अल्मोड़ा में घर जाने को बेताब मजदूरों ने कलक्ट्रेट परिसर में काटा हंगामा

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कलक्ट्रेट
विभिन्न क्षेत्रों में फंसे मजदूरों को घर भेजने के सरकार के निर्णय के तीसरे दिन अल्मोड़ा कलक्ट्रेट में सैकड़ों मजदूरों ने डेरा डाल दिया। सभी की एक ही रट थी कि उन्हें घर भेजा जाए। इस दौरान मजदूरों ने जमकर हंगामा काटा और प्रशासन की व्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी व्यक्त की। प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें बड़ी मुश्किल से समझाया।
कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर लॉक डाउन को बढ़ा दिया है। सरकार की ओर से ग्रीन व आरेंज जोन के जिलों में पहले से कहीं अधिक छूट लोगों को दी गई है। इसी गाइड लाइन के तहत फंसे मजदूरों को घर भेजने का भी निर्णय लिया गया है। अल्मोड़ा से उत्तर प्रदेश के 500 से अधिक मजदूर घर भेजे भी जा चुके हैं लेकिन घर वापसी को बेताब मजदूरों की बेताबी बढ़ती ही जा रही है।
सोमवार की दोपहर नगर व आस पास के क्षेत्रों में रहने वाले सैकड़ों दिहाड़ी मजदूर कलक्ट्रेट परिसर में पहुंच गए। यहां मजदूरों ने काफी देर तक हंगामा काटा। उनकी मांग थी कि उन्हें शीघ्र घरों को भेजा जाए। मजूदरों ने कहा कि लॉक डाउन के चलते उन्हें आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच मजदूरों ने सोशल ​डिस्टेंसिंग की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाई। कलक्ट्रेट में डयूटी दे रहे पुलिस कर्मियों ने मजदूरों को समझाने का प्रयास किया लेकिन मजदूर घर भेजने की मांग को लेकर अड़े रहे। उसके बाद मजदूरों को काबू करने के लिए कई अन्य पुलिसकर्मी कलक्ट्रेट पहुंचे।
मामले की भनक लगते ही तहसीलदार मनीषा मारकाना भी वहां पहुंचीं। उन्होंने किसी तरह मजदूरों को समझाया, जिसके बाद मजदूर वहां से अपने—अपने ठिकानों को लौटे। उन्होंने बताया कि अब तक उत्तर प्रदेश के 500 से अधिक मजदूरों को घर भेज दिया गया है। जो भी मजदूर घर जाना चाहता हैं, उनका डाटा एकत्रित किया जा रहा है, जिसके बाद उन्हें घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी।