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सावधान! केमिकल रंग बिगाड़ सकते हैं चेहरे की रंगत

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ऋषिकेश। सावधान, केमिकल युक्त रंग किसी के चेहरे की रंगत बिगाड़ सकते हैं। आंखों के लिए भी गंभीर खतरा बन सकते हैं। रंगों की खरीदारी में समझदारी ही किसी अनहोनी से बचा सकती है। होली का पर्व आते ही रंगों का बाजार सज गया है। रासायनिक रंग काफी सस्ते बिक रहे हैं, जो किसी के लिए भी खतरे का सबब बन सकते हैं।
स्क्रीन विशेषज्ञ डॉ. मुकेश पांडे का कहना है कि होली का त्योहार रंगों का है। पहले लोग होली पर प्राकृतिक रंगों का उपयोग करते थे। जिससे कोई नुकसान नहीं होता था। होली खेलने का तरीका भी अलग तरह का था, लेकिन बदलते दौर में इस त्योहार में प्राकृतिक रंगों का स्थान रसायन युक्त रंगों ने ले लिया है जो शरीर के लिए बेहद घातक हो सकते हैं। होली का त्योहार नजदीक आते ही सस्ते रंगों से बाजार पट गया है। महंगे रंग, अबीर गुलाल भी हैं, लेकिन सस्ते होने की वजह से लोग रासायनिक रंगों को लेते हैं। यह रंग चेहरे की रंगत को भी बिगाड़ सकते हैं। समय के साथ त्योहारों के स्वरूप में भी कुछ परिवर्तन आया है। होली का त्योहार अभी परंपरागत रूप से मनाया जाता है लेकिन अब लोग प्राकृतिक रंगों का उपयोग नहीं करते हैं। प्राकृतिक रंग तो बाजार से गायब हो गए हैं। केमिकल युक्त रंग शरीर के लिए बेहद घातक साबित हो सकते हैं। होली पर लोग एक दूसरे के चेहरे पर सस्ते रंग लगा देते हैं। इससे त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। आंख में रंग चला जाए तो जलन होने लगती है। ऐसे रंगों की कीमत पांच से दस रुपये तोला तक ही है। जबकि इनसे अच्छे रंग अस्सी से नब्बे रुपये तोला तक बिक रहे हैं। हालांकि बाजार में हर्बल रंग भी हैं, लेकिन सस्ते रंगों की धमक अधिक दिखाई दे रही है। व्यापारियों ने काफी माल मंगवा लिया है। लाल, पीला, हरा गुलाबी रंग सबसे अधिक बाजार में बिक रहा है। होली के त्योहार पर केमिकल मिश्रित रंगों का व्यापार खूब फल फूल रहा है। इस मामले पर समाज सेवी और विभिन्न संस्थाओं से जुड़े राजे नेगी ने बताया कि केमिकल रंगों के घातक प्रभाव को देखते हुए लोगों को लगातार सचेत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि होली मे चेहरे के साथ आखों पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े इसके लिए खासतौर पर ध्यान रखने की जरुरत है।

