पुलिस-प्रशासन की ओर से चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान घंटाघर से टर्नर रोड तक बिजली व पेयजल आपूर्ति ठप हो गई। ऊर्जा निगम ने अतिक्रमण के चलते विद्युत आपूर्ति पर रोक लगाई हुई थी, जिससे इस मार्ग पर जल संस्थान के न ही सात नलकूप चल पाए और न क्षेत्र में पानी की सप्लाई हो पाई। परेशान लोग दिनभर जल संस्थान व ऊर्जा निगम के अधिकारियों को शिकायत करते रहे। लेकिन, रात तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। हालांकि, जल संस्थान ने कुछ जगहों पर टैंकर भेजकर पानी की आपूर्ति की, लेकिन इससे भी लोगों को राहत नहीं मिली।
जल संस्थान के निरंजनपुर स्थित नलकूप संख्या एक, दो, तीन व चार सभी दिनभर बंद रहे। इन नलकूपों से झंडा चौक स्थित ओवरहैड टैंक भरा जाता है, जिससे पटेलनगर, सहारनपुर रोड समेत तमाम इलाकों में पानी की सप्लाई होती है। लेकिन, गुरुवार को यह सप्लाई ठप रही। वहीं, तहसील परिसर का नलकूप भी सुबह से रात तक चालू नहीं हो पाया, जिस कारण धामावाला, पल्टन बाजार व तहसील के आसपास के इलाके की पेयजल आपूर्ति ठप रही। तिब्बती मार्केट का नलकूप भी बंद होने से करीब चार हजार की आबादी को दिनभर पानी नहीं मिला। जबकि, ओल्ड डालनवाला का नलकूप ठप होने से अधोईवाला क्षेत्र के लोग पानी को तरस गए। इसके अलावा मातावाला बाग, माजरा, निरंजनपुर, शिमला बाईपास, आईएसबीटी, टर्नर रोड, गांधी रोड, प्रिंस चौक, झंडा बाजार समेत तमाम इलाकों में पानी की सप्लाई नहीं हो पाई। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता यशवीर मल्ल ने बताया कि जैसे ही विद्युत आपूर्ति बहाल होगी, वैसे ही पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी जाएगी।
ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता एवं प्रवक्ता एके सिंह ने कहा कि अतिक्रमण अभियान के दौरान यदि किसी उपभोक्ता की सर्विस लेन क्षतिग्रस्त हुई है तो शिकायत आने पर उसका तुरंत निस्तारण कर दिया जाएगा।
शहर को अतिक्रमण से मुक्त करने की कवायद गुरुवार से शुरू हो गई। इस अभियान की शुरुआत सुबह सात बजे से छह स्थानों पर एक साथ हुई। विरोध को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। बतादें कि साढ़े छह किमी लंबे आइएसबीटी से घंटाघर मार्ग तक हर जगह अतिक्रमण पसरा हुआ है। व्यापारियों ने दुकानों को सड़क तक बढ़ा दिया है। साथ ही, ठेली और फड़ वालों ने सड़क पर अतिक्रमण कर रखा है। अतिक्रमणकारियों को कई बार मोहलत देने के बाद आखिरकार प्रशासन ने गुरुवार सुबह से अतिक्रमण मुक्त दून अभियान शुरू कर दिया। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
राज्य सरकार के आदेश पर शासन द्वारा आज अतिक्रमण हटाओ अभियान के चलते आईएसबीटी से घंटाघर तक सड़क किनारे दुकानों को तोड़ा गया, जिसका तत्काल संज्ञान मिलने पर राजपुर रोड़ से पूर्व विधायक राजकुमार द्वारा घंटाघर पर जाकर व्यापारीयों से मुलाकात की गई । उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के इस कदम से व्यापारीयों को ठेस पहुंची है, व्यापारीयों का कहना है कि बिना नोटिस इस प्रकार की कार्यवाही निन्दनीय है। इस कठोर कदम से पूर्व सरकार को व्यापारीयों के साथ बैठक कर वार्ता करनी चाहिए थी, तदोपरान्त निष्कर्ष निकलने पर ही उचित कार्यवाही की जानी चाहिए थी, लेकिन राज्य सरकार एक तरफ यह अभियान चला रही है, दूसरी तरफ उन्हीं के लोग सरकार के विरोध में उतर रहे हैं जो कि मात्र एक दिखावा है।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार की मनमानी इस कदम चरम पर आ गई है कि वे हर वर्ग, तबके के लोगों को किसी न किसी बहाने से परेशान करने पर उतारू है, चाहे वह व्यापारी हों या किसी अन्य वर्ग के। उन्होंने इसको राज्य सरकार की हिटलरशाही करार दिया। उन्होंने कहा इस अभियान का नेतृत्व करने वाले शहरी आवास मंत्री ने पीड़ितों द्वारा फोन करने पर अपना फोन उठाना ही बन्द कर दिया है। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष नीनू सहगल, अशोक वर्मा, पार्षद अशोक कोहली, प्रदेश सचिव सोमप्रकाश वाल्मीकि, सुमित वासुदेव, मनोज कुमार आदि उपस्थित थे।





















































