ऋषिकेश। ऋषिकेश महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्रा इकाई ने सात दिवसीय शिविर के चौथे दिन कैंप स्थल कोविलूर वेदांत मठ से चन्द्रेश्वर महादेव मंदिर तक स्वच्छता रैली निकाली।
इस दौरान क्षेत्रवासियों को शिविरार्थियों ने स्वच्छता का संदेश देकर अपने घरों को साफ और स्वच्छ रखने के साथ बीमारियों से बचने के लिए घरों के आसपास के क्षेत्र को भी साफ रखने की अपील की। बाद में मन्दिर परिसर में छात्राओं द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया गया। इससे पूर्व गुरुवार सुबह राष्ट्रीय सेवायोजना अधिकारी डॉ अंजु भट्ट व कार्यक्रम अधिकारी डॉ रूबी तब्बसुम के दिशा-निर्देशन में तमाम शिविरार्थियों ने मलिन बस्ती चन्द्रेश्वर नगर में स्वच्छता रैली निकाल लोगों जागरूक किया। इस मौके पर डॉ सतेंद्र कुमार, डॉ अशोक नेगी, डॉ अनिल, डॉ दयाधर दीक्षित आदि मौजूद रहे।
एनएसएस छात्राओं ने निकाली स्वच्छता रैली
दून की सड़कों पर ई-रिक्शा चलाने वाली पहली महिला बनी गुलिस्तां
देहरादून। नारी शक्ति जो ठान ले उसे कर गुजरने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देती है। ऐसी एक मिसाल राजधानी दून के इंदर रोड नई बस्ती निवासी 25 साल की गुलिस्तां अंसारी ने पेश की है। गुलिस्तां जब सड़कों पर रिक्शा लेकर निकली तो ऐसी नजर नहीं थी जो उनको बिना देखे रह पाई हो। परिवार की जिम्मेदारियां और पिता की मृत्यु ने गुलिस्तां के हाथ में रिक्शा थामा दिया और दून की पहली ई-रिक्शा महिला चालक बनने का गौरव हासिल किया।
गुलिस्तां ने टीम न्यूजपोस्ट से बातचीत में बताया कि ”वह ई-रिक्शा से रोजाना करीब 500 रुपये कमाती हैं। इससे माह में 2500 की बैंक किस्त भी निकालती है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि पहले वह एक दवाई कम्पनी में काम करती थीं। लेकिन वहां वेतन कम होने के कारण गुजारा करना मुश्किल हो जाता था। जिसके बाद उन्होंने स्वरोजगार की राह चुनी। और ई रिक्शा चलाना शुरु कर दिया। उन्होंने बताया कि चालक के रुप में बीते 20 दिन के तजुर्बे से वह खुश हैं। वे स्वरोजगार की दिशा में काम कर रहे लोगों को बैंक से मिलने वाले पैसे पर छूट की पक्षधर हैं। उन्हें पुरुष रिक्शा चालकों से भी सहयोग मिला। साथ ही महिला और लड़कियां उनकी ई रिक्शा से चलना काफी पसंद करती है और अपने को बहुत सेफ भी महसूस करती हैं।”
गुलिस्ता ने बताया कि उनके पिता की वर्ष 2007 में मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद उनकी मां ने मजदूरी कर परिवार पाला, बहनों की शादी की। अब मां बूढ़ी हो गई हैं। छह बहनों में सबसे छोटी गुलिस्तां ने घर का बेटा बनने की ठानी। गुलिस्तां सिर्फ पांचवीं कक्षा तक पढ़ी हैं, लेकिन उन्होंने पुरुष प्रधान समाज के सभी दायरों को तोड़ते हुए स्वरोजगार एवं नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में ठोस कदम उठाया है। उन्होंने मेहनत करना अपनी मां से सीखा है। उन्होंने बैंक से लोन लेकर ई रिक्शा खरीदा और फिर बेधड़क रूट पर निकल पड़ीं।
गुलिस्ता ना केवल अपने परिवार के लिए बल्कि उन जैसी हजारों महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं जो अपने पैरों पर खड़े होकर अपने परिवार का पालन-पोषण करना चाहती हैं।टीम न्यूजपोस्ट गुलिस्ता और उनके जैसे और भी महिलाओं के जज्बें को सलाम करता है।
ब्लास्ट से दो मजदूरों की मौत दो घायल
चंपावत- सड़क बनाते समय बड़ी चट्टान तोड़ने के लिए किया गया बारूदी विस्फोट तबाही लेकर आया। विस्फोट होते ही भारी भूस्खलन हो गया। इसमें दो श्रमिक मलबे में जिंदा दफन हो गए। जबकि तीन श्रमिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मरने वालों में एक श्रमिक हिमाचल प्रदेश का निवासी था। हादसा ठुलीगाढ़ से जौलजीबी तक सड़क निर्माण कार्यके दौरान हुआ।
कंपनी कर्मचारियों ने अंग्रेजी पहाड़ी के पास बड़ी चट्टान तोड़ने के लिए बारूद लगाकर विस्फोट किए। इसकी बाद इस पहाड़ी पर अचानक भारी भूस्खलन हो गया। इससे मजदूरों में भगदड़ मच गई। इस दौरान निर्माण कार्य में लगे मजदूर पिथौरागढ़ के एंचोली निवासी भवानी दत्त भट्ट (43) पुत्र हरि दत्त भट्ट व हिमाचल प्रदेश के हारबड़ा पुष्खेड़ा, जिला ऊना निवासी राजेश (32) मलबे में दब गए। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। मलबे में दबे साथियों को निकालने के प्रयास में मोहन सिंह पुत्र धन सिंह निवासी जोगबूड़ा नेपाल, प्रताप सिंह पुत्र पूरन सिंह निवासी तातापानी नेपाल व नरेश सिंह पुत्र जगत सिंह ऊंचौलीगोट टनकपुर गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें उपचार के लिए संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
प्रधानमंत्री की योजना में भी फर्जीवाड़ा
जसपुर- जीरो टालरेंस की सरकार में एक और फर्जीवाडे का खुलासा हुआ है यहां तो प्रधानमंत्री की योजना पर ही पलीता लगा दिया गया और अपात्रों को ही पात्र बताकर योजना की धनराशि ही वितरित कर दी गयी, जिसकी जांच में पुष्टी हुई तो अब रिकवरी करने में अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नगर पंचायत महुआडाबरा ने तीन अपात्रों को चेक वितरित कर दिए गए। निरीक्षण के दौरान मामला जब एसडीएम के संज्ञान में आया तो उन्होंने तत्काल इन चेकों को कैंसल करवा दिया। एसडीएम ने संबंधित अधिकारी को अपात्रों से धनराशि की रिकवरी के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासहीन, किरायेदार, कच्चे मकान एवं खाली प्लॉट में रहने वाले गरीब व बेसहारा लोगों को सरकारी मदद के जरिये भवन निर्माण कराने के लिए धनराशि प्रदान की जाती है। योजना के तहत बनने वाले भवन के लिए केंद्र सरकार ने नगर पंचायत महुआडाबरा में 370 लाभार्थियों को लाभ दिए जाने की स्वीकृति हुई। पहली किस्त के रूप में प्रति लाभार्थी को बीस हजार रुपये के चेक दिए गए। लाभार्थी को तीन किस्त के जरिये दो लाख रुपये दिए जाने हैं। जिससे गरीब अपना भवन निर्माण कर सके, लेकिन यहां कई उन लोगों को भी योजना के चेक वितरित कर दिए गए जो पात्र नहीं थे।
इसकी शिकायत जब एसडीएम दयानंद सरस्वती को मिली तो उन्होंने निरीक्षण किया। इस दौरान एसडीएम को नगर पंचायत महुआडाबरा के वार्ड बारह में तीन लाभार्थी ऐसे मिले जिनके पहले से मकान हैं। यह देख एसडीएम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ईओ हरिचरन सिंह को उनके चेक कैंसल करने की संस्तुति कर दी और पैसे की रिकवरी कराने के निर्देश दिए।
धरने पर बैठे पूर्व मुख्यमंत्री कहा सामने आये दूंगा हिसाबः रावत
रुद्रपुर- सूबे की सरकार के खिलाफ अब कांग्रेस ने आरपार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है इसी के चलते आज सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उधम सिंह नगर जिले के मुख्यालय रुद्रपुर में एक दिवशीय सांकेतिक धरना दिया, इस दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य, पूर्व मंत्री तिलक राज बहेड सहित जिले के हजारों कार्यकताओ ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सूबे की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार ने राज्य में कोहराम मचाया हुआ है जितनी भी योजनाओ को कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू किया गया था सभी जन कल्याण कारी योजनाओ को बंद कर दिया गया है इसके साथ साथ उधम सिंह नगर जिले में किसानों से लेकर व्यपारियो को सताने का काम सरकार कर रही है कहीं चीनी मिल बंद की जा रही है तो कही व्यपारियो को चौड़ीकरण के नाम पर सताया जा रहा है इसके अलावा आम जनता से जुड़ी योजनाओ जैसे गौरा कन्याधन योजनाओ को बंद कर दिया गया है अब सरकार का चाबुक गरीबो में पड़ा है गरीबो को मिलने वाला राशन बंद कर दिया है लगातार सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार के मंत्री के उस बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब तक कांग्रेस का एक भी कार्यकर्ता जिंदा है तब तक गाँधी नेहरू के संविधान को नही बदलने दिया जाएगा।
वही उन्होंने कहा कि बीजेपी की करनी ओर कथनी में अंतर है पहले तो कांग्रेस सरकार को लोकायुक्त बनाने नही दिया गया अब जब बीजेपी सत्ता में है तो लोकायुक्त बनाने में लेटलतीफी कर रही है अब सरकार मीडिया पर भी शिकंजा कस रही है मुख्य सचिव के उस की निंदा करते हुए कहा कि सरकार नही चाहती कि कोई भी योजना की जानकारी मीडिया के पास पहुचे, इसी लिए सरकार के इशारे पर मुख्य सचिव द्वारा सभी अधिकारियों को पत्र लिख कर योजनाओ की जानकारी साझा ना करने की हिदायत दी है।
मिस ग्रेंड इंटरनेशनल इंडिया अनुकृति बनेंगी हरक सिंह रावत की बहू
हमेशा सुर्खियों में रहने वाले उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत एक बार फिर सुर्खियों में बने हुए हैं,हालांकि इस बार वजह कोई विवाद नहीं बल्कि उनकी होने वाली बहू हैं।नए साल को शुरु हुए तीन दिन ही हुए हैं और चौथा दिन रावत परिवार के लिए कभी ना भूलने वाला दिन होगा।जी हां साल 2018 हरक सिंह रावत व उनके पिरवार के लिए यादगार बनने जा रहा है।
आपकों बतादें कि इस साल यह परिवार बहू लाने की तैयारी में है। बहू भी जानी मानी मॉडल और ‘मिस ग्रेंड इंटरनेशनल इंडिया, 2017’ अनुकृति गुसाईं हैं। मंत्री हरक सिंह के बेटे तुषित रावत के साथ अनुकृति की शादी तय हुई है, आने वाले 18 -19 अप्रैल को दून में रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल के ग्राउंड में तुषित व अनुकृति की शादी का समारोह होगा।
वन मंत्री हरक सिंह रावत और पौड़ी जिला पंचायत अध्यक्ष दीप्ति रावत के बेटे तुषित रावत की मॉडल अनुकृति के साथ शादी की चर्चाएं काफी समय पहले से चल रही थीं। अाखिरकार इस गुड न्यूज पर खुद हरक सिंह ने मुहर लगाई है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि पिछले दिनों दोनों परिवारों ने विवाह की तिथि भी तय कर दी है। सेंट जोसेफ एकेडमी से 12वीं करने वाले तुषित ने जर्मनी और अमेरिका में उच्च शिक्षा पूरी की। अभी तुषित शंकरपुर स्थित दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में बतौर एमडी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, इतना ही नहीं तुषित के फेसबुक पेज भी इन दोनों के रिश्तों की कहानी बयां कर रहा है।
हरक परिवार के करीबी सूत्रों के मुताबिक रावत और गुसाईं परिवार एक-दूसरे को काफी पहले से जानते हैं। गुसाईं परिवार लैंसडौन का रहने वाला है, यहीं से हरक सिंह विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक अनुकृति भी हरक सिंह के चुनाव प्रचार में भी भूमिका निभाती रही हैं।
अनुकृति ने 2015 में मिस दून का खिताब जीतकर बतौर मॉडल ग्लैमरस करियर की शुरुआत की। मुंबई-दिल्ली में कई शो किए। अगस्त में मुंबई में हुए मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल 2017 का खिताब जीता। इसी आधार पर वह अक्तूबर में वियतनाम में आयोजित मिस ग्रैंड इंटरनेशनल 2017 में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए टॉप छह में पहुंचीं। फैमिना मिस इंडिया 2017 में भी भाग ले चुकी हैं, मां नर्मदा गुसाईं शिक्षिका हैं व पिता लैंसडाउन में बिजनेस करते हैं।
उत्तराखंड में बर्फबारी की संभावना
देहरादून, उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में अगले 24 घंटों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है, जबकि मैदानी इलाकों में कोहरा छाये रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों में उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में विशेषकर ऊंचाई वाले स्थानों पर हल्की बारिश व बर्फबारी होने की संभावना है।
प्रदेश में अगले 72 घंटों के दौरान मैदानी क्षेत्रों में विशेषकर हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल तथा ऊधमसिंह नगर में कोहरा छाया रह सकता है।
वहीं उत्तराखंड मौसम विभाग के डायरेक्टर विक्रम बख्शी ने कहा कि, आज रात से कल शाम तक ऊंचाई वाले स्थानों पर थोड़ी बिजली कड़कने की संभावना है, बाकी मैदानी क्षेत्रों में 2-3 दिन तक कोहरा छाया रहेगा।आने वाले दिनों में 9-10 तारीख तक मैसम ठीक रहेगा।
देहरादून ही नहीं, मसूरी भी कर रहा रिस्पना का दमनः मैड संस्था
देहरादून। रिस्पना नदी में गंदगी का कारण केवल देहरादून नहीं, बल्कि मसूरी और आसपास का इलाका भी है। यह तथ्य मैड संस्था के शोध के बाद सामने आया। संस्थान के आठ घंटे में किए गए सात किलोमीटर के सफर में शोध में यह तथ्य सामने आए।
देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन मेकिंग ए डिफ्फेरेंस बाय बीइंग द डिफ्फेरेंस (मैड) संस्था के सदस्यों द्वारा किया गया आठ घंटे का रिस्पना नदी का ट्रैक कुछ चौंका देने वाले तथ्य सामने ला रहा है। इस बार सदस्यों ने उस क्षेत्र से अपनी शोध यात्रा शुरू की जहां तक वह शिखर फॉल्स एवं राजपुर से होते हुए पहुंच गए थे। शिखर फॉल्स से बरलोगंज तक का सफर तय करने के बाद इस बार संस्था के सदस्यों ने बरलोगंज के ही पास स्थित मौसी फॉल्स से मौसी नदी, जो रिस्पना की सबसे बड़ी सहायक नदी है, उसका पीछा करना शुरू किया और अंत में लगभग आठ घंटो में सात किलोमीटर की जटिल यात्रा तय करने के बाद मैड के युवा वुडस्टॉक स्कूल के समीप के जंगल से निकले। शोध यात्रा के दौरान यह सामने आया कि आम जन मानस में जो प्रचलित है उसके विपरीत, रिस्पना का दमन न सिर्फ देहरादून में हो रहा है बल्कि मसूरी भी अनियंत्रित तरीके से रिस्पना का पानी चूस रही है।
मौसी फॉल्स के ऊपर के क्षेत्र में चलते चलते मैड संस्था के सदस्यों ने लगभग चार पांच पानी के टैंक देखे जिससे यह साफ हुआ कि यह पानी नदी से सीधे खींचा जा रहा है। आम तौर अधिकारीगण सिर्फ इतना मानते थे कि रिस्पना का पानी जल संस्थान द्वारा शिखर फॉल्स से लिया जा रहा है जबकि अब यह सामने आ रहा था कि कई जगहों पर शिखर फॉल्स पहुंचने से कई कदम पहले मौसी फॉल्स से भी पूर्व मसूरी क्षेत्र में रिस्पना का पानी लिया जा रहा है। सबसे चौंका देने वाली बात तो यह थी कि कई जगह यह पानी जल संस्थान एवं जल निगम द्वारा नहीं बल्कि नामी गिरामी निजी स्कूलों द्वारा सीधे नदी से खींचा जा रहा है और बड़ी बड़ी मोटर लगा कर ऐसा किया जा रहा है जिसकी ध्वनि पूरे वातावरण को दूषित कर रही है। और तो और संस्था के सदस्यों ने यह भी देखा कि एक ओर जहां जल की अविरल धारा साफ पानी के साथ बह रही है, वहीं दूसरी ओर दुनिया भर का कूड़ा कचरा मसूरी द्वारा भी रिस्पना में डाला जा रहा है। इस सबके बीच जल ने अपना बहाव किसी तरीके से रखा हुआ है लेकिन इससे यह साफ़ है कि रिस्पना को खतरा दून से ही नहीं बल्कि मसूरी के असंतुलित विकास से भी है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कहने पर ही संस्था ने इस क्षेत्र को पूरा करने की ठानी जिस पर दस्तावेज और तथ्य मौजूद ही नहीं हैं। मैड के संस्थापक अभिजय नेगी ने बताया कि ”शोध का मकसद था कि रिस्पना संरक्षण को लेकर न सिर्फ लोगों को जागरूक किया जाए बल्कि मसूरी और देहरादून में बैठे अधिकारीयों की आंखे भी खुले ताकि नदी के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिये उचित कार्यवाही की जायगी। उन्होंने बताया कि शोध में यह भी पाया कि मौसी फॉल्स के ऊपर ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां जल संवर्धन के प्रयास किये जा सकते हैं और इस और भी सरकार व जो भी जरूरी संस्थान हैं उनका ध्यान आकर्षित किया जाए। संस्थान की ओर से शोध करने वालों में संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अभिजय नेगी, शार्दुल असवाल, विजय प्रताप सिंह, हृदयेश शाही शामिल रहे।”