पहाड़ी जीवन का संघर्ष: घायल को 10 किमी बांस का स्ट्रेचर बनाकर लाए सड़क तक

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चमोली जिले के विकास खंड जोशीमठ के दुर्गम क्षेत्र के किमाणा गांव के बादर सिंह जो अपने मवेशियों के लिए चारापत्ति काटते हुए शनिवार की देर सांय को पेड़ से गिर कर बुरी तरह घायल हो गए थे। लेकिन, सड़क के अभाव व क्षेत्र हो रही भारी वर्षा व हिमपात व दुर्गम रास्ता होने के कारण ग्रामीण बारिश के रुकने का इंतजार करने के लिए मजबूर हो गये लेकिन जब घायल की हालत नाजूक होता देख ग्रामीण तड़के ही बिना बारिश रूके घायल को बांस की लकड़ी के स्ट्रेचर पर लिटाकर 10 किमी तक का पैदल रास्ता नापते हुए मुख्य सड़क तक लाये और वहां 108 सेवा के माध्यम से जोशीमठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये जहां से उसे रैफर कर जिला चिकित्सालय गोपेश्वर लाया गया है। इस घटना ने बता दिया कि अभी भी जिले में सड़कों के अभाव में लोग किस तरह का जीवन जी रहे है।
चमोली जिले का उर्गम घाटी को चमोली जिले को सड़कों और सुविधाओं के अभाव में दुर्गम क्षेत्र भी कहा जाता है। इसी क्षेत्र के किमाणा गांव जो सड़क मार्ग से 10 किमी दूर खडी चढाई पर है। यहां के 40 वर्षीय बादर सिंह शनिवार को पशुओं के लिए चारापत्ति लेने जंगल गये थे। और अचानक पेड़ से गिर गहरी खाई में जा गिरा जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। साथ अन्य साथियों ने इसकी सूचना गांव में पहुंचायी जिस पर ग्रामीणों ने उसे पहले घर लाये और वहां से उपचार के लिए जोशीमठ लाना चाह रहे थे लेकिन शनिवार को अचानक देर सांय को जनपद में हुई वर्षा और हिमपात के कारण ग्रामीण पैदल मार्ग की दशा को देखते हुए बारिश व हिमपात के रूकने का इंतजार करते रहे लेकिन जब बारिश व हिमपात नहीं रूकर और घायल की स्थिति बिगड़ने लगी तो उसी हालत में ग्रामीणों ने बांस की लकड़ी का स्टेचर बनाकर उसमें बादर सिंह को लिटा कर बादर सिंह को फिसलन भरे रास्ते से किसी तरह 10 किमी पैदल रास्ता नाम कर मुख्य सड़क लंगसी तक पहुंचाया। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुंवर बताते है कि बादर सिंह को बड़ी मुश्किल से सड़क मार्ग तक पहुंचाया गया। उसकी हालत गंभीर है। बताया कि यहां के डुमक, कलगोठ, जखोला, पल्ला ऐसे गांव है जो इससे भी दुर्गम और यहां पर भी अभी सड़क नहीं पहुंची। ऐसे हालत में गर्भवती महिलाओं, बीमार और वृद्धजनों को उपचार के लिए लाने में भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।

क्यों है उपराष्ट्रपति के काफिले पर गजराज का खतरा?

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ऋषिकेश में 1 मार्च से शुरू होने वाले अंतराष्ट्रीय योगा महोत्सव के लिए तैयारियां करीब करीब पूरी हो चुकी हैं। इस बार इंटरनेशनल योगा फेस्टिवल में 3 मार्च को उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू शिरकत करेंगे। इसके लेकर उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन ने उपराष्ट्रपति के ऋषिकेश दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

उपराष्ट्रपति परमार्थ निकेतन में 3 मार्च को पहुंचेंगे। जॉली ग्रांट से वीवीआईपी फ्लीट को जिस रूट से सड़क मार्ग से गुजरना है वह राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व पार्क का हाथी बाहुल्य क्षेत्र है। ऐसे में फ्लीट के दौरान या आगे पीछे हाथियों पर नजर रखी जाएगी। डीजीपी अनिल रतूड़ी ने सुरक्षा को लेकर पुलिस अफसरों के साथ बैठक की। उन्होंने वीवीआईपी फ्लीट में चलने वाली सभी गाड़ियों के चालकों का चरित्र सत्यापन और स्वास्थ्य परीक्षण कराने के भी निर्देश दिए गए। एडीजी अशोक कुमार ने बताया कि “जिस रूट से फ्लीट गुजरनी है वहां आसपास जंगल में हाथियों की आवाजाही ज्यादा है। ऐसे में हाथियों को लेकर विशेष सतर्कता बरतने और वन विभाग से समन्वय बनाने को कहा गया है। तय कार्यक्रम के अनुसार उप राष्ट्रपति तीन मार्च सुबह साढ़े दस बजे जौलीग्रांट पहुंचेंगे और वहां से चॉपर से आईडीपीएल हेलीपैड पर लैंड करेंगे। न वहां से सड़क मार्ग से परमार्थ निकेतन के लिए निकलेंगे। अपराह्न तीन बजे वे सड़क मार्ग से वापस जौलीग्रांट आएंगे।”

