और फ़िल्म में पुलिस इंस्पेक्टर का किरदार निभा रहे उत्तम असवाल ने कहा कि बौड़िगी गंगा फीचर फिल्म आज की युवा पीढ़ी की पसंद के हिसाब से बनाई गई है, जिसमें अधिकतर कलाकार युवा है। समाजिक कार्यकर्ता हर्षित गुप्ता ने फ़िल्म में क्षेत्रीय प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने के लिए फ़िल्म निर्माता अनिरुद्ध गुप्ता के प्रयासों की सराहना की।

भाजपा कार्यसमिति में हुआ मंथन,सरकार के कार्यों की बनी रुप रेखा

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हल्द्वानी- कार्यसमिति की बैठक संगठन को मजबूती देने के साथ ही सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी भी निर्धारित करेगी, सीएम रावत ने कहा कि कार्यसमिति से जहां सरकार को दिशा मिलेगी वहीं कार्यसमिति के माध्यम से सरकार के बिते हुए कार्यकाल और आगामी रणनीतियों पर बी विचार किया जा सकेगा।

हल्द्वानी में आयोजित भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के अलावा मंत्री विधायक समेत 260 सदस्य बैठक में भाग ले रहे हैं। संगठन के तीन महीने के कार्य की समीक्षा जहां बैठक का एजेन्डा रखा गया है वहीं तीन महीनों के कार्यक्रम की रूपरेखा भी तय की जाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि संगठन को मजबूत करने के लिए कार्यसमिति की बैठक निर्धारित है। इसमें पिछले तीन महीने के कार्यों की समीक्षा होगी। इसमें अगले 3 महीने के कार्य की रूपरेखा तय की जाएगी। सभी को निर्धारित कार्यक्रम की जिम्मेदारी भी की जाएगी ताकि संगठन मजबूत हो सके। साथ ही सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया जाएगा।

बाईपास ना बनने पर बिफरे व्यापारी

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गदरपुर- बाईपास का निर्माण शुरू कराने को लेकर 15 दिसंबर को आमरण अनशन पर बैठे दो व्यापारी नेताओं को पुलिस ने जबरन उठा कर जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। आधी रात के बाद की गई इस कार्रवाई के विरोध में व्यापारियों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने बाजार बंद कराकर रोष का इजहार किया तथा थाने पहुंच कर थानाध्यक्ष पर चूडिय़ां फेंकी। थानाध्यक्ष व व्यापारियों के बीच तीखी झड़प भी हुई। यही नहीं पांच अन्य व्यापारी रविवार को आमरण अनशन पर बैठ गए।

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गदरपुर में बाईपास निर्माणाधीन है, जिसका कार्य लंबे समय से रुका हुआ है। बाईपास न होने के कारण गदरपुर में जाम की स्थिति रहती है, जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है। इसे लेकर समाजसेवी राजकुमार सिंधी व राजीव पपनेजा मुख्य मार्ग पर हजारी लाल पेट्रोल पंप के समीप आमरण अनशन पर बैठ गए थे। यहां बता दें कि हाईकोर्ट ने गदरपुर में अतिक्रमण हटाने के आदेश दे रखे हैं। व्यापारियों का कहना है कि यदि बाईपास शुरू हो जाए तो नगर में जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। पुलिस अनशन स्थल पर पहुंची तथा दोनों आमरण अनशन कारियों को जबरन उठा कर जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। आरोप है कि जबरन उनका अनशन तुड़वा दिया गया। कहा कि जिला प्रशासन व एनएचएआई के अधिकारी बाईपास का निर्माण कार्य जानबूझ कर लटकाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह व्यापारियों के साथ कंधे से कंधा मिला कर लड़ाई लड़ेंगे। वहीं राजकुमार सिंधी ने कहा कि जब तक गदरपुर में बाईपास शुरू नहीं हो तब तक एनएच 74 पर टोल वसूली रोकी जाए।

बंद घरों में चोरियां करने वाले गिरोह का पर्दाफाश 

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नीरज अग्रवाल, निवासी 14 आशिमा विहार ने थाना क्लेमनटाऊन, देहरादून मे तहरीर दी कि 8/12/17 को दिन मे जब वे अपनी माताजी के साथ महंत इन्दिरेश अस्पताल गये थे, जहां पत्नी का इलाज चल रहा था, तो दो घंटे बाद जब घर आये तो घर की लॉबी का ताला टूटा हुआ था एवं कमरे की आलमारियां खुली पड़ी थी और घर में सारा सामान बिखरा पड़ा था। आलमारी से मेरा कैनन कैमरा, आभूषण व कुछ नकदी चोरी हो गयी थी। सूचना पर थाना क्लेमनटाऊन ने तहरीर के आधार पर मु.अ.स 183 /17 धारा 454 / 380 भा.द.वि बनाम अज्ञात अभियुक्त पंजीकृत किया गया।

शहर क्षेत्र में हो रही चोरियों / नकबजनी की घटनाओं के कारण जनता के मध्य भय का माहौल पैदा हो गया था । संगीन घटनाओं की गम्भीरता को देखते हुए थाना क्लेमेन्टाउन ने पुलिस टीम गठित करी जिसके बाद टीम ने घटनास्थलों के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली एवं घटनास्थल के आसपास निवासरत किरायेदारों/लोगों से गहनता से जांच /पूछताछ की गयी एवं घटना के दिन जनपद से बाहर जाने वाले वाहनों की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली एवं थाना क्षेत्र में मुखबिर मामूर किये गये ।

फुटैज में एक वाहन घटना के दिन घटना स्थल के पास खड़ी दिखायी दी एवं संदिग्ध प्रतीत हुई । जिस आधार पर सुरागरसी -पतारसी करते हुये उक्त वाहन के मालिक का नाम /पते जानकारी, की गयी तो उक्त वाहन पूजा, जहांगीरपुरी, दिल्ली के नाम पर होना पाया गया । जिसके पश्चात तुरन्त थाना क्लेमनटाऊन से एक टीम दिल्ली रवाना हुई एवं दिल्ली में सुरागरसी पतारसी करते हुये मालूमात हुआ कि कार कमल चलाता है, जो चोर गिरोह का सदस्य है ।

पुलिस टीम ने जहांगीरपुरी क्षेत्र से वाहन एवं तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। जिनके पास से आशिमा विहार क्लेमनटाऊन से चोरी हुआ माल एवं अन्य कुछ जेवरात बरामद हुये, जिन्हें माल सहित गिरफ्तार किया गया एवं तीनों अभियुक्तगणों को आज प्रात: गिरफ्तार थाना क्लेमनटाऊन लाया गया ।

चुनाव नतीजों पर कांग्रेस-भाजपा के नेता कर रहे जीत के दावे

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हरिद्वार, गुजरात व हिमाचल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद आज का दिन कांग्रेस-भाजपा के लिए बेहद खास है। क्योंकि इसी दिन गुजरात-हिमाचल विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने जा रहे हैं। देश की दो बड़ी पार्टियां कांग्रेस-भाजपा की साख इस चुनाव में दाव पर लगी है।

चुनाव परिणाम से पहले विभिन्न चैनलों के एग्जिट पोल सर्वे के मुताबिक, दोनों राज्यों में बीजेपी को बहुमत मिलता दिख रहा है लेकिन ये एग्जिट पोल स्टीक हों ये जरूरी नहीं है। एग्जिट पोल के बाद जहां बीजेपी के खेमे में खुशी की लहर है वहीं कांग्रेसी इन एग्जिट पोल को सिरे से नकार रही है।

चुनाव नतीजों को लेकर हरिद्वार में भी नेताओं के बीच खासी चर्चाए सुनाई दीं। दोनों दलों के नेता अपनी पार्टी की सरकार बनने का दावा करते नजर आए। इन दोनों प्रदेशों के चुनाव नतीजे जहां भाजपा के लिए खासा मायने रखते हैं वहीं कांग्रेस के लिए भी चुनाव जीतना महत्वपूर्ण है। यदि कांग्रेस चुनाव हारती है तो यह राहुल गांधी की सीधे तौर पर हार होगी।

ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए ये चुनाव साख बचाने जैसा है। यदि भाजपा के पक्ष में परिणाम नहीं आते तो नोटबंदी व जीएसटी का इसे बड़ा कारण कहा जा सकता है। हालांकि हरिद्वार में भाजपा नेता अपनी पार्टी की पूर्ण बहुमत के साथ जीत के लिए प्रतिज आश्वस्त दिखाई दिए। कांग्रेसी भी जीत का दावा करते दिखाई दिए, किन्तु कहीं न कहीं अपने चेहरे पर हार का डर भी स्पष्ट झलकता हुआ दिखाई दिया। बहरहाल कुछ घंटे ही नतीजों के आने में बचे हैं।

वनाधिकार कानून के मामले में उत्तराखंड बहुत पीछे

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देहरादून। उत्तराखंड में वनाधिकार कानून को लागू करने में अब तक की सरकारें लापरवाह और उदासीन हैं। वन क्षेत्र में सदियों से निवास करने वाले समूहों व समुदायों का उत्पीडऩ तक किया जा रहा है। सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक मामले में बेहद दयनीय जीवन जीने वाले समुदायों पर अब तक की सरकारें विशेषकर वन महकमा दमनकारी ही रही हैं।

उत्तरांचल प्रेस क्लब सभागार में वन पंचायत संघर्ष मोरचा, वन जन श्रमजीवी यूनियन की तरफ से आयोजित सम्मेलन में वनाधिकार कानून 2006 पर गंभीर मंथन हुआ। देश के कोने कोने से आए वनवासियों ने अपना दर्द बयां किया।
रिटायर्ड आईएएस चंद्र सिंह व पर्यावरणविद् वीरेंद्र पैन्यूली ने कहा कि वनवासियों के प्रति सभी सरकारे क्रूर रही हैं। वनाधिकार कानून 2006 बनने के बाद भी हालात बेहतर नहीं हुए हैं। केंद्र और राज्यों की सरकारों का रवैया पूरी तरह से नकारात्मक रहा है। इसलिए अब संघर्ष के जरिए ही हालात बदलने की कोशिश होनी चाहिए। किसान सभा के सुरेंद्र सिंह सजवाण ने कहा कि वन पंचायतों को लेकर अभी भी हुकूमत पशोपेश में है। वह सरमाएदारों व कारपोरेट को तो हर तरह से मदद दे रही है लेकिन वनवासियों की उपेक्षा कर रही है। वनवासियों की समस्याएं पहाड़ जैसी हैं जिनके बारे में कोई स्पष्ट नीति नहीं है। वनाधिकार अधिनियम को लागू करने की इच्छा किसी स्तर पर नहीं दिख रही। अशोक चौधरी व तरुण जोशी ने कहा कि उत्तराखंड समेत बिहार, झारखंड, बंगाल, उत्तरप्रदेश में वनवासियों पर कहर बरपाया जा रहा है। भूमि के साथ ही आजीविका छीनी जा रही है। सरकारों का रवैया पूरी तरह से उपेनिवेशावादी मानसिकता वाला है। हमें आज भी नागरिक नहीं माना जा रहा है। संवैधानिक हर हकूक नहीं दिये जा रहे हैं। रोमा एनके शुक्ला, मौहम्मद शफी, मौहम्मद मीर ने कहा कि वन गुर्जरो को बेदखल किया जा रहा है। उन पर बे सिरपैर के आरोप जड़े जा रहे हैं। इसके पीछे बड़ी साजिश काम कर रही है। प्रदेश भर में वनाधिकार अधिनियम को लागू नहीं किया गया है। 

पॉलीथिन प्रतिबंध को बताया एनजीटी का स्वागत योग्य कदम

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ऋषिकेश, पर्यावरणविद् और सामाजिक आन्दोलनकारी विनोद जुगलान ने एनजीटी द्वारा पॉलीथिन पर प्रतिबंध का स्वागत योग्य कदम बताते हुए कहा कि यह आदेश ऐसे समय में आया है, जब सामाजिक आन्दोलनकारी पर्यावरण का चिंतन करते हुए स्थायी राजधानी गैरसैंण को बनाये जाने के लिए अनशन कर आन्दोलित हैं।

उन्होंने अपना वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि अधिकरण कापर्यावरण और सामाजिक आन्दोलनकारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि देश की राजधानी दिल्ली जहाँ भारत के निवास करते हैं वहाँ की आबोहवा को जब हम सुरक्षित नहीं रख पाए तो शीघ्र ही देहरादून की स्थिति भी विकराल रूप धारण करेगी। इसलिए हमें पर्यावरण संरक्षण हेतु शीघ्र हल निकालने के प्रयास करने होंगे।जिसका स्थायी हल स्थायी राजधानी गैरसैंण है जो इको फ्रेंडली राजधानी बनायी जाय।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा उत्तराखण्ड की धर्म नगरी हरिद्वार-ऋषिकेश से लेकर विश्वनाथ की नगरी उत्तरकाशी तक गंगा किनारे प्लास्टिक के बैग,प्लेट,चम्मच और डिस्पोजल गिलास के निर्माण, भण्डारण बिक्री सहित प्रयोग पर लगाये गए प्रतिबन्ध को उचित ठहराते हुए कहा कि पॉलीथिन प्रतिबंध से गँगा में बढ़ रहे प्रदूषण पर नियन्त्रण लग सकेगा। चूँकि भारतीयों के लिए गँगा केवल नदी मात्र नहीँ अपितु हमारी सभ्यता और संस्कृति है। जिसका सीधा सम्बन्ध करोड़ों करोड़ जनता की आस्था से जुड़ा हुआ है। इसलिए गंगा की सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत को बचाने के हमें प्रयास करने चाहिए। जो कठोर नियमो के साथ साथ जनजागरूकता से भी किये जा सकते हैं।

पर्यावरण आन्दोलनकारी जुगलान का कहना है कि, “प्रदेश की सरकार एनजीटी के आदेशों का शीघ्र पालन करते हुए गंगोत्री से हरिद्वार तक गंगा की पवित्रता संरक्षण और सफाई को जन जागृति अभियान चलाए ताकि हमारी अमूल्य धरोहर गँगा का अस्तित्व बचाया जा सके। उन्होंने बद्रीनाथ से लेकर हरिद्वार तक सीधे सीधे गँगा में गिराए जा रहे मलमूत्र को रोकने के भी उपाय करने की राज्य सरकार से माँग की है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि गंगा के संरक्षण को धरातल पर कार्य नही हुआ तो हमें हमारी नस्लें कभी माफ नहीं करेंगी। इसलिए एनजीटी के आदेश का सख्ती के साथ सरकार को पालन कराना चाहिए।”

हॉस्टल में करते थे शराब और चरस सप्लाई, दो गिरफ्तार

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देहरादून, थाना प्रेमनगर और थाना क्लेमेंट टाउन पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से दो लोगों को नशा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है। दोनों के पास से शराब और चरस बरामद हुई है। आरोपी कालेज के लड़कों को उनके कमरे, हॉस्टल और कॉलेज में शराब और चरस सप्लाई करते थे।

