उत्तराखंड कॉर्डियाबकान 2018 कार्यशाला समापन

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ऋषिकेश ,अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में उत्तराखंड कॉर्डियाबकान 2018 कार्यशाला विधिवत संपन्न हो गई, इस मौके पर हृदय रोग व मधुमेह से जुड़े विशेषज्ञों ने इन रोगों के कारण,बचाव व निवारण पर व्याख्यान माला प्रस्तुत की।

दो दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने युवाओं से स्वास्थ रहने के लिए जीवन शैली में बदलाव का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में आबादी का एक बड़ा हिस्सा मधुमेह जैसी बीमारी से ग्रस्त है। एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि नियमित दिनचर्या व सही खान पान से ही हृदयाघात, लकवा व धमनी रोगों से बचा जा सकता है।

मौके पर डीन प्रोफेसर सुरेखा किशोर ने प्रगतिशील देशों में हृदय रोग व मधुमेह को लेकर नए माडल का आह्वान किया। बताया कि गरीब देशों में एनजीओ इन बीमारियों को कंट्रोल करने में बड़ी अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने इसके लिए नुक्कड़ नाटक व मधुमेह बचाव से जुड़े जागरूकता कार्यक्रमों पर जोर दिया।

प्रोफेसर बीना रवि ने आयुष विभाग को मधुमेह व हृदय रोग से बचाव के लिए एक सहायक घटक के रूप में महत्वपूर्ण बताया।

कार्डिबिकान सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.आशुतोष मिश्रा ने बताया कि कार्यशाला का आयोजन युवा चिकित्सकों व रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। बताया कि संस्था नियमित तौर पर मधुमेह व हृदय रोगों के प्रति जन जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन भी करती है। कार्यशाला के समन्वयक डा.रविकांत ने सुदूरवर्ती क्षेत्रों में जनजागरूकता के लिए इस तरह के आयोजनों पर जोर दिया, जिससे अधिकाधिक लोग आधुनिक शोध से लाभ प्राप्त कर सकें।

एम्स जोधपुर के डा.रविंद्र शुक्ला ने बताया कि, “शुगर की जांच के लिए अधिकतर लोग सुई का प्रयोग करते हैं जिससे उन्हें परेशानी होती है, अब ऐसी मशीनें उपलब्ध है कि व्यक्ति बिना शारीरिक कष्ट के दिन में कईदफा शुगर जांच कर सकते हैं।” डा.ज्योतिर्मय पाल ने बताया कि, “शुगर व कोलेस्ट्रॉल बढ़ने व कम चलने फिरने से 65 वर्ष व इससे अधिक उम्र के लोग हाईपर टेंशन से ग्रसित हो रहे हैं। कईदफा एक से अधिक रोगों की दवा लेने से दवा का असर भी कम हो जाता है।” उन्होंने बताया कि बढ़ती उम्र में नमक का कम प्रयोग करने व ब्लड प्रेशर की नियमित दवा के सेवन से इन बीमारियों से बचा जा सकता है।

इस अवसर पर सह समन्वयक व मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा.मीनाक्षी धर,कार्यक्रम सचिव डा.मोनिका पठानिया, सह सचिव डा.मुकेश कुमार आदि मौजूद थे।

कार्यशाला के तहत मधुमेह विषय पर क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।जिनमें राजकीय मेडिकल कॉलेज सैफई, एम्स ऋषिकेश, आदेश मेडिकल कॉलेज भटिंडा व महंत इंद्रेश कॉलेज शामिल थे ।क्विज में सैफई कॉलेज ने प्रथम व ऋषिकेश एम्स ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। 10 लोगों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए कार्यशाला में 10 विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मधुमेह और हृदय रोग विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। इनमें डॉ.शुभम जैन, डा.निशा,डा.किरन,डा.अगस्टिम,डा.शंकर, डा.दिव्यांशी, डा.संचय जैन आदि शामिल हैं।