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होली पर शराब की दुकानें रहेंगी बंद, डीएम ने दिए आदेश

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रूद्रपर। जिलाधिकारी डॉ नीरज खैरवाल ने कानून एवं शांति व्यवस्था के मद्देनजर दो मार्च को होली पर्व पर रंग खेले जाने के दिन सभी प्रकार की देशी-विदेशी मदिरा की दुकानों को पूर्णतः बन्द रखने के निर्देश जिला आबकारी अधिकारी आलोक कुमार शाह को दिये है।

उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि इस दिन समस्त अनुज्ञापी समेत एल्कोहल से सम्बन्धित सभी दुकानो को सायं पांच बजे तक पूर्णतया बंद रखा जाये। डीएम ने आदेश का कडाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। 

मान्यता के लिए ‘खेल’ नहीं कर सकेंगे स्कूल

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देहरादून। अब स्कूलों को व्यवस्थाएं चाक चौबंद रखनी होंगी। ऐसा न करना उनकी मान्यता के लिए भारी पड़ सकता है। सेंट्रल बोर्ड आॅफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने मान्यता के नियमों में बदलाव किया है। नए नियम के मुताबिक अब हर पांच साल में स्कूलों में बोर्ड से मान्यता लेनी होंगी।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन ने अपने मान्यता संबंधी आवेदन देने की प्रक्रिया में बदलाव किया है। आने वाले दिनों में बोर्ड से संबद्ध किसी भी स्कूल को स्थाई मान्यता नहीं मिलेगी। स्कूल को 2019-2020 सेशन से नए नियमों के मुताबिक मान्यता के लिए आवेदन करना होगा। मौजूदा नियमों की बात करें तो अभी तक 15 साल पुराने स्कूल को स्थाई मान्यता मिल जाती थी। जबकि, नए स्कूलों को हर पांच साल में मान्यता के लिए आवेदन करना होता था। लेकिन, नए नियम के तहत सभी नए-पुराने स्कूलों को हर पांच साल में सीबीएसई से मान्यता लेनी होगी। स्कूलों द्वारा आवेदन करने पर बोर्ड की ओर से प्रोविजनल एफिलिएशन प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। यदि किसी स्कूल का एफिलिएशन 2019 में खत्म हो रहा है तो उसे साल 2018 से ही सारा डॉक्यूमेंटेशन करके सीबीएसई को भेजना होगा ताकि 2019 में स्कूल की मान्यता खत्म होने से पहले ही उसे प्रोविशनल एफिलिएशन मिल जाए। सभी जानकारी तय समय से पहले ही देनी होगी।
नहीं हो सकेगा कोई खेल
अभी तक स्कूल कई बार मान्यता हासिल करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाते हैं। इनमें कई बार स्कूल फैकल्टी और संसाधनों तक को महज मान्यता भर के लिए अपयोग में लाते हैं। मान्यता मिलते ही किराए के संसाधनों और काम चलाउ शिक्षकों से काम लेते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। जिंप पायनियर स्कूल के प्रधानाचार्य जगदीश पांडे का कहना है कि बोर्ड ने यह कदम कई पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उठाया है। बीते कुछ वक्त में स्कूलों में घटित घटनाओं के बाद यह महसूस किया गया कि स्कूल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से नहीं निभा रहे हैं। स्कूल को इस बात का एहसास रहे कि यदि वे किसी तरह की लापरवाही बरतते हैं तो उसकी मान्यता खत्म की जा सकती है। अभिभावक दीपिका चौहान का कहना है कि पांच साल में मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया स्कूलों के लापरवाही भरे रवैये पर लगाम लगाने का कार्य करेगी।
मानकों में नहीं कोई बदलाव
बोर्ड के हर पांच साल में मान्यता देने के नियम के बाद स्कूलों में आपनी व्यवस्थाओं को चाक चौबंद रखना ही होगा। स्कूलों को हर पांच साल में नया एफिलिएशन बिल्कुल उसी तरह लेना होगा, जिस तरह पहली बार स्कूल शुरू करते वक्त लिया था। यानी स्कूल की इमारत की डिटेलिंग, सुरक्षा मानक, बाउंड्रीवाल, इंटरनेट, क्लासरूम, स्टूडेंट्स और टीचर्स की संख्या, स्टूडेंट्स, टीचर्स रेशियो, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्पोर्ट्स ग्राउंड हाइजीन, स्कूल एक्टिविटीज, स्कूल का रिजल्ट, टीचर्स की क्वालीफिकेशन, बस में सुरक्षा मानक, लेबोरेट्री आदि जैसी जानकारी रिपोर्ट बोर्ड को भेजनी होगी।
नियमों को लेकर बोर्ड गंभीर
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने स्कूल्स द्वारा गाइडलाइंस की अनदेखी के लिए अब सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बीते दो सालों की बात करें तो अकेले सीबीएसई देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय ने कई स्कूलों की मान्यता को खत्म किया। बोर्ड द्वारा गाइडलाइन की अनदेखी करने वाले करीब आधा दर्जन स्कूलों की मान्यता रद्द की जा चुकी है। दो सालों की बात करें तो साल 2015 में मेरठ, बुलंदशहर और सहारनपुर के स्कूलों की मान्यता रद्द की थी।
गाइडलाइंस के मुताबिक ऐसे मिलती है मान्यता
– स्कूलों में एजुकेशन के स्टैंडर्ड को देखा जाएगा।
– स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर को देखा जाएगा।
– मैनेजमेंट, लीडरशिप के आधार पर भी मार्किंग होती है।
– एक्रीडिटेशन करने वाली एजेंसी और सीबीएसई ऑफिसर्स की रिपोर्ट से तय होता है कि स्कूल को मान्यता दी जाए या नहीं।
– एफिलिएशन न मिलने पर 6 महीने का समय मिलेगा और उसके बाद फिर से एक्रिडिटेशन का प्रोसेस स्टार्ट होगा।
– स्कूल को पांच साल के लिए एक्रिडिटेशन मिलता है। 

फ्योली के फूल से सजी होगी महिलाओं की ”स्पेशल पहाड़ी टोपी”

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सोहम आर्ट और हैरिटेज द्वारा बनाई गई पहाड़ी टोपी के देखते ही देखते लोगों के दिल में अपनी खासी जगह बना ली है।बीते साल नवंबर में उत्तराखंड के लोगों की शान बनी पहाड़ी टोपी एक बार फिर कुछ हटकर और अलग तरह से लोगों के बीच आने वाला है।जी हां, अब तक पहाड़ी टोपी केवल पुरुषों के लिए बनाई गई थी लेकिन आने वाले फूलदेई त्यौहार पर सोहम आर्ट एंड हैरिटेज राज्य की महिलाओं के लिए भी पहाड़ी टोपी लॉंच कर रहा है।

पहाड़ी टोपी की महिलाओं में भी डिमांड को देखते हुए सोहम हैरिटेज और आर्ट सेंटर के समीर शुक्ला पहाड़ी टोपी की एक और रेंज लेकर आने वाले हैं।और इस रेंज की खास बात है यह पूरी तरह से औरतों के लिए समर्पित होगी।आपको बतादें की पहाड़ी टोपी बहुत ही जल्दी लोगों के बीच मशहूर हो गई है और ना केवल देश के लोग बल्कि दूर-दराज के देशों के लोग भी पहाड़ी टोपी को पसंद कर रहे हैं।

फूलदेई

इस बारे में बात करते हुए सोहम हैरिटेज और आर्ट सेंटर के समीर शुक्ला ने बताया कि, “हमने पुरुषों के लिए जो पहाड़ी टोपी बनाई उसकी डिमांड महिलाएं भी कर रही हैं, जो बहुत अच्छी बात है।लेकिन दुख इस बात से हुआ कि महिलाओं के लिए समर्पित टोपी ना तो हमारे पास है ना ही उत्तराखंड राज्य में किसी और के पास है।इसी सोच के साथ हमने महिलाओं के लिए फ्योली टोपी बनाने का निश्चय किया जिसे हम फूलदेई के दिन लॉंच करेंगे। समीर ने कहा कि, “हर राज्य के पास महिला समर्पित टोपी है चाहें कश्मीर हो या हिमाचल लेकिन हमारे राज्य में महिलाओं की टोपी है ही नहीं जिससे पता चलता है कि अभी भी राज्य महिलाओं को पुरुषों के समान दर्जा नहीं देता है।”

गौरतलब है कि टोपी को सम्मान की तरह पहना जाता है लेकिन उत्तराखंड की महिलाओं के पास कोई भी समर्पित टोपी नहीं है।महिलाओं को एक नई पहचान दिलाने के लिए फ्योली पहाड़ी टोपी जल्द ही बाज़ार में होगी।

टोपी के बारे में और बताते हुए समीर ने कहा कि, “यह टोपी लाल और मैरुन रंग की होगी जो सर्दियों के लिए ऊनी ब्लेजर के कपड़े से बनाई जाएगी और गर्मियों के लिए लाल कपड़े को बकरम के साथ बनाया जाएगा।” उन्होंने कहा कि, “पहले से पहाड़ी टोपी पर ब्रह्रमकमल मौजूद है लेकिन इस टोपी में फ्योली के फूलों की सजावट होगी जो पुरुषों से महिलाओं की टोपी को अलग करेगा, महिलाओं की टोपी का रंग और उसकी सजावट टोपी को और खूबसूरत बना देगा।”

महिलाओं के लिए खासतौर पर डिजाईन यह टोपी ना केवल उन्हें एक अलग सम्मान देगी बल्कि उन्हें यह भी एहसास दिलाऐगी कि वह किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है।तो अगर आप भी यह पहाड़ी टोपी लेना चाहती है तो कुछ दिन का और इंतज़ार करना होगा और फूलों के त्यौहार फूलदेई के दिन यह टोपी मसूरी के सोहम हैरिटेज एंव आर्ट सेंटर पर उपलब्ध होगी।

अभिनेत्री श्रीदेवी के असामयिक निधन से तेलुगु फिल्म उद्योग सदमे में

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हैदराबाद, अभिनेत्री श्रीदेवी के निधन पर पूरा तेलुगु फिल्म उद्योग गहरे शोक में डूब गया है। उनके निधन को लेकर तेलुगु की जानी-मानी हस्तियों ने सोशल मीडिया पर अपना शोक व्यक्त किया।

निर्माता राघवेंद्र राव ने ट्वीट कर लिखा, “मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं बहुत सदमे में हूं। श्रीदेवी जी अब नहीं रहीं, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।” राघवेंद्र ने आगे लिखा कि उनके निर्देशन में जगदीका विरुदू अतिलोका सुंदरी में अभिनेता चिरंजीवी के साथ श्रीदेवी ने मुख्य भूमिका निभाई थी और यह तेलुगु फिल्म ब्लॉक बस्टर रही थी। तेलुगु में कुल 62 से आधिक फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाई।

टॉलीवूड अभिनेता और कई अभिनेत्री जैसे चिरंजीवी, जयसुधा और रकुल प्रीत सिंह ने कहा कि श्रीदेवी के निधन पर विश्वास नहीं हो रहा है। श्रीदेवी की कमी को भारतीय फिल्म में कोई पूरा नहीं कर पाएगा।

अपने आपको श्रीदेवी को आदर्श मानने वाले राम गोपाल वर्मा ने सोशल मीडिया पर गहरा शोक व्यक्त किया है। ट्वीट कर उन्होंने कहा, “भगवान से मैंने कभी भी इतना विद्वेष नहीं किया। मगर अब मैं नफरत करता हूं इस बात से कि मुझे जिंदा रहना पड़ रहा है, उनकी मौत की खबरें सुनने के लिए। श्रीदेवी आप जहां भी हैं, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं और हमेशा करता रहूंगा।’

ईको फ्रेंडली होली खेलकर दें स्वच्छता का संदेश: चिदानन्द

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ऋषिकेश, परमार्थ निकेतन के परम अध्यक्ष चिदानन्द मुनि महाराज ने ईको फ्रेंडली होली मनाने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में फागुन के फगुआरे व प्राकृतिक रंगों का अस्तित्व समाप्त होता जा रहा है। आज बाजारों में रासायनिक रंगों की धूम मची है, जिनके प्रयोग से शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ते हैं।

योग और आध्यात्म की अलख जगाकर ग्लोबल पहचान दिलाने वाले परमार्थ परमाध्यक्ष चिदानन्द सरस्वती मुनि महाराज ने कहा कि ऋतुराज में होली का त्योहार हर किसी के मन में उमंगें पैदा करता है। विभिन्न रंग मनुष्य के अंदर अलग-अलग भाव पैदा करते हैं।

प्राचीन काल में होली पर्व प्राकृतिक रंगों से खेलते थे जोकि पूरी तरह से शरीर एवं पर्यावरण के लिए सुरक्षित थे। टेसू के फूलों के रंग, पीले रंग के लिए हल्दी पाउडर तथा अलग-अलग रंगों के विभिन्न प्रकार के फूलों का प्रयोग किया जाता था। उन्होंने कहा कि होली पर्व गले मिलकर सादगी से मनाएं। ईको-फ्रेंडली होली मनाकर स्वच्छता का संदेश दें।

राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के लिए आईओए ने एडलवाइस के साथ किया करार

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नई दिल्ली, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने सोमवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों, 2018 एशियाई खेलों और 2020 ओलंपिक खेलों के लिए भारतीय दल के प्रायोजक के रूप में एडलवाइस फाइनेंसियल सर्विसेज लिमिटेड के साथ साझेदारी की घोषणा की।

इसके अलावा आईओए ने राष्ट्रमंडल खेलों के लिए आधिकारिक खेल परिधान भागीदार के रूप में शिव नरेश स्पोर्ट्स कंपनी और आधिकारिक स्टाइल पार्टनर के रूप में कपड़े के क्षेत्र की उत्कृष्ट कंपनी रेमंड के साथ करार किया है।

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इस दीर्घकालिक साझेदारी के साथ ही एडलवाइस टोकियो लाइफ इंश्योरेंस ने 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के सभी एथलीटों को 50 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर प्रदान किया है। इससे पहले एडलवाइस ने 2016 में रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले एथलीटों के लिए 1 करोड़ का बीमा कवर दिया था।

इस अवसर पर आईओए अध्यक्ष नरिंदर ध्रुव बत्रा ने कहा, “मुझे एडलवाइस समूह के साथ साझेदारी की घोषणा करने पर प्रसन्नता हो रही है, यह करार भारत को खेल सुपर पावर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय खेलों को बढ़ावा देने के लिए निजी कंपनियों के आगे आने से टोक्यो में होने वाले 2020 ओलंपिक खेलों की तैयारियों को बल मिलेगा। मुझे रेमंड के आधिकारिक स्टाइल पार्टनर और शिव नरेश के साथ राष्ट्रमंडल खेलों के लिए आधिकारिक परिधान भागीदार के रूप में सहयोगी बनाने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।”

