स्कूलों में चार माह से एनसीईआरटी की किताबें मुहैया नहीं करा पाया विभाग

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देहरादून। प्रदेश में क्लास एक से बारह तक शिक्षा विभाग के निर्देशन में चल रहे स्कूलों में अगले सत्र तक किताबें उपलब्ध कराना शिक्षा विभाग के लिए चुनौती साबित हो रहा है। दरअसल जुलाई में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने प्रदेश में सभी स्कूलों में एनसीईआरटी का सिलेबस लागू करने और किताबें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद सिलेबस तैयार कर सीएमओ में फाइल पहुंचाई गई लेकिन सीएमओ से अब तक इस मामले में मुहर नहीं लगी है। ऐसे में 4 माह में प्रदेश के सभी स्कूलों के लिए किताबें छापने के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया, किताबें छपवाने और स्कूलों को उपलब्ध कराने की बड़ी चुनौती शिक्षा विभाग के लिए खड़ी हो गई है।

नवम्बर में अब तक नहीं शुरू हुई प्रक्रिया 
बता दें कि अब तक प्रदेश में एससीईआरटी किताबें छपवाने का काम करती थी। जिसके लिए प्रक्रिया नवंबर से शुरू हो जाती थी। इसके बाद फरवरी मार्च तक किताबें डिस्ट्रीब्यूट कर दी जाती थी लेकिन इस साल शिक्षा मंत्री ने एनसीईआरटी की किताबें छपवाने के निर्देश दिए हैं। जिससे अब एससीईआरटी ने किताबें छापनी बंद कर दी है। मामला सीएम ऑफिस में लटका पड़ा है, जिसके पास होने के बाद टेडरिंग प्रक्रिया भी होगी। जिसमें एक माह से ऊपर का समय लगेगा। इसके बाद किताबों को छपवाने में भी समय लगेगा। फिर जिलों के माध्यम से स्कूलों को किताबें उपलब्ध होंगी, जो 4 माह में किसी भी सूरत में नहीं हो पाएंगी।
सूत्रों का दावा है कि विभाग को करोड़ों की संख्या में किताबें छपवानी है। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी सीएम कार्यालय से जल्द ही सहमति मिलने की बात कह रहे हैं। साथ ही अप्रैल तक किताबें भी उपलब्ध कराने की बात कर रहे हैं। मामले में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने बताया कि सीएम कार्यालय से फाइल पर मुहर लगते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अप्रैल तक किताबें हर हाल मेें स्कूलों में उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।