बजट प्रतिक्रिया: पैन को पहचान पत्र के तौर पर स्वीकृति सराहनीय, कृषि मुनाफे पर लगना चाहिए कर

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Image Courtesy:Doordarshan

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आम बजट 2023-2024 संसद में पेश कर दिया गया है। इसमें कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर दिया गया है जिसमें लोगों को रोजगार और पैन कार्ड को पहचान पत्र के तौर पर स्वीकृति देने की बात की गई है।

गंगा मिशन के अध्यक्ष और ओमकार समूह के निदेशक पीआर गोयनका ने बजट की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि पैन को पहचान पत्र के तौर पर स्वीकृति देना अच्छी पहल है। इससे अधिक से अधिक बैंकिंग रोटेशन में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस देश में अभी तक केवल 6.5 करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड है जिसके जरिए लोग इनकम टैक्स भरते हैं। अब इसमें बढ़ोतरी होगी जिससे देश की वित्तीय स्थिति में सुधार की संभावना है।

इसके अलावा वरिष्ठ कर सलाहकार गोयनका ने यह भी कहा कि सीमांत किसानों की फसल पर कर छूट है, उस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। इसका लाभ किसानों को नहीं मिलता बल्कि बिचौलियों को मिलता है जो फसल खरीदते हैं। कम से कम फसलों पर होने वाले लाभ पर कर लगाया जाना अनिवार्य है।

 रेलवे को 2.4 लाख करोड़ रुपये आवंटित

भारतीय रेलवे को आम बजट 2023-24 में 2.40 लाख करोड़ रुपये का पूंजी परिव्यय मिला है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में आम बजट 2023-24 पेश करते हुए यह घोषणा की।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है, जो उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है। मौजूदा वित्त वर्ष में हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

उल्लेखनीय है कि यह रेलवे के लिए अबतक का सबसे अधिक पूंजी परिव्यय है। यह 2013-14 में रेलवे को प्रदान किए गए परिव्यय का नौ गुना है।

 

 भारतीय मिलेट्स संस्थान का होगा गठन : निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में इस बात की घोषणा की कि जल्द ही देश में मिलेट्स संस्थान का गठन किया जाएगा। यह संस्थान किसानों के लिए मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ाने की संभावनाओं पर काम करेगा।

वित्त मंत्री ने आम बजट पेश करते हुए बुधवार को कहा कि मिलेट्स संस्थान किसानों को मोटे अनाज की खेती करने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ उन्हें हर संभव मदद करेगा।

निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक मोटा अनाज का उत्पादन करने वाला देश है। हम दुनिया में मोटा अनाज निर्यात करने में दूसरे स्थान पर हैं।

आगे उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च, 2021 के दौरान अपने 75वें सत्र में 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (आईवाईएम) घोषित किया। मोटा अनाज उच्च पोषण मूल्य वाला स्मार्ट भोजन है, जो जलवायु के अनुकूल है और संयुक्त राष्ट्र के कई सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीएस) के अनुरूप है।

मंत्री ने कहा कि मिलेट्स जैसे कोदो, रागी, बाजरा, ज्वार, समां, कुट्टू, रामदाना आदि मोटे अनाजों के प्रोडक्शन को भारत में बढ़ाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।