दून की बेटी ज्योत्सना ने “दौड़कर” रचा इतिहास

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2012

17 साल की ज्योत्सना रावत कोई आम पहाड़ी लड़की नही है। देहरादून की इस लड़की ने दुनिया की सबसे मुश्किल दौड़ों में से एक को पूरा कर के इतिहास रच दिया है। ज्योत्सना इस दौड़ को पूरा करने वाली पहली औऱ सबसे कम उम्र की भारतीय घावक रहीं। 17 अगस्त को “ला- अल्ट्रा- दी हाई” नाम की इस दौड़ का आंठवा अध्याय लेह में हुआ।

111 कि.मी वर्ग में ज्योत्सना ने हिस्सा लिया औऱ इस दौड़ को पूरा कर ये रिकाॅर्ड अपने नाम किया। दौड़ के इलाके और वातावरण के कारण दुनिया की सबसे मुश्किल दौड़ों में गिने जाने वाली इस दौड़ को पूरा करने के लिये ज्योत्सना ने 19 घंटे और 46 मिनट का समय लिया।

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ज्योत्सना कहती हैं कि जबसे उनको याद है, वो दौड़ ही रही हैं। तीन बच्चों में वो सबसे बड़ी हैं। उनके पिता, यशवनत सिंह रावत, बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट हैं औऱ खुद भी काफी बढ़िया खिलाड़ी हैं और राज्य और अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते हैं।

अपनी मैराथाॅन के बारे में बात करते हुए वो कहती हैं कि, “मेरी स्कूल की पढ़ाई चल रही थी और मेरे पास क्लास 12 में साइंस है इसके चलते में दोड़ की तैयारी ठीक तरह से नही कर पा रही थी।”

दौड़ की शुरुआत रात 8 बजे 17,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित 63 किमी नुब्रा वैली से हुई जो खाड़दुंगला  इलाके से होकर गुजरती है।  ज्योत्सना का टारगेट था इसे अगले दिन दोपहर 4 बजे तक पूरा करने का। वो कहती हैं कि, “उस ऊंचाई पर तापमान स्थिर नहीं होता। रात मे माइनस से दिन में 40 डिग्री तक पहुंच जाता है। रात में एक समय तो तापमान काफी गिर गया था और हम सूरज निकलने की प्रार्थना करने लगे। इस दौड़ को जीतने के लिये शारीरिक क्षमता के साथ मानसिक स्थिरता बहुत जरूरी है।” लेकिन इन सभी परिस्थितियों से लड़ते हुए ज्योत्सना ने ये दौड़ पूरी कर ली।

अभी के लिये ज्योत्सना की प्राथमिकता है उसकी पढ़ाई, वो कहती हैं कि, “मैं दौड़ के साथ-साथ पढ़ाई भी पूरी करना चाहती हूं। इसके बाद मैं ज्यादा मेहनत और ट्रेनिंग के साथ इस रेस का आखिरी पढ़ाव जो कि 333 किमी का है उसे पूरा करना चाहती हूं।”

उत्तराखंड की बेटी कहती है कि, “मैं कभी मैडेल या स्थान के लिये नही ंदौड़ती बल्कि ये मेरे लिये डी-स्ट्रैस करने के समान है।” वो कहती हैं कि “मेरा मकसद होता है दौड़ को किसी भी हालत में पूरा करना। मुझे चीजें अधूरी छोड़ना पसंद नही है।”

टीम न्यूजपोस्ट की तरफ से ज्योत्सना को ढेर सारी शुभकामनाऐं।