कार्यक्रम में खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, आईओए अध्यक्ष नरिंदर ध्रुव बत्रा और सचिव जनरल आईओए राजीव मेहता उपस्थित थे। इनके अलावा एचएस प्रणय (बैडमिंटन) मेहुली घोष (शूटिंग), अनुराग सिंह (शूटिंग), मनप्रीत सिंह (कप्तान, भारतीय पुरुष हॉकी टीम), रानी रामपाल (कप्तान, भारतीय महिला हॉकी टीम), रूपिंदर पाल सिंह (हॉकी), सविता पुनिया, दीपा करमाकर (जिमनास्टिक्स), मोहम्मद बॉबी (जिमनास्टिक्स), गौरव कुमार (जिमनास्टिक्स) और प्रणिता दास (जिमनास्टिक्स) जैसे दिग्गज भारतीय खिलाड़ी भी मौजूद थे। 

उल्लेखनीय है कि 4 अप्रैल से शुरू हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारत 227 एथलीटों का दल भेज रहा है।

राजकीय चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का बोलबाला

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ऋषिकेश, ऋषिकेश के राजकीय चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का बोलबाला बना हुआ है। कराह रहे मरीजों और रोगियों के उपचार और देखभाल की समस्याएं गंभीर बनती जा रही है। चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे अस्पताल में जहां जीवनरक्षक औषधियों के लिए रोगियों को चिकित्सालय में चिकित्सकों द्वारा मेडिकल स्टोर का रास्ता दिखाया जा रहा है।

अस्पताल में विभिन्न बीमारियों के उपचारार्थ भर्ती रोगियों को लचार सफाई व्यवस्था और बीमार बना रही है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि गढ़वाल के मुख्य द्वार के बीमार हो चुके सरकारी अस्पताल की दशा और दिशा में सुधार होगा तो होगा कब।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैय्यद मुमताज हाशिम का आरोप है कि राजकीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक अपने कक्ष के बजाय प्रथम तल पर स्थित कक्ष में ही ज्यादातर समय बिताते हैं। उनको मरीजों और अस्पताल की काई चिंता नही है। ऐसे में अस्पातल की हालत बद से बदतर होती जा रही है। इस ओर शासन-प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, तो सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा।

उसेन बोल्ट ने फुटबॉल क्लब के साथ किया करार

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नई दिल्ली, दुनिया के सबसे तेज धावक की उपाधि से नवाजे गए व आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जमैका के दिग्गज धावक उसेन बोल्ट ने एक फुटबॉल क्लब के साथ करार किया है।हालांकि उन्होंने क्लब का नाम नहीं बताया। क्लब के नाम की घोषणा वह मंगलवार को करेंगे।

बोल्ट ने ट्विटर पर 10 सेकेंड का एक वीडियो अपलोड कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने वीडियो में कहा, “मैंने अभी एक फ़ुटबॉल क्लब से करार किया है और क्लब का नाम मैं मंगलवार को घोषित करूंगा।”

मैनचेस्टर यूनाइटेड के प्रशंसक बोल्ट ने इस साल की शुरुआत में पुष्टि की थी कि वह मार्च में बन्देस्लिगा क्लब बोरुसिया डॉर्टमुंड के साथ प्रशिक्षण करेंगे। उल्लेखनीय है कि 31 वर्षीय बोल्ट ने कई बार फुटबॉल के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित किया है और वह कई बार सार्वजनिक मंचों से भी अपने एथलेटिक्स कैरियर की समाप्ति के बाद फुटबॉल खेलने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।

त्योहार पर मिलावटखोर सक्रिय

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ऋषिकेश। होली का त्योहार निकट आते ही शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक मिलावटखोर सक्रिय हो गए हैं। मिठाइयों की दुकानों पर दिन-रात गुजिया तैयार करने का काम चल रहा है। विभाग की उदासीनता के चलते तीर्थ नगरी में अब भी कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं आई है, जबकि मिलावट का खेल धड़ल्ले से हो रहा है।
संबंधित खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी पीसी कंडवाल का कहना है कि उनके द्वारा ऋषिकेश मुनिकीरेती क्षेत्र में होली के पर्व से पूर्व खाद्य सुरक्षा नियम के अंतर्गत हलवाइयों के साथ कुछ तेल विक्रेताओं के यहां छापेमारी की गई है। जिनके सैंपल लेकर लेबोरेटरी में भेज दिए गए हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि विभाग छापेमारी के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है। यही कारण है कि होली का त्योहार नजदीक आते ही मिलावटखोर भी सक्रिय हो गए हैं। बाजारों में बेखौफ होकर मिलावटी मावा और खोया-पनीर की बिक्री कराई जा रही है। उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों से मंगाए जा रहे सैकड़ों क्विंटल मिलावटी मावा को मिठाई बनाने में खपाया जा रहा है। चार दिन बाद होली का त्योहार है। ऐसे में बाजारों में मिठाइयों की दुकानों पर बड़े पैमाने पर मिलावटी मावा से बनी गुजिया सज गई है।

रंग बदलता मौसम का मिजाज होली पर्व को कर सकता है फीका

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ऋषिकेश तीर्थनगरी में पल-पल बदलते मौसम के रंग होली के शौकीनों के चेहरे की हवाइयां उड़ा रहे हैं। पर्व से जुड़े दुकानदार भी गड़बड़ा रहे मौसम के तेवरों से उलझन में है।

देवभूमि में शनिवार से मौसम के मिजाज ने अचानक से करवट बदली है। गढ़वाल के मुख्य द्वार ऋषिकेश में रात भर कभी जमकर तो कभी थम-थम कर बारिश होती रही। राहत की बात यह रही कि रविवार की सुबह धूल भरी आंधी के बाद सूर्य देव ने अपनी चमक बिखेरी और मौसम खुल गया, लेकिन इसके बावजूद होली पर्व से जुड़े दुकानदारों एवं होली के शौकीनों को पर्व पर मौसम के मिजाज को लेकर चिंता सताने लगी है। गौरतलब यह भी है कि राज्य के मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों के साथ तराई क्षेत्रों में अगले दो-तीन दिन तक हल्की बारिश की आंशका जताई है। ऐसे में यदि मौसम ने अपने तेवर तल्ख किए तो होली के उत्साह पर पानी फिर सकता है।

चमोली में फिर बदला मौसम का मिजाज, ऊंचाई वाले स्थानों पर हुई बर्फवारी

चमोली जिले में रविवार को फिर से एक बार मौसम का मिजाज बदला। जिले की ऊंची चोटियों के साथ बदरीनाथ, हेमकुंड व औली में बर्फबारी हुई। जिला मुख्यालय गोपेश्वर समेत निचले इलाकों में बारिश के चलते शीत लहर चलने लगी है।

रविवार को जहां चमोली जिले में सुबह से धूप खिली हुई थी। परंतु दोहपर बाद अचानक मौसम का मिजाज बदला और ऊंची चोटियों के अलावा बदरीनाथ, हेमकुंड व औली, गोरसों में हिमपात तो निचले हिस्सों में बारिश शुरू हो गई। औली में लगभग आधा फीट बर्फ जमी हुई है। निचले क्षेत्रों में भी दिनभर मौसम का मिजाज पल-पल बदलता रहा। सुबह धूप खिली रही तो लोगों ने धूप का आनंद लिया। दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और गोपेश्वर के साथ हीआसपास के इलाकों में बारिश शुरू हो गई थी। जिससे ठंड बढ़ने लगी है।

मौसम को देखते हुए रिजनल को-ऑर्डिनेटर वेर्स्टन एंड सेंट्रल हिमालया,एग्रो मेट एडवाइजरी सर्विस डिवीज़न ऑफ आईएमडी आनंद शर्मा ने बताया कि, “2 मार्च को थोड़ी वेर्स्टन डिस्टरबेंस देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से बादल छाये होंगे लेकिन अभी सिस्टम पर मॉनिटरिंग का काम चल रहा जिसकी वजह से एकदम सटीक नहीं बताया जा सकता। मैदानी इलाको मे ज्यादा असर नहीं दिखाई देगा, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में छींटे पड़ सकते है।”