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दून से सभी ट्रेनें समय से रवाना, लिंक हावड़ा पहुंची लेट

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देहरादून, राजधानी देहरादून से मंगलवार को सभी रेल गाड़ियां समय से रवाना हुई, जबकि दून आने वाली कई ट्रेने विलंब पहुंची। जिस कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

लंबी दूरी की देहरादून आने वाली कई गाड़ियां तय समय से घंटो लेट पहुंची। इसमें इलाहाबाद से चलकर देहरादून आने वाली लिंक एक्सप्रेस अपने तय समय से साढ़े पांच घंटे की देरी से आई। वहीं हावड़ा से चलकर देहरादून आने वाली हावड़ा दून एक्सप्रेस 7:35 मिनट से डेढ़ घंटे विलंब से पहुंची, जबकि दिल्ली सराय रोहिला मसूरी एक्सप्रेस एक घंटे लेट पहुंची, लेकिन अन्य गाड़ियां समय से पहुंची।

स्टेशन अधीक्षक करतार सिंह ने बताया कि, “देहरादून से सभी गाड़ियां समय से रवाना हो रही है, जबकि आने वाली कई गाड़ियां विलंब से पहुंची।” 

डिस्कवरी पर दिखेंगे स्वामी रामदेव

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नई दिल्ली, स्वामी रामदेव के संघर्ष, संकल्प, समर्पण और सिद्धी की जीवन यात्रा को अब धारावाहिक के रूप में देखा जा सकेगा। ‘स्वामी रामदेव: एक संघर्ष’ नामक धारावाहिक 12 फरवरी से डिस्कवरी जीत चैनल पर प्रसारित होने जा रहा है। भव्य स्वरूप में प्रदर्शित की जाने वाली इस जीवनी में एक साधारण से अनाम व्यक्ति से एक प्रसिद्ध योग गुरु, बिजनेस गुरु और एक महानायक बनने की यात्रा 85 कड़ियों में दिखाई जाएगी।

स्वामी रामदेव वर्तमान समय में देश-विदेश में खासे लोकप्रिय हैं। लेकिन बहुत कम लोग ही उनकी पृष्ठभूमि के बारे में जानते हैं। अब उनकी अधिकारिक जीवनी पर धारावाहिक बनकर प्रस्तुत होने को तैयार है। इस धारावाहिक की शूटिंग राजस्थान, हरिद्वार और मुंबई जैसे वास्तविक स्थलों पर की गई है। इस धारावाहिक में एक गरीब किसान के पुत्र से एक महानायक बनने तक की उनकी यात्रा दिखाई जाएगी। अजय देवगन फिल्म्स और वॉटरगेट प्रोडक्शन के संयुक्त निर्माण में बन रहा यह महाधारावाहिक स्वामी रामदेव के जीवन में ‘है मुमकिन’ का महत्व सामने लाता है।

डिस्कवरी कम्युनिकेशंस इंडिया (दक्षिण एशिया) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और महाप्रबंधक करण बजाज इस धारावाहिक के बारे में कहते हैं कि शुरुआत में हमारे लेखकों की टीम एक घंटे के शो के लिए स्वामी रामदेव से मिली थी। फिर हमें यह अहसास हुआ कि उनके जीवन को कुछ घंटों के धारावाहिक में नहीं दर्शाया जा सकता। इसी का परिणाम हुआ कि हमने 85 कड़ियों (एपिसोड) के एक भव्य महाधारावाहिक का निर्माण किया।

स्वामी रामदेव ने अपने नाम पर बने धारावाहिक पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डिस्कवरी जीत की ‘है मुमकिन‘ की विचारधारा ने मुझे आकर्षित किया। मेरा जीवन भी आसान नहीं रहा। यह जीवनी सभी घटनाक्रमों को उसी तरह प्रस्तुत करती है जिस तरह वह घटित हुए थे।

स्वामी रामदेव पर धारावाहिक के साथ ही डिस्कवरी जीत 10 करोड़ से ज्यादा घरों में एक साथ शुरू होगा, जो भारत में मनोरंजन चैनलों की दुनिया में बड़ा कदम होगा। अब तक डिस्कवरी केवल ज्ञान-विज्ञान, प्रकृति और जीव जन्तुओं की दुनिया को ही सामने लाने का काम करता रहा है। 12 अलग-अलग चैनलों से प्रदर्शित उसके कार्यक्रम खासे लोकप्रिय हैं। अब डिस्कवरी चैनल वह भारत में मनोरंजन के क्षेत्र में उतर रहा है। इसमें भी प्रारंभिक रूप से वह उन ऐतिहासिक घटनाओं को सच्चे रूप में प्रदर्शित करने का दावा कर रहा है जिससे लोगों को मनोरंजन के साथ ही जानकारी भी मिले। जारी|

किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर करने में मददगार साबित होगा बैंक: कृषि मंत्री

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टिहरी। कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने सिंडिकेट बैंक शाखा का उद्घाटन करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में कार्य करने वाले काश्तकारों को सस्ते दरों पर ऋण देकर बैंक पलायन को रोकने और किसानों की आर्थिकी बढ़ाने में मददगार साबित होगा।

मंगलवार को आगरा खाल में सिंडिकेट बैंक की शाखा के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि देश के राष्ट्रीयकृत बैंकों में शुमार यह बैंक कृषि के क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में 15 से 20 युवा समूह बनाकर सामूहिक उद्यम करने को आगे आएं, सरकार उनके मदद के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि युवा रोजी-रोटी के लिए किसी पर आश्रित न होकर अपना उद्यम अपनाकर स्वयं के पैरों पर खड़े होने का कार्य प्रारंभ करें। इसके लिए मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, भेड़ पालन, पशुपालन, बागवानी एवं फलोत्पादन जैसे कार्यों को अपनाने की जरुरत है। इस मौके पर 15 लाख का ऋण भी वितरित किया गया।
सिंडिकेट बैंक देहरादून के क्षेत्रीय प्रबंधक लक्ष्मीकांत श्रीवास्तव ने कहा कि बैंक की 57 शाखाएं उत्तराखंड में काम कर रही हैं। ‘खाता खोलो बैंक से नाता जोड़ो’ के उद्देश्य से बैंक कृषि क्षेत्र में विशेष मदद देने को तैयार है। इस मौके पर पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत, वीरेंद्र सिंह कंडारी, पूर्व शाखा प्रबंधक सीपी बिष्ट, सहायक प्रबंधक शशांक दुबे, शाखा प्रबंधक अंकुर गुप्ता आदि मौजूद रहे। 

बातचीत की तय शर्तों पर कार्यवाही न होने से बिजली कर्मियों के तेवर तल्ख

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देहरादून। शासन से वार्ता में बनी सहमति के अनुरूप कार्यवाही नहीं होने से बिजली कार्मिकों के तेवर फिर से तल्ख हैं। अगर जल्द कार्यवाही नहीं हुई तो फिर से प्रदेशभर में आंदोलन शुरू करने की तैयारी है। मंगलवार को दस संगठनों की संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक हुई, जिसमें शासन के खिलाफ आक्रोश जताया गया। साथ ही तय हुआ कि कार्मिकों की हित की लड़ाई एकजुट होकर लड़ी जाएगी। इसके अलावा सचिव ऊर्जा से वार्ता और आंदोलन को लेकर भी चर्चा हुई।

माजरा स्थित जूनियर पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के कार्यालय में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि 22 दिसंबर को ऊर्जा सचिव से वार्ता हुई थी, इसमें सहमति बनी थी कि पे-मैट्रिक्स में 3000 ग्रेड वेतन को 4200 ग्रेड वेतन में संरक्षित करते हुए वेतन का निर्धारण होगा। साथ ही ऊर्जा निगमों में जो पे-मैट्रिक्स नहीं है, उन्हें विलुप्त किया जाएगा। इसी आधार पर प्रस्तावित हड़ताल स्थगित की गई थी। लेकिन, अभी तक भी इस संबंध में शासन स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पदोन्नत वेतनमान (एसीपी) की पुरानी व्यवंस्था ही लागू करने की मांग पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। शासन के रवैये से कार्मिकों में आक्रोश बढ़ रहा है। दो बार शासन स्तर पर हुई वार्ता के बाद आंदोलन स्थगित किया, लेकिन दोनों बार वादा खिलाफी हुई। ऐसी स्थिति में कैसे कार्मिक शासन पर भरोसा रखेंगे। इस दौरान ऊर्जा कामगार संगठन, पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन, पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन, ऊर्जा कामगार संगठन, ऊर्जा ऑफिसर्स, सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन, बिजली कर्मचारी संघ, पावर लेखा एसोसिएशन, हाइड्रो इलेक्ट्रिकल इंप्लाइज यूनियन, विद्युत प्राविधिक कर्मचारी संघ, विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन, आरक्षित ऊर्जा एसोसिएशन से अनिल मिश्रा, राकेश शर्मा, इंसारुलहक, जीएन कोठियाल, कार्तिकेय दुबे, अशोक टंडन, संदीप शर्मा, जेसी पंत, विनोद कवि आदि मौजूद रहे। 