बैठक में एडीजी इंटेलिजेंस वी विनय कुमार, आईजी दीपम सेठ, डीआईजी पुष्पक ज्योति, एसएसपी देहरादून निवेदिता कुकरेती और एसएसपी पौड़ी जगतराम जोशी मौजूद रहे। जौलीग्रांट एयरपोर्ट आईडीपीएल हेलीपैड और आयोजन स्थल परमार्थ निकेतन में सुरक्षा के सारे मानकों की जा रही है। इसके अलावा प्रशासन की कोशिश है कि

  • वीवीआईपी फ्लीट में लगे सभी वाहन ठीक स्थिति में हों
  • वीवीआईपी फ्लीट में चलने वाले सभी चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण कर लिया जाए
  • जौलीग्रांट एयरपोर्ट में एयर ट्रैफिक कन्ट्रोलर से समन्वय स्थापित कर लिया जाये
  • वीवीआईपी कार्यक्रम के दौरान लोगों को परेशानी ना हो इसके देखते हुए यातायात प्लान बनाया जाए
  • महिलाओं की चेकिंग के लिए महिला पुलिस कर्मियों को ही लगाया जाये

उत्तराखंड सरकार कैसी बनीं “पैडमैन”

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को वेदांता समूह की ईकाई हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड सिडकुल पंतनगर के सीएसआर निधि से स्थापित उत्तराखण्ड की पहली स्पर्श सैनेटरी नेपकिन उत्पादन इकाई, ‘‘वन स्टाॅप सेंटर’’ का उद्घाटन किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि “सैनेटरी नेपकिन के उत्पादन प्रारम्भ हो जाने से यहां की महिलाओं को बहुत कम कीमत पर सैनेटरी नेपकिन मिल सकेंगे। माहवारी जैसे विषय पर प्रत्येक परिवार को इस विषय पर अपनी बालिकाओं कोे जानकारी दी जानी चाहिए ताकि बालिकाएं माहवारी के दौरान लिए जाने वाले उचित कदम उठा सके तथा निःसंकोच सेेनेटरी नेपकिन का उपयोग कर सके।”

राज्य में घटते लिंगानुपात पर सीएम चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “अभी भी बहुत से जिलों को इसमें सुधार करते हुए लिंगानुपात को बढ़ाना है। पिछले वर्ष पिथौरागढ़ में 1000 पर 813 बालिकाएं थी, पिथौरागढ़ प्रशासन द्वारा प्रयास किया गया जो अब बढ़कर 933 आ गई है, बागेश्वर में 1000 पर 1023 व उत्तरकाशी में 1000 पर 1094 बेटियां हैं।”

रूद्रपुर की तर्ज पर प्रदेश के सभी जनपदों में सेनेटरी नेपकिन यूनिट स्थापित की जायेगी। एक नेपकिन की कीमत 3 रूपये रखी गई है। भविष्य में इसकी कीमत और भी कम कराई जायेगी ताकि आसानी से सभी किशोरियां इसका उपयोग कर सके। 

महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि “इस यूनिट में सीएसआर के माध्यम से महिलाओं के लिए महिलाओं द्वारा सेनेटरी नेपकिन बनाई जायेंगी। इस यूनिट के द्वारा प्रति दिन दस हजार सेनेटरी पैड का निर्माण होगा तथा प्रत्येक पैकेट में 07 पैड होंगे, जिनकी कीमत 21 रूपये होगी।”