नशे के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत शनिवार की रात चौकी झाझरा पर चेकिंग के दौरान एक एक्टिवा से 30 बोतल अवैध अंग्रेजी शराब (मैक डोवेल्स व्हिस्की) हरियाणा ब्रांड के साथ एक अभियुक्त शिवम पुत्र महेंद्र को गिरफ्तार किया है। आरोपी मूल रूप से जिला बैशाली विहार का रहने वाला है। यहां झाझरा प्रेमनगर में रहता है। पूछताछ में उसने बताया कि यह शराब वह हरियाणा से सस्ते दाम पर खरीदकर लाता है और यहा कॉलेज व हॉस्टल मैं रहने वाले लड़कों को फ़ोन कर के बेचता है। आरोपी युवक बीएफआईटी मैं पढ़ता भी है।

वहीं थाना क्लेमेंट टाउन एरिया में चेकिंग के दौरान एक अभियुक्त गौरव सिंह पुत्र महिपाल सिंह फरसाण निवासी ग्राम व पोस्ट घाट थाना व जिला चमोली को 500 ग्राम चरस के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह चरस चमोली से खरीद कर लाया है। यहां स्थानीय छात्रों को मोटे दामों में बेचता था। 

बीएसएनएल सेवा हुई बहाल, संचालन शुरू

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त्यूणी,  छह दिन बाद तहसील क्षेत्र की बीएसएनएल सेवा बहाल होने से लोगों ने राहत की सांस ली। गांव समेत सभी जगह कार्यों का संचालन शुरू हो गया।

बीते मंगलवार को बिजली गिरने से डांडा स्थित एक्सचेंज के पल्स कार मॉड्यूल में खराबी आ गई। इससे सैज-तराणू और त्यूणी में लगे मोबाइल टावर भी काम करना बंद कर दिए थे, जिसके चलते 80 गांवों का संपर्क अन्य जगह से कट गया था। दुर्गम अंचल होने के कारण इन गांव में बीएसएनएल ही संचार का एकमात्र साधन है।

तहसील स्थिति ई डिस्ट्रिक्ट सेवा केंद्र में भी प्रमाण पत्र निर्गत संबंधी कामकाज नहीं हो पा रहे थे। बैंकों में भी लेन-देन प्रभावित हो रहा था। एसडीओ राजेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि मॉड्यूल को ठीक करने में देहरादून से टीम बुलाई गई थी, जिस कारण इतना समय लग गया।

यूपी ने उत्तराखंड को सौंपा अलकनंदा का मालिकाना हक

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हरिद्वार, उत्तर प्रदेश से पृथक होकर उत्तराखंड को राज्य बने 17 साल बीत जाने के बाद आखिर कार प्रदेश को हरिद्वार स्थित अलकनंदा होटल का मालिकाना हक मिल ही गया। बता दें कि अब तक ये बेशकीमती परिसंपत्ति उत्तर प्रदेश के कब्जे में थी।

गौरतलब हो कि अलकनंदा होटल को लेकर अब तक यूपी और उत्तराखंड के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी थी, लेकिन आज तक इसका कोई समाधान नहीं मिल पाया था। रविवार को आखिरकार आपसी समझौते के बाद उत्तर प्रदेश इस होटल को उत्तराखंड को देने को तैयार हो गया है। बताया जा रहा है इस होटल की जगह अब उत्तराखंड-यूपी को पास में ही एक स्थान उपलब्ध कराएगा।

सांसद रमेश पोखरियाल का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुनर्गठन एक्ट के अनुसार, जहां पर जो संपत्ति होगी वह उसी प्रदेश की होगी। इसलिए अलकनंदा होटल तो उत्तराखंड का ही था, अब औपचारिक रूप से ये हमें दिया जा रहा है, जो अच्छा कदम है। इससे सूबे के पर्यटन को भी काफी लाभ मिलेगा। वहीं, सपा ने भी उत्तर प्रदेश के इस फैसले का स्वागत किया है। सपा नेता सोनल प्रिंस का कहना है कि अब तो केंद्र, यूपी और उत्तराखंड में भाजपा सरकार है, तो उत्तराखंड को सभी परिसंपत्तियां मिल जानी चाहिए।