आसानी से भू-उपयोग बताएगा सिटीजन पोर्टल

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देहरादून। अब जमीन का भू-उपयोग जानने के लिए एमडीडीए या आर्किटेक्ट के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आमजन के सामने भू-उपयोग को लेकर पेश आ रही समस्या के निराकरण के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने सिटीजन पोर्टल बनाने का निर्णय लिया है।

बुधवार को एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ.आशीष कुमार श्रीवास्तव ने प्राधिकरण कार्यालय में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए सुधार लाने के लिए अधिकारियों एवं जीआइएस अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में प्रकाश में आया कि अक्सर भूउपयोग जानने के लिए आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लोगों की सहूलियत के लिए सिटीजन पोर्टल बनाने का निर्णय किया गया। इसके तहत मास्टर प्लान तथा सजरा प्लान पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा। आमजन अपने गांव तथा खसरा नंबर तथा नक्षे पर अपनी जमीन की स्थिति को अंकित कर उस स्थल का भूउपयोग जान सकेंगे। यह भी जानकारी उपलब्ध होगा कि उस स्थल पर किस तरह का निर्माण अनुमन्य है। इससे आम जनता अपना मानचित्र बनवा सकती है। इस सिटीजन पोर्टल को एनआईसी के देवभूमि पोर्टल से भी जोड़ा जाएगा। जिसमें ऑनलाइन ही स्वामित्व का सत्यापन किया जाना भी संभव होगा। प्राधिकरण कर्मियों द्वारा भी इस पोर्टल का प्रयोग कर भूउपयोग एवं स्वामित्व का सत्यापन किया जाएगा। इस पोर्टल के कार्यक्रम के प्रथम फेज में मास्टर प्लान को सजरा प्लान पर सुपर इंपोज किया जाएगा। द्वितीय चरण में उक्त टू डी इमेज की थ्री डी इमेज में परिवर्तित किया जाएगा। जिसमें एमडीडीए पूरे शहर को थ्री डी में देख सकेगा। प्राधिकरण उक्त पोर्टल पर अपनी सभी योजनाओं को इंगित करेगा तथा समय-समय पर कार्य की प्रगति के अनुसार स्थल का जीओ टैग्ड इमेज भी पोर्टल पर अपलोड की जाएगी जिससे परियोजना की वर्तमान स्थिति पर भी नजर रखी जा सकेगी।
बैठक में सामने आया कि जिस सडक़ का प्रस्ताव एक विभाग द्वारा दिया जा रहा है, उसी स्थान पर दूसरा विभाग भी प्रस्ताव दे देता है जिस कारण अनावश्यक हानि होती है। उक्त पोर्टल में अन्य सरकारी विभागों को उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे में विभागों को यह पता चल सकेगा कि संबंधित स्थान पर परियोजना शुरू की जा सकती है कि नहीं। बैठक में अनाधिकृत निर्माण एवं अतिक्रमण से संबंधित सभी प्रकरणों तथा शिकायतों को भी शुरू से अंत तक कंप्यूटरीकृत किया जाए। इसके लिए वर्तमान में प्रचलित व्यवस्था को अपग्रेड किया जाएगा। यह भी तय हुआ कि मानचित्र स्वीकृति के लिए नए सिस्टम को एक दिसंबर से प्रयोग किया जाए। बैठक में प्राधिकरण सचिव पीसी दु का, अधीक्षण अभियंता अनिल त्यागी, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर संजीवन चंद्र सूंठा आदि मौजूद रहे।