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बालिका विद्यालय में सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध कराने हेतु स्वचालित मशीनें लगाई जायेंगी। जिसमें 10 रूपये डालने पर 03 नैपकिनें उपलब्ध होंगी। इस मौके पर विधायक श्री राजकुमार ठुकराल, श्री पुष्कर सिंह धामी, डाॅ.प्रेम सिंह राणा, श्री राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी डाॅ.नीरज खैरवाल, एसएसपी डाॅ.सदानन्द दाते सहित क्षेत्रीय जनता व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे

उत्तराखंड में राज्यसभा चुनाव 23 मार्च को, नेता अपना गणित बैठाने में जुटे

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राज्यसभा की 58 सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होने हैं। वोटों की गिनती भी उसी दिन होगी। उत्तराखंड में राज्य सभा सांसद महेंद्र सिंह माहरा का कार्यकाल अप्रैल में पूरा हो रहा है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में एक एक सीट पर राज्य सभा के लिए चुनाव होगा। उत्तराखंड से राज्यसभा की खाली हो रही सीट पर अभी कांग्रेस नेता महेंद्र सिंह माहरा काबिज़ हैं लेकिन विधानसभा में बंपर बहुमत को देखते हुए इस बार यह सीट भाजपा के पास जाना तया है। जाहिर है कि इस सीट के लिये भाजपा में नेताओं के बीच ज़ोर आजमाइयश चल रही है। इन सब नेताओं में फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का पड़ला भारी दिख रहा है पर आखिरी फैसला पार्टी हाईकमान ने ही करना है।

नामांकन की अंतिम तिथि 12 मार्च तय की गई है। नामांकन पत्रों की जांच 13 मार्च को होगी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 15 मार्च है। मतदान 23 मार्च को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा और शाम पांच बजे मतगणना होगी। अगले महीने राज्यसभा की जिन सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें

  • यूपी की सबसे ज्यादा 10 सीटें
  • महाराष्ट्र और बिहार की 6-6,
  • मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल की 5-5,
  • गुजरात और कर्नाटक की 4-4,
  • आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, राजस्थान की 3-3,
  • झारखंड की 2,
  • छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की 1-1 सीट शामिल हैं।

अप्रैल में राज्यसभा के रिटायर होने वाले 58 सदस्यों में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान, जेपी नड्डा, थावरचंद गहलोत और रामदास अठावले भी शामिल हैं। इसके अलावा बीएसपी सुप्रीमो मायावती की सीट पर भी चुनाव होंगे। जिन्होंने पिछले साल जुलाई में नाराज होकर राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था।

 

कनखल में मिला मादा गुलदार का शव, चमोली में भालू की पित्ती के साथ तीन गिरफ्तार

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(हरिद्वार) उपनगरी कनखल क्षेत्र में गुलदार आने से लोगों में हड़कंप मच गया। शनिवार देर शाम कुछ लोगों ने कनखल में नक्षत्र वाटिका के पास गुलदार देखे जाने की सूचना वन विभाग को दी। शहर में गुलदार आने की खबर फैलते ही लोगों में हडकंप मच गया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची।
रविवार को गुलदार की जब खोजबीन की जा रही थी तभी उसका शव वन विभाग की टीम को मिला। वन विभाग के मुताबिक गुलदार की उम्र ढाई साल है और वह मादा है। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। माना जा रहा है कि उसकी मौत बिमारी के कारण हुई है। उधर, मौत के कारणों का पता लगाने के लिए वन विभाग के डॉक्टरों ने मादा गुलदार का पोस्टमार्टम करवाया। कनखल में ये दूसरा मौका है जब गुलदार घुस आया। इससे पहले गुलदार सन्यास रोड स्थित एक आश्रम में घुस आया था। बाद में गुलदार को पकड़ लिया गया था। वन विभाग के रेंजर डीपी नोडियाल ने बताया कि गुलदार का शव कनखल के नक्षत्र वाटिका से मिला है। गुलदार बीमार था और उसकी मौत प्राकृतिक लग रही है।