राजधानी में एक अप्रैल से पाॅलिथीन बिक्री पर लगेगा जुर्माना

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देहरादून। राजधानी देहरादून की खूबसुरती बनाए रखने एवं प्रदूषण कम करने के लिए शहर को पाॅलिथीन से मुक्त कराने के लिए प्रशासन ने कसरत तेज कर दी है। इसी अभियान के तहत व्यापारियों को 31 मार्च तक पाॅलिथीन स्टोर को खाली करने को कहा गया है। अगर एक अप्रैल से पाॅलिथीन को बेचते हुए पकड़े जाने पर दुकान सीज करते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी।

मंगलवार को नगर निगम सभागार में अपर आयुक्त गढ़वाल मण्डल डॉ हरक सिंह रावत ने जनपद के पाॅलिथीन के थोक विक्रेताओं एवं जनपद में संचालित हो रहे वैडिंग प्वाइंट के संचालकों तथा नगर निगम के इंस्पेक्टर एवं सुपरवाइजर के साथ एक बैठक की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिले में पाॅलिथीन के कारण जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जिससे की शहर की खुबसुरती के साथ-साथ पर्यावरण दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है। इस दौरान उन्होंने 40 माईक्रोन से कम के पाॅलिथीन को पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों एवं व्यापारियों को दिए।
बैठक में डॉ हरक सिंह रावत ने सभी थोक व्यापारियों से अपील करते हुए कहा कि अपने स्टोर में जो भी पाॅलिथीन एवं डिस्पोजल हैं उन्हें 31 मार्च तक स्टोर को खाली कर लें। इसके बाद कोई डिस्पोजल तथा पाॅलिथीन से युक्त किसी भी सामग्री का व्यापार नहीं करेगा, अगर एक अप्रैल के बाद कोई व्यापारी पाॅलिथीन बेचते हुए पकड़ा गया तो उसकी दुकान सीज करते हुए उचित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने जनपद में संचालित हो रहे वैडिंग प्वांइटों के संचालकों से भी अपील की है कि वे भी वैंडिंग प्वांइटों में भी पाॅलिथीन का उपयोग न करें, इसके लिए उन्होने वैंडिंग प्वांइटों में प्लेट एवं गिलास का प्रयोग करने कहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि वैंडिंग प्वांइट में सूचना पट लगाते हुए आयोजकों को सूचित किया जाए कि वैडिंग प्वांइट में प्लास्टिक से निर्मित सामग्री को प्रतिबन्धित किया गया है। यदि कोई आयोजक इसका प्रयोग करते हुए पकड़ा जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी आयोजक की होगी सम्बन्धित से अर्थदण्ड भी वसूला जाएगा। यदि कोई आयोजक यूस एण्ड थ्रो वाली सामग्री का प्रयोग करना चाहता है, तो कागज एवं पत्तल से निर्मित कप एवं प्लेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

इंसानियत: बेज़ुबान जानवरों को दिल के करीब रखती हैं सुषमा जखमोला

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“पशु कोई चीज़ नहीं हैं बल्कि जीव हैं, जो हमारी करुणा, सम्मान, दोस्ती और समर्थन के हकदार हैं” इसी कहावत को सच करती हैं कोटद्वार की सुषमा जखमोला। पौड़ी जिले के कोटद्वार शहर की सुषमा जानवरों के लिए उतना ही मोह रखती है जितना एक मां अपने बच्चे के लिए।

aakriti seva samiti

कोटद्वार में चलने वाला आकृति सेवा समिति इस समय अपनी छाया में बहुत से बेज़ुबान पशु पक्षियों को आसरा दिये हुए है।आकृति सेवा समिति दुर्घटना में घायल हुए जानवरों वह चाहे कोई भी हो गाय, भैंस, कुत्ता, बिल्ली या कोई पक्षी सबकी देखरेख और उनकी बेहतरी का बेड़ा उठाता है। आज जब लोग अपने घरो में महंगे कुत्ते और दूसरे जानवर पालते हैं ऐसे में सड़क के किनारे ठोकर खाने वाले कुत्तों के लिए एक वरदान है सुषमा जखमोला जो आकृति सेवा समिति को चला रही हैं। इस काम में उनका साथ देने के लिए और लोग भी उनके संगठन से जुड़े हुए हैं।

