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एम्स निदेशक के विरोध में निकाली पद यात्रा

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भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) के निदेशक के खिलाफ भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपों को लेकर उत्तराखंड जन विकास मंच की ओर से नगर निगम प्रांगण से त्रिवेणी घाट तक पद यात्रा निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया।

एम्स निदेशक डॉ रविकांत को हटाये जाने की मांग को लेकर मंच द्वारा शहर में चलाया जा रहा आन्दोलन जारी है। एम्स निदेशक पर भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोप जड़ते हुए मंच से जुड़े तमाम कार्यकर्ता शुक्रवार की दोपहर मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में एक बार फिर से सड़कों पर उतरे और पैदल मार्च कर एम्स निदेशक को हटाए जाने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे मंच के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि, “ऋषिकेश का एम्स हास्पिटल भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। एम्स में कार्यरत आउटसोर्सिंग कम्पनी ‘प्रिंसिपल’ जोकि नॉन टेक्निकल के पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती कराती है, उसको टेक्निकल पदों पर टेंडर दिए जाने की जांच की जानी चाहिए।” उन्होंने संस्थान के अधिकारियों द्वारा मंच को नोटिस के माध्यम से धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह जंग भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ी जा रही है। जिसमे मंच अब किसी भी सूरतेहाल में बैकफुट पर नहीं आएगा।

सड़क दुर्घटना में युवक की मौत

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ऋषिकेश,  ऋषिकेश-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक अज्ञात ट्रक की चपेट में आकर रायवाला स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान पर कार्य करने वाले कर्मचारी की मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर मामला दर्ज कर आगे कार्रवाई शुरू कर दी है।

मृतक का पहचान दिनेश तिवारी (32) निवासी ठाकुरपुर ग्राम सभा श्यामपुर के रूप में हुई है। दिनेश अंग्रेजी शराब की दुकान पर कार्य करता था। गुरुवार को रात 11 बजे के करीब वह दुकान से श्यामपुर अपने घर खाना लेने जा रहा था।

तभी अज्ञात ट्रक की चपेट में आ जाने से बुरी तरह घायल हो गया। जिसे ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय उपचार के लिए लाया गया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने मामले की जांच प्रारंभ कर दी है।

चेन्नई की टीम में रैना, धोनी व जडेजा बरकरार

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नई दिल्ली,  इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण के लिए चेन्नई सुपर किंग्स ने महेन्द्र सिंह धोनी, सुरेश रैना और रवींद्र जडेजा को टीम में बरकरार रखा है।

इसके अलावा मुंबई इंडियंस ने कप्तान रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या और जसप्रीत बुमराह, किंग्स इलेवन पंजाब ने अक्षर पटेल,कोलकाता नाइट राइडर्स ने सुनील नरेन और आंद्रे रसेल, राजस्थान रॉयलस ने स्टीव स्मिथ और सनराइजर्स हैदराबाद ने डेविड वॉर्नर और भुवनेश्वर कुमार को टीम में बरकरार रखा है।

उल्लेखनीय है कि आईपीएल के 11वें संस्करण के लिए खिलाड़ियों की निलामी 27-28 जनवरी को की जाएगी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पिछले महीने ही खिलाड़ियों की नीलामी के नए नियमों की घोषणा की थी।

विकसित किए जाएंगे गंगा के तटः सीएम

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देहरादून। नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत भारत सरकार को भेजी जाने वाली ऋषिकेश-हरिद्वार रीवर फ्रंट डेवलपमेंट से संबंधित कार्ययोजना का मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के समक्ष न्यू कैन्ट रोड स्थित मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-हरिद्वार का धार्मिक ही नही आध्यात्म व पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है। गंगा के तट पर बसा होने से इस क्षेत्र का और भी अधिक महत्व है।

इस मौके पर सीएम ने कहा कि, “इस क्षेत्र के नदी तटों का बेहतर सौन्दर्यीकरण हो ताकि यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों व पर्यटको को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो सकें तथा अधिक से अधिक तीर्थयात्री व पर्यटक इस क्षेत्र में आए। ऋषिकेश व हरिद्वार के घाटो के सौन्दर्यीकरण की योजना भी कार्ययोजना में शामिल की जाए। इन क्षेत्रों में प्रकाश, स्वच्छता व जन सुविधाओं एवं सुरक्षा से संबंधित योजनाओं को इसमें सम्मिलित किया जाए।”

क्षेत्रों की जी.आई.एस. मैपिंग में भी सभी आवश्यक व्यवस्थाओं पर ध्यान देने पर बल दिया तथा मैपिंग में सभी संबंधित विभागों को भी जोडा जाए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि ऋषिकेश-हरिद्वार रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के लिये सी.एस.आर. फण्ड के तहत क्रियान्वित की जाने वाली योजनाओं के लिये धनराशि की स्वीकृति हेतु केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा भी आश्वासन दिया गया है।

इस अवसर पर इस योजना की कार्ययोजना से संबंधित प्रस्तुतीकरण में इन्टरनेशनल सेन्टर फॉर सस्टेनेबल सिटि(आईसीएससी) की प्रतिनिधि समीहा सेठ ने बताया कि उनकी टीम द्वारा इस संबंध में पूरे क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही स्थानीय लोगों से भी वार्ता कर कार्ययोजना तैयार की है। जिसे शीघ्र ही मुख्यमंत्री के सुझावों को सम्मिलित करने के बाद अंतिम रूप दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पूरे क्षेत्र की जी.आई.एस. मैपिंग कर 38 किमी क्षेत्र के लगभग 70 जीआईएस मैप तैयार किये गए है। इस अवसर पर अपर सचिव डॉ. राघव लंगर, इं. पीयूष के सिंह समेत अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

अहमदाबाद की तर्ज पर होगा ऋषिकेश और हरिद्वार के घाटों का पुनः निर्माण

विधान सभा अध्यक्ष कैम्प कार्यालय, ऋषिकेश में आयोजित एक बैठक के दौरान विधान सभा अध्यक्ष श्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने गुजरात की इण्टरनेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल सिटीज(आई.सी.एस.सी.) कंसल्टेंसी फर्म द्वारा नमामि गंगे के तहत ऋषिकेश एवं हरिद्वार के घाटों पर बनायी गयी कान्सेप्ट रिपोर्ट पर चर्चा की। इस दौरान नमामि गंगे के रिवर डेवलपमेंट स्पेशलिस्ट पियुष कुमार सिंह के साथ आई.सी.एस.सी कंसल्टेंसी फर्म के स्पेशलिस्ट समीहा सेठ एवं डा. सी. नाथ.रे मौजुद थे।

आई.सी.एस.सी कंसल्टेंसी फर्म द्वारा अपनी कान्सेप्ट रिपोर्ट के दौरान बताया गया कि किस प्रकार से ऋषिकेश एवं हरिद्वार के घाटों का जीर्णाधार किया जा सकता है। जिसमें घाटों पर बिजली की ब्यवस्था, स्नान गृह, टॉयलेट एवं कपडें बदलने वाले स्थानों को और अच्छा बनाया जा सकता है।आई.सी.एस.सी कंसल्टेंसी फर्म द्वारा पहला ऐसा मानचित्र बनाया गया है जिसमें गंगा किनारे स्थित मन्दिर, आश्रम एवं घाटों को बिन्दु रूप में स्पष्ट दर्शाया गया है। जिस कारण गंगा किनारे के तटों एवं स्थलों को समझने में काफी आसानी होगी।आई.सी.एस.सी कंसल्टेंसी फर्म ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि किस प्रकार से ऋषिकेश एवं हरिद्वार में पर्यटकों का और अधिक आकर्षित किया जा सकता है। रिपोर्ट में घाटों पर आने वाले पर्यटकों का भी आकंलन किया गया है।

बैठक के दौरान विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि नदी का न सिर्फ़ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40 प्रतिशत आबादी गंगा नदी पर निर्भर है। अगर हम इसे साफ करने में सक्षम हो गए तो यह देश की 40 फीसदी आबादी के लिए एक बड़ी मदद साबित होगी। अतः गंगा की सफाई एक आर्थिक एजेंडा भी है। इस सोच को कार्यान्वित करने के लिए ही सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए ‘नमामि गंगे’ का शुभारम्भ किया है अतः इस अभियान के तहत सभी को अपने- अपने स्तर पर कार्य करना अति आवश्यक है। विधान सभा अध्यक्ष ने आई.सी.एस.सी की रिपार्ट को देखने के बाद अपने सुझाव देते हुए कहा कि घाटों के किनारे रेलिगं, उचित प्रकाश एवं आस्था घाट की मरम्म्त के लिए भी रिर्पाट में सम्मिलित करें।

आयुर्वेद विवि नए सिरे से शुरू करेगा नियुक्ति प्रक्रिया!

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देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की नियुक्तियों को लेकर लगातार उठ रहे सवालों और नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ियों का निपटारा पांच जनवरी तक हो जाएगा। हाल में विवि की जिम्मेदारी संभालने वाले कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार ने नियुक्तियों में धांधली को लेकर विशेष समिति का गठन किया था। समिति को पांच जनवरी तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। जानकारों की माने तो जांच रिपोर्ट के बाद विवि नए सिरे से कुल 292 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी कर सकता है।

292 पदों की नियुक्ति प्रक्रिया का है मामला
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने बीते 31 दिसंबर 2016 को संस्थान में शैक्षिक, तकनीकी व नर्सिंग संवर्ग सहित विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। इसके तहत शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक करीब दो सौ से ज्यादा पदों पर भर्ती होनी थी। लेकिन कुछ दिन बाद ही यूनिवर्सिटी ने विज्ञप्ति निरस्त करने की सूचना वेबसाइट पर अपलोड कर दी। इसके बाद दोबारा नए सिरे से विज्ञपत्ति जारी की गई। लेकिन राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद यह प्रक्रिया भी ठंडे बस्ते में चली गई। इस बीच विवि फैकल्टी की भारी कमी से जूझता रहा। बीते कुछ वक्त पहले एक बार विवि ने कुल 292 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की। प्रक्रिया भी जारी है। लेकिन इस बार नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली को लेकर सवाल उठने लगे। यहां तक की प्रक्रिया पूरी करने के लिए बनाई गई समितियों तक पर बाहरी दखल के आरोप लगाए गए। इसे लेकर कुलपति तक से लिखित रूप से विवि के अधिकारियों द्वारा शिकायत की गई। हालांकि अभी तक इसे लेकर कुछ सकरात्मक कदम नहीं उठाए गए। विवि में इन तमाम अव्यवस्थाओं के होने का कारण स्थाई कुलपति का न होना माना जा रहा था।

नए कुलपति ने गठित की जांच समिति
बीते माह विवि को नया निजाम मिला। विवि को स्थाई कुलपति मिला। नए कुलपति ने अव्यवस्थाओं को ढर्रे पर लाने के लिए नए सिरे से सकरात्मक दिशा में बदलावों की पहल की। संबद्ध संस्थानों की मनमानी पर लगाम लगाने को जहां फैकल्टी के आधार और पैन कार्ड अनिवार्य किए। वहीं, दूसरी ओर नियुक्तियों के होने तक शासन से अटैच चिकित्सकों को बरकरार रखे जाने का अनुरोध भी किया। कुलपति ने विवि में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया पर लग रहे आरोपों को भी गंभीरता से लिया। जिसके बाद नियुक्तियों पर विभिन्न स्तरों में प्राप्त शिकायतों का निपटारा करने के लिए पूर्व में जारी विज्ञप्ति के पुनरवलोकन एवं परीक्षण किए जाने हेतु नए समिति बनाई।

पांच जनवरी को समिति देगी रिपोर्ट
जाचं समिति को पांच जनवरी तक रिपोर्ट तैयार कर प्रेषित करने के निर्देश दिए। माना जा रहा है कि समिति की रिपोर्ट के बाद नियुक्तियों को लेकर निर्णय हो सकता है। बताया जा रहा है कि यदि जाचं रिपोर्ट में नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी पाई गई तो विवि नियुक्तियों को लेकर नया विज्ञापन भी जारी कर सकता है। हालांकि आधिकारिक तौर पर विवि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की। विवि के कुलचसिव प्रो. अनूप कुमार गक्खड़ के मुताबिक विवि जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर लेगा। 

सूबे में भी उठी मदरसों की जांच की मांग

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देहरादून। यूपी के मदरसों में मुस्लिम युवतियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले में खुलासे के बाद अब उत्तराखंड में भी मदरसों की जांच की मांग उठने लगी है। ग्रामीण विकास समिति की ओर से मदरसों में जांच की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड राज्य सरकार को पत्र लिखकर मदरसे की जांच की मांग की गई।

 प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान समिति के अध्यक्ष कुंवर सिंह ने कहा कि, “कई बार पिरान कलियर के आसपास बने होटलों में देह व्यापार का खुलासा हुआ है। इस लिहाज से उत्तराखंड के हरिद्वार, उधमसिंह नगर, देहरादून व पौड़ी जनपदों में संचालित हो रहे मदरसों की जांच की जानी चाहिए। जिसमें प्रदेश व बहार की कई मुस्लिम छात्र छात्राएं तालीम ले रही हैं। लोक-लाज वह जान माल के डर से कई महिलाएं सामने नहीं आती है। राज्य सरकार को भी इस गंभीर विषय पर विचार कर आगे आकर जांच करनी चाहिए।”

देहरादून एजूकेशन हब के रूप में पूरे देश में जाना जाता है यहां पर कई प्रकार के शैक्षिक संस्थान चलते हैं जिसमें मदरसे भी शामिल है।जहां केंद्र सरकार मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक के विरोध में विधायक पेश कर मुस्लिम महिलाओं पर रहे उत्पीड़न के खिलाफ कार्रवाई कर रही है वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मदरसों की कार्यवाही को ऑनलाइन करके अपनी पैनी निगाह बनाए हुए है। बावजूद इसके मदरसों में ऐसी घटना निंदनीय है।

उत्तराखंड की भाजपा सरकार को भी ठोस कदम उठाकर मदरसों की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समीति की ओर से इस संबंध में उत्तराखंड पुलिस को पत्र लिखकर जांच करने की मांग की जाएगी। साथ ही समीति का एक प्रतिनिधिमंडल डीजीपी से मिलकर भी जांच की मांग करेगा। 

हैंडलूम उत्पाद खरीदें, श्रम को सम्मान दें: सीएम

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देहरादून। यदि हम हैण्डलूम के उत्पादों को खरीदते है तो देश के गरीबों के श्रम का सम्मान करते है। हैण्डलूम भारत में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है, जो लगभग 65 लाख लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है। मुख्यमंत्री ने परेड ग्राउण्ड में आयोजित नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में देश के विभिन्न राज्यों से आए बुनकर समूहों के उत्पादों का अवलोकन कर उनके उत्पादों की सराहना की।

हैंडलूम एक्सपो में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि, “हैंडलूम उत्पादों का इस्तेमाल कर हम इस कार्य से जुड़े मजदूर की पसीने की कीमत उन्हें अदा करते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्सपो में आए बुनकरों ने बताया कि वे वर्षो से इसमें प्रतिभाग करते आ रहे है। इससे यह अहसास होता है कि यहां पर उनके उत्पादों को लोगों द्वारा काफी पसन्द किया जाता है। उन्होंने कहा कि हैंडलूम का क्षेत्र रोजगार प्रदान करने के साथ ही हमारी पुरानी भारतीय परम्परा व बुनकर समुदायों की सुदृढ़ सामाजिक व सांस्कृतिक परम्परा को बनाए रखने में भी मददगार रहा है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील से कि साल में हर भारतीय खादी का एक जोड़ा कपड़ा जरूर पहनें। इससे देश में खादी की बिक्री बढ़ी है व देश-विदेशों से बड़े डिजाइनर इस क्षेत्र में कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि हैण्डलूम के वस्त्रों का उपयोग कर हम देश के विकास में भी योगदान देते है, इस क्षेत्र में कार्य करने वाले क्षेत्रों में स्वालकुची, आसाम, भागलपुर, संथाल परगना व देवघर का उन्होंने विशेष उल्लेख किया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर हिमाद्री के वार्षिक कैलेण्डर का विमोचन किया तथा एक्सपो के थीम पेवेलियन एवं सांस्कृतिक संध्या का भी शुभारम्भ किया।

निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल ने बताया कि राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में वस्त्र उद्योग में प्रतिस्पर्धात्मकता एवं वैश्वीकरण की चुनौतियों का सामना करने लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इस क्षेत्र को सहायता उपलब्ध करा रही है। बुनकरों को विपणन के समुचित अवसर उपलब्ध कराने के लिए विकास आयुक्त(हथकरघा), भारत सरकार की विपणन सहायता योजना के अन्तर्गत देश के विभिन्न शहरों में नेशनल हैण्डलूम तथा स्पेशल हैण्डलूम एक्सपो आयोजित किए जाते है। उन्होंने बताया कि देहरादून में भारत सरकार की इस योजना के अन्तर्गत गत 10 वर्षों में नेशनल हैण्डलूम एक्सपो का नियमित आयोजन उद्योग निदेशालय, उत्तराखण्ड एवं उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन 31 दिसम्बर, 2017 से 13 जनवरी, 2018 तक किया जा रहा है।

नौटियाल ने बताया कि, “नेशनल हैण्डलूम एक्सपो, देहरादून में देश के 14 राज्यों साथ ही उत्तराखण्ड के 46 समितियों/व्यक्तिगत बुनकारों सहित शीर्ष हथकरघा संगठन एवं बुनकर समूह अपने उत्पादों सहित प्रतिभाग कर रहे है। नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में विभिन्न प्रांतो एवं क्षेत्रों के विशिष्ट हथकरघा उत्पादों को प्रदर्शनी के लिए रखा गया है। “

कार्ट की नाराजगी के बाद बाघ और हाथियों की सुरक्षा होगी पुख्ता

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देहरादून। अब कार्बेट और राजाजी पार्क में बाघ और हाथियों की सुरक्षा ने लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद वन विभाग सुरक्षा इंतजामों में जुट गया है। वहीं, कोर्ट ने मार्च तक वहां वन्यजीव सुरक्षा के लिए विशेष ढांचा तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

पिछले साल कार्बेट और राजाजी में बाघ और हाथियों के शिकार और संदिग्ध मौतों के कई मामले सामने आए थे। जिसे लेकर कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी। इस पर कोर्ट ने वन विभाग को वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए तीन माह में विशेष इंतजाम करने के आदेश दिए। इसके बाद वन विभाग ने सुरक्षा इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। विभाग की ओर से पिछले साल के डाटा के आधार पर इन दोनों जगहों पर शिकार के लिहाज से संवेदनशील जगहों को चिह्नित किया जा रहा है। इसके अलावा सुरक्षा के सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।

वाइल्ड लाइफ के एपीसीसीएफ डा. धनंजय मोहन ने बताया कि वन्यजीव सुरक्षा को लेकर अदालत का विस्तृत आदेश आया है। जिसमें कार्बेट और राजाजी में मार्च तक विशेष सुरक्षा ढांचा तैयार करने को कहा गया है। विभाग की ओर से इस पर काम शुरू कर दिया गया है।

यूआईडीएआई ने किया आधार डाटा सुरक्षित होने का दावा

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नई दिल्ली, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित आधार डाटा लिक संबंधी रिपोर्ट का खंडन करते हुए उसे भ्रामक बताया है। यूआईडीएआई ने आश्वासन दिया कि कोई आधार डेटा उल्लंघन नहीं है बायोमेट्रिक जानकारी सहित आधार डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है।

यह खबर ‘‘500 रुपये, 10 मिनट और आपके पास अरब आधार का विवरण’’ नाम से अंग्रेजी में प्रकाशित हुई थी। खबर के मुताबिक केवल कुछ रुपये देकर आप एक लिंक पा सकते हैं जिसमें यूजर आईडी और पासवर्ड के जरिये लॉगिन कर किसी भी आधार नंबर से संबंधित डाटा हासिल कर सकते हैं|

यूआईडीएआई का कहना है कि, “खबर में प्रकाशित शिकायत निवारण तंत्र के तहत कुछ लोगों को दी गई खोज सुविधा के दुरुपयोग का मामला है। यूआईडीएआई ने नामित कर्मियों और राज्य सरकार के अधिकारियों को शिकायत निवारण के उद्देश्य से लॉगिन की सुविधा देता है। यूआईडीएआई इस सुविधा पर लगातार नज़र रखता है। ऐसे में तत्काल इसमें शामिल व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने सहित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”

यूआईडीएआई का कहना है कि शिकायत निवारण खोज सुविधा भी केवल नाम और अन्य विवरण तक सीमित पहुंच प्रदान करती है। इसमें बायोमेट्रिक विवरण नहीं होता।

यूआईडीएआई ने आश्वासन दिया है कि बायोमेट्रिक डाटाबेस का कोई भी डाटा उल्लंघन नहीं है जो यूआईडीएआई पर पूरी तरह से सुरक्षित है और उच्चतम एन्क्रिप्शन के साथ सुरक्षित है| बायोमेट्रिक्स के बिना जनसांख्यिकीय जानकारी का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है।