वहीं चमोली जिले के विकास खंड देवाल के देवाल बाजार से रविवार को वन विभाग की टीम ने एक दुकान पर छापामार कर भालू की पांच रिखपित्तियों के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
देवाल बाजार स्थित एक दुकान में छापेमारी में भालू की पांच पित्तियां बरामद की। मामले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। आरोपितों के खिलाफ वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मामला पंजीकृत कर लिया गया है। जानकारी देते हुए वन क्षेत्राधिकारी देवाल टीएस बिष्ट ने बताया कि रविवार को मुखबिर की सूचना पर देवाल बाजार स्थित एक बारबर (नाई) की दुकान में छापेमारी की गई। जहां से भालू की पांच रिखपित्तियों के साथ दिलशान, शाहरूख खान निवासी काशीपुर, देवेंद्र सिंह निवासी ग्राम घेस देवाल को पकड़ा। दिलशान व शाहरूख ने वन विभाग की टीम को बताया कि भालू की पित्तियां देवेंद्र सिंह से खरीदी। जिन्हें वे बेचने के लिए बाहर ले जाने वाले थे। वहीं, देवेंद्र सिंह ने बताया कि पित्तियां कुमाऊं मंडल से खरीदकर लाया था। वन विभाग की टीम तस्करों के तार अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े होने की संभावना को देखते हुए जांच में जुट गई है। वन विभाग की टीम में वन दरोगा त्रिलोक बिष्ट, थराली रेंजर गोपाल सिंह, वन आरक्षी, अनूप देवराड़ी, खिमानंद खंडूरी, बलवंत खत्री आदि शामिल थे।

