बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को बंद करने का फैसला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। इसके चलते राज्य रमें कांग्रेसी कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। हरिद्वार में कांग्रेस के ब्लाॅक अध्यक्ष तरुण नैयर के नेतृत्व में सुभाष घाट स्थित कांग्रेस कार्यालय पर स्वास्थ्य बीमा योजना बंद करने से नाराज कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर विरोध जताया।
इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए तरुण नैयर ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब असहाय निर्धन परिवारों के लिए मददगार थी, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना को बंद कर दिया गया जो कि गलत निर्णय है। गंभीर बीमारी से पीड़ित परिवारों को स्वास्थ्य कार्ड से मदद मिल जाती थी। ऐसे में कई हजार परिवार आर्थिक मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं, जिनका इलाज इस स्वास्थ्य कार्ड पर हो जाता था, लेकिन अब उनको इस स्वास्थ्य कार्ड पर ईलाज नहीं मिल पाएगा। राज्य की सरकार लगातार जनविरोधी निर्णय लेकर जनता का अहित करने में लगी हुई है। आगामी निकाय चुनाव एवं लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी।
आईटी विभाग के प्रदेश महासचिव सुमित तिवारी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा प्रदेश की जनता के लिए मुफ्त इलाज की यह योजना प्रदेशवासियों के लिए साहतार्थ हेतु चलाई गई थी, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री जनता के हित से जुड़ी इस योजना को बंद करने की घोषणाएं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाखों परिवार आर्थिक व गरीबी के कारण स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग इलाज के लिए करते थे, ऐसे में यह योजना बंद होने से उन लोगों के लिए बड़ी दिक्कतें हो गई है। गंभीर बीमारी से पीड़ित इस योजना के बंद होने से हाशिए पर आ गये हैं।
हल्द्वानी में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री स्वास्थ बीमा योजना के कार्ड बन्द करने के विरोध में भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पुतला फूंका। शुक्रवार को तमाम कांग्रेसी कार्यकर्ता बेस अस्पताल के पास जमा हुए। जहां उन्होंने प्रदेश की प्रदेश सरकार का पुतला दहन कर चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने इस जन विरोधी कदम को वापस नहीं लिया तो इसके विरोध में व्यापक आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
प्रदर्शनकारी कांग्रेसियों ने कहा कि प्रदेश के लाखों लोग मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ ले रहे हैं। गरीब लोगों को जिसका सबसे अधिक फायदा हो रहा है। कांग्रेस के शासन में शुरू हुई इस जनप्रिय योजना को बड़ी सफलता मिली है। जिसके चलते राजनैतिक द्वेष भावना के चलते भाजपा की सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना को बंद कर दिया है। जिसका राज्य के गरीब लोगों को सबसे अधिक नुकसान होगा। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो इसके खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन चला कर जनविरोधी सरकार के बारे में लोगों को बताया जाएगा।