एबॉट ने लॉन्च की नई फोर-स्ट्रेन फ्लू वैक्सीन

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मुंबई, वैश्विक हेल्थकेयर कंपनी एबॉट ने इन्फ्लूएंजा के लिए एक नई निष्क्रिय क्वाड्रीवेलेंट वैक्सीन लॉन्च की है। यह भारत में वायरस के चार उपभेदों (स्ट्रेन) के प्रति सुरक्षा प्रदान करने वाली अपनी तरह की पहली सब-यूनिट वैक्सीन है। यह भारत में एकमात्र 0.5 मिली. क्वाड्रीवेलेंट फ्लू वैक्सीन है, जिसे 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इस्तेमाल के लिए अनुमोदित किया गया है।  

यह टीका 6 महीने से ऊपर के बच्चों तथा वयस्कों को दिया जा सकता है। 0.5 मिलीलीटर का टीका 3 साल से कम उम्र के बच्चों में प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया को बेहतर बना सकता है। एबॉट का यह टीका एक साथ चार अलग-अलग फ्लू वायरस स्ट्रेन के खिलाफ प्रतिरक्षण करके व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है।  इसे क्वाड्रीवेलेंट या टेट्रावेलेंट वैक्सीन कहा जाता है। ट्राइवेलेंट वैक्सीन के एक बी-स्ट्रेन की तुलना में इसमें इन्फ्लूएंजा वायरस का एक दूसरा बी-स्ट्रेन भी शामिल है। भारत में पहली थर्ड जनरेशन, क्वाड्रीवेलेंट सब-यूनिट फ्लू वैक्सीन है। सब-यूनिट वैक्सीन सबसे उन्नत फ्लू टीका होता है। किसी सब-यूनिट वैक्सीन का लाभ यह है कि स्प्लिट वैक्सीन के मुकाबले यह शुद्धिकरण के एक और चरण से गुजरता है, और इसलिए ज्यादा परिष्कृत होता है। इसके चलते साइड-इफेक्ट कम हो सकते हैं। वैश्विक स्तर पर बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, अस्थमा और मधुमेह रोगियों सहित उच्च जोखिम वाले समूहों में किए गए नैदानिक अध्ययनों में सब-यूनिट वैक्सीन्स ने फ्लू वैक्सीन के अन्य प्रकारों की तुलना में बेहतर सहनीयता और एक अनुकूल सुरक्षा प्रोफाइल दर्शाया है।
 
मुंबई के अग्रणी पल्मोनोलॉजिस्ट और गीरियाट्रिक सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट डॉ. अगम वोरा कहते हैं कि, “नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल का आकलन दिखाता है कि भारत में इन्फ्लूएंजा के मामले 5 गुना बढ़ गए हैं। 2012 में ऐसे 5,044 मामले थे, जो 2019 में बढ़कर 28,798 हो गए। महाराष्‍ट्र में, इन्फ्लूएंजा के मामलों में सालाना 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह 2013 के 643 मामलों से बढ़कर 2019 में 2,287 पहुंच गए। खासतौर पर बच्चे इन्फ्लूएंजा की चपेट में जल्दी आते हैं। एक भारतीय अध्ययन का अनुमान है कि 2016 में 5 वर्ष और उससे कम के बच्चों में इन्फ्लूएंजा के 16 मिलियन मामले सामने आए, जिनमें से 10.9 मिलियन पीड़ितों को डॉक्टर के पास जाना पड़ा और 1,09,000 अस्पताल में भर्ती हुए।

इन्फ्लूएंजा आम सर्दी-जुकाम से अलग होता है। यह श्वसन तंत्र से संबंधित संक्रमण है, जो सभी उम्र वालों को प्रभावित करता है। इन्फ्लूएंजा संक्रमण के चलते आमतौर पर 3 से 4 दिनों तक तेज बुखार होता है, जिसमें सिरदर्द, माइएल्जिया या मांसपेशियों में दर्द, थकावट और छाती में गंभीर दिक्कत और खांसी जैसे लक्षण भी शामिल हैं। इसके अलावा, इन्फ्लूएंजा कुछ समूहों में गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। ऐसे समूहों में छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ ही सांस संबंधी बीमारियों, हृदय रोग और मधुमेह आदि से ग्रस्त लोग आते हैं। इन्फ्लूएंजा ए और बी नामक दो वायरस इंसानों में रोग का कारण बनते हैं। फिलहाल ये विश्व स्तर पर और भारत में फैल रहे हैं और मौसमी प्रकोप पैदा कर रहे हैं। इन्फ्लूएंजा के चलते पड़ने वाला बोझ काफी होता है। अनुमान है कि इन्फ्लूएंजा से संबंधित सभी मौतों में से 25 प्रतिशत मौतें बी वायरस जुड़ी हुई है।

एबॉट इंडिया की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. श्रीरूपा दास के मुताबिक यह विशिष्ट प्रकार का वैक्सीन कम साइड इफेक्ट्स के साथ बढ़िया प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उपलब्ध कराता है। यह फ्लू से ज्यादा से ज्यादा लोगों का बचाव करने को लेकर एबॉट के प्रयासों की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। एबॉट का “मदर्स अगेंस्ट इन्फ्लूएंजा” (एमएआई) अभियान इन्फ्लूएंजा के संभावित गंभीर परिणामों की पहचान करता है। इसके तहत एबॉट इन्फ्लूएंजा से परिवारों की सुरक्षा के महत्व को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ा रहा है ताकि वे सेहतमंद और भरपूर जीवन जी सकें।