विधायक मगन लाल शाह के निधन पर शोक की लहर

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गोपेश्वर। चमोली जिले के पिंडर थराली विधानसभा के विधायक व भाजपा नेता मगन लाल शाह का रविवार की रात्रि को जाॅलीग्रांट देहरादून में निधन हो गया है। उनके निधन से जनपद में शोक की लहर छा गई है।
19 फरवरी को सांस की बीमारी के कारण विधायक मगन लाल शाह को जाॅलीग्रांट हॉस्पिटल देहरादून में भर्ती किया गया था। रविवार की रात्रि साढ़े दस बजे के आसपास उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके असामयिक निधन पर चमोली जिले में शोक की लहर छा गई है।
अत्यंत गरीबी में जीवन यापन करने के कारण मगन लाल शाह ने 10वीं तक की शिक्षा ग्रहण की और उसके बाद अपने पिता का हाथ बटाने के लिए स्वर्णकार का काम सीखा। विधायक मगन लाल शाह का परिवारिक पृष्ठ भूमि सक्रिय राजनीति में नहीं थी मगर इनके पिता स्व. बचन लाल शाह सामाजिक सरोकारों से जुड़े रहते थे, इसी लिए इनके पिता को क्षेत्र में लोग नेताजी कह कर बुलाते थे। इनके पिता की नलगांव में स्वर्णकार की एक छोटी सी दुकान थी उसी से परिवार का भरण-पोषण होता था।
वरिष्ठ पत्रकार रजपाल बिष्ट बताते हैं कि मगन लाल शाह उनके एक अच्छे मित्रों में रहे हैं। राजनीति पृष्ठभूमि न होने के बाद भी उन्हें राजनीति में काफी दिलचस्पी थी। इसी कारण वे 1989 में जनता दल के समय पर ये जनता दल के प्रत्याशी सुदर्शन कठैत के चुनाव में सबसे पहले सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार में आये। उसके बाद वर्ष 1992-93 में पूर्व मुख्यमंत्री व गढ़वाल सांसद मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी राजनीति में लाये थे ये मेजर साहब के करीबियों में शुमार थे। वर्ष 2002 के उत्तराखंड विधानसभा के पहले चुनाव में बीजेपी से टिकट मंगा लेकिन पार्टी ने विश्वास न जताते हुए पिंडर विधानसभा क्षेत्र से गोविंद लाल शाह को टिकट दिया।
मगन लाल शाह तब पार्टी के कहने पर मान गए जिसका नतीजा पिंडर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का परचम लहराया। इसके बाद 2007 विधानसभा सभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी से टिकट की दावेदारी की लेकिन निराशा ही हाथ लगी और दोबारा पार्टी ने गोविंद लाल शाह पर भरोसा जताते हुए टिकट उन्हें ही दिया, लेकिन इस बार मगन लाल शाह ने बगावत करके उत्तराखंड क्रांति दल से टिकट लेकर चुनाव लड़ा पर जीत बीजेपी से उम्मीदवार गोविंद लाल शाह को मिली। 2008-09 के त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में अपने क्षेत्र पंचायत वार्ड गंडी कफ़ौली क्षेत्र से क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा ओर क्षेत्र पंचायत सदस्य जीत कर आये और नारायणबगड़ विकासखंड के ब्लॉक प्रमुख बने। बताया जाता है कि प्रमुख बनने के समय भी बराबर सदस्यों का समर्थन मिलने के चलते टॉस हुआ था जिसमे मगन लाल शाह जीते ओर प्रमुख बने।
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने लगातार 02 बार विजेता रहे गोविंद लाल शाह की बजाय मगन लाल शाह पर भरोसा जताया और बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन इस बार उनके विपक्षी कांग्रेस से उम्मीदवार डॉ जीतराम से उन्हें टक्कर मिली लेकिन मगन लाल शाह लगभग 400 वोट के अंतर से चुनाव हार गए।, इसके बाद हुए 2014 के त्रिस्तरीय पंचायती चुनावो में उनकी धर्मपत्नी मुन्नी देवी शाह चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष बनी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर पार्टी ने मगन लाल शाह पर भरोसा जताया और मगन लाल शाह ने भी इस भरोसे पर खरा उतरते हुए लगभग 4300 के भारी अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी डॉ जीतराम को हराया और विधानसभा पहुंचे।
वर्ष 2002 से बीजेपी के लिए मगन लाल शाह लगातार पार्टी को मजबूती देते रहे मगन लाल शाह बीजपी के अनुसूचित जाति मोर्चे का प्रदेश अध्यक्ष पद भी संभाल चुके हैं लेकिन पार्टी का ये मजबूत कंधा 19 फरवरी को स्वास्थ्य खराब होेने के चलते जाॅलीग्रांट अस्पताल में भर्ती हुए। जिंदगी और मौत के बीच वेंटिलेटर पर रविवार को थराली से विधायक और बीजेपी के इस सिपाही ने 57 वर्ष की आयु में रविवार की रात्रि अंतिम सांस ली।
सादगी ऐसी की विधानसभा में बिना लाव लश्कर के स्कूटर से पहली बार 17 सालों में कोई विधायक पहुंचा था। वह कोई और नहीं बल्कि थराली के विधायक मगन लाल शाह ही थे। अब ऐसी सादगी शायद ही कभी देखने को मिले। बेहद मृदुभाषी, सौम्य, सरल और साधारण व्यक्तिव के धनी थराली विधायक मगन लाल शाह का असमय यों ही चले जाना बेहद दुखदाई है। नलगांव निवासी सर्राफा व्यापारी और ए ग्रेड के ठेकेदार रहे मगन लाल शाह का जीवन बेहद संघर्षमय रहा है। चुनाव जीतने के बाद स्कूटर से जब वह विधानसभा पहुंचे थे तो उनकी सादगी का पूरा देश कायल हो गया था।