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न्यूजपोस्ट से बातचीत में सुषमा जखमोला ने बताया कि साल 2002 से उनका संगठन रजिर्स्टड हैं और वह बेजुबान जानवरों की सेवा कर रहा है। उन्होंने बताया कि हमारे लिए कोई भी जानवर गैर नही है और हम किसी भी दुर्घटनाग्रस्त जानवर को बचाते हैं और उनकी सेवा करते हैं। सुषमा ने बताया कि इस वक्त हमारे पास 46 स्ट्रीट डॉग और 56 गाय हैं और इसमें से ज्यादातर जानवर रेस्क्यू किए हुए हैं। यह सारे कुत्ते मेरे घर में मेरे साथ रहते हैं ।साथ ही कुछ गायें भी घर में रहती हैं लेकिन इनकी संख्या ज्यादा होने की वजह से इनके लिए आकृति सेवा समिति के कैंपस में रहने का इंतजाम किया गया है। उन्होंने बताया कि कोटद्वार में हमारी गौशाल है जिसमा सारी गायें एक साथ रहती है।

अब तक अपने निस्वार्थ सेवा के लिए सुषमा को तीलू रौतेली, उत्तराखंड दून श्री, डॉ शिवानंद नौटियाल अवॉर्ड, हिमालयन हिन्दुस्तान अवार्ड, हम है आज़ाद मिशन अवॉर्ड, प्राइड ऑफ कोटद्वार और भी बहुत सारे सम्मान मिले हैं। सुषमा को अपनी निस्वार्थ सेवाओं के लिए सरकार से बहुत सारे सम्मान भी मिल चुके हैं लेकिन वह कहती हैं कि ये काम वो किसी सम्मान और लालसा के लिए नहीं करती बल्कि जानवरों की सेवा करना उन्हें दिल से पसंद हैं।

सुषमा लोगों में एक संदेश देना चाहती हैं कि ”गाड़ी चलाते समय ध्यान रखें और अपने आस-पास छोटे बड़े जानवरों को बचाते हुए गाड़ी चलाए क्योंकि वह तो बेजुबान हैं अपना दर्द नहीं कह सकते ना शिकायत कर सकतें लेकिन हम तो जानते हैं कि दर्द क्या होता है।”

न्यूज़पोस्ट सुषमा जखमोला की इस निस्वार्थ सेवा को सलाम करता है और आशा करता है कि लोग भी अपने आसपास बेज़ुबान जानवरों की सुरक्षा करें।

ताइवान में 6.4 तीव्रता का भूकंप, 2 मरे, कई घायल

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ताइपे, ताइवान के पूर्वी इलाके में मंगलवार देर रात शक्तशाली भूकंप आया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.4 मापी गई। भूकंप की वजह से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस भूकंप में कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है।

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भूकंप स्थानीय समयानुसार रात 11 बजकर 50 मिनट पर आया। इसका केंद्र हुआलिन शहर से करीब 21 किलोमीटर उत्तरपूर्व में था।

राष्ट्रीय दमकल एजेंसी के अनुसार, भूकंप की वजह से ताइवान के पूर्वी तट स्थित एक होटल धराशायी हो गया। इसके अलावा एक अन्य होटल भी क्षतिग्रस्त हुआ है। धराशायी हुए होटल में करीब 30 व्यक्ति फंसे हुए हैं। साथ ही कई इमारतें भी गिर गई हैं।

रामगंगा नदी में कूदकर महिला ने दी जान

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कालागढ़/पौड़ी गढ़वाल। मंगलवार दोपहर को एक 60 वर्षीय महिला ने कालागढ़ रामगंगा नदी में कूदकर जान दे दी पुलिस ने मौके पर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

कालागढ़ रामगंगा नदी पर दोपहर लगभग तीन बजे मनोरमा देवी(60) पत्नी सच्चिदानंद शर्मा ने रामगंगा बैराज से नदी में छलांग लगा दी। लोगो ने देखा तो शोर मचा दिया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को कब्जे मे लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सूत्रों से पता चला के कई दिनों से मनोरमा देवी के घर में पारिवारिक झगडा चल रहा था, जिस कारण मनोरमा देवी तनाव में थी। सुत्रो के अनुसार अफजलगढ़ पुलिस को भी फोन किया गया था, परन्तु जब पुलिस मनोरम देवी के घर पहुंची तो परिवार ने आपसी सुलह की बात कहके पुलिस को वापस भेज दिया। उसके बाद आज मनोरमा देवी ने रामगंगा बैराज से कूदकर जान दे दी। थाना प्रभारी बबलू चौहान ने बताया कि सूचना मिली कि किसी महिला ने बैराज से छलांग लगा दी है मौके पर पहुंचे महिला का शव कुछ दूरी पर मिला। प्रथम दृष्टया मौत का कारण डूबने से लग रहा है । बाकी पोस्टमार्टम के बाद सही कारण का पता चल पाएगा। 

