Page 254

मैड ने बुजुर्ग साथियों संग मनाया क्रिस्मस का पर्व

0

देहरादून, के शिक्षित छात्रों के संगठन, मेकिंग अडिफ्फेरेंस बाई बींग द डिफ्फेरेंस (मैड) संस्था के सदस्यों ने क्रिस्मस का पर्व प्रेम धाम के अपने बुजुर्गों के साथ मनाया। मैड सदस्यों ने न सिर्फ उनके साथ समय सांझा किया बल्कि उन्होने अपने साथियों के लिए खाने के व्यंजन भी बनाए।

क्रिस्मस का पर्व सभी के साथ खुशियां व प्यार बांटने का पर्व है और मैड के सदस्यों ने इसी भाव के साथ इस पर्व को मनाया। मैड की सदस्य सुभवि ने क्रिसमस पर्व को इस अंदाज में मनाए जाने के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कुछ घंटो की बातचीत ने ही हम सभी को लम्बे समय के लिए मुस्कुराने की वजह दे दी है।

सदस्य राहुल गुरु ने कहा कि मैड के इस अभियान में समाज के अलग अलग पक्ष एक साथ आकर एक दूसरे के लिये खुशी और प्रेर्णा का स्त्रोत बने है। उन्होंने कहा कि संस्था का सही मकसद है कि शहर के और लोग भी साथ आकर देहरादून को बेहतर बनने की उसकी पहल का हिस्सा बनेंगे। अभियान में शरद महेश्वरी, अक्षिता धवन, हरिता, जाहन्वी आदि ने मुख्य भूमिका निभाई।

गिरजाघरों में क्रिसमस पर्व पर सुबह से उमड़ी भीड़

0

विकासनगर, यीशु मसीह के जन्मदिन पर विकासनगर चकराता, बड़ा रामपुर स्थित चर्चों में सुबह से ही विशेष प्रार्थना व सभाएं की गई। वेदी सेवकों ने धूपदान कराया औऱ मदर मरियम के आगे श्रद्धालुओं ने मोमबत्ती जलाई और दुआएं मांगी।

सोमवार को पछवादून के तमाम गिरजाघरों में सुबह से ही क्रिसमस पर्व पर लोगों की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई। हिंदी, अंग्रेजी भाषाओं में पवित्र बाइबिल के संदेश सुनाए गए। लोगों ने घरों में भी केक काटकर प्रभु अवतरण की खुशियां मनाई। जगह-जगह क्रिसमस ट्री भी सजाए गए और दिनभर चर्च में प्रार्थना का दौर जारी रहा। रंग-बिरंगी रोशनी से गिरजाघर जगमगाए नगर आए।

लाल-सफेद लदबों में बच्चों को उपहार बांटते सेंटा क्लॉज और हवा में गूंजता जन्मा ओ जन्मा जग में मरियम का लाल जन्मा, हम चरवाहे नाचे झूमके, आया यीशु जग में तू पापियों को बचाने को, यीशु आया चरनी में, जन्मा जग में ‌मरियम का कैरल्स गीत गाया गया। विकासनगर वारियर गर्ल्स ने सोमवार को बाड़वाला स्थित बस्ती में रहने वाले बच्चों क्रिसमस पर्व मनाया। उन्होंने बच्चों को उपहार और टाफियां भी बांटी। इस मौके पर रेहाना सिद्दकी, प्रीति सैनी, मोसिन, नेहा चौरसिया आदि मौजूद रहे।

विन्टर कार्निवल व नववर्ष के अवसर पर मसूरी का यातायात प्लान

0

25.12.2017 से 1.1.2018 तक विन्टर कार्निवल व नववर्ष के अवसर पर मसूरी का यातायात प्लान मसूरी में बडे़ वाहनों/टूरिस्ट बसों का प्रवेश पूर्णत प्रतिबन्धित रहेगा। मसूरी में वाहनों की अधिकता एवं जाम की स्थिति में क्षेत्राधिकारी मसूरी एवं प्रभारी निरीक्षक कोतवाली मसूरी से समन्वय स्थापित करते हुये उनके निर्देश पर देहरादून से मसूरी की ओर जाने वाला सम्पूर्ण यातायात कुठालगेट से ऊपर नही जाने दिया जायेगा।