ऑनलाइन शॉपिंग: 14 लाख के इनाम का झांसा देकर महिला से 2 लाख की ठगी

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(देहरादून) ऑनलाइन शॉपिंग में 14 लाख रुपये इनाम का झांसा देकर 2 लाख रुपये की ठगी का एक मामला सामने आया है। थाना रायपुर क्षेत्र निवासी एक महिला बेबी सजवाण निवासी नथुवावाला ने थाने में शनिवार शाम को ठगी का मामला दर्ज कराया है। ठगी की शिकायत पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
महिला ने तहरीर में बताया है कि उसने एक ऑनलाइन शॉपिंग साइट होमशॉप-18 से 1500 रुपये का सोफा सेट का कवर खरीदा था। खरीदारी के बाद उसके मोबाइल पर एक फोन आया, जिसमें फोन करने वाले ने उसे बताया कि ऑनलाइन खरीदारी के एवज में 14.8 लाख रु. का इनाम निकला है। ठगों ने इनाम की धनराशि प्राप्त करने के एवज में अलग-अलग बैंक खातों में विभिन्न तिथियों पर महिला से कुल दो लाख रु. मांगे। दो लाख रुपये का भुगतान करने के बाद भी इनाम की रकम न मिलने पर महिला को अपने साथ धोखाधड़ी का आभास हुआ।
थाना रायपुर पुलिस ने बताया कि इनाम का लालच देकर पैसे हड़पने के संबंध में थाना रायपुर में महिला द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

गौरतलब है कि डिजिटल बैंकिंग सिस्टम के फैलने के साथ साथ इससे जुड़े जुर्मों में भी खासा इज़ाफा हो रहा है। बैंक भी समय समय पर लोगों को फोन पर अपने बैंक खातों से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा करने से मना करते हैं। इस सब के बावजूद इसी लोगों में जानकारी की कमी ही कहेंगे कि साइबर कर्राइम के मामले सामने आते रहते हैं जो पुलिस के लिये सिरदर्द बन जाते हैं।

54 साल की उम्र में अभिनेत्री श्रीदेवी का दुबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन

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दुबई में आखिरी पलों की तस्वीरें

बॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री श्रीदेवी को दिल का दौरा पड़ने के कारण दुबई में उनका निधन हो गया है। श्रीदेवी 54 साल की थीं श्रीदेवी अपने पति बोनी कपूर और छोटी बेटी खुशी कपूर के साथ दुबई में एक फैमिली वेडिंग अटेंड करने गई थीं। श्रीदेवी के निधन की खबर सुनकर पूरा बॉलीवुड में शोक की लहर है। इस खबर के बाद उनके फैंस को इस पर यकीन नहीं हो रहा है। श्रीदेवी की बड़ी बेटी जाह्नवी कपूर शूटिंग के सिलसिले में मुंबई में ही हैं। वो अपनी पहली फिल्म की शूटिंग के लिये मसरूफ हैं।

निधन से कुछ समय पहले की तस्वीर
निधन से कुछ समय पहले की तस्वीर

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में श्रीदेवी का काफी बड़ा योगदान रहा है। श्रीदेवी ने हिंदी के अलावा तेलगु, तमिल, कन्नड़ और मलयाली फिल्मों में भी काम किया। लंबे बरेक के बाद साल 2012 में उन्होंने इंग्लिश-विंग्लिश के साथ बॉलीवुड में कमबैक किया था।  उन्होंने वर्ष 1967 में  एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। श्रीदेवी को 2013 में चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

श्रीदेवी का बॉलीवुड में प्रवेश 1978 के फिल्म सोलहवां सावन से हुआ था, लेकिन उन्होंने वर्ष 1983 की फिल्म हिम्मतवाला से खूब सुर्खियां बटोरीं। श्रीदेवी की सदमा, नागिन,निगाहें, मिस्टर इन्डिया, चालबाज़, लम्हे, खुदा गावाह और जुदाई जैसे फिल्मों समेत करीब 300 फिल्मों में काम किया।श्रीदेवी को पांच फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिलेेे।