अलकन्दा हाइड्रो पॉवर कम्पनी लि. को कारण बताओ नोटिस जारी

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पौड़ी गढ़वाल। जिला मजिस्ट्रेट गढ़वाल सुशील कुमार ने श्रीनगर स्थित अलकन्दा हाइड्रो पॉवर कम्पनी लि. (एएचपीसी) द्वारा वित्त पोषित वैकल्पिक पेयजल स्रोत योजना में अनुबंध पत्र के विपरीत वित्तीय अनियमितताओं के चलते कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मजिस्ट्रट ने कम्पनी को स्पष्टीकरण देने तथा धनराशि हर्जाना सहित वसूलने के साथ ही शासन से मिलने वाली सभी सुविधाओं को बन्द करने के भी निर्देश जारी किए हैं।

जिला मजिस्ट्रेट गढ़वाल सुशील कुमार ने बताया कि श्रीनगर स्थित अलकन्दा हाइड्रो पॉवर के साथ उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम देवप्रयाग तथा पेयजल संस्थान पौड़ी ने मार्च 2012 में श्रीनगर स्थित वैकल्पिक पेयजल स्रोत येाजना का वित्त पोषण करने को लेकर त्रिपक्षीय अनुबंध किया गया था। उन्होंने बताया कि अनुबंध पत्र के अनुसार वैकल्पिक पेयजल येाजना के प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1270.98 लाख निर्धारित हुई। योजना की पूर्ण धनराशि फरवरी 2013 तक निर्गत की जानी थी। योजना का निर्माण अप्रैल 2012 से सितम्बर 2013 तक पूरा किया जाना था। अनुबंध के अनुसार योजना की पूर्ण धनराशि अलकन्दा हाइड्रो पॉवर कम्पनी लि. द्वारा ही वहन की जानी थी। कार्यदायी संस्था उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम देवप्रयाग की ओर से योजना के निर्माण में अभी तक नौ सौ लाख की धनराशि व्यय की जा चुकी है। कार्यदायी संस्था के अनुसार करीब चार सौ लाख की देयता एएचपीसी पर अवशेष है। उन्होंने बताया कि मई 2017 में प्रकरण को लेकर विचार विमर्श हेतु अलकनंदा हाइड्रो पॉवर कम्पनी लि., उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम देवप्रयाग तथा अधिशासी अभियंता जल संस्थान पौड़ी की एक बैठक में कम्पनी ने अक्टूबर माह में अवशेष राशि को अवमुक्त करने का आश्वासन दिया। कार्यदायी संस्था का कहना है कि मई 2018 में योजना की अतिरिक्त निर्माण तिथि भी समाप्त हो जाएगी। ऐसे में योजना का निर्माण शीघ्र करना सम्भव नहीं है। जिला मजिस्ट्रेट ने वैकल्पिक पेयजल योजना के अनुबंध में कम्पनी द्वारा जानबूझकर हीलाहवाली से निर्माण कार्य में अत्यन्त देरी होना पाया। इससे न केवल पेयजल येाजना को हानि हुई बल्कि क्षेत्र को लोगों को शुद्ध पेयजल से भी वंचित होना पड़ा। मजिस्ट्रेट ने कम्पनी को शीघ्र ही अवशेष धनराशि को अवमुक्त करने के निर्देश दिये हैं। निर्देश नहीं मानने पर अवशेष धनराशि को हर्जाना समेत वसूलने तथा कम्पनी के समस्त सुविधाओं को बंद करने के भी निर्देश जारी किए हैं। 

सड़क हादसे में नौ लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

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देहरादून, चम्पावत जिले के स्वाला के पास एक मैक्स वाहन बुधवार सुबह करीब सात बजे खाई में गिर गया। इस हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंच कर राहत बचाव कार्य में जुट गई है।

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एसपी चम्पावत धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि फिलहाल राहत बचाव कार्य चल रहा है। वाहन में नौ लोग सवार थे जिनकी मौत हो चुकी है। इनमें छह पुरुष, दो महिलाएं और एक बच्चा शामिल हैं। एसडीआरएफ की टीम स्थानीय लोगों की मदद से शवों को बाहर निकालने में जुटी हुई है। फिलहाल मृतकों की पहचान नही हो पाई है।

वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए इसकी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। गौरतलब है इस स्थान पर लगातार हादसे होते रहे हैं।