येदियुरप्पा ने इस्तीफा देकर अटल जी के रास्ते का किया अनुसरण

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नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा ने राज्य विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के पहले ही त्याग पत्र देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी का अनुसरण किया।
श्री वाजपेयी ने वर्ष 1996 में लोकसभा में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद प्रधानमंत्री पद ग्रहण किया था। वह बहुमत का आंकड़ा नहीं जुटा पाए थे। 13 दिन बाद जब सदन में विश्वास मत हासिल करने का मौका आया तो उन्होंने एक भावुक भाषण दिया। भाषण के अंत में उन्होंने घोषणा की कि वह राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र सौंपने जा रहे हैं। उनके इस्तीफे के बाद विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार एच.डी.देवगौड़ा ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।
कर्नाटक में भी यही इतिहास दोहराया गया। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 104 सीटें मिली थीं और वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। मतगणना के बाद कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) ने एकाएक गठबंधन कर लिया तथा 116 सदस्यों के समर्थन के साथ सरकार बनाने की दावेदारी पेश की। राज्यपाल वजुभाई वाला ने श्री येदियुरप्पा को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था तथा बहुमत सिद्ध करने के लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया था।
विश्वासमत का मामला उच्चतम न्यायालय तक पहुंचा जहां न्यायालय ने विश्वास मत की तिथि को आगे कर शनिवार को ही मतदान कराने का निर्देश दिया। शनिवार को सदन में शपथ ग्रहण के बाद विश्वास मत पर विचार होना था। शुरुआत में ही श्री येदियुरप्पा ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में उन्हें जनादेश मिला था, लेकिन दुर्भाग्य से पार्टी बहुमत से कुछ दूर रह गई थी। उन्होंने इस घटनाक्रम को भगवान की इच्छा बताया।
श्री येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य में जब भी चुनाव होंगे, भाजपा 150 सीटों के साथ सत्ता में वापस लौटेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस औऱ जनता दल (सेकुलर) की जोड़-तोड़ के खिलाफ पूरे राज्य में भ्रमण कर जनता को जानकारी देंगे।
राजनीतिक हलकों में पिछले दिनों यह चर्चा थी कि कर्नाटक में बहुमत का आंकड़ा हासिल करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त हो रही है। राजनीतिक विश्लेषक अनुमान लगा रहे थे कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपनी ‘चाणक्य नीति’ से बहुमत का आंकड़ा जुटा लेंगे। कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) ने अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें रिजार्ट और होटलों में एकत्र किया था। वहीं से यह विधायक सदन में पहुंचे।