अब राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को भी एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड आदि के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। राज्य सरकार ने शुक्रवार को पौड़ी जिले में टेलीरेडियोलॉजी की सुविधा शुरू की। टेली रेडियोलॉजी सुविधा को अपनाने वाला उत्तराखण्ड पांचवां राज्य बन गया है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जिला मुख्यालय पौड़ी से लोक निजी सहभागिता (पीपीपी मोड) के तहत टेली रेडियोलॉजी सुविधा का विधिवत शुभारंभ किया। कमिश्नरी पौड़ी के जिला चिकित्सालय समेत राज्य के 12 अस्पतालों में इस सेवा को शुरू कर दिया गया है। टेली रेडियोलॉजी सुविधा को अपनाने वाला उत्तराखण्ड पांचवां राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि यह सेवा राज्य की चिकित्सा के लिए मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को हर बीमारी का उपचार तय समय पर मिल पाएगा। जिला अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने टेली रेडियोलॉजी सुविधा का लोकापर्ण किया। उन्होंने बताया कि एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई तथा मैमोग्राफी संबंधित त्वरित जांच होंगी। टेली रेडियोलॉजी की सुविधाएं राज्य के 35 चिकित्सालयों में होगी। जांच में लगने वाले समय की बचत एवं उपचार व्यय में भी कमी आएगी।
मुख्यमंत्री ने 20 मिनट में प्राप्त होने वाली सीटी स्कैन रिपोर्ट का भी जायजा लिया। उन्होंने कहा कि राज्य के अवशेष 23 जगहों पर इस सेवा को शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में रेडियोलॉजी की सेवाएं ‘‘वाइटल हेल्थ ग्रुप‘‘ द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी। राज्य के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में इस तकनीक से स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार होंगे। इससे ना सिर्फ पहाड़ों में चिकित्सा सुविधा को नए आयाम प्राप्त होंगे, बल्कि विशेषज्ञ डाक्टरों के परामर्श पर बीमारियों का सहजता से उपचार भी हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की तकनीकी का प्रयोग पश्चिमी देशों में बहुतायत में किया जाता है। अब उत्तराखण्ड में भी इस प्रकार की पद्धति से चिकित्सा क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार होंगे। उन्होंने प्रदेश में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पूरे देश से डाक्टरों को राज्य में सेवाएं देने के लिए आमंत्रित किया गया है। केरल, मिजोरम, उड़ीसा तथा असम आदि क्षेत्रों से डाक्टरों को प्रदेश में तैनात करने के लिए आवेदन प्राप्त हो रहे हैं।
इसके अलावा सेना प्रमुख से वार्ता कर सेवा निवृत्त पेशेवर डाक्टरों को भी सेवाएं देने के लिए बुलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सेना समेत अन्य राज्यों से दो हजार से अधिक डॉक्टरों के आवेदन प्राप्त हो गए हैं। शीघ्र ही प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर उन्हें सेवाएं देने के लिए तैनात किया जाएगा। प्रदेश के हर जिला अस्पताल में एक-एक आईसीयू भी स्थापित किये जाएंगे। टेली सेवाओं के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि डिजिटल भारत के तहत लोगों को डिजिटल सेवाओं के लिए इंटरनेट की भी सुविधा प्रदान की जाएगी। सीमांत क्षेत्रों को आईआईटी मुम्बई के सहयोग से बैलून इन्टरनेट सेवाओं से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री की ‘संकल्प से सिद्धि’ के तहत किसानों की आय को दोगुनी करने के लक्ष्य पर भी तीव्र गति से कार्य किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहाड़ों में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए चमोली जिले के घेस गांव में हुई मटर की खेती को रोल माॅडल के रूप में लिया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को वैज्ञानिक तकनीकी से कृषि करने के गुर भी विषेशज्ञों द्वारा बताये जा रहे हैं। उन्होंने पलायन पर चिंता जताते हुए कहा कि पहाड़ों से पलायन रोकना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए जिला मुख्यालय पौड़ी में पलायन आयोग को स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार को कदापि सहन नहीं करेगी। उन्होंने लोगों से भी भ्रष्टाचार में सहभागिता न करने की अपील की। कहा कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार होने पर 1905 टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज की जा सकती है।
कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डाॅ.धनसिंह रावत, क्षेत्रीय विधायक मुकेश कोली के अलावा महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, वाइटल हेल्थ ग्रुप सीईओ डॉ. अनूप चौहान, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरएस राणा ने अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर डॉ. मनीष भाटिया, मुख्यमंत्री के सलाकार नवीन बलूनी, जिलाधिकारी सुशील कुमार, एसएसपी श्री जेआर जोशी एवं आम जनता उपस्थित रही।