देहरादून। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो को लेकर संबंधित विभाग को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि कपाट खुलने से पहले वहां सभी कार्य पूरी कर ले। साथ ही कहा कि संबंधित विभाग डिजाइन के अनुसार डीपीआर 10 दिन में तैयार कर ले।
बुधवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण के मास्टर प्लान की समीक्षा की। इस दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्य में लगे सभी संबंधित विभाग डिजाइन के अनुसार डीपीआर 10 दिन में बना ले। उन्होंने कहा कि हर हाल में फरवरी के पहले हफ्ते में कार्य शुरू हो जाना चाहिए। कहा कि सभी कार्य कपाट खुलने के पहले हो जाने चाहिए। ताकि यात्रियों को असुविधा का समाना न करना पड़ेग।
उन्होंने कहा कि तत्काल महत्व के कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। दीर्घकालीन योजना के कार्य चलते रहेंगे।
बताया गया कि केदारनाथ में पहली बार बर्फ पड़ने के बावजूद भी दिसम्बर व जनवरी के महीने में भी निर्माण कार्य जारी रखा गया। इस समय 50 फीट चैड़ी सड़क का निर्माण मंदिर तक किया जा रहा है। बाढ़ सुरक्षा दीवार और घाट निर्माण का कार्य चल रहा है। सड़क के दोनों ओर 10-10 फीट की जगह खाली रखी गयी है। इस बफर जोन में यूटिलिटी डक्ट और ड्रेन बनाया जाएगा। यूटिलिटी डक्ट के अंदर ही पेयजल की पाइप लाइन होगी।
सिवरेज और स्टॉर्म वाॅटर के लिए अलग डक्ट बनाया जाएगा। पाइपलाइन को जमीन के 01 मीटर नीचे मिट्टी के बीच में लगाया जाएगा, जिससे कि पानी बर्फ से जम न जाये। पानी सप्लाई के लिए जलाशय बनाया जाएगा। ग्रेविटी के जरिए सप्लाई की जाएगी। मंदिर के दोनों ओर जगह खाली रखी जायेगी। दर्शनार्थियों की प्रतीक्षा के लिए अलग स्थान सुरक्षित रखा जाएगा। इसके अलावा सरस्वती और मंदाकिनी घाट के ऊपर चेंजिंग रूम, लाकर, टॉयलेट बनाये जायेंगे। दिव्यांग दर्शनार्थियों के लिए रैंप बनाये जाएंगे। केदारपुरी से दूर एसटीपी, बायो डाइजेस्टर बनाया जाएगा।
केदारनाथपुरी को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों, संस्थानों से अध्ययन कराने के बाद डिजाइन के अनुसार मास्टर प्लान तैयार किया गया है। चरणबद्ध रूप से प्लान को लागू किया जा रहा है। बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई आनंद बर्धन, मंडलायुक्त गढ़वाल दिलीप जावलकर, सचिव ऊर्जा राधिका झा, सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी, अपर सचिव ऊर्जा जे.पी.जोशी, डीएम रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का दस दिन में डीपीआर करें तैयार: मुख्य सचिव
‘मुक्काबाज’ की टीम ने किया फिल्म का प्रमोशन
नई दिल्ली, फिल्मकार अनुराग कश्यप की कुश्ती पर आधारित फिल्म ‘मुक्काबाज’ की टीम ने होटल ललित में रिलीज से पहले अपनी फिल्म का प्रमोशन किया। फिल्म के प्रमोशन के दौरान अनुराग कश्यप,फिल्म के एक्टर विनीत कुमार, रवि किशन एवं इसमें लीड रोल निभा रही जोया हुसैन भी मौजूद थीं।
मीडिया के साथ बातचीत करते हुए अनुराग कश्यप ने अपनी आगामी फिल्म के बारे में कहा, हमें केवल खेलों की ही सराहना नहीं करनी चाहिए, बल्कि खेल के प्रति खिलाड़ियों की संघर्षपूर्ण यात्रा पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ‘मुक्काबाज़’ इसी थीम को लेकर बनी फिल्म है। यह एक वास्तविक फिल्म है, जो इस देश के हर मुक्केबाज के जीवन का जीवंत प्रदर्शन करेगा। ‘मुक्काबाज़’ कोई गैर सरकारी संगठन या चैरिटी द्वारा निर्मित फिल्म नहीं है।
अभिनेता विनीत ने कहा, यह फिल्म भावनाओं से लैस है। यह हर एक खिलाड़ी के लिए एक सपना है, जो मेरे लिए सच हुआ। मुझे इस परियोजना का हिस्सा बनने पर बेहद गर्व है| इसके लिए मैं अनुराग कश्यप का शुक्रगुजार हूं। अनुराग को फिल्म के लिए बॉक्सिंग चैंपियन विजेंदर सिंह जैसा कलाकार चाहिए था। उस किरदार को सही साबित करने के लिए मैं पंजाब चला गया और वहां प्रशिक्षण लिया। यह वास्तव में एक अद्भुत अनुभव था। वाकई में ‘मुक्काबाज़’ पूरी तरह से एक नेचुरल फिल्म है, लेकिन इसमें खेल को लेकर सियासत की कहानी भी है।
जहां तक फिल्म की कहानी की बात है, तो इसमें उत्तर प्रदेश में खेलों को लेकर सियासत का तानाबाना बुना गया है| इस तानेबाने में फिल्म के एक्टर विनीत फंसते हैं। फिल्म में विनीत पहलवान का किरदार निभा रहे हैं, जिसे ब्राह्मण लड़की से प्यार हो जाता है, लेकिन जैसे ही लड़की के चाचा (जिम्मी शेरगिल) को इस बात की खबर मिलती है, वैसे ही वह विनीत को बर्बाद करने की सोचता है।
उल्लेखनीय है कि फिल्म में जिम्मी राज्य मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष का रोल निभा रहे हैं और इस तरह वह अपनी पोजिशन का इस्तेमाल करके विनीत के करियर को बर्बाद करने का तय करते हैं। फैंटम फिल्म्स और कलर येलो प्रोडक्शंस के बैनर के तहत निर्मित ‘मुक्काबाज़’ 12 जनवरी को रिलीज होगी।
उत्तराखंड शासन में अफसरों के विभागों में फेरबदल और ट्रांसफर जारी
शासन ने 20 अधिकारियों को किया इधर से उधरप्रदेश में लगातार अफसरों के विभागों में फेरबदल और उनका ट्रांसफर जारी है। एकबार फिर शासन ने 20 पीसीएस अधिकारियों के तबादले किए हैं।शासन ने
- विनोद गोस्वामी को मुख्य विकास अधिकारी चमोली से हटाकर अपर निदेशक शहरी विकास उत्तराखंड, देहरादून एवम अपरजिलाधिकारी प्रोटोकॉल देहरादून कापदभार दिया है।
- चंदन सिंह डोभाल को डिप्टी कलेक्टर चमोली से हटाकर अधिशासी निदेशक राज्य पुलिस एवं संरक्षण प्रशिक्षण संस्थान अल्मोड़ा दिया गया है।
- मुक्ता मिश्रा को डिप्टी कलेक्टर रुद्रप्रयाग से हटाकर प्रभारी सचिव सूचना आयोग देहरादून में तैनात कर दिया गया है।
- फिंचा राम को डिप्टी कलेक्टर अल्मोड़ा से हटाकर डिप्टी कलेक्टर टिहरी भेज दिया गया है ।
- योगेंद्र सिंह डिप्टी कलेक्टर चमोली से हटाकर डिप्टी कलेक्टर टिहरी किया गया है ।
- पूरन सिंह को डिप्टी कलेक्टर उधम सिंह नगर से हटाकर डिप्टी कलेक्टर उत्तरकाशी भेजा गया है।
- सुंदरलाल सेमवाल को महाप्रबंधक उत्तराखंड राज्य औद्योगिक विकास निगम डिप्टी कलेक्टर पिथौरागढ़ भेज दिया गया है।
- शैलेंद्र नेगी को डिप्टी कलेक्टर उत्तरकाशी से हटाकर संयुक्त सचिव देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण का जिम्मा सौंपा गया है।
- वहीं शिवकुमार को रेल विकास निगमसे हटाकर वेटिंग पर रखा गया है ।
- शीश कुमार को सचिव जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण नैनीताल से डिप्टी कलेक्टर चमोली रखा गया है ।
- हरवीर सिंह को अपर जिलाधिकारी प्रशासन नैनीताल के साथ सचिव जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण नैनीताल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है ।
- झरना कमठान को प्रभारी सचिव सूचना आयोग से हटाकर महाप्रबंधक उत्तराखंड राज्य औद्योगिक विकास निगम सिडकुल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
- चंद्र सिंह मर्तोलिया को सिटी मजिस्ट्रेट देहरादून से हटाकर कलेक्टर चमोली भेज दिया गया है।
- कृष्ण नाथ गोस्वामी डिप्टी कलेक्टर चमोली से हटाकर डिप्टी कलेक्टर पिथौरागढ़ भेज दिया गया है।सोहन सिंह सैनी को डिप्टी कलेक्टर पौड़ी से हटाकर डिप्टी कलेक्टर पिथौरागढ़ भेज दिया गया है ।
- अर्चना गहरवार को अपर आयुक्त आबकारी से हटाकर सचिव उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड भेज दिया गया है।
- सोनिया पंत को प्रभारी उपायुक्त राजस्व परिसद से हटाकर अपर आयुक्त आबकारी देहरादून का पदभार दिया गया है।
- एनएस डांगी को सचिव उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से हटाकर फिलहाल प्रतीक्षारत रखा गया है ।
- विप्रा त्रिवेदी के पदभार में वृद्धि करते हुए स्टाफ ऑफिसर अध्यक्ष राजस्व परिषद का एवं सचिव दून घाटी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
- साथ ही गिरीश चंद्र गुणवंत को सचिव दून घाटी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण से हटाकर मुख्य विकास अधिकारी चमोली कर दिया गया है।
आपको बतादें बीती 3 जनवरी को उत्तराखंड शासन ने कई आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया था।
उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत की जाएंगी उद्यमी महिलाएं
गोपेश्वर, जिला सभागार में आयोजित जिला उद्योग मित्र समिति की बैठक में हथकरघा, हस्तशिल्प के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिला स्तरीय उद्यमियों का पुरस्कार के लिए चयन किया गया। हथकरघा के क्षेत्र में ग्राम बौला निवासी रुकमणी देवी को प्रथम तथा गमशाली निवासी पार्वती देवी को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
हस्तशिल्प में बेहतरीन खोली निर्माण के लिए ग्राम दुबातोली निवासी दर्शन लाल को प्रथम एवं कालीन डिजाइन के लिए ग्राम छिनका निवासी सुशीला देवी को द्वितीय, जिला स्तरीय लघु उद्योग पुरस्कार के लिए फूड फैक्टरी जयकंडी कालेश्वर की अर्चना डिमरी को कैक, पेस्ट्री, बंद, फैन आदि उत्पाद के लिए प्रथम एवं भीमतला के वीरेंद्र सिंह राणा को बक्सा, अलमारी, सूप आदि के निर्माण हेतु द्वितीय पुरस्कार के लिए चयन किया गया। चयनित सभी पुरस्कार विजेताओं को प्रथम पुरस्कार के तहत छह हजार तथा द्वितीय पुरस्कार के तहत चार हजार की धनराशि जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से 30 जनवरी को प्रदान की जाएगी।
यूकेडी ने किया जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन
देहरादून, उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने सरकारी विभागों में कार्यरत उपनल कर्मचारियों के पक्ष में देहरादून जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। यूकेडी ने उपनल कर्मचारियों की समान वेतन समान कार्य, सुरक्षित भविष्य सहित तमाम मांगों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यूकेडी महानगर अध्यक्ष संजय छेत्री के नेतृत्व में यूकेडी कार्यकर्ताओं ने अपर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा।
यूकेडी महानगर अध्यक्ष संजय छेत्री ने कहा कि, “उपनल कर्मचारी अपने भविष्य की सुरक्षा तथा समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर कई वर्षों से आंदोलनरत हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दलों द्वारा केवल उपनल कर्मचारियों को गुमराह करके उनके वोटों का दोहन किया जाता है और सत्ता पाते ही राष्ट्रीय दलों के नेता उपनल कर्मचारियों के सारे दुख दर्द भूल जाते हैं।”
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल का साफ मानना है कि उपनल कर्मचारी कम वेतन पर भी काम करके पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने में सहायक साबित हुए हैं। लेकिन सरकार द्वारा लगातार पलायन रोकने के झूठे दावे किए जाने के बावजूद उपनल कर्मचारियों को पारितोषिक देने के बजाय उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।
संजय ने कहा कि, “लगभग छह से आठ हजार प्रतिमाह पर वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे गरीब कर्मचारियों पर हमेशा अचानक सेवाएं समाप्त किए जाने का खतरा मंडराता रहता है। जहां राजकीय कर्मचारियों से आठ घंटे काम लिया जाता है तो प्रदेश के राजकीय विभागों, सार्वजनिक निगमों, उपक्रमों, निकायों, जल संस्थान, जिला पंचायत, विकास प्राधिकरण तथा केंद्र पोषित परियोजनाओं में अपनी सेवाएं दे रहे उपनल कर्मचारियों से 12 घंटे तक कार्य लिया जाता है। इन कर्मचारियों के भविष्य के लिए सरकार द्वारा कोई नियमावली नहीं बनाई गई है।”
संजय ने कहा कि राज्य आंदोलन के दौरान कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। उत्तराखंड क्रांति दल प्रदेश में बेरोजगारों की लड़ाई लड़ने तथा पलायन को रोकने के अपने फैसले पर अटल है। राज्य में उपनल कर्मचारियों के रूप में कार्य कर रहे 24 हजार युवाओं के रोजगार पर यदि शीघ्र उचित फैसला नहीं लिया गया तो उत्तराखंड क्रांति दल उपनल कर्मचारियों की लड़ाई लड़ेगा।
कोतवाल ने जारी किया फरमान,दलाल हो जाओ सावधान
रुद्रपुर। अगर आप पीडि़त है तो बजाय किसी को साथ ले जाने के आप खुद ही कोतवाली अपनी फरियाद लेकर पहुंचे। अगर आप ऐसा करेंगे तो यकीन मानिए कि पुलिस आपकी ज्यादा सुनेगी। फिलहाल कोतवाली में दलालों की एंट्री पूरी तरह से बैन कर दी गई है। कोतवाली में अब दलालों का दखल नए कोतवाल कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
खटीमा, पौढ़ी और देहरादून में बेहतरीन काम करने के बाद रुद्रपुर कोतवाली का जिम्मेदारी उठाने आए कोतवाल कैलाश चंद्र भट्ट ने दलालों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अब कोई भी दलाल कोतवाली में नजर आया तो उसकी खैर नहीं। मित्र पुलिसिंग की पैरवी करने वाले नए कोतवाल ने कहा कि जनता को यदि कोई समस्या है तो वह स्वंय कोतवाली में आये । पीडि़त को न्याय दिलाने के लिए कोतवाली पुलिस अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाएगी। जनता ऐसे लोगों से बचे जो यह दावा करते है कि उनकी कोतवाली में सेटिंग हैं और वह सारा काम करा देंगे। उन्होंने कहा कि मोबाइल शोरूम में हुई चोरी पुलिस की प्राथमिकता है। मामला केंद्र सरकारों के बीच अटका है। हम चोरों को ट्रेस कर चुके है। केंद्र की हरी झंडी मिलते ही चोर सलाखों के पीछे होंगे। इसके अलावा शहर में बढ़ती बाइक चोरी को रोकने और खुलासा करने के लिए नई रणनीति के तहत काम किया जाएगा।
ट्रांजिट कैंप में शराब के अवैध कारोबारियों पर कसेगी नकेल
ट्रांजिट कैंप थाने का प्रभार संभालने के बाद नए थानाध्यक्ष जीबी जोशी पहले ही अपने क्षेत्र का फीड बैक ले चुके है। गढ़वाल, पिथौरागढ़, नैनीताल रेंज, एसओजी, एसओटीएफ, मानव वध सेल और एनएच घोटाले में अहम काम करने वाले जीबी जोशी के निशाने पर ट्रांजिट कैंप थानाक्षेत्र के शराब के अवैध कारोबारी है। ऐसे जो कच्ची शराब बेचते है। 97 बैच के जीबी जोशी का कहना है कि पुलिस सड़क पर और उनका काम है कि जनता आराम करे। शराब के अवैध कारोबार के साथ उनकी निगाह गलियों में फलफूल रहे सट्टा बाजार पर भी है।
आवारा घोड़े लोगों के लिए बने परेशानी के सबब
ऋषिकेश, ग्रामीण क्षेत्र श्यामपुर न्यायपंचायत के किसान जंगली जानवरों के आतंक से परेशान हैं। दूसरी ओर किसानों के सामने अब एक नई समस्या खड़ी हो गयी है। ग्रामीण क्षेत्र श्यामपुर खदरी भल्ला फार्म के किसानों का चैन आवारा घोड़ों ने छीन लिया है। वह लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं।
कई आवारा घोड़े किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं और साथ ही साथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दौड़ते ये आवारा घोड़े परेशानी का कारण बन रहे हैं। परेशान किसानों ने श्यामपुर चौकी प्रभारी संदीप कुमार को इस आशय की सूचना देते हुए प्रशासन से आवारा घोड़ों पर लगाम के प्रबन्ध की गुहार लगाई है।
सामाजिक कार्यकर्ता विनोद जुगलान ने बताया कि, “आवारा घोड़े न केवल फसल बर्बाद कर रहे हैं बल्कि इनके कारण राष्ट्रीय राज मार्ग पर यातायात भी बाधित हो रहा है कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। प्रशासन को चाहिए कि आवारा घूम रहे इन घोड़ों को कहीं जंगल में स्थानांतरित कर शीघ्र ही समस्या का निराकरण किया जाए।”
चौकी प्रभारी से मिलने गए किसानों में सामाजिक कार्यकर्ता विनोद जुगलान,मण्डी समिति के पूर्व अध्यक्ष जय सिंह रावत,श्यामपुर क्षेत्र पंचायत सदस्य कोमल नेगी, महावीर प्रसाद उपाध्याय आदि प्रमुख रूप से शामिल हुए।
आख़िरकार आतंक बना गुलदार पिजरें में कैद
देहरादून, वन विभाग टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी। वन विभाग की टीम ने कड़ी बाद मशक्कत के बाद गुलदार को आख़िरकार पकड़ ही लिया।आपको बात दे कि पिछले करीब एक माह से शहर के सहस्त्रधारा रोड और रायपुर क्षेत्र की कालोनियों में गुलदार का आतंक बना हुआ था। आये दिन कॉलोनी में गुलदार देखे जाने की घटना सामने आ रही थी।
जिसके बाद रायपुर थाना क्षेत्र के अधोईवाला कॉलोनी के एक घर में बॉथरूम में घुस गुलदार ने सुमीत नाम के युवक पर पंजा मार उसे घायल कर दिया। और उसके बाद गुलदार एक वैडिंग पॉइंट में घुस गया, जिसे देख आसपास के लोगों ने वन विभाग को सूचना दी। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार गुलदार को ट्रेस किया, उसके बात तत्काल पहुँची ट्रेनकुलाइजर टीम अपनी कार्यवाही कर उसे बेहोश कर पिजरें में कैद करवा ही दिया ।
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मंत्री के जनता दरबार में जहर खाने वाले ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत के विरोध में बाजार बंद,
हल्द्वानी; भाजपा दफ्तर में लगे जनता दरबार में जहर खाने वाले फरियादी प्रकाश पांडे की मौत के बाद नगर में आक्रोश और मातम रहा। ट्रांसपोर्टर पांडे का शव काठगोदाम पहुंचने के बाद सैकड़ों लोगों का उनके घर जमावड़ा लग गया। व्यापारियों ने नारेबाजी करके सरकार से नाराजगी जताई। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश, हल्द्वानी के मेयर जोगिंदर पाल सिंह रौतेला, डीएम दीपेंद्र चौधरी और एसएसपी जन्मजय खंडूरी एवं पूरी प्रशासनिक टीम प्रकाश पांडे के घर पहुंच गए, परिजन मांगों को लेकर अंत्येष्टि न करने पर अड़ गए। बाद में सरकार ने 12 लाख के मुआवजे एवं पत्नी को नौकरी का आश्वासन देकर शव का अंतिम संस्कार कराया।
मृतक के परिजनों का कहना था कि जब तक उत्तराखंड सरकार प्रकाश के परिजनों को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता की घोषणा नहीं करती तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। जनाक्रोश के बीच नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने मुख्य सचिव से वार्ता की। सरकार ने मृतक के परिजनों को 12 लाख रुपये का मुआवजा देने एवं प्रकाश की पत्नी को संविदा पर तृतीय श्रेणी की नौकरी हल्द्वानी में देने का आश्वासन दिया। सरकार ने दो लाख रुपये फौरी तौर पर देने की बात कही। दस लाख रुपये बाद में देने की बात कही गई है। मृतक प्रकाश के बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा नैनीताल के जिलाधिकारी ने लिया है। लोगों के आक्रोश को देखते हुए कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने पूरी पुलिस फोर्स भी तैनात की है। सरकार की घोषणा के बाद शव का अंतिम संस्कार करने पर परिजन राजी हुए। जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद प्रकाश पांडे का शव रानीबाग अंत्येष्टि के लिए ले जाया गया। उधर, नैनीताल का भी बाजार बंद रखे जाने की खबर है।
कुमाऊं में बंद बाजार
हल्द्वानी, ट्रांस्पोर्टर प्रकाश पांडे की मौत के बाद कुमाऊं भर में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। कुमांऊ भर के कारोबारियों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं व आम जनता ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान गदरपुर, लालकुआं, जसपुर, काशीपुर, भवाली, नैनीताल, बिन्दुखत्ता में विरोध देखने को मिला। बाजार बंद होने से समूचे कुमाऊं के व्यापार पर भारी असर पड़ा।
विभाग का दावा पांच का, चल रहे दो ही नर्सिंग कॉलेज
पांच नर्सिंग कॉलेजों के नाम पर अभी दो में ही पढ़ाई हो रही है राज्य के तीन जिलो चमोली, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा के तीन नर्सिंग कॉलेज लगातार दूसरे साल भी अपने जिलों में नहीं खोले जा सके हैं। जबकि मेडिकल एजुकेशन डायरेक्टरेट का कहना है कि सभी पांच कॉलेज नियमित रूप से चल रहे हैं, लेकिन भवन के अभाव के कारण टिहरी और हल्द्वानी में ही पढ़ाई की जा रही है।
पूर्व सरकार ने चुनाव से ठीक पहले हल्द्वानी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चमोली और टिहरी में नर्सिंग कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। बिना भवन तैयार हुए ही ये पांचों कॉलेज शुरू भी कर दिए गए थे कुमाऊ मंडल के तीनों कॉलेज हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज परिसर में जबकि, गढ़वाल के दो कॉलेजों का संचालन टिहरी में किया जा रहा हैं।
किस कॉलेज में कितनी सीटें
टिहरी -40
चमोली -40
पिथौरागढ़-30
अल्मोड़ा -40
हल्द्वानी -50
संख्या पांच और कॉलेज दो
कॉलेज खोलते समय घोषणा की गई थी कि दूसरे बैच के एडमिशन होने से पहले पांचों जिलों में भवन तैयार कर दिए जाएंगे और सभी अपने अपने जिले में ही पढ़ाई करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है और नर्सिंग कॉलेजों का दूसरा बैच भी हल्द्वानी और टिहरी में ही शुरू कर दिया गया है।
जरूरत से ज्यादा दबाव
नर्सिंग कॉलेजों के भवन तैयार न होने से सबसे ज्यादा दबाव हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज पर है यहां अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और हल्द्वानी के नर्सिंग कॉलेजों की स्टूडेंट को पढ़ाया जा रहा है उधर टिहरी में चमोली के कॉलेज के कोटे की स्टूडेंटस में पढ़ाई कर रही है हालांकि टिहरी में कॉलेज का भवन है अभी तक केवल दो बैच होने के कारण ज्यादा दबाव नहीं है।
स्टूडेंट झेल रहे परेशानी
इन हालात में सबसे ज्यादा परेशानी उन नर्सिंग स्टूडंटस को हो रही है जिन्होंने एडमिशन अपने जिले के कॉलेज के नाम पर लिया था लेकिन उन्हें दूसरे जिले में भेज दिया गया है। इनमें चमोली, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिले की स्टूडेंट भी शामिल है।
इस मामले में चिकित्सा शिक्षा निर्देशक डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि, “सभी पांचों कॉलेज नियमित रूप से चल रहे हैं, सभी कॉलेजों के टीचिंग स्टाफ की भर्ती भी हो चुकी है हमारा प्रयास है कि एक महीने के भीतर चमोली, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिलों के भवन तैयार हो जाएं। जिसके बाद भवन तैयार होते ही इन कॉलेजों की स्टूडेंट और टीचिंग स्टाफ को वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा।