देहरादून। इको सेंसिटिव जोन के नियमों में हो सकता है बदलाव भागीरथी इको सेंसिटिव जोन के नोटिफिकेशन में संशोधन हुआ तो विकास को मिलेगी गति उत्तरकाशी का 98 प्रतिशत क्षेत्र आरक्षित और संरक्षित वन क्षेत्र में आता है पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जल विद्युत परियोजनाएं आबादी और पशुओं के दबाव से क्षेत्र में पर्यावरणीय नुकसान को रोकने के लिए गोमुख से उत्तरकाशी में गंगा के पूरे कैचमेंट एरिया को 2012 में इको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिया था इसमें उत्तरकाशी के 89 गांव भी आते हैं स्थिति यह है कि अगर इन गांवों में लोगों को एक कमरा भी बनाना होता है तो उन्हें इसके मंजूरी मुख्य सचिव के माध्यम से पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से लेनी होती है।
चीन की चुनौती से निपटने को भागीरथी इको सेंसिटिव जोन में बदलाव हो सकता है इसके संकेत और समीकरण दोनों मिल रहे हैं राज्य सरकार को उम्मीद है कि पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय जल्दी ही भागीरथी इको सेंसिटिव जोन के नोटिफिकेशन में कुछ संशोधन कर सकता है।





















