उत्तराखंड पुलिस में हुए फेरबदल
उत्तराखण्ड शासन द्वारा भारतीय पुलिस सेवा/प्रान्तीय पुलिस सेवा के निम्नलिखित अधिकारियों को तात्कालिक प्रभाव से उनकी वर्तमान तैनाती से उनके नाम के सम्मुख अंकित पद पर नियुक्त किया गया हैः-
- मोहन सिंह बंग्याल, पुलिस उपमहानिरीक्षक, कार्मिक से पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय देहरादून
- पूरन सिंह, रावत,पुलिस उपमहानिरीक्षक,कुमायूं परिक्षेत्र सेपुलिस महानिरीक्षक, कुमायूं परिक्षेत्र
- अनन्त राम चौहान, पुलिस उपमहानिरीक्षक,सीबीसीआईडी सेपुलिस महानिरीक्षक, सीबीसीआईडी
- केवल खुराना,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,कार्मिक से पुलिस उपमहानिरीक्षक/निदेशक यातायात
- रामचन्द्र राजगुरु,पुलिस अधीक्षक,चम्पावत से पुलिस अधीक्षक, अभिसूचना देहरादून
- धीरेन्द्र सिंह गुंज्याल,पुलिस अधीक्षक,यातायात से पुलिस अधीक्षक,चम्पावत
- असीम श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक,प्रतीक्षारत पुलिस मुख्यालय सेपुलिस अधीक्षक, हाईडिल विजिलेंस
- लोकेश्वर सिंह,सहायक पुलिस अधीक्षक,देहरादून से पुलिस अधीक्षक यातायात, देहरादून
- मंजुनाथ टीसी,सहायक पुलिस अधीक्षक,देहरादून से पुलिस अधीक्षक यातायात,हरिद्वार
- प्रकाश चन्द्र आर्य,अपर पुलिस अधीक्षक,यातायात/अपराध हरिद्वार सेअपर पुलिस अधीक्षक,जीआरपी, हरिद्वार
उत्तराखंड को एडीबी का बेस्ट परफार्मिंग प्रोजेक्ट अवार्ड
देहरादून। भारत सरकार के आर्थिक मामले एवं वित्त मंत्रालय और एशियाई विकास बैंक द्वारा उत्तराखण्ड को बेस्ट परफार्मिंग प्रोजेक्ट अवार्ड प्रदान किया गया है। 10 विभिन्न संकेतकों में उत्तराखण्ड इमरजेंसी असिस्टेंस प्रोजेक्ट को अवार्ड दिया गया। देश की 84 परियोजनाओं में इस परियोजना का चयन किया गया।
यह जानकारी मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में आयोजित उत्तराखंड इमरजेंसी असिस्टेंस की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में दी गई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों की थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराया जाय। प्रस्तावित एसडीआरएफ के भवन का निर्माण पर्वतीय स्थापत्य से कराया जाए। जिन विभागों की परिसंपत्तियों का सृजन हुआ है, उन्हें हस्तांतरित किया जाए। आगे से जो भी निर्माण कार्य हों, उनमे नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाए। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2013 में आपदा के बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए एशियाई विकास बैंक ने आर्थिक सहायता दी थी। इस धनराशि से क्षतिग्रस्त पेयजल आपूर्ति, प्रभावित सड़कों, पर्यटन स्थलों, नागरिक उड्डयन के कार्य किये गए। आपात के समय बचाव के लिए सड़कों के साथ-साथ वैकल्पिक मार्गों का भी निर्माण किया गया। 147 ट्रैक रूट भी बनाए गए। जनपद अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी में सड़कों का पुनर्निर्माण किया गया। इसके साथ ही गंभीर स्लिप जोन का उपचार भी किया गया। जगह-जगह भूकंपरोधी हट भी बनाये गए। पर्यटन विभाग के अतिथिगृहों की मरम्मत कराई गई। नागरिक उड्डयन विभाग के हेलीपैड और हैंगर बनाये गए। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, सचिव आपदा प्रबंधन श्री अमित सिंह नेगी, अपर सचिव श्री सविन बंसल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।