रविवार को उनका पार्थिव शरीर मुंबई(भारत) लाया जाएगा। बतौर बाल कलाकर अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाली श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त,1963 को तमिलनाडु में हुआ था।
श्रीदेवी के निधन पर राष्ट्रपति ने ट्विटर पर शोक जाहिर कर अपनी संवेदनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी श्रीदेवी की मौत पर दुख जताते हुए कहा ‘उन्होंने यादगार काम किया’। पूरा बॉलीवुड और उनके फैंस शोक में डूब गए हैं।
श्रीदेवी ने 1996 में फिल्म प्रोड्यूसर बोनी कपूर से विवाह किया था। श्रीदेवी और बोनी कपूर की दो बेटियां हैं, जाह्नवी कपूर और खुशी कपूर।

डब्ल्यूआईसी इंडिया में रूसी कलाकारों ने शास्त्रीय नृत्य से बांधा समां

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24 फरवरी यानि शनविार की शाम देहरादून की वादियों में शास्त्रीय संगीत और नृत्य की गूंज रही।ये गूंज और ज्यादा खास इसलिये रही क्योंकि इसे बिखरने वाले कलाकार केवल भारत से ही नहीं बल्कि हज़ारों किलोमीटर दूर रूस से भी आये थे। देहरादून स्थित वर्लड इंटीग्रेशन सेंटर (डब्लूआईसी) में शनिवार शाम नाट्यांजली का आयोजन किया गया। ये एक कुचीपुड़ी नृत्य का डांस फॉर्म है। इस खूबसूरत प्रस्तुति को पद्मा रागिनी पट्टू और उनके रूसी डांस दल ने पेश किया।नाट्यांजलि को रुस से आई 7 कलाकारों ने प्रस्तुत किया और दर्शकों से खूब वाहवाही बटोरी।

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इस आयोजन के बारे में बताते हुए डब्लूआईसी के पब्लिक रिलेशन हेड ज़बील मोहम्मद ने बताया कि ”आए दिन डब्लूआईसी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है और नाट्यांजलि इसलिए खास हैं क्योंकि इसमें परफॉर्म करने वाले ज्यादातर क्लासिकल डांसर रुशियन है।उन्होंने कहा कि डब्लूआईसी हर महीने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजन करता है। और इस नाट्यांजलि को चुनने के पीछे सबसे बड़ा कारण यही था कि क्लासिकल डांस की शुरुआत भारत से हुई है  और डब्लूआईसी के माध्यम से भी हम भारतीय कला और संस्कृति को ही बढ़ावा दे रहे हैं।”

वहीं रुसी कलाकार यूलिया बुनानी ने बातचीत में बताया कि ”देहरादून का हमारा अनुभव बहुत ही अच्छा रहा।यहां के लोग बहुत फ्रेंडली और अच्छे हैं।यूलिया ने कहा कि देहरादून बहुत ही शांत और सुंदर जगह है। यहां आते हुए हमे  बहुत हरियाली दिखी,और यहां का मौसम बहुत अच्छा है ना ज्यादा सर्दी है ना गर्मी ।यूलिया से यह पूछने पर कि उन्होंने कुचीपुड़ी डांस क्यों सीखा इसपर उन्होंने कहा कि कुचीपुड़ी रुसी लोगों के लिए बहुत अलग और हटकर है जिसे करने के लिए बहुत एकाग्रता की जरुरत होती है और साथ ही ऐसे डांस फॉर्म से हमें दूसरे कल्चर को समझने का मौका मिलता है।”

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पद्म रागिनी पुट्टू के नेतृत्व में, नाट्यांजलि पद्म भूषण गुरु वम्पातिचिन्ना सत्यम की कुचीपुडडी नृत्य की शैली का प्रदर्शन किया। यह नाट्यांजलि तपस्या एंड इंटरनेशनल स्कूल ऑफ कुचीपुड़ी,मास्को रशिया के क्लासिकल डांसर द्वारा किया गया। कार्यक्रम की चीफ गेस्ट सीनियर आईएएस ऑफिसर भूपिंदर कौर औलख थी।कार्यक्रम को देखने के लिए अलग-अलग स्कूल की छात्राएं पहुंची थी।कार्यक्रम के अंत में डब्लूआईसी के मैनेजिंग डायरेक्टर सचिन उपाध्याय ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया।