आईएएस अधिकारी को सात साल की सजा, 3.50 करोड़ का अर्थदंड

0
680

देहरादून। आय से अधिक संपत्ति मामले में 1998 बैच (आईआरएस) के आयकर अधिकारी श्वेताभ सुमन को सीबीआइ कोर्ट ने दोषी करा दे दिया है। सीबीआइ कोर्ट ने श्वेताभ सुमन को सात साल की सजा सुनाई है। साथ ही 3.50 करोड़ का अर्थदंड भी लगाया। वहीं, श्वेताभ सुमन की मां गुलाब देवी को भी एक साल की सजा सुनाई। वहीं, संपत्ति वाहन आदि सरकार के पक्ष में जब्त होगी। सभी संपत्ति भारत सरकार में पक्ष में अटैच होगी।
आयकर आयुक्त(ऑडिट) श्वेताभ सुमन को सीबीआइ ने 12 अप्रैल, 2005 को गुवाहटी में करीब 40 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। मामले में श्वेताभ के देशभर में स्थित ठिकानों पर सीबीआई ने सर्च वारंट लेकर छापेमारी की। दून में आयुक्त रहते हुए श्वेताभ ने राजपुर रोड इलाके में आलीशान कोठी बनाई थी। दून स्थित सीबीआइ कार्यालय ने श्वेताभ की गिरफ्तारी के दिन ही कोठी पर छापेमारी की। लेकिन, वहां ताला लगा होने के कारण कोठी को सील कर नोटिस चस्पा कर दिया गया था। मामले में श्वेताभ के दिल्ली में रहने वाले परिजनों को कोठी की तलाशी में सहयोग के लिए नोटिस भेजा गया। परिजनों की ओर से देहरादून के दो कारोबारी और कोठी के केयरटेकर सामने आए। इसके बाद सीबीआइ की सात सदस्यीय टीम ने कोठी की तलाशी ली थी। इसके बाद दो अगस्त, 2005 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सीबीआई ने आयकर अधिकारी श्वेताभ सुमन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसके बाद देशभर में श्वेताभ सुमन के 14 ठिकानों पर सीबीआइ ने छापा मारा था। इसमें देहरादून में तीन कोठियां, नोएडा में फ्लैट आदि मिले। मजेद्दार बात ये है कि श्वेताभ सुमन सभी बेनामी संपत्ति बनाई। इनका भुगतान हवाला के जरिऐ किया गया है। सीबीआइ कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 255 गवाह पेश किए गए, जबकि बचाव पक्ष की ओर से आठ गवाह पेश किए गए। बुधवार को सीबीआइ कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में श्वे्ताभ सुमन को दोषी करार दिया।