यातायात एवं रूट व्यवस्था:-

1. प्रातः 10:00 बजे से सांय 17:00 बजे तक किंग्रेग से टैक्सी स्टैण्ड/लाईब्रेरी चौक/कैम्पटी स्टैण्ड पर दबाव होने की दशा में देहरादून की ओर से मसूरी जाने वाले यातायात केा गज्जीबैंड से हाथीपांव हरनाम सिंह रोड होते हुये जीरो प्वाईंट की ओर डायवर्ट किया जायेगा।
2. कम्पनी बाग रोड पर दबाव की स्थिति में यातायात लाईब्रेरी से स्प्रिंग रोड बेवरली कॉन्वेन्ट स्कूल की ओर भेजा जायेगा।
3. झील पर यातायात दबाव की स्थिति में मसूरी से देहरादून की ओर जाने वाला यातायात जे.पी. मोड से बार्लोगंज झडीपानी होते हुये देहरादून आयेगा।
4. चम्बा/धनोल्टी रोड से आने वाले वाहनों को वाटाघाट चैकी से मसूरी की ओर नही भेजें जायेंगे बल्कि बाटाघाट से बाईपास रोड जेपी बैण्ड होते हुए मसूरी जायेंगे।
5. माल रोड नो पार्किंग जोन रहेगा। 16:00 बजे लाईब्रेरी चौक पिक्चर पैलेस से वाहनों के लिये माल रोड को प्रतिबन्धित किया जायेगा।
6. लण्ढौंर बाजार का मार्ग सकींर्ण है जिस पर दोनो रोड पर समानान्तर टैफिक मुश्किल से निकल पाता है अतः इस रोड को घंटाघर से अनुपम चौक तक व अनुपम चौक से लोवर रोड होकर घंटाघर तक वन-वे व्यवस्था की जायेगी।

पार्किंग व्यवस्था:-
1. लाईब्रेरी टैक्सी स्टैण्ड एम.डी.डी.ए पार्किंग।
2. लाईब्रेरी पर कैम्पटी टैक्सी स्टैण्ड मल्टी स्टोरी पार्किंग।
3. पिक्चर पैलेस पर एम.डी.डी.ए. पार्किंग।
4. पिक्चर पैलेस पर नगर पालिका परिषद पार्किंग।
5. किंग्रेग पर एक ओर पार्किंग।
6. घण्टाघर के पीछे साउथ रोड़ पर पार्किंग।
गेट सिस्टम:-मसूरी में यातायात का दबाव अधिक होने पर निम्नलिखित स्थानों पर गेट व्यवस्था कर थोडे-थोडे समय पश्चात वाहनों को रोककर आपसी समन्वय के पश्चात वाहनों को छोटे-छोट ग्रुप में भेजा जायेगा ताकि मसूरी में यातायात का दबाव कम किया जा सकेः-
1. कुठाल गेट
2. कोल्हूखेत
3. जेपी मोड के आगे।

सरकारी कामों में पार्दर्शिता और जवाबदेही लायेगा “उत्कर्ष”: मुख्यमंत्री

0

उत्तराखंड सरकार के कामों में तेजी और जवाबदेही लाने के मकसद से राज्य सरकार ने सोमवार को उत्कर्ष नाम की एक और डिजिटल पहल की। इस ऑनलािन डैशबोर्ड के जरिये सरकारी कामों पर नजर रखी जा सकेगी। इस मौके पर सीएम ने कहा कि सीएम डैशबोर्ड से सरकार के कार्यों में पारदर्शिता व गतिशीलता आयेगी। इसके माध्यम से आम जनता तक सरकार की योजनाओं व कार्यों की भी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी तथा जनसेवाओें को पारदर्शिता के साथ लागू करने, व्यवस्थित व सकारात्मक ढ़ंग से लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।”

सीएम डैशबोर्ड का नाम ‘‘उत्कर्ष’’(UttaraKhand Achieving Results in Systematic and Holistic Way) रखा गया है। इस डैशबोर्ड को राज्य आईटीडीए और निजि कंपनी के ाथ मिलकर तैयार किया गया है। अगले तीन साल तक ये निजि कंपनी इस डेशबोर्ड के रख रखाव का काम भी करेगी।

आखिर क्या है डैशबोर्ड उत्कर्ष 

  • डैशबोर्ड एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां से सभी सरकारी योजनाओं की प्रगति पर एक साथ नजर रखी जा सकती है।
  • किस किस योजना की क्या प्रगति है, लोगों को उस योजना का कितना फायदा मिल रहा है, विभाग किस गति से काम कर रहे हैं, किन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है इन तमाम बातों पर मुख्यमंत्री एक ही जगह से नजर रख सकते हैं।
  • सीएम डैशबोर्ड पूरी तरह आईटी पर आधारित है और यहां सारे विभाग ऑनलाइन जुड़े होते हैं।
  • यह डैशबोर्ड सेल्फ असेसमेंट के जरिए परिणाम प्राप्त करने का एक माध्यम है।
  • अभी इसकी शुरुआत में 14 अलग अलग विभाग इस डैशबोर्ड के साथ जुड़े हैं। भविष्य में अन्य विभागों को भी इसमें शामिल किया जाना है।
  • डैशबोर्ड से मुख्यमंत्री पता कर सकते हैं कि, किस विभाग की कौन सी योजना की क्या प्रगति है।
  • विभागों और योजनाओं के लिए स्वीकृत बजट में कितना खर्च हुआ है, और कहां कहां खर्च हुआ है।
  • डैशबोर्ड से यह भी पता लग सकता है कि, राज्य में मानव विकास सूचकांक, इकोनॉमिक इंडेक्स आदि सूचनाओं की क्या स्थिति है। मसलन पेयजल विभाग के तहत कितने घरों में पानी के कनेक्शन दिए गए हैं…कितने घरों में बिजली पहुंच चुकी है।
  • यानि राज्य में योजनाओं का वास्तविक लाभ जनता को मिल रहा है या नहीं और अगर मिल रहा है तो कहां तक मिला है, यह सब डैशबोर्ड से पता किया जा सकेगा।
  • उत्तराखंड की भौगोलिक स्थितियों के कारण कई बार अधिकारियों के साथ एक जगह पर बैठक नहीं हो पाती, लेकिन डैशबोर्ड के जरिए उनके कामकाजों की समीक्षा आसानी से हो जाएगी।
  • अगर किसी विभाग में भ्रष्टाचार कि शिकायत होती है, या उसके कामकाज को लेकर सवाल उठते हैं तो, मुख्यमंत्री को यह बात विभाग की परफॉरमेंस रिपोर्ट देखकर पता चल जाएगी।
  • यानी सचिवालय से लेकर जिलों तक किसी भी विभाग या अधिकारी ने लापरवाही बरती तो उस पर सीधी नजर रखी जा सकेगी।

इस मौक पर मुख्य सचिव ने कहा कि विभागों को दिये जाने वाले बजट व भौतिक लक्ष्यों की प्राप्ति, इससे लाभान्वित होने वाली जनता तथा योजनाओं के धरातलीय आंकड़ों की मोनिटरिंग डैशबोर्ड के माध्यम से हो सकेगी। सड़क, परिवहन, पुलिस व जिला प्रशासन को समेकित प्रयासोें से 2020 तक सड़क दुर्घाटनाओं को आधा करना है। इसी प्रकार स्वास्थ्य सेवाओं के विकास, लिगांनुपात के अन्तर को कम करने, नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की उपलब्धता आदि के पर्यवेक्षण की दिशा में कार्य करने तथा सोच में परिवर्तन लाने की प्रक्रिया में यह डैशबोर्ड मददगार होगा।”

 

वन विभाग ने क्षेत्र अलर्ट जारी कर बढ़ाई गश्त

0

पौड़ी। जनपद पौड़ी गढ़वाल के कालागढ़ में वन विभाग ने सुरक्षा के मद्देनजर गश्त बढ़ा दी है। कॉर्बेट नेशनल पार्क ने नव वर्ष पर सुरक्षा के मद्देनजर चौकसी व सुरक्षा बढ़ा दी है, जिसको देखते हुए पार्क प्रशासन ने सभी अधिकारियों को अतिरिक्त गश्त के आदेश दिए हैं।

कालागढ़ के रेंज अधिकारी आरके भटट, सोनानदी के रेंज अधिकारी हरीश चंद्र भटट व कोर जोन के रेंज अधिकारी नवीन चंद्र जोशी का कहना है कि, “वनों में गश्ती दलों को सतर्क कर दिया गया है। किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर पूरी निगाह रखी जा रही है। फेस्टिव सीजन में अक्सर कालागढ़ व सोनानानदी रेंज तस्करों और बावरिया गिरोह के निशाने पर रहती है। यहां बाघ व अन्य वन्य जीवों के शिकार को रोकने के लिए वन विभाग गश्त कर रहा है।” उन्होंने बताया कि ऐसे ही अवसरों पर बाबरिया जैसे गिरोह जंगल में घुस जाते है और जंगली जानवरों का शिकार करते हैं। पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। इसको देखते हुए ही सभी अधिकारियों को अतिरिक्त सुरक्षा के दिशा निर्देश दिए गए हैं।

सड़क किनारे रात गुजारने को मजबूर कुष्ठ रोगी

0

हरिद्वार, जिला प्रशासन की निष्क्रियता के चलते हरिद्वार के चंडीघाट क्षेत्र में दर्जनों कुष्ठ रोगी परिवार सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। दरअसल, तीन महीने पहले राष्ट्रपति के हरिद्वार दौरे के दौरान सुरक्षा कारणों से उजाड़े गए, इनके आवास आज तक नहीं बनाकर दिए गए हैं।

बता दें कि 23 सितम्बर को राष्ट्रपति हरिद्वार दौरे पर आए थे, इस दौरान चंडीघाट क्षेत्र में उनके कार्यक्रम को देखते हुए प्रशासन ने वहां से करीब तीन दर्जन कुष्ठ रोगियों की झुग्गियों को नई झोंपड़ियां बनवाने का आश्वासन देकर तोड़ दिया था, लेकिन कुष्ठ रोगियों के आवास को तोड़े हुए तीन महीने बीत जाने के बाद भी इनके लिए नई झोपड़ियां नहीं बनाई गई हैं। वहीं तीन माह बीत जाने के बाद भी कुष्ठ रोगियों के आवास न बनाए जाने पर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। मामले में कोर्ट ने जिलाधिकारी और जिला कुष्ठ अधिकारी को नोटिस जारी किया है।

कुष्ठ रोगियों का कहना है कि जब बड़े-बड़े आश्रमों को जमीन लीज पर दी जा सकती है, तो कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों को क्यों नहीं। इस मामले में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का कहना है कि ऐसे लोगों को सरकार मकान बनाकर देने जा रही है, जो सरकारी भूमि पर अवैध रूप से काबिज हैं। गौरतलब हो कि सरकार भले इन लोगों को आवास बनाकर देने की बात कर रही हो, लेकिन जिन लोगों के पास दो जून की रोटी के लाले पड़े हों वे इन मकान के लिए साढ़े तीन लाख रुपये कहां से लाएंगे।

आयुर्वेद विवि को ढूंढे नहीं मिल रहे छात्र

0

देहरादून। राज्य में चिकित्सा शिक्षा के हाल खराब होते जा रहे हैं। सरकार भले ही बेहतर सुविधाओं और संसाधनों के दावे कर रही हो, लेकिन मौजूदा स्थिति जो तस्वीर पेश कर रही है, उससे तो सरकारी दावों के उलट ही नजर आ रहा है। आयुष शिक्षा की बात करें तो आलम यह है उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय को इन दिनों पाठ्यक्रमों के लिए छात्र ढूंढे नहीं मिल रहे हैं।

आयुर्वेद विवि को लेकर छात्रों का रुझान लगातार कम हो रहा है। इसका कारण है विवि के पास पर्याप्त सुविधाएं और संसाधनों का न होना। इसे लेकर निरंतर आंदोलन भी किए गए। इन्हीं आंदोलनों का असर है कि अब नए छात्रों का विवि को लेकर रुझान कम हो गया है। विवि भी इसे कहीं न कहीं स्वीकार कर रहा है कि विवि ने इस बार दाखिले के लिए नियमों तक में समझौता कर डाला। विवि ने इस बार नियमों में बदलाव करते हुए उत्तराखंड आयुष प्री-मेडिकल टेस्ट यानि यूएपीएमटी परीक्षा में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों के लिए दाखिला के द्वार खोल दिए। यानि दाखिले के लिए न मेरिट में आने की जरुरत, न रैंक की आवश्यकता और न ही बेहतर नम्बर लाने की बाध्यता। महज परीक्षा में शामिल होने पर भी विवि छात्रों को दाखिला देने का काम कर रहा है। एक ओर तो उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय छात्रों की घटती संख्या झेल रहा है दूसरी ओर प्रदेश में लगातार आयुर्वेद कॉलेजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। विवि के मुख्य परिसर के अलावा ऋषिकुल और गुरुकुल परिसरों सहित तकरीबन दस निजी आयुर्वेदिक कॉलेज शामिल हैं, लेकिन इन संस्थानों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिस कारण छात्रों की संख्या को लेकर समस्या और गहराने लगी है जो आने वाले समय में यह समस्या और भी बड़ी होती जा रही है।

मामले में विवि के कुलसचिव प्रो. अनूप कुमार गक्खड़ का कहना है कि इस बार यूएपीएमटी में शामिल होने वाले भी विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकते हैं। यह फैसला छात्रों की संख्या में बढ़ाने के लिए लिया गया है। ऐसा नहीं है कि विवि छात्रों की कम संख्या झेल रहा है, बल्कि पाठ्यक्रमों को लेकर छात्रों का रुझान भी काफी देखा जा रहा है। यह फैसला केवल आयुष क्षेत्र में छात्रों की रुचि बढ़ाने को लिया गया है जो आने वाले समय में छात्रों का रुझान बढ़ाएगा।

निजी कॉलेज: उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल, देहरादून। हिमालयन आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्प्टिल, देहरादून । पतंजलि आयुर्वेदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल, हरिद्वार। ओम आयुर्वेदिक कॉलेज एंड हॉस्प्टिल, रुड़की, हरिद्वार। मदरहुड आयुर्वेदिक एंड मेडिकल कॉलेज, भगवानपुर, हरिद्वार। हरिद्वार आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, लक्सर रोड, हरिद्वार। श्रीमति मंजरी देवी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, हितानु धनारी, उत्तरकाशी।
होमियोपैथिक कॉलेज : चंदोला होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज, रुद्रपुर, उधमसिंह नगर। परम हिमालय होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, डोइवाला, देहरादून। यूनानी कॉलेज:उत्तराखंड यूनानी एंड मेडिकल कॉलेज, लक्सर रोड, हरिद्वार

हरिद्वार जिला कारागार में एचआईवी की दस्तक, 16 युवा कैदियों में पुष्टि

0

हरिद्वार। जानलेवा बीमारी एचआइवी एड्स ने हरिद्वार के जिला कारागार रोशनाबाद में दस्तक दे दी है। राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा हाल ही में कारागार में करवाई गई जांच में 16 कैदी एचआइवी पॉजिटिव पाए गए हैं। इस बीमारी की चपेट में आने वाले सभी कैदी युवा बताए जा रहे हैं।

हरिद्वार जिला कारागार में 16 कैदियों के एचआइवी पॉजिटिव होने से हडकंप मच गया है। जिले के एचआइवी नोडल अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि बीमारी का खुलासे होने के बाद से एचआइवी पॉजिटिव कैदियों का उपचार शुरू कर दिया गया है। गौरतलब है कि रोशनाबाद जेल में इस समय कुल 1175 कैदी बंद हैं। इनमें से करीब 450 विचाराधीन हैं। सूत्रों के मुताबिक केवल पुरूष कैदी ही एचआइवी पाजिटिव पाए गए हैं उनमें से कई विचाराधीन भी हैं। मामले को लेकर हरिद्वार जिलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि बीते जुलाई माह में देहरादून के नार्को विभाग से जांच कराई गई थी। जिसमें कैदियों के एचआइवी पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। बहरहाल इन कैदियों का पूरा उपचार कराया जा रहा है।

विवाहिता को मारपीट कर घर के बाहर फेंक गए ससुराल वाले

0

रुड़की। एक विवाहिता को उसके पति एव ससुराल वालों ने मारपीट कर उसे उसके मायके के बाहर फेंक कर फरार हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने विवाहिता को 108 एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भेजा। महिला की हालत गम्भीर बनी हुई है।

जानकारी के अनुसार मुक़र्रबपुर निवासी जहूर आलम की 25 वर्षीय पुत्री की शादी करीब दो वर्ष पहले बहदराबाद थाना क्षेत्र के मरगुबपुर गांव में हुई थी। परिजनों ने बताया कि तभी से युवती के साथ उसके ससुराल वाले मारपीट करते आ रहे थे और दहेज की मांग करते रहते है। विवाहिता अधिकतर अपने घर पर रहती थीं। विवाहिता को बार बार दहेज लाने को कहते थे। विवाहिता बहुत गरीब परिवार से है। कुछ माह पहले विवाहिता के माता पिता का देहांत हो गया हैं। घर में एक उसका भाई है। करीब 15 दिन पहले प्रतिष्ठित लोगों के कहने पर विवाहिता को उसके ससुराल वाले अपने साथ ले गए थे। रविवार को उसके पति एव ससुराल वालों ने विवाहिता के साथ मारपीट कर मुक़र्रबपुर गांव में मायके के घर के बाहर सड़क पर फेंक कर चले गए। रात में विवाहिता सड़क पर पड़ी रही। विवाहिता के परिजनों ने घर के बाहर जाकर देखा तो उनके होश उड़ गए। घर के बाहर पड़ोसियों की भीड़ लग गई। लोगो ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर विवाहिता को 108 से अस्पताल भिजवाया। थाना प्रभारी देवराज शर्मा ने कहा है कि घटना की जानकारी मिली है। तहरीर आने पर कार्यवाही की जाएगी।

मैड ने रिस्पना उद्गम स्थल पर चलाया सफाई अभियान

0

देहरादून। देहरादून के शिक्षक छात्रों के संगठन मेंकिग अ डिफरेन्स बाय बीइंग द डिफरेन्स (मैड) संस्था ने अपनी साप्ताहिक कार्यक्रम के तहत रविवार को एक सफाई एवं जागरूकता अभियान का आयोजन किया। अभियान के तहत संस्था ने रिस्पना पुनर्जीवन पर चल रही मुहिम को आगे बढ़ाते हुए रिस्पना नदी के आसपास का कचरा साफ किया।

रविवार के अभियान के अंतर्गत लोगों में रिस्पना नदी का उद्गम स्थल को लेकर जागरुकता लाना था। इस दौरान संस्था के सदस्यों ने नदी का उद्गम स्थल क्या है, वह कहां से निकल कर आती है, कहां मैली हो जाती है और कहां जल संवर्धन के प्रयास किए जा सकते है व नदी को पुराने स्वरूप में लाया जा सकता है इसे लेकर जानकारी दी। वहीं दूसरी ओर उस क्षेत्र में फैले नाना प्रकार के कचरे जैसे प्लास्टिक, पॉलिथीन के पदार्थ आदि की सफाई के लिए संस्था ने अपने ही सदस्यों की विभिन्न टुकड़ियां बनाई। एक टुकड़ी का काम था नदी में उतर कर सफाई को अंजाम देना वहीं दूसरी टुकड़ी का काम था जो पैदल चलने के मार्ग में कूड़ा फैला हुआ था और जो झाड़ियों में फैला हुआ था, उसको साफ करना। एक टुकड़ी ने खास तौर पर इस ओर अपना ध्यान आकर्षित किया कि जो पर्यटक, परिवार आदि के साथ वहां आए उन्हें जागरूक किया जाए। युवाओं के इस अभियान को पर्यटकों और स्थानीय लोगों द्वारा न सिर्फ जमकर सराहा गया बल्कि पूरा सहयोग भी मिला। यह अभियान दिन तक चला जिसके बाद सभी सदस्य अपने अपने घर लौट गए। इस अभियान में संस्थापक अध्यक्ष अभिजय नेगी, राहुल गुरु, दक्ष रावत, शरद माहेश्वरी, पल्लवी भाटिया, सात्विक आदि ने अहम भूमिका निभाई।